आजकल खान-पान से लेकर पानी और दूध में भी मिलावट होना एक आम बात हो गयी हैं। कहते है की पहले के ज़माने में सभी चीजे शुद्ध थी और इसी वजह से आज हमारे दादा-दादी 70 से 80 वर्ष के आयु में भी ज्यादा स्वस्थ और सशक्त हैं। हर पल बढ़ते प्रदुषण और खान-पान में मिलावट के कारण आजकल अति संवेदनशीलता (Allergy) के मामलों में वृद्धि हो रही हैं।
हमारा शरीर जब किसी विशेष पदार्थ के प्रति अतिसंवेदनशीलता दर्शाता है तो उसे एलर्जी (Allergy) कहा जाता हैं। जिस विशेष पदार्थ के प्रति शरीर यह अतिसंवेदनशीलता दिखाता है उसे एलेर्जन (Allergen) कहा जाता हैं। कुछ मामलों में एलर्जी अधिक गंभीर समस्या निर्माण कर सकती हैं।
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एलर्जी के विविध कारण, लक्षण और निदान संबंधी अधिक जानकारी इस लेख में दी गयी हैं :
एलर्जी का क्या कारण हैं ? (Allergy causes in Hindi)
एलर्जी किसी भी कारण से हो सकती हैं। हर मनुष्य में एलर्जी का कारण भिन्न-भिन्न होता हैं। अगर आपको एक चीज से एलर्जी है तो जरुरी नहीं है की किसी और को उसी चीज से एलर्जी होनी चाहिए। देखने में आया है की धरती पर उपलब्ध किसी भी चीज से एलर्जी हो सकती हैं।
एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति जब किसी एलर्जन के संपर्क में आता है तो हमारा Immune system उसे शरीर के विरोधी तत्व के रूप में लेता है और उसके खिलाफ antibodies निर्माण करता हैं। इन antibodies से Histamine नामक केमिकल निकलता है जिसके प्रतिक्रिया के फलस्वरूप एलर्जी के विभिन्न लक्षण निर्माण होते हैं।
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एलर्जी के मुख्य कारणों की जानकारी निचे दी गयी हैं :
- मौसम (Weather): मौसम में आनेवाले अचानक बदलाव के कारण एलर्जी हो सकती हैं। कुछ लोगो को अचानक बादल आने से एलर्जी होती है तो कुछ लोगो को धुप में निकलने पर भी एलर्जी हो जाती हैं।
- अनुवांशिकता (Hereditary): अनुवांशिक कारणों से भी कुछ परिवारों में सभी लोगो को एलर्जी के कारण एलर्जिक अस्थमा हो सकता हैं।
- प्रदुषण (Pollution): गाड़ी, मोटर और कारखानों से निकलने वाले धुए और केमिकल से हवा और पानी प्रदूषित हो जाते हैं। ऐसे प्रदूषित हवा या पानी से संपर्क में आने से एलर्जी हो जाती हैं। एक तरफ प्रदुषण हर दिन बढ़ रहा है और दूसरी तरफ पेड़ों की संख्या कम हो रही है, इस कारण एलर्जी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही हैं।
- पराग कण (Pollen): फूलों के छोटे-छोटे पराग कणो के कारण कई लोगो को एलर्जी हो जाती हैं।
- सौंदर्य प्रसादन (Beauty Products): ज्यादातर लोग आज कल ज्यादा सुन्दर दिखने के लिए कई किस्म के केमिकल युक्त सौंदर्य प्रसाधनो का इस्तेमाल करते हैं। केमिकल युक्त पाउडर, लिपिस्टिक, शैम्पू, डिओड्रेंट, साबुन इत्यादि से एलर्जी के मामलों में बढ़ोतरी होती हैं।
- धातु (Metals): आपको किसी भी धातु से एलर्जी हो सकती है जैसे लोहा, सोना, ऐलुमिनियम इत्यादि। ज्यादातर महिलाओ को नकली धातु के बने जवाहरात से एलर्जी होती हैं।
- किटक (Insects): बिस्तर और घर में रहने वाले छोटे किटक, कीड़े और कॉकरोच के कारण भी एलर्जी हो सकती हैं।
- खाद्य पदार्थ (Food): कुछ लोगो को खाद्य पदार्थो से भी एलर्जी होती हैं। दूध, खीरा, टमाटर, बदाम, अंडा, मछली जैसे कई खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती हैं। बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त खाद्य पदार्थ खाने से भी एलर्जी होती हैं।
- दवा (Medicine) : दर्दनाशक दवा, सल्फा ड्रग्स, पेनिसिलीन जैसे कई दवा से एलर्जी हो सकती हैं।
एलर्जी के और भी कई कारण है पर यहाँ पर मुख्य एलर्जी कारकों की ही जानकारी दी गयी हैं। एलर्जी से पीड़ित मनुष्य ने अपने अनुभव के आधार पर यह खोजने की कोशिश करनी चाहिए की उसे किस विशेष वस्तु का उपयोग करने पर एलर्जी होती हैं।
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एलर्जी के लक्षण क्या हैं ? (Allergy symptoms in Hindi)
