हर साल दुनिया में लगभग 10 करोड़ लोग डेंगू बुखार (Dengue) के शिकार होते है। यही कारण है की डेंगू के कारण, लक्षण, ईलाज और बचाव की जानकारी इंटरनेट पर ज्यादा सर्च होती है। भारत में भी हर साल कई लोगो की डेंगू बुखार के कारण मृत्यु हो जाती है। हमें रोज समाचार पत्रों में या News channel पर डेंगू बुखार का आतंक देखने को मिलता है।
डेंगू बुखार के प्रति लोगों मे जागरूकता और डेंगू रोग की पूरी जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी को मिले इसलिए आज इस लेख मे हम डेंगू बुखार का कारण, डेंगू बुखार का लक्षण, डेंगू बुखार का पता कैसे लगाया जाता है और इसका ईलाज कैसे किया जाता है इसकी पूरी जानकारी विस्तार मे देने जा रहे है।
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डेंगू बुखार क्या है? (Dengue fever in Hindi)
डेंगू बुखार यह एक viral बीमारी है जो की मच्छर के काटने से होती है। जब कोई डेंगू virus से संक्रमित मच्छर स्वस्थ इंसान को काटता है तो शरीर मे Dengue Virus का प्रवेश होने से उस व्यक्ति को डेंगू बुखार हो जाता है।
Dengue virus के 4 प्रकारों में से किसी एक प्रकार के Dengue virus से डेंगू बुखार होता है। जब कोई रोगी डेंगू बुखार से ठीक हो जाता है, तब उस मरीज को उस एक प्रकार के Dengue virus से लम्बे समय के लिए प्रतिरोध शक्ति (immunity) मिल जाती है परन्तु अन्य 3 प्रकार के Dengue virus से डेंगू बुखार दोबारा हो सकता है।
दूसरी बार होने वाला डेंगू बुखार काफी गंभीर हो सकता है जिसे Dengue Hemorrhagic Fever कहते है क्योंकि इस प्रकार के डेंगू बुखार मे रोगी के platelet की संख्या कम होने से bleeding का खतरा बढ़ जाता है।
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डेंगू बुखार कैसे होता है? (Dengue causes in Hindi)
डेंगू बुखार हवा, पानी, साथ खाने से या छूने से नहीं फैलता है। डेंगू बुखार संक्रमित स्त्री (मादा) जाती के Aedes aegypti नामक मच्छर के काटने से होता है। अगर किसी व्यक्ति को डेंगू बुखार है और उस व्यक्ति को यह मच्छर काट कर उसका खून पिता है तो उस मच्छर में Dengue virus युक्त खून चला जाता है। जब यह संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो Dengue virus उस स्वस्थ व्यक्ति में चला जाता है और उसे डेंगू हो जाता हैं।
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डेंगू बुखार फैलाने वाला Aedes aegypti मच्छर को कैसे पहचाने?
