हमारे शरीर में पेट के भीतर Right side में Liver के निचे एक छोटीसी थैली होती हैं जिसमे पित्त या Bile जमा होता हैं। इस थैली को ही पित्ताशय की थैली या Gall bladder कहा जाता हैं। कुछ लोगों में इस थैली के अंदर पथरी का निर्माण हो जाता है जिसे पित्ताशय की पथरी या Gall bladder Stones कहा जाता है।
Gall bladder Stones के कारण पेट में असहनीय दर्द और पाचन से जुडी समस्या निर्माण होती हैं। Gall bladder Stones के अधिकतर मामलों में ऑपरेशन करने की सलाह दी जाती है। कुछ आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार कर भी Gall bladder Stones को गलाया जा सकता हैं।
Gall bladder Stones होने के कारण, लक्षण और निदान से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
Gall bladder stone के कारण, लक्षण और निदान Hindi में
पित्ताशय की पथरी के कारण क्या हैं ? (Gall bladder Stones causes in Hindi)
Gall bladder Stones निर्माण होने के प्रमुख कारण हैं रक्त में कोलेस्ट्रॉल का प्रमाण अधिक होना या फिर अधिक समय तक पित्ताशय में पित्त या Bile का पड़ा रहना। पित्ताशय की पथरी के अन्य कारणों की जानकारी निचे दी गयी हैं :
- मोटापा / Obesity : अगर आपका वजन अधिक है तो रक्त में कोलेस्ट्रॉल का प्रमाण अधिक होने के कारण Gall bladder Stones निर्माण हो सकते हैं।
- हॉर्मोन / Estrogen : अगर आप गर्भ निरोधक दवा लेते है, अन्य कोई हॉर्मोन की गोली लेते हैं या आप प्रेग्नेंट है तो आपके शरीर में एस्ट्रोजन हॉर्मोन की अधिकता होती हैं। इस हॉर्मोन के कारण भी कोलेस्ट्रॉल का प्रमाण बढ़ता है और पित्ताशय भी ठीक से खाली न होने से Gall bladder Stones निर्माण होते हैं।
- दवा / Medicine : अगर आप रक्त में कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा ले रहे है तो आपके Bile में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता हो जाती है जिससे Gall bladder Stones निर्माण हो सकते हैं।
- उपवास / Fasting : अगर आप नियमित उपवास करते है तो पित्ताशय खाली नहीं होता है और Bile जमा रहने से Gall bladder Stones तैयार हो जाते हैं। रोजाना समय पर भोजन न करने से भी पित्ताशय की पथरी निर्माण हो सकते हैं।
- अनुवांशिकता / Hereditary : अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति को पित्ताशय की पथरी है तो आपको यह होने की आशंका अधिक रहती हैं।
- वजन कम करना / Weight loss : अगर आप तेजी से अपना वजन कम करते है तो लिवर पित्ताशय में अधिक कोलेस्ट्रॉल जमा करता है जिस कारण भी Gall bladder Stones निर्माण होने का खतरा रहता हैं।
इस तरह पित्ताशय की पथरी या तो कोलेस्ट्रॉल की अधिकता से या Bile पित्ताशय में पड़े रहने से मुख्यतः निर्माण होते हैं।
पित्ताशय की पथरी के प्रकार (Types of Gall bladder Stones in Hindi)
पित्ताशय की पथरी के मुख्य 2 प्रकार हैं :
- कोलेस्ट्रॉल की पथरी : Gall bladder Stones के अधिकतर मरीजों में कोलेस्ट्रॉल की पथरी पायी जाती हैं। यह हरे-पिले रंग की पथरी होती हैं।
- बिलीरुबिन / पिग्मेंट की पथरी : पित्ताशय में Bile पड़े रहने से Bilirubin जमा होकर छोटी-छोटी पथरी निर्माण होती हैं। इनका रंग गहरा हरा या काला होता हैं।
पित्ताशय की पथरी के लक्षण क्या हैं ? (Gall bladder Stones symptoms in Hindi)
- पेट में ऊपर और दाहिनी बाजु (Right side) में तेज पेट दर्द होना। यह दर्द पेट से लेकर पीछे पीठ की तरफ और ऊपर कन्धों तक भी हो सकता हैं। Gall bladder Stones में पथरी पित्त की नली में अटक जाने पर इस तरह का तेज दर्द होता हैं।
- जी मचलाना (Nausea)
- उलटी होना (vomiting)
- पेट फूलना (Abdominal fullness)
- अपचन (Indigestion)
- डकार आना (Belching)
- कब्ज (Constipation)
- भूक न लगना (Loss of Appetite)
पित्ताशय की पथरी का निदान कैसे किया जाता हैं ?
- रक्त परिक्षण / Blood Test : शरीर में infection या पीलिया का प्रमाण जांचने के लिए रक्त परिक्षण किया जाता हैं।
- सोनोग्राफी / Ultra sound : Gall bladder Stones का निदान करने के लिए रोगी की खाली पेट पेट की सोनोग्राफी की जाती है जिसमे रेडियोलाजिस्ट पथरी का निदान आसानी से कर सकता हैं।
- C T Scan : आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर रोगी के पेट का C T Scan जांच भी कराते हैं।
- MRCP : इसमें मैग्नेटिक फील्ड के सहारे से लिवर और पित्ताशय की जांच की जाती हैं।
- ERCP : इस जांच से पित्ताशय में पथरी है की नहीं यह एक डाई पित्ताशय में दूरबीन से छोड़कर देखा जाता हैं और अगर पित्त की नली में कोई पथरी अटकी पड़ी है तो उसे निकाला भी जाता हैं।

मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।