Garudasana in Hindi: गरुड़ासन योग कैसे करे और इसके फायदे

गरुड़ासन करते समय शरीर का आकर गरुड़ की भांति होने के कारण इसे गरुड़ासन (Garudasana) यह नाम दिया गया हैं। अंग्रेजी में इसे Eagle Pose नाम से जाना जाता हैं। यह आसन का नियमित अभ्यास करने से व्यक्ति को गरुड़ पक्षी के भांति शारीरक बल और मानिसक एकाग्रता प्राप्त होती हैं।

गरुड़ासन की विधि, स्वास्थ्य लाभ और सावधानी से जुडी सम्पूर्ण जानकारी निचे दी गयी हैं :

garudasana eagle pose steps benefit in Hindi

गरुड़ासन कैसे करे ? (Eagle pose steps in Hindi)

गरुड़ासन करने की विधि इस प्रकार हैं:

  • एक समतल और स्वच्छ जगह पर दरी, चटाई या योग मेट बिछा दे।
  • अब इस पर सीधे खड़े हो जाये।
  • दोनों घुटनो को थोड़ा मोड़कर खड़े रहे।
  • अब दाए पैर के सामने से लेते हुए बाए पैर से इस तरह लपेटे की दाए पैर का तलवा बाये पैर के टखनों को स्पर्श के।
  • दोनों हाथों को इसी तरह लपेटते हुए नमस्कार की मुद्रा में लें।
  • आपके घुटने और हाथ एक कतार / line में होने चाहिए।
  • आँखे खुली रखे और संतुलन बनाये रखे।
  • इस मुद्रा में अपनी क्षमता और अभ्यास अनुसार 10 से 30 सेकंड तक रहे।
  • आप श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे हाथ और पैर को छोड़ कर पूर्ववत सीधा खड़े हो जाये।
  • एक और से करने के पश्च्यात दूसरी ओर से करे।

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गरुड़ासन के फायदे क्या है? (Garudasana Benefits in Hindi)

गरुड़ासन करने से होनेवाले लाभ की जानकारी नीचे दी गयी हैं:

  1. रोग हर: अंडकोष वृद्धि, पौरुष ग्रंथि एवं गुर्दे के रोगों में यह आसन विशेष लाभ दायक हैं।
  2. दर्दनाशक: हाथ-पैर में दर्द या अन्य कोई भी विकृति हो तो उसे दूर करता हैं।
  3. मूत्रविकार: गरुड़ासन मूत्र विकारों को दूर करता हैं।
  4. संतुलन और एकाग्रता में सुधार: गरुड़ासन संतुलन और एकाग्रता में सुधार करने में मदद करता है।
  5. पैरों और टांगों को मजबूत बनाता है: यह आसन पैरों और टांगों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  6. पीठ और कूल्हों में दर्द से राहत: गरुड़ासन पीठ और कूल्हों की मांसपेशियों को खींचता है, जिससे दर्द और अकड़न से राहत मिलती है।
  7. पाचन क्रिया में सुधार: यह आसन पेट की मांसपेशियों को उत्तेजित करता है, जिससे पाचन क्रिया में सुधार होता है और कब्ज दूर होती है।
  8. रक्त प्रवाह में सुधार: गरुड़ासन पैरों में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे वैरिकाज़ नसों और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
  9. तनाव और चिंता से राहत: गरुड़ासन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, और मन को शांत करता है।
  10. आत्मविश्वास में वृद्धि: गरुड़ासन आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाने में मदद करता है। गरुड़ासन के नियमित अभ्यास से आप मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनते है। गरुड़ासन करने से आपकी एकाग्रता में वृद्धि होती हैं।

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गरुड़ासन में क्या सावधानी बरते ?

  1. हाथ-पैर और गुप्तांग में कोई गंभीर रोग हो तो यह योग न करे।
  2. गर्भावस्था में यह योग नहीं करना चाहिए।
  3. बीमार होने पर या कोई ऑपरेशन हुआ है तो यह योग न करे।
  4. अभ्यास के शुरुआत में अपने क्षमता से अधिक प्रयास न करे।

गरुड़ासन के बाद कौन से आसन करे ?

गरुड़ासन के बाद आप शीर्षासन, गोमुखासन, वृक्षासान, उत्कटासन या शवासन कर सकते हैं।

गरुड़ासन करने से होनेवाले विभिन्न स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए इसका अभ्यास अवश्य करना चाहिए।

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References:

  1. An Anatomical Exploration of “Garudasana”: https://www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd33465.pdf

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