लगभग सभी धर्मो में, भगवान के निकट पहुचने के लिए उपवास (Fasting) को सबसे श्रेष्ठ उपाय माना गया हैं। धार्मिक मान्यता के परे यह भी निर्विवाद सत्य हैं की उपवास करने से शरीर को स्वस्थ और निरोगी रखा जा सकता हैं। शायद उपवास के स्वास्थ्य संबंधी इस महत्व को समझ कर ही हमारे पूर्वजो ने इसे धार्मिक रिती-रिवाजो से जोड़ा हैं।
आयुर्वेद समेत लगभग सभी चिकित्सा पद्धति उपवास करने की सलाह देती हैं। आयुर्वेद में तो इसे सर्वोत्तम औषध माना गया हैं। अगर हम एक दिन भी सही तरीके से उपवास करते है तो हमारे शरीर में मौजूद जहरीले तत्व (toxin), कैंसरकारी पेशी और आम का नाश होता हैं।
उपवास कैसे करना चाहिए और उपवास करने के क्या फायदे है इस संबंधी अधिक जानकारी इस लेख में निचे दी गयी हैं :
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उपवास कैसे करना चाहिए ? (How to do fasting in Hindi)
हर व्यक्ति को अपने क्षमता और शारीरिक स्तिथि के हिसाब से उपवास करना चाहिए। उपवास करने का सबसे सुरक्षित तरीका है की एक समय के उपवास से शुरुआत करना। आप किसी दिन शाम के समय भोजन का त्याग कर उपवास शुरू कर सकते हैं। भोजन की जगह इन पदार्थो पर रहते हुए दिन निकाल सकते हैं :
- ताज़ी सब्जियों का रस
- फल
- पानी
- ताजे फलो का रस
- बिना पकी कच्ची साफ़ सब्जिया
शुरुआत में एक समय और फिर एक दिन का उपवास, इस तरह बढ़ाकर धीरे-धीरे आप अपनी क्षमता अनुसार उपवास का समय बढ़ा सकते हैं। उपवास करने से पहले अगर आपको कोई रोग है तो डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए। उपवास करने पर उलटी या दस्त हो कर शरीर के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। उपवास से ज्यादा तकलीफ होने पर उपवास रोक देना चाहिए। उपवास करने के बाद अगले दिन निम्बू पानी, जूस, फल या हलके भोजन से ही शुरुआत करना चाहिए।
उपवास का मतलब भूके मरना नहीं हैं। उपवास का मतलब हमारे पाचन तंत्र को आराम देना और उसे मजबूत करना होता हैं। उपवास करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए की “अति सर्वत्र वर्जयते” के हिसाब से क्षमता से अधिक और अवैज्ञानिक तरीके से उपवास करने से शरीर को हानी पहुच सकती हैं।
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उपवास में क्या नहीं खाना चाहिए ? (Foods to avoid in Fasting in Hindi)
आजकल के मॉडर्न उपवास में लोग हर दिन की तुलना से डबल खाना खा लेते है और खाते भी ऐसा है जिसे पचाने के लिए पाचन तंत्र को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती हैं। ऐसा उपवास करने से, लाभ मिलने की जगह हानी अधिक होती हैं।
उपवास में निचे दी गयी चीजे नहीं खाना चाहिए :
- पकी हुई सब्जिया
- ब्रेड
- बिस्किट
- पास्ता
- रोटी
- चाय
- फ़ास्ट फ़ूड
- आलू के चिप्स
- साबूदाने की खिचड़ी
- मूंगफली के दाने
- फरियाली मिक्सचर
- तैयार भोजन – Readymade food or Packaged food
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उपवास के फायदे क्या हैं ? (Health benefits of Fasting in Hindi)
आयुर्वेद में बिमारी को दूर करने के लिए शरीर के विषैले तत्वों को दूर करने की बात कही जाती है और उपवास करने से इन्हें शरीर से निकाला जा सकता हैं। इसीलिए “लंघनम सर्वोत्तम औषधं” यानि उपवास को सर्वश्रेष्ठ औषधि माना जाता हैं। उपवास के औषधीय गुणों के साथ निम्नलिखित अन्य फायदे भी हैं :
