हाल ही भारत के भूतपूर्व क्रिकेटर, पॉलिटिशियन और क्रिकेट कमेंट्रेटर नवजोत सींग सिद्धू ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है की कैसे उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू जी ने आयुर्वेदिक जीवनशैली और डाइट को अपनाकर कैंसर से रिकवरी हासिल की हैं। आइए इस लेख में विस्तार में जानते है क्या है वह स्पेशल आयुर्वेदिक जीवनशैली की पूरी जानकारी।
कैंसर से पूरी तरह रिकवरी पाने का आयुर्वेदिक डाइट प्लान और जीवनशैली
- पानी का पीएच: आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 (क्षारीय जल / Alkaline) होना चाहिए ताकि आपकी कैंसर की रिकवरी को बढ़ावा मिले।
- चाय का विकल्प: इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें, इसका चाय के विकल्प के रूप में सेवन करें।
- मध्यम उपवास: रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले, अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10:00 बजे (भारत में एक प्राचीन प्रथा) के साथ उपवास का पालन करें।
- सुबह की सही शुरुआत: सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब का सिरका के सेवन के साथ शुरू करें, वैकल्पिक दिनों पर कच्ची लहसुन के दो टुकड़ों भी साथ में खाए, इसके बाद एक इंच कच्ची हल्दी / हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्ते का सेवन करें (आप एक काढ़ा भी बना सकते हैं और सेवन कर सकते हैं)।
- फल: शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेदतिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी / चिया सीड्स) का सेवन करें।
- नट्स: 3 टुकड़े अखरोट, 2 टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रात भर भिगोना चाहिए) का सेवन करें, स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फ़ैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करे ।
- जूस: दोपहर में या जब भी भूख लगे तो सफ़ेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हारशिंगार के काढ़ा का सेवन करें।
- सलाद: शरीर के वजन के 1 प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें (उदाहरण के लिए 70 किलो के लिए 700 ग्राम) जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी 4-5, चुकंदर / शकरकंद को पकाया जाना चाहिए)।
- पके हुए भोजन का सीमित सेवन: 2 पकी हुई सब्जियां या 1 पकी हुई सब्जि और दालें (दालें) या चना या राजमा – 1 से अधिक सर्विंग (कटोरी) नहीं, यदि सेवन किया जाता है तो उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।
- इसपगोल: दिन में कभी भी ख़ास कर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ 2 चम्मच इसपगोल का सेवन जरूरी है।
- खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन: रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड भोजन में का सेवन न करें।
- उपयोग किए जाने वाले तेल: कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल / कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी ) / कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल – कोई भी रिफाइंड तेल का सेवन नहीं ।
- आटा: चपाती/रोटी केवल क्विनोआ आटे / बादाम के आटे / सिंघारा आटा से तैयार की जानी चाहिए, उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है ।
- दूध: दूध उत्पादों को घर के बने बादाम के दूध / नारियल के दूध / नारियल दही से बदलें।
- करेले का उपयोग: कभी-कभी करेले के रस का सेवन संतरे / चकोत्रा के साथ जूस बनाकर करें।
- हरी पत्तिया: नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है – पालक / नीम / कड़ी पत्ते / लेट्यूस / धनिया / पुदीने के पत्ते / मूली के पत्ते / चुकंदर के पत्ते / किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।
- सोडा: किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक को सेंधा नमक से बदलें।
- व्यायाम: किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, चलना / योग या कुछ भी करें क्योंकि यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।
- मानसिकता: परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता – अडिग इच्छाशक्ति के लिए प्रोत्साहन होगी।
- कीटनाशक: सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें (यह कीटनाशकों को हटाने में मदद करेगा ) ।
- मीठा: मीठे के लिए खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है लेकिन बिना किसी चीनी की कोटिंग के क्योंकि खजूर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
इस तरह अपने जीवनशैली और डाइट मे बदलाव कर अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते है और अगर कैंसर का इलाज ले रहे है तो जल्द रिकवर होकर कैंसर मुक्त हो सकते हैं। अगर आपको पहले से लिवर, किडनी या ह्रदय रोग है तो अपने डायटीशियन की मदद जरूर ले।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।