Malaria in Hindi: मलेरिया का कारण, लक्षण और उपचार

Malaria causes symptoms treatment in Hindi

मलेरिया (Malaria) यह बारिश के दिनों में अधिक फैलने वाला एक बेहद खतरनाक रोग है। UNICEF के अनुसार विश्वभर में मलेरिया के कारण हर दिन लगभग 1000 से ज्यादा बच्चों की मृत्यु हो जाती हैं। लोगों में मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता हैं। 

ईस लेख मे आप को यह जानकारी मिलेंगी hide

पहले यह माना जाता था की मलेरिया यह बुरी हवा के असर के कारण होता हैं इसलिए Mal यानि बुरी और aria यानि हवा, इन दो अंग्रेजी शब्दों को मिलाकर इसे Malaria यह नाम दिया गया था। आज के इस लेख में हम आपको मलेरिया का कारण, लक्षण, उपचार और सावधानी से जुडी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।

मलेरिया किस कारण होता है ? (Malaria causes in Hindi)

Malaria यह रोग Plasmodium परजीवी (parasite) के कारण होता हैं। इसके मुख्य 5 प्रजाति हैं :

  1. Plasmodium Vivax 
  2. Plasmodium Falciparum 
  3. Plasmodium Malarie 
  4. Plasmodium Ovale
  5. Plasmodium Knowlesi 

भारत में ज्यादातर P.Vivax और P.Falciparum के कारण मलेरिया होता हैं। इनमे से P.Falciparum के कारण होनेवाला Malaria सबसे अधिक खतरनाक होता हैं। 

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मलेरिया का संक्रमण कैसे होता हैं ?

  • इंसानों में Malaria का संक्रमण मादा (Female) Anopheles मच्छर के काटने से होता हैं। संक्रमित Anopheles मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को कांटता हैं तो उसमे मौजूद Plasmodim परजीवी अपना Sporozoite infection रक्त में लार के रूप में छोड़कर व्यक्ति को संक्रमित कर देता हैं।
  • शरीर में प्रवेश करने पर यह आधे घंटे के अंदर यह परजीवी व्यक्ति के लिवर को संक्रमित कर देते हैं। लिवर के भीतर मलेरिया को फैलाने वाले छोटे जिव Merozoites बनने लगते हैं। यह Merozoites लिवर से रक्त में फैलकर लाल रक्त कोशिकाओ को प्रभावित कर तेज गति से बढ़ जाते हैं जिससे लाल रक्त कण टूटने लगते हैं और व्यक्ति को Malaria हो जाता हैं। 
  • जब कोई Anopheles मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो रक्त में मौजूद मलेरिया के परजीवी उस मच्छर में पहुच जाते है और मच्छर सक्रमित हो जाता है। अब यह संक्रमित मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उस व्यक्ति को मलेरिया हो जाता है। इस प्रकार मलेरिया मच्छरों से इंसानों में और इंसान से मच्छरों में संक्रमित होता हैं। 
  • मच्छर के काटने के अलावा, मलेरिया संक्रमित गर्भिणी माता से रक्त द्वारा शिशु को हो सकता हैं, संक्रमित रक्त से Organ Transplant या Blood transplant के समय हो सकता है और मलेरिया से संक्रमित रक्त की सुई या इंजेक्शन के दोबारा उपयोग से हो सकता हैं। 

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मलेरिया के लक्षण क्या हैं ? (Malaria symptoms in Hindi)

सामान्य तौर पर मलेरिया का संक्रमण होने के 10 दिन बाद मलेरिया के लक्षण नजर आते हैं। कुछ व्यक्तिओ में मलेरिया का संक्रमण होने के बाद मलेरिया के परजीवी लंबे समय तक लीवर के अंदर निष्क्रिय अवस्था में भी रह सकते हैं। 

मलेरिया में निचे दिए हुए लक्षण नजर आते हैं :

  • ठण्ड लगकर तेज बुखार आना 
  • सरदर्द
  • बदनदर्द 
  • जी मचलाना, उलटी 
  • जुलाब 
  • कमजोरी 
  • भूक न लगना 
  • खून की कमी 
  • हात-पैर में ऐठन 
  • सांस लेने में तकलीफ 
  • बेहोशी या कोमा
  • Platelets की कमी के कारण त्वचा पर लाल चट्टे पड़ सकते हैं 

जरुरी नहीं है की एक मलेरिया के रोगी में यह सभी लक्षण नजर आए। मलेरिया के परजीवी की प्रजाति और मलेरिया के संक्रमण की तीव्रता के हिसाब से लक्षण कम-ज्यादा नजर आ सकते हैं।

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मलेरिया का निदान कैसे किया जाता हैं ? (Malaria diagnosis in Hindi Language)