Aedes aegypti मच्छर की कुछ खास विशेषताए निचे दी गयी है :
- यह दिन में ज्यादा सक्रिय होते है।
- इन मच्छर के शरीर पर चीते जैसी धारिया होती है।
- ज्यादा ऊपर तक नहीं उड़ पाते है। यह हमारे घुटने के ऊपर तक नहीं उड़ते है।
- ठन्डे और छाव वाले जगहों पर रहना ज्यादा पसंद करते है।
- पर्दों के पीछे या अँधेरे वाली जगह पर रहते है।
- घर के अन्दर रखे हुए शांत पानी में प्रजनन / breeding करते है।
- अपने प्रजनन क्षेत्र के 200 meter की दुरी के अन्दर ही उड़ते है।
- गटर या रस्ते पर जमा खराब पानी में कम प्रजनन करते है।
- पानी सुख जाने के बाद भी इनके अंडे 12 महीनो तक जीवित रह सकते है।
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डेंगू बुखार के लक्षण क्या है? (Dengue Fever symptoms in Hindi)
संक्रमित मच्छर के काटने के 3 से 14 दिनों बाद डेंगू बुखार के लक्षण दिखने शुरू होते है। Dengue के लक्षण निचे दिए गए है :
- तेज ठंडी लगकर बुखार आना – High grade fever with chills
- सरदर्द – Headache
- आँखों में दर्द – pain in eyes
- बदनदर्द / जोड़ो में दर्द – Body ache
- भूक कम लगना – Loss of appetite
- खुजली आना – Itching
- जी मचलाना, उलटी – Nausea, Vomiting
- दस्त लगना – Loose motions
- सर्दी, खांसी – Cold, Cough
- चमड़ी के निचे लाल चट्टे आना – Red Rashes
- Dengue Hemorrhagic Fever की गंभीर स्तिथि में आँख, नाक में से खून भी निकल सकता है – Bleeding
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डेंगू बुखार का निदान कैसे किया है? (Dengue Fever diagnosis in Hindi)
डेंगू बुखार का पता लगाने के लिए डॉक्टर क्या जांच करते है इसकी जानकारी नीचे दी गई है :
- Dengue Kit Test – डेंगू बुखार का पता लगाने के लिए यह सबसे ज्यादा की जानेवाली जांच है। डेंगू किट मे NS1, IgG और IgM antigen का पता चलता है। यह Pregnancy पता करने के लिए की जानेवाली Urine Pregnancy Kit की तरह ही होता है पर इसमे Urine sample की जगह Blood Sample लिया जाता है।
- अगर रिपोर्ट मे NS1, IgG और IgM antigen यह तीनों Negative है तो रोगी को डेंगू नहीं है।
- अगर रिपोर्ट मे केवल NS1 antigen Positive आता है तो इसका मतलब रोगी को हाल ही मे 3 से 5 दिनों मे डेंगू बुखार हुआ है।
- अगर रिपोर्ट मे IgM antigen Positive आता है तो इसका मतलब रोगी को डेंगू बुखार होकर 5 से 7 दिन हुए है।
- अगर रिपोर्ट में IgG antigen Positive आता है तो इसका मतलब रोगी को डेंगू बुखार होकर 7 दिन से ज्यादा दिन हो गए है।
- PCR Test : इस जाँच के नाम अपने कोविड महामारी मे अधिक सुना होगा। इस जांच मे Virus Isolation कर रोगी के खून के नमूने मे डेंगू वायरस है या नहीं यह देखा जाता है। अगर रिपोर्ट Positive आती है तो आपको डेंगू है और रिपोर्ट Negative आती है तो आपको डेंगू नहीं है।
- Complete Blood Count (CBC) Test : डेंगू बुखार मे प्लेटलेट् (Platelet count) 1 लाख 40 हजार से कम और सफेद रक्त कण (White Blood Cells) 4000 से कम होना शुरू हो जाते है।
- अगर रिपोर्ट मे दोनों मे कमी आती है तो यह डेंगू बुखार होने की तरफ इशारा करता है। डेंगू रोग का निदान होने पर रोजाना यह जाँच करने की जरूरत होती है। जब तक आपके रिपोर्ट मे यह दोनों कम ही हो रहे होते है तो यह इशारा करता है की रोगी की तबीयत बिगड़ रही है।
