गोमुखासन यह योग करते समय शरीर का आकार गाय के मुख के समान होने के कारण इसे ‘गोमुखासन’ (Gomukhasana) कहा जाता हैं। अंग्रेजी में इसे ‘ The Cow Face Pose ‘ कहा जाता हैं। गोमुखासन महिलाओ के लिए अधिक फायदेमंद माना जाता हैं।
Weight loss करने के साथ ही शरीर को आकर्षक और सुडौल बनाने के लिए के यह बेहतरीन योग हैं। Diabetes के रोगियों में pancreas में insulin का secretion बढ़ाने के लिए भी यह योगासन मदद करता हैं। महिलाओं में स्तनों की वृद्धि में यह योग सहायक हैं।
गोमुखासन की विधि, लाभ और सावधानी संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
गोमुखासन योग कैसे करते हैं ? (Gomukhasana in Hindi)
गोमुखासन करने की विधि इस प्रकार हैं :
1. सर्वप्रथम एक स्वच्छ और समतल जगह पर एक दरी / चटाई या योगा mat बिछा दे।
2. सुखासन या दण्डासन में बैठ जाये।
3. अब बाए (Left) पैर की एडी (Ankle) को दाहिने (Right) नितम्ब (Hips) के पास रखिए।
4. दाहिने पैर को बाई जांघ (Left Thighs) के ऊपर से cross करते हुए इस प्रकार स्थिर करे की घुटने (Knee) एक दुसरे के ऊपर रहने चाहिए।
5. अब बाए (Left) हाथ को पीठ (Back) के पीछे मोड़कर हथेलियों को ऊपर की ओर ले जाए।
6. दाहिना हाथ (Right hand) को दाहिने कंधे (Right Shoulder) पर सीधा उठा ले और पीछे की ओर घुमाते हुए कोहनी (Elbow) से मोड़कर हाथों को परस्पर बांध ले। अब दोनों हाथो को धीरे से अपनी दिशा में खींचे।
7. अपने मुड़े हुए दाहिने हाथ को ऊपर की और अपने क्षमतानुसार तानकर रखे।
8. शरीर को सीधा रखे।
9. श्वास नियंत्रित रखे और इस अवस्था में यथाशक्ति रुकने का प्रयास करे।
10. इस आसन को हाथ और पैर को बदलकर पांच बार करे।
11. अंत में धीरे-धीरे श्वास छोड़कर क्रमशः फिर से दण्डासन में बैठ जाये।
गोमुखासन योग के फायदे क्या हैं ? (Gomukhasana health benefits in Hindi)
गोमुखासन योग करने से होनेवाले फ़ायदे इस प्रकार है :
1. यह आसन करने से शरीर सुड़ोल,लचीला और आकर्षक बनता हैं।
2. वजन कम करने के लिए यह आसन उपयोगी हैं।
3. गोमुखासन मधुमेह रोग में अत्यंत लाभकारी हैं।
4. महिलाओं में स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए यह विशेष लाभकर हैं।
5. गोमुखासन योग गठिया, साइटिका, अपचन, कब्ज, धातु रोग, मन्दाग्नि, पीठदर्द, लैंगिक विकार, प्रदर रोग, बवासीर आदि रोग में लाभकारी हैं।
गोमुखासन योग करते समय क्या सावधानी बरते ? (Gomukhasana precaution in Hindi)
गोमुखासन योग करते समय नीचे दी हुई सावधानी बरते :
1. कंधे, पीठ, गर्दन, नितम्ब या घुटनों में ज्यादा समस्या होने पर यह योग नहीं करना चाहिए।
2. यह आसन करते समय कोई तकलीफ होने पर तुरंत योग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।
3. शुरुआत में पीठ के पीछे दोनों हाथो को आपस में न पकड़ पाने पर जबरदस्ती न करे।
4. गोमुखासन का समय अभ्यास के साथ धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।