रोगी में मलेरिया के लक्षण नजर आने पर या मलेरिया की शंका होने पर डॉक्टर मलेरिया का निदान करने के लिए निचे दिए हुए जांच कराते हैं :

  1. रक्त की माइक्रोस्कोप जांच (Peripheral Smear for Malarial Parasite) : इस रक्त परिक्षण में रोगी व्यक्ति का रक्त slide पर लेकर Microscope से जांच की जाती हैं। मलेरिया के परजीवी slide पर नजर आने पर मलेरिया का निदान किया जाता हैं। अगर बुखार के समय रोगी का रक्त लिया जाये तो रक्त में मलेरिया के परजीवी नजर आने के chance ज्यादा रहते हैं। कभी-कभी मलेरिया के परजीवी रक्त लेते समय रक्त में न रहकर लीवर में रहने के कारण मलेरिया होते हुए भी यह जांच Negative आ सकती हैं।  
  2. Malaria कार्ड टेस्ट (Rapid Test) : इसमें रोगी व्यक्ति के रक्त से serum अलग कर कार्ड पर डाला जाता हैं। अगर serum में Plasmodium परजीवी के antigen मौजूद रहते है तो यह जांच Positive आ जाती हैं। यह जाँच Pregnancy urine card test के समान ही आसान जांच हैं। 
  3. PCR Test : Polymerase Chain Reaction Test में रक्त मलेरिया के परजीवी के DNA रहने पर यह परिक्षण Positive आता है और मलेरिया का निदान किया जाता हैं।  
  4. CBC Test : Complete Blood Count test में अगर Platelets का प्रमाण अगर 1.5 लाख से कम आता है और रोगी व्यक्ति में मलेरिया के लक्षण नजर आते है तो डॉक्टर एहतियात के तौर पर मरीज को मलेरिया की दवा देते हैं। 

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भारत में मलेरिया का प्रमाण अधिक होने के कारण अगर जांच में मलेरिया negative आता है और फिर भी अगर मरीज को बार-बार तेज बुखार आता है और साथ में अन्य बुखार का कोई कारण नहीं पाया जाता है तो डॉक्टर मलेरिया का प्रारंभिक उपचार करते हैं।

Malaria का ईलाज कैसे किया जाता हैं ? (Malaria treatment in Hindi)

Malaria के उपचार कैसे किया जाता है इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं :

  • दवा : मलेरिया का निदान होने पर अगर रोगी व्यक्ति में मलेरिया का संक्रमण सामान्य है और रोगी को ठीक से भूख लग रही है, Blood pressure सामान्य है और अन्य कोई तकलीफ नहीं है तो डॉक्टर मलेरिया का दवा या इंजेक्शन का कोर्स लिख कर ईलाज करते हैं।
  • इंजेक्शन : Malaria का उपचार OPD level पर करने के लिए Artemether injection के 3 dose कमर में intra muscular दिए जाते हैं। रोजाना एक ऐसे 3 दिन injection दिया जाता हैं।
  • गोली : इंजेक्शन के अलावा Artemether और Lumefantrine दवा का combination भी दिया जाता हैं। इसमें 6 गोली आती है जो सुबह शाम खाने के बाद दिया जाता हैं।
  • क्लोरोक्वीन : Malaria के उपचार के लिए Chloroquin की गोली भी इस्तेमाल की जाती है पर अब ज्यादातर cases में यह गोली का resistance आने से इसका अधिक उपयोग नहीं होता हैं।
  • दवाखाना : अगर रोगी व्यक्ति में मलेरिया का संक्रमण तेज है और व्यक्ति बहुत कमजोर महसूस कर रहा है तो डॉक्टर रोगी को दवाखाने में भर्ती होने की सलाह देते है। रोगी व्यक्ति ने डॉक्टर की सलाह मानकर हॉस्पिटल में भर्ती हो जाना चाहिए।
  • प्लेटलेट की कमी : कुछ रोगियों में मलेरिया के संक्रमण के कारण रक्त में Platelets की संख्या सामान्य से बेहद कम हो जाती हैं। ऐसी परिस्तिथि में Platelets के बेहद कमी के कारण शरीर के अंदर या बाहर रक्तस्त्राव (bleeding) होने का खतरा रहता हैं। Blood transfusion की तरह ऐसे समय Platelet transfusion की जरुरत पड़ती हैं।