- जब रोगी की तबीयत मे सुधार होता है और रोगी के शरीर मे डेंगू रोग के प्रति रोग प्रतिरोधक शक्ति निर्माण होना शुरू हो जाती है तब पहले रिपोर्ट मे सफेद रक्त कण बढ़ने लगते है और फिर प्लेटलेट्स भी बढ़ने लगते है।
- अगर प्लेटलेट्स 20 हजार से भी कम हो रहे है और रोगी को नाक, दांत, चमड़ी के नीचे आदि से रक्तसत्राव या bleeding के लक्षण नजर आते है तब रोगी को प्लेटलेट्स का खून चढ़ना (Platelet Transfusion) पड़ सकता है।
- SGPT : डेंगू बुखार के कारण प्लेटलेट्स की कमी और लिवर पर सूजन आने से SGPT enzyme बढ़ने लगता है, जिस वजह से रोगी को भूक कम लगती है और जी मचलाना या उलटी की समस्या होती है। डेंगू मे यह जांच भी रोजाना कराना पड़ सकता है क्योंकि जब इस enzyme की मात्रा रिपोर्ट मे कम होना शुरू होती है तब यह दर्शाता है की रोगी ठीक हो रहा है और लिवर की सूजन भी कम हो रही है।
इसके अलावा भी डॉक्टर अन्य जांच करते है पर यहाँ पर आपके लिए जो मुख्य जाँच है उनकी जानकारी विस्तार मे दी है।
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डेंगू बुखार का ईलाज कैसे किया जाता है? (Dengue treatment in Hindi)
डेंगू बुखार का उपचार कैसे किया जाता है इसकी जानकारी विस्तार मे नीचे दी गई है :
- रोकथाम (Prevention): डेंगू बुखार का रोकथाम (Prevention) ही इसका सबसे अच्छा और बेहतर ईलाज है। डेंगू से बचने के लिए मच्छर से बचना पहला कदम हैं।
- दवा (Medicine): फिलहाल डेंगू बुखार की कोई विशेष दवा या वैक्सीन बनी नहीं है। एक viral रोग होने के कारण इसकी दवा निर्माण करना बेहद कठिन कार्य है।
- लाक्षणिक चिकित्सा (Symptomatic Treatment): डेंगू बुखार के इलाज में लाक्षणिक चिकित्सा (symptomatic treatment) की जाती है। Dengue Fever की कोई दवा नहीं है पर इस रोग से शरीर पर होने वाले side-effects से बचने के लिए रोगी को डॉक्टर की सलाह अनुसार आराम करना चाहिए और समय पर दी हुई दवा लेना चाहिए।
- अन्य उपाय
- रोगी को पर्याप्त मात्रा में आहार और पानी लेना चाहिए।
- बुखार के लिए डॉक्टर की सलाह अनुसार paracetamol लेना चाहिए।
- डेंगू बुखार में रोगी ने पर्याप्त मात्रा में पानी पीना सबसे ज्यादा आवश्यक हैं।
- बुखार या सरदर्द के लिए Aspirin / Brufen का उपयोग न करे।
- डॉक्टर की सलाह अनुसार नियमित Platelet count की जाँच करना चाहिए। डेंगू बुखार में प्लेटलेट की संख्या रोजाना तेजी से कम होती। किस रोगी में प्लेटलेट कितना कम होगा यह किसी भी डॉक्टर के लिए बताना संभव नहीं हैं। अगर रोगी की रोग प्रतिरोधक शक्ति अच्छी है तो ज्यादा प्लेटलेट कम नहीं होते है। कुछ मामलों में प्लेटलेट की संख्या 20000 से कम भी हो जाती है और ऐसे में रोगी को खून की तरह प्लेटलेट चढ़ाना पड़ता हैं।
- रोगी की प्लेटलेट संख्या बढ़ाने के लिए पपीते के पत्तों का रस, कीवी फ्रूट, ड्रैगन फ्रूट, बकरी का दूध आदि लोग देते है पर इस पर अभी तक कोई रिसर्च नहीं हुआ हैं। डॉक्टर आपको प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए Papaya extract और गुडूची की दवा दे सकते है।
- हमारी रोगप्रतिकार शक्ति Dengue Fever से लड़ने में सक्षम होती है, इसलिए हमें हमेशा योग्य संतुलित आहार और व्यायाम द्वारा रोग प्रतिकार शक्ति को बढाने की कोशिश करनी चाहिए।
पढ़े – डेंगू में प्लेटलेट की संख्या बढ़ाने के लिए रोगी को क्या खिलाना चाहिए ?
