Hospital Acquired Infection



अस्पताल जनित रोग / Hospital Acquired Infection

जब आप अस्पताल में बीमार होने के कारन दाखिल / admit होते है, तब चिंता होना स्वाभाविक है। आप और आपके रिश्तेदार की यही सोच होती है की जब तक आप पूरी तरह से ठीक न हो जाए, आप अस्पताल में ही रहेंगे और अस्पताल से छुट्टी / discharge नहीं लेंगे। आप इस बात से अनजान होंगे और जानकर हैरान भी होंगे की, अस्पताल में ज्यादा समय तक रहने से आपको अन्य अस्पताल जनित रोग / Hospital Acquired Infection होने का बहुत ज्यादा खतरा हो सकता है !

अस्पताल जनित रोग / Hospital Acquired Infection क्या है ?

अस्पताल में भर्ती रहते हुए आपको कोई अन्य बीमारी हो सकती है। कोई नई बीमारी जो आपको अस्पताल में भारती होने के बाद होती है, जब की आप किसी अन्य बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होते है; उसे अस्पताल जनित रोग / Hospital Acquired Infection or Nosocomial Infection कहते है। यह नई बीमारी आपके शरीर के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है।

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अस्पताल जनित रोग के उदाहरण / example निचे दिए है :

  • पेशाब नली में संक्रमण / Urinary Tract Infection (UTI) : यह काफी सामान्य प्रकार का अस्पताल जनित रोग है। मरीज में काफी समय तक पेशाब के नली / Urinary Catheter का इस्तेमाल करने पर UTI होने का खतरा रहता है। 
  • घाव में संक्रमण / Infection at operated site : Surgery के दौरान ठीक से सफ़ाई न होने पर दूषण / contamination होने से घाव में संक्रमण हो सकता है। 
  • फेफड़े में संक्रमण / Pneumonia (Lung Infection) : जो मरीज ICU में कृत्रिम श्वसन प्रणाली / ventilators पर होते है उनमे Pneumonia या फेफड़े में संक्रमण का खतरा अधिक होता है। 
  • त्वचा रोग / Skin Infection : लम्बे समय तक अस्पताल में रहने से Ulcer, Bed Sores या Fungal Infection हो सकता है। 
  • पेट की समस्या / Gastro-Intestinal Infection : भारी Antibiotics, दर्दनाशक दवा और दूषित खाने से या पिने से उलटी, दस्त लगना या पेटदर्द इत्यादि पेट की समस्या हो सकती है। 
  • गर्भाशय में संक्रमण / Endometritis : प्रसूति के समय या बाद में ठीक से देखभाल न करने पर और दूषण के कारन गर्भाशय में संक्रमण हो सकता है। 
  • अन्य रोग / Other Diseases : ऊपर दिए उदहारण के अलावा Eye Infection, Meningitis, Sinusitis, Infection at Injection site, Tuberculosis इत्यादि अस्पताल जनित रोग हो सकते है।   

अस्पताल जनित रोग / Hospital Acquired Infection कैसे होता है ? 

