कई हजारों वर्षों पहले आयुर्वेद मे हमारी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए इसकी जानकारी विस्तार मे दी गयी हैं। आज के आधुनिक युग मे हमे एक आदर्श दिनचर्या का पालन करना कठिन हैं पर हमारे शरीर के जैविक घड़ी या Biological Clock को ठीक से समझ कर अगर हम उसका पालन करे तो हम स्वस्थ और निरोगी जीवन जी सकते हैं।
जैविक घड़ी क्या हैं ? (Biological Clock in Hindi)
शरीर की कुछ विशेष जैविक क्रियाए जैसे की जागना, सोना, हॉर्मोन्स का स्तर, शरीर का तापमान आदि शरीर एक तय समय पर नियंत्रित करता हैं जिसे जैविक घड़ी या Biological Clock या Circadian Rhythm भी कहा जाता हैं। अगर हम इस जैविक घड़ी के अनुसार दिनचर्या का पालन नहीं करते है तो तनाव, नींद की कमी, रोग प्रतिरोधक शक्ति की कमी जैसी समस्या निर्माण होती हैं।
समय अनुसार हमारे शरीर मे क्या बदलाव होते है और हमे क्या करना चाहिए चलिए जानते है जैविक घड़ी के अनुसार।
- सुबह 4 से 5 : इस समय हमारे शरीर का तापमान सबसे कम होता है। इसलिए इस समय ठंडक ज्यादा लगती हैं।
- सुबह 6 बजे : इस समय शरीर मे Cortisol hormone की अधिकता रहती है जिससे तनाव बढ़ता है। इस समय योग, ध्यान और व्यायाम करना चाहिए जिससे तनाव मे कमी आए और दिनभर आप फ्रेश रहे।
- सुबह 7 बजे : इस समय ब्लड प्रेशर मे बदलाव आने लगता है और यही कारण है की ज्यादातर Brain Stroke और Heart attack के मामलें इस समय आते हैं। यही कारण है की डॉक्टर भी ब्लड प्रेशर की दवा सुबह 7 बजे लेने के लिए कहते है पर कई लोग 9 बजे नाश्ता करने के बाद अपनी ब्लड प्रेशर की दवा लेते हैं। ब्लड प्रेशर की दवा आप खाली पेट भी सुबह 7 बजे ले सकते है क्योंकि इससे acidity की समस्या नहीं होती हैं।
- सुबह 8 बजे : इस समय हमारी आतें अधिक क्रियाशील रहती है और पाचन अच्छे से होता है। यह नाश्ता करने का सही समय होता हैं। स्वस्थ रहने के लिए सभी ने अपना नाश्ता अच्छे से कर लेना चाहिए। ज्यादातर लोग नाश्ता नहीं करते है या नाश्ते मे केवल दूध लेते है और रात का खाना भारी लेते है जिससे पाचन खराब हो जाता हैं।
- सुबह 9 बजे : यह व्यायाम या Athletes के लिए भारी कसरत करने के सही समय माना गया है क्योंकि इस समय शरीर मे Testosterone hormone की अधिकता होती हैं।
- सुबह 10 बजे : इस समय हमारा दिमाग अधिक सजग या तेज रहता हैं। यह काम काज की शुरुआत करने के सही समय है।
- सुबह 11 से दोपहर 2 : इस समय शरीर का तापमान और ब्लड प्रेशर सामान्य होता हैं।
- दोपहर 2 से 5 के बीच : इस समय भी शरीर का तापमान और ब्लड प्रेशर सामान्य होता हैं। इस समय शरीर की activity सबसे अच्छी रहती हैं।
- शाम 6 बजे : यह व्यायाम करने के लिए बेहतर समय हैं। अगर आपको सुबह व्यायाम के लिए समय नहीं मिलता है तो शाम को 6 बजे व्यायाम करना चाहिए। इस समय muscles की growth अच्छी होती हैं।
- रात 7 से 8 : इस समय शरीर को तापमान और ब्लड प्रेशर अधिक रहता है। इस समय तनाव नहीं लेना चाहिए। अगर आपको शाम के लिए ब्लड प्रेशर की दवा है तो शाम को 7 बजे लेना चाहिए।
- रात 9 से 10 : इस समय शरीर मे तनाव कम करने वाला Melatonin hormone की अधिकता होती है जिससे मानसिक शांति मिलती है और सोने के लिए यह सबसे अच्छा समय होता हैं। गाँव के लोग अकसर इस समय सो जाते है पर शहर मे इस नियम का पालन नहीं किया जाता हैं। इस समय चाय या कॉफी नहीं लेना चाहिए।
- रात को 10 से सुबह 4 : यह नींद लेने के लिए सही समय हैं। इस समय मस्तिष्क को आराम की जरूरत होती हैं। इस समय सबसे गहरी नींद आती हैं। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है और बुद्धि भी तेज होती हैं। रात मे जग कर पढ़ाई करने के जगह इस समय नींद लेकर सुबह ब्रम्हमुहूर्त यानि 4 बजे उठकर पढ़ाई करना ठीक रहता हैं। इस समय मोबाईल, लैपटॉप और टीवी से दूर रहना चाहिए।
जैविक घड़ी का क्या महत्व हैं ?