डेंगू बुखार से कैसे बचाव करें? (Dengue Fever prevention tips in Hindi)
जैसे की मैंने पहले भी लिखा है, डेंगू बुखार का रोकथाम / Prevention ही इसका सबसे बेहतर ईलाज है। डेंगू बुखार के बचाव के उपाय निचे दिए गए है :
- पानी का जमाव: घर के अन्दर और आस-पास पानी जमा न होने दे। कोई भी बर्तन में खुले में पानी न जमने दे। बर्तन को खाली कर रखे या उसे उलटा कर कर रख दे। अगर आप किसी बर्तन, ड्रम या बाल्टी में पानी जमा कर रखते है तो उसे ढक कर रखे।
- मच्छर न पनपने दे: अगर किसी चीज में हमेशा पानी जमा कर रखते है तो पहले उसे साबुन और पानी से अच्छे से धो लेना चाहिए, जिससे मच्छर के अंडे को हटाया जा सके। घर में कीटनाशक का छिडकाव करे। कूलर का काम न होने पर उसमे जमा पानी निकालकर सुखा कर दे। जरुरत होने पर कूलर का पानी रोज नियमित बदलते रहे। किसी भी खुली जगह में जैसे की गड्डो में, गमले में या कचरे में पानी जमा न होने दे। अगर पानी जमा है तो उसमे मिटटी डाल दे।
- मच्छर से बचाव: खिड़की और दरवाजे में जाली लगाकर रखे। शाम होने से पहले दरवाजे बंद कर दे। ऐसे कपडे पहने जो पुरे शरीर को ढक सके। रात को सोते वक्त मच्छरदानी लगाकर सोए। अन्य मच्छर विरोधी उपकरणों का इस्तेमाल करे जैसे की electric mosquito bat, repellent cream, sprays etc. अगर बच्चे खुले में खेलने जाते है तो उने शरीर पर mosquito repellent cream लगाए और पुर शरीर ढके ऐसे कपडे पहनाए। अपने आस-पास के लोगो को भी मच्छर को फैलने से रोकने के लिए प्रोत्साहित करे।
- स्वास्थ्य विभाग की सहायता करें: अपने आस-पास में अगर कोई Dengue Fever या Malaria के मरीज का पता चलता है तो इसकी जानकारी स्वास्थय विभाग एवं नगर निगम को दे, जिससे तुरंत मच्छर विरोधी उपाय योजना की जा सके।
- रक्तदान करें: Dengue Fever के ज्यादातर मरीजो की मृत्यु platelet या खून के अभाव में होती है। मेरी आप सभी से request है की जरुरत के समय रक्तदान / Blood Donation करने से बिलकुल न घबराए और साल में कम से कम दो बार Blood Donation जरुर करे।
- प्लेटलेट्स: कई लोग Dengue Fever में Platelet Count बढाने के लिए पपीते के पत्ते का रस पिने के सलाह देते है। पपीते के पत्ते का रस पिने के बाद कई मरीजो में platelet count में सुधार होते हुए देखा गया है। इसका कोई ठोस पुरावा नहीं है और न कोई research हुआ है। अब बाजार में पपीते के extract की दवा भी मिलती है जो की डॉक्टर जरुरत होने पर आपको लेने की सलाह दे सकते हैं।
डेंगू बुखार मे क्या खाना चाहिए? (Dengue diet in Hindi)
डेंगू मे रोगी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसका विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