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  • अति दक्षता विभाग : कुछ रोगियों में समय पर उपचार ना लेने के कारण मलेरिया के अधिक तेज संक्रमण से बुखार दिमाग में चढ़ जाने से Cerebral Malaria हो सकता है, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और पीड़ित Coma में भी जा सकता हैं। ऐसे समय रोगी को अतिदक्षता विभाग (ICU) में रखकर ईलाज करना पड़ता हैं।
  • पानी : मलेरिया की गोली खाने में कडवी रहती है और इसमें acidity भी अधिक बढती है इसलिए रोगी व्यक्ति को खाने में साधा आराम से पाचन हो सके ऐसा आहार देना चाहिए। कम से कम 2 से 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए।
  • जाँच : मलेरिया का समय पर ईलाज लेने से इसके कारण होनेवाले प्राणघातक दुष्परिणाम से आसानी से बचा जा सकता हैं। इसलिए जरुरी है की बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से अपनी जांच कराए।
  • प्रिमाक्विन : मलेरिया का ईलाज करते समय डॉक्टर रोगी व्यक्ति को Primaquine दवा 14 दिन के लिए देते हैं। इस दवा के कारण लीवर में छिपे हुए मलेरिया के परजीवी का खात्मा किया जाता हैं। यह दवा आपकी G6PD रक्त जांच सामान्य आने पर ही दी जाती हैं। अगर P.Vivax मलेरिया में इस गोली का कोर्स नहीं लिया गया तो दोबारा कुछ दिनों के बाद लीवर में छिपे मलेरिया परजीवी के कारण मलेरिया होने का खतरा बना रहता हैं।

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मलेरिया से बचने के लिए क्या सावधानी बरतना चाहिए ? (Malaria prevention tips in Hindi)

मलेरिया से बचने के लिए निचे दी हुई सावधानी बरतनी चाहिए :

  • मलेरिया का संक्रमण मच्छर के काटने के कारण होता है इसलिए कोशिश करे की मलेरिया को फैलाने वाले मच्छर आपके घर के आस-पास न पनपे।
  • घर के अन्दर और आस-पास पानी जमा न होने दे। कोई भी बर्तन में खुले में पानी ना जमा होने दे।
  • बर्तन को खाली कर रखे या उसे उलटा कर कर रख दे।
  • अगर आप किसी बर्तन, ड्रम या बाल्टी में पानी जमा कर रखते है तो उसे ढक कर रखे।
  • अगर किसी चीज में हमेशा पानी जमा कर रखते है तो पहले उसे साबुन और पानी से अच्छे से धो लेना चाहिए, जिससे मच्छर के अंडे को हटाया जा सके।
  • घर में कीटनाशक का छिडकाव करे।
  • कूलर का काम न होने पर उसमे जमा पानी निकालकर सुखा कर दे। जरुरत होने पर कूलर का पानी रोज नियमित बदलते रहे।
  • किसी भी खुली जगह में जैसे की गड्डो में, गमले में या कचरे में पानी जमा न होने दे। अगर पानी जमा है तो उसमे मिटटी डाल दे।
  • खिड़की और दरवाजे में जाली लगाकर रखे। शाम होने से पहले दरवाजे बंद कर दे।
  • ऐसे कपडे पहने जो पुरे शरीर को ढक सके।
  • रात को सोते वक्त मच्छरदानी लगाकर सोए।
  • अन्य मच्छर विरोधी उपकरणों का इस्तेमाल करे जैसे की electric mosquito bat, repellent cream, sprays etc.
  • अगर बच्चे खुले में खेलने जाते है तो उने शरीर पर mosquito repellent cream लगाए और पुर शरीर ढके ऐसे कपडे पहनाए।
  • अपने आस-पास के लोगो को भी मच्छर को फैलने से रोकने के लिए प्रोत्साहित करे।
  • अपने आस-पास में अगर कोई Dengue Fever या Malaria के मरीज का पता चलता है तो इसकी जानकारी स्वास्थय विभाग एवं नगर निगम को दे, जिससे तुरंत मच्छर विरोधी उपाय योजना की जा सके।  मलेरिया के ज्यादातर मरीजो की मृत्यु platelet या खून के अभाव में होती है। मेरी आप सभी से request है की जरुरत के समय रक्तदान / Blood Donation करने से बिलकुल ना डरे और साल में कम से कम दो बार Blood Donation जरुर करे।
  • अगर आप ऐसे क्षेत्र में जा रहे है जहाँ पर मलेरिया का संक्रमण अधिक पाया जाता है तो उस क्षेत्र में जाने से पहले आप अपने डॉक्टर से Malaria prophylaxis के लिए दवा ले सकते है जिससे आपको मलेरिया नहीं होंगा।
  • मलेरिया की vaccine बनाने का काम कई कंपनिया कर रही है पर यह लेख लिखे जाने तक कोई ऐसी vaccine का शोध अभी तक नहीं लगा है जिससे मलेरिया से संरक्षण मिले। आनेवाले वर्षों में हो सकता है ऐसी कोई वैक्सीन तैयार हो जाये जिसे लगाने से मलेरिया में कमी आ जाये।

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  • कई लोग Platelet Count बढाने के लिए पपीते के पत्ते का रस पिने के सलाह देते है। पपीते के पत्ते का रस पिने के बाद कई मरीजो में platelet count में सुधार होते हुए देखा गया है। आजकल Papaya extract की दवा भी मेडिकल में मिलती हैं। कुछ डॉक्टर Platelet बढ़ाने के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं। इसका कोई ठोस proof नहीं है और ना कोई research हुआ है।

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मलेरिया से जुड़े सवालों के जवाब (Malaria FAQ’s in Hindi)

मलेरिया का हिंदी नाम क्या है?

