नमस्कार मित्रों, क्या आप जानते है की भारत में हर रोज हजारों लोगो की मृत्यु हार्ट अटैक के कारण होती हैं। भारत में होनेवाली कुल मौतों में से तिस प्रतिशत मृत्यु का कारण हार्ट अटैक होता है। आपने कोलेस्ट्रॉल के बारे में तो जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्राइग्लिसराइड्स भी आपके दिल की सेहत के लिए उतना ही खतरनाक हैं।
आज के इस महत्वपूर्ण लेख में हम आपको ट्राइग्लिसराइड्स के बारे में विस्तार में जानकारी देने जा रहे हैं।
ट्राइग्लिसराइड्स क्या है?
ट्राइग्लिसराइड्स हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक प्रकार का वसा या फैट है। जब हम खाना खाते हैं, तो हमारा शरीर अतिरिक्त या एक्स्ट्रा बची हुई कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदलकर फैट सेल्स में स्टोर कर लेता है। लीवर में ग्लूकोज और अमीनो एसिड से ट्राइग्लिसराइड्स का निर्माण होता है।
ट्राइग्लिसराइड्स क्यों जरुरी है?
मर्यादित मात्रा में ट्राइग्लिसराइड्स हमारे शरीर के लिए आवश्यक होता है।
- जब हम उपवास करते है, व्यायाम करते है या डाइटिंग पर होते है तब फैट सेल्स में स्टोर किया हुआ यही ट्राइग्लिसराइड्स हमें जरुरी एनर्जी प्रदान करता है।
- ये वसा और ट्राइग्लिसराइड्स हमारे अंगों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। वे शरीर के अंदर के अंगों को कुशनिंग देकर होनेवाले झटकों से बचाते हैं।
- विटामिन A, D, E और K, वसा में घुलनशील यानि फैट Soluble विटामिन हैं। ट्राइग्लिसराइड्स इन विटामिनों को हमारे शरीर में अवशोषित करने में मदद करते हैं।
- इसके अलावा कुछ हार्मोन, जैसे कि कोर्टिसोल और एस्ट्रोजन, ट्राइग्लिसराइड्स से बनते हैं। Nerves के प्रॉपर फंक्शनिंग के लिए भी यह फैट उपयोगी होता है।
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ट्राइग्लिसराइड्स का नॉर्मल रेंज क्या है?
ट्राइग्लिसराइड्स की लेवल पता करने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जांच की जाती है। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की पूरी जानकारी आप वेबसाइट पर विस्तार में देख सकते है।
- शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का सामान्य स्तर 150 mg/dl से कम होता हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की रोगी में इसका स्तर 100 mg/dl से कम होना चाहिए।
- ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा 200 mg/dl से ज्यादा आना अच्छी बात नहीं होती है।
ट्राइग्लिसराइड्स बढने से क्या होता है?
ट्राइग्लिसराइड्स बढने से कई सारी स्वास्थ्य समस्या हो सकती है जैसे की हार्ट और ब्रेन को खून पहुंचाने वाली नसों में खून जम जाने से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ जाता है। इसके अलावा लिवर ख़राब होना, डायबिटीज में शुगर बढना, ब्लड प्रेशर बढ जाना और पॉली सिस्टिक ओवरीज़ की समस्या भी निर्माण हो सकती है।
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ट्राइग्लिसराइड्स बढने के लक्षण
डॉक्टर का मानना है कि आमतौर पर ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढने पर इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन अगर इसका कारण आनुवंशिकी है तो त्वचा के नीचे फैटी डिपॉजिट्स दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगो में थकान, सांस लेने में तकलीफ, दर्द और चक्कर आना जैसे लक्षण निर्माण हो सकते हैं।
ट्राइग्लिसराइड्स कैसे कम करे?
ट्राइग्लिसराइड्स कम करने की दवा
अगर ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल बेहद ज्यादा आती है तो ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के लिए डॉक्टर fenofibrate एक सौ पैतालीस मिलीग्राम दवा लिखकर देते है। यह दवा दिन में एक बार ही लेनी होती हैं। अगर कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स दोनों बढे हुए है तो डॉक्टर स्टैटिन दवा और fenofibrate दवा का कॉम्बिनेशन लिखकर देते है। इसके साथ ही ओमेगा थ्री फैटी एसिड की दवा भी दी जाती है।
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बिना दवा ट्राइग्लिसराइड्स कैसे कम करे?
- योग्य आहार, व्यायाम और जीवनशैली बदलाव से आप अपने बढे हुए ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा को बिना गोली लिए हुए भी कम कर सकते हैं।
- ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा कम करने के लिए आपको अपने आहार में घी और खाने के तेल का उपयोग कम करना चाहिए।
- अपनी डाइट में मीठी चीजों को कम करें जैसे की केक, पेस्ट्री, मिठाई और शक़्कर का उपयोग। रिफाइंडस कार्बोहाइड्रेट जैसे कि सफ़ेद चावल, सफेद आटा, मैदा और बेक्ड चीजों का सेवन भी कम करना चाहिए।
- पैकेज्ड फ़ूड, चिप्स, बिस्किट, एनिमल प्रोटीन, सॉफ्ट ड्रिंक्स, फ्रूट जूस, सफ़ेद ब्रेड और हाई fructose कॉर्न सिरप युक्त पदार्थो का उपयोग बेहद कम करे।
- ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिए अपने आहार में चिया सीड, एवाकाडो, सोयाबीन, अलसी के बीज और अखरोट को शामिल करे।
- फाइबर ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके लिए बीन्स, होल ग्रेन्स जैसे ओट्स और ब्राउन राइस, नट्स, चिया सीड्स, अलसी और बहुत सारे फलों और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।
- फ्रूट जूस की जगह ताजे फल खाने को प्राधान्य देना चाहिए।
- अपने घर के तेल के सैचुरेटिड फैट वाले तेल को मोनोअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर तेलों से बदलें। जैतून का तेल, कैनोला तेल और सोयाबीन के तेल का आप उपयोग कर सकते हैं।
- अगर आपका वजन ज्यादा है तो कृपया अपने वजन को नियंत्रित करे। आपका BMI पच्चीस से कम होना चाहिए।
- सप्ताह में पांच दिन कम से कम पैतालीस मिनिट कोई व्यायाम जरूर करे जिससे आपकी की दिल की धडकन बढनी चाहिए।
- व्यायाम करने से HDL यानि अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढता है जो ट्राइग्लिसराइड्स और बुरे LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
- स्मोकिंग न करे। स्मोकिंग ट्राइग्लिसराइड्स को बढाता है। इसलिए इसे तुरंत छोड़ दें। स्मोकिंग से ब्लड वेसल भी सिकुडने लगती है।
- शराब का सेवन न करे। शराब लिवर में पाचन होकर ट्राइग्लिसराइड्स के रूप में स्टोर होता है।
ट्राइग्लिसराइड्स हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं, लेकिन इनका उच्च स्तर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करके आप ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित रख सकते हैं।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।