- तीखा और मसालेदार खाना: डेंगू मे रोगी को तीखा और मसालेदार खाना नहीं देना चाहिए। डेंगू मे रोगी को कई तरह की दवा लेना होता है जिससे पेट मे acidity और gas की समस्या हो सकती है साथ ही प्लेटलेट्स की संख्या कम होने से पेट मे छोटे छोटे छाले पड़ जाते है जिस कारण भूक की कमी और पेट काफी sensitive हो जाता है। ऐसे मे रोगी को अगर आप तीखा और मसालेदार खाना खाने को देते है तो रोगी को उलटी, पेट मे जलन, पेट फूलन और पेट मे दर्द जैसी शिकायत हो सकती हैं। रोगी को साधा खाना ही देना चाहिए जैसे की मूंग दाल की खिचड़ी, सादी दाल और चावल, ईडली, उपमा, नारियल पानी, पोहा, रोटी, भेंड़ी, पालक, बीटरूट की सब्जी आदि।
- अल्प आहार : डेंगू के रोगी को एक साथ पेट भर कर नहीं खाना चाहिए। हर 3 या 4 घंटे से थोड़ा थोड़ा खाना देना चाहिए। रोगी को खाने के लिए जबरदस्ती भी नहीं करना है।
- पानी: डेंगू मे सबसे जरूरी है की रोगी के शरीर मे पानी की कमी नहीं रहना चाहिए। रोगी को जीभ दिखाने के लिए कहे और अगर रोगी की जीभ सुखी हुई (dry) है तो समझ लेना चाहिए की शरीर मे पानी की कमी है। रोगी को पानी, नारियल पानी, नींबू पानी, मौसम्बी का जूस दे सकते है।
- फल: डेंगू के रोगी को आप सेब, पपीता, कीवी, तरबूज, अनार, ड्रैगन फ्रूट, चीकू, केला जैसे मौसमी ताजे फल खाने के दे सकते है।
डेंगू के रोगी को कब अस्पताल में दाखिल होना चाहिए?
ऐसे तो डेंगू के रोगी को कब अस्पताल में दाखिल होना चाहिए इसका फैसला ईलाज करने वाले डॉक्टर को ही करना चाहिए। कुछ विशेष लक्षण है जब डेंगू के रोगी को अस्पताल में दाखिल होना चाहिए।
- प्लेटलेट्स संख्या: अगर रोगी का प्लेटलेट्स रोज कम हो रहा है और 1 लाख से कम हो गया है तो एहतियात के तौर पर रोगी ने हॉस्पिटल मे admit होना चाहिए ।
- बुखार: अगर डेंगू के रोगी को दिन मे 2 से 3 बार 102 F से ज्यादा बुखार या रहा है और दवा लेने पर भी कम नहीं हो रहा है तो अस्पताल मे दाखिल होना बेहतर होता है।
- कमजोरी: अगर डेंगू के बुखार के कारण रोगी को ज्यादा कमजोरी या गई है और रोगी कुछ ठीक से नहीं खाना खाता है तो अस्पताल मे दाखिल हो जाना चाहिए।
- लक्षण: अगर रोगी को कुछ भी खाने या पीने पर उलटी हो रही है, दिनभर मे 6 से 8 बार जुलाब हो रहे है, चक्कर या रहे है या आँख / नाक / चमड़ी के नीचे खून बह रहा है (bleeding) तो ऐसे लक्षण नजर आने पर तुरंत रोगी को हॉस्पिटल मे दाखिल कर लेना चाहिए।
डेंगू बुखार से जुड़े सवालों के जवाब
डेंगू बुखार से बचने के लिए कौन से वैक्सीन लेना चाहिए ? (Dengue vaccine in Hindi)
डेंगू बुखार से बचने के लिए फिलहाल Qdenga और Dengvaxia यह दो वैक्सीन बन चुकी है। Qdenga वैक्सीन 2022 मे उरोपियन देशों मे मान्य हुई है और Dengvaxia वैक्सीन 2016 से फिलीपींस और इंडोनेशिया मे उपयोग हो रही है।
भारत मे फिलहाल कोई डेंगू की वैक्सीन को मान्यता नहीं दी गई है ।
डेंगू बुखार की Dengvaxia वैक्सीन कब लेना चाहिए ?