एलर्जी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। एलर्जन से संपर्क की मात्रा, क्षमता और पीड़ित व्यक्ति की रोग प्रतिकार शक्ति के अनुसार यह लक्षण कम-ज्यादा हो सकते हैं। सामान्य तौर पर देखे जानेवाले एलर्जी के लक्षणों जानकारी निचे दी गयी हैं :
- नाक में एलर्जी: बार-बार जुखाम होना, नाक से पानी बहना या नाक कफ से जाम हो जाना, खुजली आना, छींके आना इत्यादि।
- त्वचा में एलर्जी: खुजली होना, त्वचा पर लाल चट्टे, खुजली करने पर चट्टे पड़कर सूजन आना इत्यादि।
- आँख में एलर्जी: आँखों में से पानी आना, खुजली होना, आँखे लाल होना इत्यादि।
फेफड़ों में एलर्जी – सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों में कफ जम जाना, सांस लेते समय सिटी जैसा आवाज आना, घबराहट इत्यादि। - आहार और एलर्जी: कुछ लोगो को आहार पदार्थों से एलर्जी होती है जैसे की टमाटर, खीरा, दूध, अंडा या मछली इत्यादि। ऐसा आहार लेने पर अगर एलर्जी होती है तो गैस, उलटी, पेट दर्द, खुजली, जुलाब, त्वचा पर लाल चट्टे जैसे लक्षण नजर आते हैं।
- सम्पूर्ण शरीर में एलर्जी: कभी-कभी किसी विशेष एलर्जन के संपर्क में आने पर अतिसंवेदन शीलता के कारण सम्पूर्ण शरीर में एलर्जी होकर घबराहट, सांस लेने में तकलीफ, चेहरे पर सूजन, खुजली जैसे लक्षण नजर आते है और पीड़ित को गंभीर अवस्था में हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ता हैं।
- दवा से एलर्जी: दवा से एलर्जी होने पर पीड़ित की हालत बेहद ख़राब हो सकती है और तुरंत हॉस्पिटल में दाखिल कर उपचार कराना पड़ता हैं।
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एलर्जी का निदान कैसे किया जाता हैं ?
ज्यादातर मामलों में एलर्जी का निदान पीड़ित की शारीरिक जांच, लक्षण और एलर्जी का ईतिहास देखकर ही निदान हो जाता हैं। कुछ मामलों में अगर पीड़ित को पता नहीं चलता है की उसे किस चीज से एलर्जी हो रही हैं तो ऐसी अवस्था में पीड़ित की रक्त जांच (Blood Test) की जाती हैं। रक्त जांच में शाकाहारी आहार, मांसाहारी आहार, दवा, वनस्पति, परागकण और किटक के प्रति संवेदन शीलता (Sensitivity) की जांच की जाती हैं।
रक्त जांच का रिपोर्ट आने पर जिस चीज के प्रति अतिसंवेदन शीलता निकलती है उस चीज से दुरी बनाने की सलाह दी जाती हैं। एलर्जी को सामान्य मानकर दुर्लक्षित करना बेहद खतरनाक हो सकता है। अगर आपको एलर्जी की समस्या है तो उसे कम करने के लिए उपाय करने चाहिए।
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एलर्जी / Allergy किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में और किसी भी चीज से हो सकती हैं। एलर्जी का अटैक आने पर पीड़ित व्यक्ति को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। कभी-कभी घर, कॉलेज या ऑफिस में एलर्जी के कारण सरल काम करना भी मुश्किल हो जाता है और साथ ही शर्मिंदगी का एहसास भी होता हैं।
एलर्जी का उपचार और घरेलु नुस्खे (Allergy treatment and Home remedies in Hindi)
एलर्जी का उपचार, एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति के लक्षण और उसकी तीव्रता पर निर्भर करता हैं। एलर्जी के उपचार संबंधी अधिक जानकरी निचे दी गयी हैं :
- एलर्जी विरोधी दवा (Anti-Allergic Medicine): एलर्जी की तीव्रता कम होने पर पीड़ित व्यक्ति को Anti Allergic दवा दी जाती हैं जैसे की Cetrizine, Levocetrizine, Loratidine इत्यादि। यह दवा डॉकटर की सलहानुसार उचित मात्रा में और निर्धारित समय तक ही लेना चाहिए। यह दवा लेने से कुछ लोगो को नींद या सुस्ती आती हैं। यह दवा लेने के बाद कोई भी जोखिम वाला कार्य जैसे की गाड़ी चलाना, मशीन पर काम करना जैसा कार्य नहीं करना चाहिए।
- स्टेरॉयड दवा (Steroids): एलर्जी की तीव्रता और लक्षण अधिक होने पर एलर्जी विरोधी दवा के साथ पीड़ित को कुछ समय के लिए स्टेरॉयड दवा दी जाती हैं। यह दवा गोली, सिरप, इंजेक्शन, इनहेलर या नेबुलायझर के रूप में दे सकते हैं। इस दवा से तुरंत राहत मिलती है पर इनके दुष्परिणाम भी अनेक होने के कारण बिना डॉक्टर के सलाह से यह नहीं लेना चाहिए।