मलेरिया को हिंदी में विषम ज्वर, काल ज्वर या दुर्वात नाम से भी जाना जाता हैं।

मलेरिया में कितने डिग्री बुखार होता है?

मलेरिया में बुखार का तापमान आमतौर पर 102 डिग्री फ़ारेनहाइट (38.8 डिग्री सेल्सियस) से 104 डिग्री फ़ारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) तक होता है। हालांकि, यह तापमान मलेरिया के प्रकार और व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, बुखार 105 डिग्री फ़ारेनहाइट (40.5 डिग्री सेल्सियस) से अधिक भी हो सकता है।

मलेरिया में कितने टेस्ट होते हैं?

मलेरिया जांच के लिए मोटी फिल्म स्मीयर, पतली फिल्म स्मीयर, रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (RDT), पीसीआर (पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) यह प्रमुख टेस्ट होते हैं।

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मलेरिया कितने दिन में ठीक हो जाता है?

मलेरिया का इलाज 7-14 दिनों में हो जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में, इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।

मलेरिया के लक्षण कितने दिन में दीखते है?

मलेरिया के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के 10 से 30 दिनों के अंदर दिखाई देते हैं। प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया के लक्षण आमतौर पर 10-15 दिनों के अंदर दिखाई देते हैं, जबकि अन्य प्रकारों के मलेरिया के लक्षण दिखने में 30 दिन या उससे अधिक समय लग सकता है। यदि आपको अधिक मात्रा में संक्रमण हुआ है, तो लक्षण जल्दी दिखाई दे सकते हैं। यदि आपके पास मजबूत इम्युनिटी है, तो लक्षण दिखने में अधिक समय लग सकता है।

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मलेरिया कौन सा वायरस है?

मलेरिया वायरस नहीं, बल्कि एक प्रोटोजोआ परजीवी से होता है। यह परजीवी प्लास्मोडियम नामक श्रेणी से संबंधित होता है।

मलेरिया का Artesunate इंजेक्शन क्या हैं ?

Artesunate इंजेक्शन एक एंटीमलेरियल दवा है जो मलेरिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह इंजेक्शन प्लास्मोडियम परजीवी को मारकर काम करता है जो मलेरिया का कारण बनता है।

क्या Lariago दवा से मलेरिया ठीक होता हैं ?

हाँ, Lariago (लैरियैगो) दवा मलेरिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। यह दवा प्लास्मोडियम परजीवी को मारकर काम करती है जो मलेरिया का कारण बनता है। हालाँकि अब कई जगह इस दवा से परजीवी resistant हो गए है इसलिए यह दवा इतनी कारगर नहीं हैं।

क्या मलेरिया की कोई वैक्सीन हैं ?

हाँ, मलेरिया की वैक्सीन उपलब्ध हैं, लेकिन ये सभी वैक्सीन 100% प्रभावी नहीं हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा RTS,S/AS01 (Mosquirix) और R21 (Matrix-M) इन दो वैक्सीन को अनुमति दी गयी है पर यह अधिक प्रभावी साबित नहीं हुई हैं।

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क्या मलेरिया छूने से फैलता हैं ?

नहीं, मलेरिया छूने से नहीं फैलता है। मलेरिया एक संक्रामक रोग है जो मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। जब मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वह प्लास्मोडियम नामक परजीवी को अपने रक्त में लेता है। यह परजीवी मच्छर के लार ग्रंथि में विकसित होता है और जब मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है, तो परजीवी उसके रक्त में प्रवेश कर जाता है।

नर मच्छर से मलेरिया क्यों नहीं होता हैं ?

नर मच्छरों में मलेरिया परजीवी विकसित नहीं हो पाते हैं, जिसके कारण उन्हें मलेरिया नहीं होता। मादा मच्छर रक्त पीकर अपना पोषण प्राप्त करती हैं, जबकि नर मच्छर फल और फूलों के रस से अपना पोषण प्राप्त करते हैं। मलेरिया परजीवी रक्त में विकसित होता है, इसलिए नर मच्छरों में यह विकसित नहीं हो पाता है।

भारतीय लोगों तक मलेरिया के संबंधी उपयोगी स्वास्थ्य जानकारी देने के लिए और मलेरिया को काबू में करने के लिए आप से विनंती है की यह लेख अपने मित्र-परिवार के साथ जरुर share करे।

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