डेंगू बुखार से बचाव के लिए Dengvaxia वैक्सीन दी जाती है। यह वैक्सीन 9 वर्ष से 16 वर्ष के आयु के व्यक्ति को दी जाती है। यह वैक्सीन केवल उन लोगों को ही दी जा सकती है जिन्हे पहले डेंगू बुखार रोग हो चुका है। इससे लाभ यह है की अगर दुबारा डेंगू होने का खतरा कम होता है और अगर डेंगू होता भी है तो वह ज्यादा गंभीर नहीं होगा। इस वैक्सीन के 3 dose लेना होता है जो 6 महीने के अंतराल से लेना होता है। इसकी वैक्सीन की मात्रा 0.5 ml है जो चांदी के नीचे sub cutaneous दी जाती है। इस वैक्सीन की कीमत लगभग 9 से 10 हजार तक है।
अगर आपको पहले डेंगू नहीं हुआ है तो अपने यह वैक्सीन नहीं लेना चाहिए क्योंकि अगर
आपने वैक्सीन ले लिए और आपको बाद मे डेंगू बुखार होता है तो तबीयत बिगड़ सकती है।
Dengvaxia वैक्सीन का उपयोग कुछ देशों मे हो रहा है पर clinical trial मे इनका परिणाम इतना असरदार नहीं है इस कारण भारत मे फिलहाल इस वैक्सीन का उपयोग करने की मान्यता नहीं दी गई है ।
डेंगू से ठीक होने मे कितना समय लगता हैं ?
डेंगू बुखार के ज्यादातर मरीज डेंगू बुखार के लक्षण आने के बाद 10 से 15 दिनों के अंदर ठीक हो जाते है। कुछ रोगी मे ज्यादा प्लेटलेट्स कम होने की स्तिथि मे ठीक होने मे और पूरी तरह से कमजोरी दूर होने मे 1 महीने तक का समय लग सकता है।
डेंगू बुखार की सबसे अच्छी दवा कौन सी है ? (Best medicine for Dengue)
डेंगू बुखार की अभी तक कोई विशेष Anti Dengue दवा नहीं बनी है। डेंगू बुखार मे symptomatic treatment यानि रोगी के लक्षण के अनुसार ईलाज किया जाता है जैसे बुखार आने पर Paracetamol की गोली देना और Loose motions की शिकायत होने पर Probiotics दवा देना। डेंगू बुखार मे आयुर्वेदिक दवा मे Papaya Extract और गिलोय का उपयोग किया जाता है जो डेंगू बुखार के खिलाफ रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है और प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाता हैं।
क्या डेंगू के रोगी को पपीते के पत्तों का रस पिलाना जरूरी है ? (Papaya juice in Dengue)
डेंगू के रोगी को पपीते के पत्तों का रस पिलाना जरूरी नहीं है। ऐसा अभी तक कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है जो कहता है की पपीते के पत्तों का रस पिलाने से 100% रोगी के प्लेटलेट्स बढ़ते है। मैंने पिछले 15 वर्षों के मेडिकल प्रैक्टिस मे ऐसे कई डेंगू के रोगी देखे है जिनके प्लेटलेट्स बिना पपीते के पत्तों का रस पिए बढ़ गए है और ऐसी भी देखे है जिनके पपीते के पत्तों का रस पीने के बाद भी प्लेटलेट्स घटे है।
अगर रोगी पपीते के पत्तों के रस को पचाने मे सक्षम है तो आप रोगी को पपीते के पत्तों का रस पीला सकते है पर अगर उसे पेट फूलना, पेट मे दर्द और पेट मे जलन की शिकायत है तो पपीते के पत्तों का रस पिलाने की जबरदस्ती न करे इससे रोगी को तकलीफ हो सकती हैं। अगर डेंगू के शुरुआत मे ही जब प्लैट्लट 1 लाख के ऊपर है तब पपीते के पत्तों का रस पिलाए तो बेहतर है क्योंकी तब रोगी का पेट भी ठीक रहता है।
अब पपीते के पत्तों के रस से extract निकालकर उससे जो दवा बनती है वह उपलब्ध है इसलिए अगर रोगी को पपीते के पत्तों का रस पीना पसंद नहीं है तो यह दवा ले सकते हैं। पपीते के पत्तों का रस देना है तो आपको उससे ठीक तरह से बनाना भी आना चाहिए इसका ध्यान रखे। खराब पपीते के पत्ते और गलत तरीके से पपीते के पत्तों का रस बनाने से रोगी का पेट खराब होकर जुलाब और उलटी की समस्या हो सकते हैं ।
उपयोगी जानकारी – पपीते के पत्तों का रस बनाने का तरीका क्या है ?