- संवेदनशीलता कम करना (Immune Therapy): Immune Therapy में एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति को इंजेक्शन दिए जाते हैं जिससे एलर्जन के प्रति अति संवेदनशीलता / Allergy में कमी आकर एलर्जी के लक्षणों में भी कमी आती हैं।
- अन्य (Others): ऊपर दी हुई दवा के साथ डॉक्टर आवश्यकता अनुसार एंटीबायोटिक्स, विटामिन्स, सूजन कम करने की दवा, रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने की दवा और अन्य जरुरी दवा दे सकते हैं। पीड़ित की स्तिथि गंभीर होने पर पीड़ित को अतिदक्षता विभाग में दाखिल भी करना पड सकता हैं।
एलर्जी का उपचार करने के साथ-साथ एलर्जी की समस्या दोबारा न हो इसलिए पीड़ित व्यक्ति ने एलर्जी से बचने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
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एलर्जी से बचने के उपाय
एलर्जी में रोकथाम ही ईलाज से बेहतर हैं। जिस किसी वस्तु या खाद्य पदार्थ (एलर्जन) से आपको एलर्जी है उससे दुरी बना कर रखे। एलर्जी से बचने के अन्य उपाय निचे दिए गए हैं :
- घर के आस-पास का इलाका साफ़-सुधरा रखे और वहाँ गंदगी न फैलने दे।
- घर में खुली स्वच्छ और ताजा हवा आने (Ventilation) प्रबंध करे।
- जिस खाद्य पदार्थ से आपको एलर्जी होती है उसका सेवन न करे।
- एकदम गर्म से ठन्डे और ठण्ड से गर्म वातावरण में न आये।
- धुप में से घर आने के बाद सीधे पंखे के निचे न बैठे या ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए।
- बाहर सफर करते समय मुंह और नाक को स्वच्छ रुमाल / कपडे से ढक कर रखे। आँखों को धूल, मिटटी और धुप से बचाने के लिए Sunglasses का उपयोग करे।
- गद्दे, रजाई, तकिये, स्वेटर को समय पर गर्म पानी से धोते रहे और धुप दिखाते रहे।
- अगर आपको फर वाले पालतू जानवरो से एलर्जी है तो उन्हें घर में नहीं रखना चाहिए।
- अगर आपको लगता है की किसी सौंदर्य प्रसाधन जैसे की लिपस्टिक, नकली जवाहरात, शैम्पू या साबुन से आपको एलर्जी होती है तो उनका उपयोग नहीं करना चाहिए। जहा तक हो सके हर्बल चीजो का इस्तेमाल करे।
- पराग कणो से एलर्जी होने पर पौधों से दुरी बनाकर रखे।
- घर पर समय पर मुंह पर कपडा बांध कर सफाई करे और मकड़ी के जाले न लगने दे। सफाई करने के लिए Vacuum Cleaner का उपयोग करे।
- बाहर होटल में खाने से अच्छा घर पर स्वादिष्ट और स्वच्छ खाना बनाकर खाना चाहिए।
- किचन, बाथरूम और हॉल में Exhaust Fan लगाये।
- Vitamin C और Vitamin E से एलर्जी के लक्षणों में कमी आती है इसलिए डॉक्टर की सलाह लेकर इनकी दवा लेना चाहिए या भरपूर मात्रा में हरी सब्जिया और फलो का सेवन करना चाहिए।
- अमेरिका में न्यूट्रिशनिस्ट द्वारा किये एक शोध में पता चला है की अगर माता अपने शिशु को पहले 4 माह सिर्फ अपना दूध पिलाये और साथ में स्वयं Vitamin C से भरपूर आहार लेती है तो बच्चे में एलर्जी का प्रमाण बेहद कम रहता हैं। माँ का दूध एंटीबाडीज से भरपूर होता है जिससे बच्चों की रोगप्रतिकार शक्ति सशक्त होती हैं।
- बच्चों के सफाई का ध्यान रखना चाहिए पर साथ ही उन्हें बचपन में अन्य बच्चों के साथ धूल-मिटटी में कुछ समय के लिए खेलने देना चाहिए। इससे उनके शरीर को बचपन से ही धूल मिटटी के बैक्टीरिया से पहचान होती है और साथ ही उनकी रोग प्रतिकार शक्ति मजबूत होती हैं। बच्चों को छोटी उम्र से ही पौष्टिक आहार लेनी की आदत लगानी चाहिए।
- सर्दी के मौसम में एलर्जी से बचने के लिए और अपनी रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए सुबह-शाम एक चमच्च च्यवनप्राश जरूर खाना चाहिए।
एलर्जी से निपटना मुश्किल है पर अगर आप सावधानी बरते तो इस परेशानी से बच सकते है। कभी भी एलर्जी को हलके में न ले और एलर्जी के लक्षण नजर आने पर यह बढ़ने से पहले तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
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