Aerobic Exercise के फायदे और विधि

एरोबिक व्यायाम (Aerobic Exercise), यह व्यायाम की एक लोकप्रिय पाश्चात्य चिकित्सा पद्धति है। Aerobic का वैज्ञानिक अर्थ है शरीर में ऑक्सीजन की अधिक मात्रा यानी शुद्ध और ताजी हवा को कसरत व श्वास के माध्यम से शरीर में पहुंचाना। व्यायाम की इस पद्धति से श्वास, हृदय की धड़कन, रक्तचाप आदि उचित रूप से नियंत्रित हो जाते हैं और शरीर में ऑक्सीजन की कमी पूरी हो जाती है। अर्थात यह मुख्यतः कार्डिओवस्क्युलर एवम रेस्पिरेटरी फिटनेस एक्सरसाइज है। 

Aerobic यूरोप से भारत में आयी हुई व्यायाम पद्धति है। इस विधि को आरंभ करने का श्रेय योग चिकित्सक कैनेथ एच कुपर को जाता है। कुपर की दो पुस्तकों ” एरोबिक्स ” और  ” द एरोबिक्स वे ” ने व्यायाम की की इस पद्धति को काफी लोकप्रियता दिलाई है। 
एरोबिक्स यह व्यायाम की ऐसी मजेदार पद्धति है जिसमें व्यक्ति बोर नहीं होता और साथ ही शरीर की कसरत होती है सो अलग। एरोबिक्स पद्धति के तहत नृत्य संगीत एवं उपकरणों की मदद से व्यायाम कराये जाते हैं। 

Aerobic Exercise से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

Aerobic Exercise के फायदे और विधि Steps and benefits of Aerobic exercise in Hindi

Health benefits of aerobic exercise in Hindi

क्या हैं Aerobic व्यायाम पद्धति ?

आमतौर पर Aerobic की दो शैलियां प्रचलित है। पहली फ़्लोर एरोबिक और दूसरी स्टेप एरोबिक। TV पर फ्लोर एरोबिक अधिक लोकप्रिय है लेकिन इस शैली में अधिक स्थान की जरूरत पड़ती है। जबकि स्टेप एरोबिक में कम स्थान में ही काम चलाया जा सकता है। एरोबिक की शैली चाहे कोई भी हो इसके लिए प्रशिक्षण बहुत जरूरी है।
इसके अलावा 
Aerobic में हम घूमना, तेज चलना, दौड़ लगाना, जोगिंग करना, नृत्य, तैराकी, साइकलिंग, स्केटिंग आदि व्यायाम के तरीके का भी समावेश कर सकते हैं।

Aerobic exercise के फायदे क्या हैं ?

आइये, जानते है एरोबिक्स के फायदे :- 

  • तन और मन का व्यायाम : नियमित रूप से Aerobic व्यायाम करने से शरीर चुस्त-दुरुस्त व निरोगी रहता है। Aerobic यह ना सिर्फ शरीर का बल्की मन का भी व्यायाम है। इससे आपका तनाव कम होता है। साथ ही संगीत की धुन से आपका मन प्रसन्न रहता है।
  • एक्टिव शरीर : एरोबिक्स में शरीर को हिलाने-डुलाने से हृदय और फेफड़ों की अच्छी कसरत हो जाती है तथा शरीर में रक्त का संचरण बढ़ता है। ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता में वृद्धि होने से प्रत्येक अंग और पेशियों में शुद्ध रक्त पहुंचता है, जिससे अंगो की क्रियाशीलता बढ़ती है। 
  • नियंत्रित ब्लड प्रेशर : एरोबिक्स से शरीर का वसा व कोलेस्ट्रोल नियंत्रित रहता है। रक्तचाप भी नियमीत होता है।
  • तेज दिमाग : एरोबिक्स से मस्तिष्क को बेहतर ऑक्सीजन मिलता है, मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ़ती है, जिससे आप अपने आप को तरोताजा व उत्साह से पूर्ण महसूस करते हैं।
  • याददाश्त : एरोबिक्स जैसे हल्के व्यायाम पद्धति से अल्जाइमर्स या डिमेंशिया से ग्रसित व्यक्ति की याददाश्त और सोचने समझने की शक्ति बढ़ती है।
  • मोटापा : लगातार एरोबिक व्यायाम करने से शरीर की चर्बी घटने लगती है। जिन्हें मोटापे की शिकायत है उनके लिए एरोबिक आदर्श व्यायाम है। 
  • स्फूर्ति : Aerobic का अभ्यास करते समय शरीर की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की खपत बढ़ जाती है। ग्लुकोज व कार्बोहाइड्रेट की उपस्थिति में ऑक्सीजन आग में घी जैसा काम करती है। इनकी क्रिया से ऊर्जा उत्पन्न होती है जिससे थके हुए ऊतक फिर से सक्रिय हो जाते हैं।

कैसे करे Aerobic exercise ?