- पाचन : पाचन तंत्र मजबूत होता हैं।
- आत्मविश्वास : आत्मविश्वास बढ़ता हैं।
- रोगप्रातिकार शक्ति : रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ती हैं।
- भूक : भूक नियंत्रित हो जाती हैं। जिन्हें कम भूक लगती थी उन्हें सामान्य लगना शुरू हो जाता है और जिन्हें अधिक भूक लाहने की समस्या होती है उनकी भूक सामान्य हो जाती हैं।
- चयापचय : चयापचय गति (Metabolism) संतुलित हो जाती हैं।
- मधुमेह : उपवास करने से Insulin sensitivity बढ़ जाती है जिससे की महुमेह होने का खतरा कम हो जाता हैं।
- कैंसर : कर्करोग (Cancer) में लक्षणों में कमी आती हैं।
- मोटापा : वजन नियंत्रण करने में सहायक हैं।
- ऊर्जा : शरीर के सभी अवयवो में उर्जा का संचार होता हैं।
- बहुउपयोगी : अस्थमा, उच्च रक्तचाप, थकान, पाचन समस्या, आर्थराइटिस, मनो विकार जैसे रोग को कम करने में सहायक हैं।
- त्वचा : त्वचा संवेदनशील, नर्म, सुन्दर और रेशमी हो जाती हैं। मुंहासो की समस्या में कमी आती हैं।
- आँत : आतों में भोजन के रस का शोषण करने की क्षमता में वृद्धि होती हैं।
- तंत्रिका प्रणाली : तंत्रिका तंत्र (Nervous system) में संतुलन कायम रहता हैं।
- निरोगिकाया : उपवास करने वाले व्यक्ति ज़्यादा समय तक निरोगी जीवन जी सकते हैं
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उपवास में क्या सावधानिया बरतनी चाहिए ?
उपवास में निम्नलिखित सावधानिया बरतनी चाहिए :
- अगर आप किसी असाध्य या लंबी बिमारी से पीड़ित हैं तो उपवास करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेना चाहिए।
- मधुमेह के रोगी, गर्भवती महिलाए और स्तनपान करा रही माताओ को उपवास नहीं करना चाहिए।
- अपने शारीरिक क्षमता से अधिक उपवास नहीं करना चाहिए।
- उपवास करते समय ज्यादा तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- हमेशा धीरे-धीरे छोटे अंतराल के लिए उपवास से शुरुआत करना चाहिए। जैसे शरीर को उपवास का अभ्यास हो जाये वैसे उपवास का समय बढ़ाना चाहिए।
- उपवास के दिन अधिक परिश्रम का कार्य नहीं करना चाहिए।
- उपवास ख़त्म करने के बाद अचानक भारी आहार नहीं लेना चाहिए।
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उपवास से जुड़े सवालों के जवाब
कम से कम उपवास कितने देर करना चाहिए ?
आमतौर पर, कम से कम उपवास 12 घंटे का होता है। इसमें रात का खाना छोड़ना और अगले दिन सुबह का नाश्ता देर से करना शामिल है।
उपवास में ठंडा पानी पीना चाहिए यह गर्म ?
उपवास में ठंडा या गर्म पानी पीना है यह व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता हैं। आमतौर पर अगर साधारण रूम तापमान का पानी पिए तो बेहतर रहता हैं।
उपवास कैसे तोडना चाहिए ?
उपवास तोड़ते समय भारी भोजन से बचें। फल, सूप, दही जैसे हल्के खाद्य पदार्थों से शुरुआत करें। धीरे-धीरे भोजन की मात्रा और विविधता बढ़ाएं।
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इस तरह आप सही तरीक़े से उपवास कर अपने शरीर को निरोगी रख सकते और मानसिक शांति को भी प्राप्त कर सकते है।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
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