क्या आप जानते है – डेंगू के रोगी को कैसे आहार / diet देना चाहिए ?
डेंगू बुखार मे ज्यादातर मरीज रोग प्रतिरोधक शक्ति अच्छी होने पर बिना ईलाज ठीक हो सकता है पर अगर बुखार और कमजोरी ज्यादा है तो तुरंत डॉक्टर से जाँच और ईलाज करा लेना चाहिए ।
अगर आपको डेंगू बुखार – कारण, लक्षण, निदान और ईलाज | Dengue in Hindi यह जानकारी उपयोगी लगी है तो कृपया इसे अपने मित्र परिवार के साथ शेयर जरूर करे। अगर आपका डेंगू बुखार से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो नीचे कमेन्ट बॉक्स मे जरूर पूछे।
Reference:
- CDC – Dengue information: https://www.cdc.gov/dengue/index.html
- Mayoclinic – Dengue symptoms and treatment: https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/dengue-fever/symptoms-causes/syc-20353078
- World Mosquito Program – Dengue: https://www.worldmosquitoprogram.org/en/learn/mosquito-borne-diseases/dengue
- National Institute of Health – Dengue Study: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK430732/
- Nature Journal – Dengue Transmission: https://www.nature.com/scitable/topicpage/dengue-transmission-22399758/
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
than xfor awareness
Thanks sir
Itni sari jankari ke liye.
तानियाजी,
हमें ख़ुशी है की आपको यहाँ दी हुई जानकारी उपयोगी लगी l वेबसाइट पर भेट देने हेतु धन्यवाद !!
Thanks for info
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thnxxx
thnxx for important information about dengue.
sir mujhe dengu ho gaya hai meri Platelet 88 ho gai mai ise kaise badhau pls help me
shukriyaaaa
भानु पदलिया जी, ऐसी कोई विशेष दवा नहीं है जिससे प्लेटलेट बढाया जा सकता हैं. आप पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ ले और समतोल आहार लीजिये.
डेंगू में कैसा आहार लेना चाहिए इसकी अधिक जानकारी के लिए यह लेख पढ़े – http://www.nirogikaya.com/2015/10/diet-food-tips-dengue-patients-hindi.html
i wanted it in full hindi but its ok.
shukriya hindi mein batane ka….
Hindi me dengue ki jankari ke liye sukriya
Alot of thanks, for posted this type guidence….
डेंगू के बारे में सरल शब्दों में जानकारी देने के लिए आपका धन्यबाद /
Thanks!
Gud knowledge of dengue thankss for information sir
Thanks….
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Thanks for detailed about dengue
It help me to a lot
Thnx sir very nice
thanx
Thanks
useful and valuable info
Good information!
Doctor se check krvane k bad bhi dengue ka temperature low kaise or kyo ata h …..
डेंगू का बुखार कुछ रोगियों में 7 से 10 दिन तक भी आ सकता हैं.
Thanx to u sir
Thankd
Very-2 thanks for giving dengue symptoms and prevention…
i like you article… it is very helpful for people….thanku for information…
Great info….
Thank you all for your comments. Mujhe khushi hai ki apko Dengue fever in Hindi ki jaankari upyogi lagi. Krupaya ise apne friends ke saath share avshya kare.