आजकल के आधुनिक युग में ज्यादातर काम अपनी जगह पर बैठे-बैठे (sitting) ही हो जाते हैं। पहले जहाँ TV को चालू-बंद करने या रेलवे के टिकट निकालने जैसे काम के लिए उठना या चलना पड़ता था, अब ऐसे कई सारे काम हम आधुनिक technology की मदद से अपनी जगह पर बैठकर कर सकते हैं। इस आधुनिक technology की वजह से हमारे समय और ऊर्जा की बचत तो होती है परन्तु इसका हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत परिणाम भी पड़ता हैं।
ब्रिटेन में हाल ही में हुए अध्यन के आधार पर वैज्ञानिको ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो दिन में अधिक समय तक लगातार बैठे रहते हैं। इस वैज्ञानिकों का कहना है की एक ही मुद्रा में लम्बे समय तक बैठे रहने से शरीर के हर महत्वपूर्ण अंग को नुकसान पहुचता हैं।
लम्बे समय तक एक ही मुद्रा में बैठे रहने से शरीर पर निचे दिए हुए दुष्परिणाम होते हैं :
ज्यादा देर तक बैठे रहने के ये हैं जानलेवा नुकसान
- ह्रदय / Heart : जो व्यक्ति दिन में 10 घंटे से लम्बे समय तक केवल बैठा रहता है और कोई व्यायाम नहीं करता है ऐसे व्यक्ति को सामान्य व्यक्ति की तुलना में दिल का दौरा / Heart attack पड़ने का खतरा 50% अधिक रहता हैं।
- सिर / Brain : लम्बे समय तक बैठे रहने से रक्त के थक्के / Clots जम जाते हैं, जो मस्तिष्क में पहुंचकर स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं। लम्बे समय तक बैठे रहने से दिमाग को रक्त का संचारण भी धीरे होता है और ताजा रक्त और Oxygen की कमी के कारण दिमाग धीमा काम करता हैं जिसके कारण चिता, तनाव और Depression बढ़ता हैं।
- पेट / Abdomen : खाने के बाद लम्बे समय तक बैठे रहने से पेट पर दबाव पड़ता है और पाचन कमजोर पड़ जाता हैं। भोजन का ठीक से पाचन न होने के कारण कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी समस्या निर्माण हो जाती हैं। बैठे रहने से मोटापा और कोलन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता हैं।
- फेफड़े / Lungs : लम्बे समय तक बैठे रहने से फेफड़े में रक्त के थक्के / Pulmonary embolism का खतरा बढ़ जाता हैं। अधिक समय तक बैठे रहने से फेफड़े की कार्यक्षमता भी काम हो जाती हैं।
- गर्दन / Neck : लम्बे समय तक बैठे रहने से सर्वाइकल सपोंडीलिटिस होने का खतरा अधिक रहता हैं।
- पांव / Legs : लम्बे समय तक बैठे रहने से पांव में रक्त संचारण ठीक से नहीं होता है जिस कारण पांव में सूजन, सुन्नपन्न, Varicose veins, Deep Vein Thrombosis और कमजोर हड्डी जैसे विकार उत्पन्न होने का ख़तरा रहता हैं।
- रीढ़ की हड्डी / Spine : रीढ़ की हड्डी की रचना इस प्रकार की गयी है की जब हम चलते है तो इसमें हड्डी का आकुंचन और प्रसारण इस प्रकार होता है की रीढ़ को ठीक से रक्त और पोषक तत्वों का संचारण हो सके। लम्बे समय तक बैठे रहने से यह क्रिया नहीं होती है और रीढ़ के हड्डी की लवचिकता / flexibility कम हो जाती हैं। इससे Herniated disc, Lumbar Spondylitis, सूजन, दर्द और जकड़ाहट जैसे विकार उतपन्न होते हैं।
- दिन भर में 3-4 घंटे खड़े रहने या टहलने के बहाने ढूंढना चाहिए।
- रोजाना सुबह 30 मिनिट तक अपने क्षमता अनुसार कोई व्यायाम करे जैसे चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी इत्यादि।
- ऑफिस में अगर लगातार बैठना पड़ता है तो हर 2 घंटे से 5 से १० मिनट के लिए उठकर इधर-उधर टहल लें या खड़े होकर काम करे।
- सुबह-शाम टहलने की आदत डाले।
- घर पर टीवी बंद चालू करने के लिए रिमोट का इस्तेमाल करने की जगह उठकर स्वयं बंद या चालू करे।
- घर के आस-पास के काम के लिए गाड़ी का उपयोग करने की जगह पैदल जाना चालू करे।
- अगर ऑफिस गाड़ी में जाते है तो ऑफिस से थोड़ी दुरी पर गाड़ी पार्क करे।
- लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करे।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
धन्यवाद