- स्वस्थ नींद: बायोलॉजिकल क्लॉक नींद के समय को नियंत्रित करता है और सही समय पर नींद लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। अनियमित नींद की कमी से शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
- पर्याप्त ऊर्जा: बायोलॉजिकल क्लॉक समय पर उठने और सोने का भी निर्धारण करता है। सही समय पर उठने से हमें पर्याप्त ऊर्जा मिलती है और दिनभर की गतिविधियों को सहजता से पूरा कर सकते हैं।
- पढ़ाई और कार्य क्षमता: बायोलॉजिकल क्लॉक के अनुसार निरंतरता से पढ़ाई और कार्य करने से हमारी कार्य क्षमता में सुधार होता है। इससे हमें अधिक मानसिक तत्वबल होता है और कार्य पर ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है।
- Acidity और अपचन : जैविक घड़ी का ठीक से पालन न करने पर, रात मे देरी से खाना खाने पर और सुआबह समय पर नाश्ता न करने से हमारी पाचन प्रणाली बिगड़ जाती हैं। यही कारण है की बिगड़ी हुई जीवनशैली के कारण acidity, गैस, अपचन, कब्ज जैसी समस्या निर्माण होती हैं।
- मोटापा : जैविक घड़ी का पालन न करना, असमय भोजन करना, व्यायाम न करना और फास्ट फूड का अधिक सेवन जैसे कारणों से मोटापा की समस्या निर्माण हो जाती हैं।
- मधुमेह या Diabetes : समय पर भोजन न करना, अधिक वसा युक्त आहार, व्यायाम की कमी और मोटापा जैसे कारणों से Pancreas मे Beta cells पर Insulin निर्माण करने का अतिरिक्त भार आने से Insulin की कमी हो जाती है या Insulin का असर कम होने लगता है। इस वजह से Blood Sugar की level बढ़ने लगती है और Diabetes हो जाता हैं।
- Cancer : लंबे समय तक जैविक घड़ी का पालन न करने से hormone मे imbalance हो जाता है और genes मे mutation होने से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
- Jet Lag Syndrome : लंबे अंतराल की यात्रा के बाद समय मे बदलाव आने से हमारी जैविक घड़ी इस बदलाव से तुरंत मेल नहीं रख पाती है और यही कारण है की सरदर्द, अनिद्रा, अपचन और बदन दर्द जैसी समस्या निर्माण हो जाती हैं।
जैविक घड़ी स्थान, समय और ऋतु के अनुसार बदलते रहती है और स्वस्थ रहने के लिए हमारी आदतों को उसके अनुरूप बदलाव करना बेहद जरूरी होता है और इसकी विस्तार ,मे जानकारी आयुर्वेद मे दिनचर्या और ऋतुचार्य मे बतायी गयी हैं।
बायोलॉजिकल क्लॉक से सेहत के लिए देखभाल कैसे करे ?
- अनुशासित दिनचर्या: समयबद्ध दिनचर्या अपनाएं, नियमित खानपान करें और नियमित व्यायाम करें।
- नींद का ख्याल रखें: पर्याप्त नींद लें और नींद की गुणवत्ता पर ध्यान दें। सुनिश्चित करें कि आप रात्रि में चमकदार और तामिरी रोशनी से दूर रहते हैं।
- समतोल आहार: स्वस्थ और नियमित भोजन करें, शराब और कैफीन की मात्रा को कम करें।
- ध्यान और ध्यानावस्था: ध्यान योगा और ध्यानाभ्यास करें, जो मानसिक शांति और आत्मसंयम में सहायता करते हैं।
बायोलॉजिकल क्लॉक हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, और हमें इसकी देखभाल करनी चाहिए। सही समय पर नींद लेना, नियमित दिनचर्या अपनाना, स्वस्थ आहार लेना और मानसिक तत्वबल के लिए ध्यान योगा करना हमारे बायोलॉजिकल क्लॉक की सेहत को बनाए रखने में मदद करता है।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।