अपनी बिगड़ी हुई सेहत को ठीक करने का सबसे श्रेष्ट स्थान अस्पताल है। बहुत सारे अलग-अलग बीमारी से पीड़ित लोग अस्पताल में एक ही छत के निचे होने के कारन एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति को संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ा देता है। आपको किसी अन्य रोगी से, मिलने वालो से, अस्पताल कर्मचारी के संपर्क से, दूषित हवा, पानी या खाने से, किसी वस्तु या दवा से, या फिर खुद के शरीर में मौजूद जीवाणु से अस्पताल जनित रोग हो सकता है। 
अस्पताल जनित रोग ज्यातर Bacteria, Virus या Fungi के कारण होते है। ऐसे तो यह सभी Bacteria, Virus या Fungi हमेशा हमारे आस-पास हवा, पानी या अन्न में कुछ प्रमाण में मौजूद होते है, पर हमारी रोग प्रतिकार शक्ति / Immunity इनसे हमारा बचाव करती है। बीमार होने के कारण जब हमारी रोग प्रतिकार शक्ति कमजोर होती है, तब इन  Bacteria, Virus या Fungi के कारण अन्य बीमारी आसानी से हो सकती है।
अस्पताल जनित रोग होने की ज्यादा आशंका किसे होती है ?
अस्पताल जनित रोग होने की ज्यादा आशंका निचे दिए गए लोगो में होती है :
  • कम उम्र के बच्चे 
  • 50 साल से ज्यादा उम्र के मरीज
  • जिनकी रोग प्रतिकार शक्ति कम है 
  • लम्बे समय से बीमार व्यक्ति जैसे Diabetes, Hypertension, Cancer 
  • कुपोषित / Undernourished मरीज 
  • तंबाखू , सिगरेट, बीडी, दारू लेने वाले मरीज 
अस्पताल जनित रोग / Hospital Acquired Infection से बचने के उपाय क्या है ?
अस्पताल जनित रोग / Hospital Acquired Infection से बचने के उपाय निचे दिए गए है :
  • अस्पताल में सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 
  • अस्पताल के सभी कर्मचारी को व्यक्तिगत स्वच्छता और अस्पताल के सभी उपकरण की स्वच्छता और निर्जन्तुकीकरण पर खास ध्यान देना चाहिए। 
  • Antibiotics का उपयोग, डॉक्टर की सलाह लेकर आवश्यकता होने पर ही करना चाहिए। Antibiotics का बेवजह और बिना डॉक्टर की सलाह पर उपयोग करने से जीवाणु में उस Antibiotic के लिए प्रतिरोध / resistance निर्माण हो जाता है और भविष्य में दोबारा संक्रमण होने पर ज्यादा असरदार और महंगी Antibiotic का उपयोग करना पड़ता है।
  • हमेशा ऐसे अस्पताल में दाखिल होना चाहिए जहा पर सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है। 
  • ध्यान रखे की आपके लिए अस्पताल में उपयोग में लिए गए सभी साहित्य या उपकरण नए है और उनका इस्तेमाल स्वच्छतापूर्वक किया जा रहा है।
  • अगर आपकी आर्थिक स्तिथि अच्छी है तो हमेशा विशेष कक्ष / Special Room में भर्ती होना चाहिए जिससे अन्य मरीजो से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। 
  • मरीज के खाने पिने का विशेष ख़याल रखे। डॉक्टर की सलाह अनुसार मरीज को घर का बना हुआ संतुलित आहार और स्वच्छ पानी देना चाहिए। 
  • व्यक्तिगत स्वच्छता का ख्याल रखे। हमेशा खाने से पहले अच्छे से हात धोए और नहाने की मनाई होने पर गुनगुने पानी से अच्छे से शरीर को साफ़ / sponging कर ले। 
  • डॉक्टर की सलाह अनुसार जितने दिन डॉक्टर कहे उतने दिन ही अस्पताल में रहे। Mediclaim है, छुट्टी चाहिए या आराम करना है इसलिए ज्यादा दिन अस्पताल में रुकने की जिद न करे।  

“Longer the hospital stay, Greater is the risk.”





  • निचे दिए गए श्रेणी में आनेवाले रोगी / मरीज के दोस्त और रिश्तेदार को अस्पताल में आने से मना करे क्योंकि इन्हें अस्पताल के अन्य मरीजो का संक्रमण होने का खतरा रहता है। जैसे की : 
  1. 60 साल से ज्यादा उम्र के व्यस्क
  2. 10 साल से कम उम्र के बच्चे  
  3. गर्भिणी /Pregnant महिला 
  4. जिनकी रोग प्रतिकार शक्ति कम है 
  5. कुपोषित / Undernourished मरीज      
  6. लम्बे समय से बीमार व्यक्ति जैसे Diabetes, Hypertension, Cancer   
ध्यान रहे, आवश्यकता होने पर डॉक्टर की सलाह अनुसार अस्पताल में भर्ती होना जरुरी है और जितने दिन तक डॉक्टर कहे उतने दिन तक अस्पताल में रुकना भी जरुरी है। डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारी के साथ-साथ आपकी भी जिम्मेदारी है की अस्पताल को साफ़ सुधरा रखे और अपनी बीमारी या संक्रमण किसी और व्यक्ति या रोगी को न हो इसका ख्याल रखे।

Image courtesy : AKARAKINGDOMS at FreeDigitalPhotos.net

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