Thyroid यह हमारे शरीर के लिए बेहद उपयोगी अंतस्रावी ग्रंथि (Endocrine Gland) हैं। थाइरोइड ग्रंथि में निर्माण होनेवाले हॉर्मोन शरीर में लिए महत्वपूर्ण होते हैं। थाइरोइड ग्रंथि में Triiodothyronine (T3) और Thyroxine (T4) यह दो प्रमुख हॉर्मोन निर्माण होते हैं। इन दोनों हॉर्मोन के निर्मिति का कार्य Thyroid Stimulating Hormone (TSH) के निर्देश पर होता हैं।
आज कल थाइरोइड के रोगियों की संख्या बढ़ गयी हैं। विशेषकर महिलाओं में थाइरोइड रोग का प्रमाण अधिक देखा जाता हैं। थाइरोइड रोग की समय पर चिकित्सा न करने से शरीर पर गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। थाइरोइड के प्रमुख दो रोग हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म, इन दोनों रोग की सम्पूर्ण जानकारी हम इस वेबसाइट पर पहले ही प्रकाशित कर चुके हैं।
आज के इस लेख में हम आपको थाइरोइड रोग से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब देने जा रहे है जो अक्सर हमें हमारे पेशेंट्स द्वारा या इस वेबसाइट पर पाठकों द्वारा पूछे जाते हैं।
थाइरोइड रोग से जुड़े सवालों के जवाब Thyroid in Hindi
१. थाइरोइड रोग क्यों होता हैं ?
थाइरोइड रोग होने के कई कारण होते हैं जैसे की अनुवांशिकता, आयोडीन की कमी, रेडिएशन का दुष्परिणाम, दवा का दुष्परिणाम, गर्भावस्था, तनाव, रोग का दुष्परिणाम इत्यादि। इसकी पूरी जानकारी आप हमारे हाइपोथायरायडिज्म के लेख में पढ़ सकते हैं।
जरूर पढ़े – थाइरोइड रोग क्यों और किसे होता हैं ?
२. थाइरोइड रोग किस आयु में होता हैं ?
थाइरोइड से जुड़े रोग किसी भी आयु में हो सकता हैं। यह जन्मजात भी हो सकता है और जन्म के पश्च्यात किसी भी आयु में आप को हो सकता हैं।
३. थाइरोइड रोग के क्या लक्षण होते हैं ?
थाइरोइड रोग के लक्षण उसके प्रकार अनुसार होते हैं। इनकी जानकारी भी हमने हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म लेख में दी हैं। गले में सूजन होना, वजन कम होना या बढ़ना, त्वचा रूखी होना, बाल झड़ना, हृदय गति बढ़ना, ठंडी/गरमी सहन न होना यह कुछ मुख्य लक्षण हैं।
पढ़े – हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण और उपचार
४. TSH रिपोर्ट से क्या पता चलता हैं ?
TSH रिपोर्ट से हमें थाइरोइड रोग के निदान करने में सहायता होती हैं। भारत में TSH की नार्मल मात्रा 0.5 से 5.5 mIU/L के बिच मानी जाती हैं। शिशु में और प्रेगनेंसी में TSH की normal level अलग होती हैं। आपके रिपोर्ट पर यह normal range दी हुई होती हैं।
- अगर आपका TSH बढ़ता है तो इसका मतलब आपके शरीर में थायरोक्सिन हॉर्मोन कम निर्माण हो रहा है और आपको हाइपोथायरायडिज्म का उपचार लेना चाहिए।
- अगर आपका TSH कम है तो इसका मतलब शरीर में थायरोक्सिन हॉर्मोन अधिक हो गया हैं और आपको हाइपरथायरायडिज्म का उपचार लेना चाहिए।
५. थाइरोइड रोग के क्या दुष्परिणाम होते हैं ?
- ह्रदय रोग
- कोलेस्ट्रॉल बढ़ना
- बाल झड़ना
- वजन बढ़ना
- गोइटर
- कब्ज
- अपचन
- पित्त की थैली में पथरी होना
- कमजोरी
- हाई ब्लड प्रेशर
६. क्या थाइरोइड रोग ठीक हो सकता हैं ?
७. हाइपोथायरायडिज्म की थायरोक्सिन दवा कैसे और कब लेना चाहिए ?
८. मेरा TSH 7.2 है तो मुझे कितने पॉवर की गोली खाना चाहिए ?
९. क्या थाइरोइड से पीड़ित महिला माँ बन सकती है और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं ?
१०. थाइरोइड के रोगी ने खान पान में क्या सावधानी रखनी चाहिए ?
११. क्या थाइरोइड के रोगी योग कर सकते हैं ?
अगर आपको यह थाइरोइड रोग से जुडी जानकारी उपयोगी लगी है तो कृपया इसे शेयर जरूर करे।

मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।