दस्त या Loose Motions लगने की बीमारी को मेडिकल भाषा में Acute Gastroenteritis या Diarrhea कहा जाता हैं। इसे आंत्रशोथ या सामान्य भाषा में Food Poisoning भी कहा जाता है। दस्त लगने पर शरीर में तेज़ी से पानी की कमी हो जाती है और severe dehydration की स्तिथि होने पर blood pressure बेहद कम हो जाने की वजह से Kidney failure और रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
आमतौर पर देखने में आता है कि बारिश के दिनों में दूषित जल के उपयोग के कारण दस्त की समस्या अधिक होती है। दस्त की बीमारी में मरीज को बार-बार उलटी, पतला पैखाना होना, बुख़ार आना, पेट दर्द और कमजोरी यह प्रमुख लक्षण दिखाई देते है। इस बीमारी के कारण कई बार रोगी को अस्पताल में दाखिल होना पड़ता है और 10 से 15 हजार तक का खर्चा भी हो जाता हैं। अगर रोगी की तकलीफ़ ज़्यादा रही तो ICU में रहने पर खर्चा लाखों में जा सकता है।
दस्त जैसी बीमारी से आप थोड़ी से सावधानी और स्वच्छता रखकर आसानी से बच सकते हैं। इस परेशानी से अपने परिवार को बचाने के लिए नीचे दी हुई सावधानी बरते :
दस्त लगने पर क्या एहतियात बरतें? (Loose motion precaution in Hindi)
- दस्त बंद न हो तब तक दूध या दूध से बनी चीजों से दूर रहे।
- दिन में कम से कम ८ से १० गिलास शुद्ध पानी पीजिए।
- हमेशा उबाल कर ठंडा किया हुआ या फ़िल्टर किये हुए स्वच्छ पानी का सेवन करे।
- कम से कम १५ मिनिट तक पानी अवश्य उबाले और उसे २४ घंटे के लिए ही उपयोग करे। दिन भर हर २-३ घंटे के बाद थोडा थोडा खाए।
- खाने से पहेले अपने हाथ अच्छे से धो लेना चाहिए।
- आराम कीजिए और अपना तनाव कम करने की कोशिश कीजिए।
- हर बार मल त्याग के बाद अपने हाथ अच्छे से धो लीजिए। हाथ धोते समय साबुन से अच्छा झाग बनाकर १५ सेकंड तक बहते पानी में हाथ को अच्छी तरह से धोए और बाद में स्वच्छ कपडे से हाथ को अच्छी तरह से साफ़ करे। नल बंद करने के लिए उसी साफ कपडे का इस्तेमाल करे जिससे हाथ को दुबारा दूषण (Contamination) न हो।
- अपना खाना, पेय, थाली या straw किसी और के साथ शेयर न करे।
- अगर आप को दस्त हो रही है तो बाहर न जाए, घर पर पूरा आराम करे और अन्य व्यक्ति के लिए खाना न बनाए।
- दस्त या Acute Gastroenteritis काफी संक्रामक होता है। इसके जीवाणु किसी जगह पर २४ घंटे से ज्यादा समय तक सक्रिय रहते है। इसलिए उलटी, दस्त या रोगी के स्पर्श की हुई जगह या वस्तु को अच्छी तरह से साफ़ करना बेहद जरुरी होता है।
- 11. ORS का घोल पिलाए: मेडिकल पर से ORS का सचेत लाकर एक लीटर स्वच्छ पानी में मिलाकर सुबह शाम पिलाते रहे। रोगी की जीभ (tongue) अगर सुखी लग रही है तो समझ लेना चाहिए के उसके शरीर में पानी की कमी है और जब तक जीभ गीली न रहे थोड़ा थोड़ा ORS का घोल पिलाते रहे।
दस्त लगने पर कैसा आहार लेना चाहिए? (Loose motion diet in Hindi)
- इस बीमारी में हमारी पाचन शक्ति सबसे कम होती है। इसलिए ज़रूरी है अधिक तला, भुना खाना न खाया जाए बल्कि ऐसा भोजन खाया खाए जो आसानी से पच जाए। जब भूक लगे तब ही और जीतनी भूक हो उतना ही आराम से पचने लायक़ खाना लेना चाहिए।
- खाने में खिचड़ी, सफ़ेद ब्रेड, पकी हुई सब्ज़ियाँ, ताजे फल, गेहू की रोटी, दलिया, टोस्ट आदि का समावेश करे।
- अधिक तला हुआ, तीखा , मसालेदार, चाय, कॉफ़ी, दूध से बने उत्पादन या बाहर का खाना बिलकुल न खाए।
- घर का बना हुआ ताजा और गरम खाना खाए। बाहर का खाना बिलकुल न खाए।
दस्त में कौन से लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए?
नीचे दिए हुए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए।
- बहुत ज्यादा दस्त होना
- बहुत ज्यादा उलटी होना
- बहुत तेज प्यास लगना
- बेहोशी आना, चक्कर आना या बेहद कमजोरी लगना
- 38°C या 100.5°F से ज्यादा बुख़ार आना
- पेट दर्द जो मल त्याग के बाद भी कम न हो
- आपका मल काला हो या उसमे खून हो
- 60 साल से ज्यादा हो या 1 साल से कम उम्र में २-३ से ज्यादा मात्रा में दस्त या उलटी होना।
घर पर ORS का घोल कैसे बनाये?
घर पर ORS का घोल बनाना काफ़ी आसान है। 1 लीटर स्वच्छ पानी में आधा चम्मच नमक और 6 चम्मच शक्कर डालकर अच्छे से मिक्स कर एक घोल तैयार करे। इस तरह आसानी से घर पार ORS का घोल आप घर पर बना सकते है।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।