एरोबिक सेंटर्स में प्रशिक्षक की उपस्थिति में आप एरोबिक व्यायाम कर सकते हैं। व्यायाम का समय लगभग 60 मिनट तय होता है। शुरुआत में 20 min से शुरू कर धीरे धीरे समय बढ़ाए।

  • Aerobic को आप नियमीत करे या सप्ताह में 5 दिन अवश्य करे। आप दिन के कोई भी समय मे कर सकते है , बशर्ते आपका पेट खाली हो। सुबह का समय सर्वोत्तम रहता है। 
  • सर्वप्रथम करीब 15 मिनट तक खड़े होकर शरीर को गर्म रखने के लिए अर्थात वार्मअप के लिए व्यायाम कराए जाते हैं। व्यायाम की कुछ क्रियाएं पीटी क्रियाओं जैसी होती है।
  • शरीर को गर्म करने वाले व्यायाम के बाद एरोबिक की मूल प्रक्रिया शुरु होती है और इनकी समय अवधि 20 से 30 मिनट होती है। व्यायाम के दौरान हृदय गति करीब 20 मिनट तक बढ़ी रहनी चाहिए। अलग अलग उम्र के लोगों की अधिकतम हृदय गति पहले से निर्धारित होती है। आखरी 10 min कूल डाउन या स्ट्रेचिंग व्यायाम किये जाते है। 
  • पहले 3 से 4 दिन कार्डिओरेस्पिरेटरी व्यायाम करने चाहिए एवम आखरी 2 से 3 दिन वेट ट्रेनिंग व कोर स्ट्रेनथिंग के व्यायाम करने चाहिए। फ्लेक्सिबिलिटी स्ट्रेचिंग हर दिन कर सकते है।
  • शुरू में  भारी व्यायाम नहीं करना चाहिए अन्यथा बदन और जोड़ों में दर्द हो सकता है। वैसे भी एरोबिक्स में व्यायाम का स्तर न अधिक होता न कम। एरोबिक की आदत पड़ने पर इसे अचानक भी नहीं छोड़ना चाहिए वरना मोटापा लौट सकता है। 
  • एरोबिक के ऑडियो और वीडियो सीडी बाजार से खरीदे जा सकते हैं। जो लोग काफी समय से नियमित एरोबिक व्यायाम करते आ रहे हैं उनके लिए अलग तरह की CDs है और जिन्होंने एरोबिक व्यायाम को अभी शुरु ही किया है उनके लिए भी अलग तरह की सीडी मार्केट में उपलब्ध है। आप प्रशिक्षक की सहायता से भी एरोबिक्स सिख सकते है।
  • रिदम के बिना एरोबिक संभव नहीं लेकिन इसके लिए संगीत का वेग 118 से 122 फीट प्रति मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए। 
  • एरोबिक्स व्यायाम की विशेषता यह है कि इनमें विविधता होती है। 
  • चिकित्सक के अनुसार एरोबिक जैसे व्यायाम शरीर की बनावट के हिसाब से ही करना चाहिए। उचित यही रहेगा कि एरोबिक व्यायाम शुरू करने से पहले आप चिकित्सक की सलाह ले जो आपके रक्तचाप, हृदय गति, वजन,  शारीरिक क्षमता और अंगो की क्रियाशीलता के अनुसार आपको सही निर्देश दे सकता है।
  • दूसरे कसरतों की तरह ही एरोबिक्स के दौरान आपको पौष्टिक एवं समतोल आहार लेना चाहिए ताकि व्यायाम के लिए आवश्यक ऊर्जा आपको प्राप्त हो सके। इसमें आपको आपके आहार में करीब 60 से 70 % कार्बोहाइड्रेट,  15 से 25 % प्रोटीन एवं 15 से 20 % वसा, साथ मे विटामिन, मिनरल्स एवम खनिज को शामिल करना चाहिए। फ्रूट्स, सलाद, दूध, दही , पनीर, साबुत अनाज, नट्स से युक्त आपका आहार होना चाहिए। पानी का सेवन भी उचित मात्रा में करे। 
  • ध्यान रहे, व्यायाम के पहले कोई भारी आहार न ले।

इस तरह एरोबिक्स यह व्यायाम प्रकार आपके तन और मन दोनों को चुस्त-दुरुस्त प्रसन्न रखता है, अतः इसे अपने जीवन शैली का हिस्सा जरूर बनाए एवं फिट रहे।
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