रक्त का कैंसर जिसे मेडिकल भाषा में Blood Cancer (ब्लड कैंसर) या Lukemia कहा जाता है, एक बड़ी भयानक जानलेवा बीमारी हैं। जिस तरह शरीर के अंदर पेट में, गले में, गर्भाशय में या ब्रैस्ट में कैंसर रोग होता है ठीक उसी प्रकार कैंसर की घातक पेशी रक्त में निर्माण होने पर इसे Blood Cancer कहा जाता हैं।
शरीर में Bone Marrow के भीतर सामान्य रूप से रोजाना रोग से लड़नेवाले हजारों सफ़ेद रक्त पेशी जिन्हें White Blood Cells या WBC कहा जाता हैं, निर्माण होती हैं। ब्लड कैंसर में बोन मेरो ठीक से काम नहीं कर पाता और इसमें विकृत कैंसरकारी WBC निर्माण होती हैं। इस वजह से धीरे-धीरे रोगी की रोग प्रतिकार शक्ति कमजोर हो जाती है और रोगी की मृत्यु भी हो जाती हैं।
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Blood Cancer क्या है और इसके कारण, लक्षण और निदान कैसे किया जाता हैं इससे जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
ब्लड कैंसर क्या हैं ? (What is Blood Cancer in Hindi)
रक्त में रोजाना हजारों सफ़ेद रक्त पेशी (White Blood Cells) निर्माण होती है और हजारों सफ़ेद पेशी नष्ट होती हैं। एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में एक cumm रक्त में 4 हजार से 10 हजार WBC होती हैं। ब्लड कैंसर में बोन मेरो (Bone Marrow) में कुछ ऐसे कैंसर की असामान्य सफ़ेद रक्त पेशी निर्माण होती है जो नष्ट नहीं होती हैं जिस वजह से इनका प्रमाण रक्त में बेहद ज्यादा बढ़ जाता है। इन कैंसरकारी WBC की संख्या बढ़ जाने से शरीर में स्वस्थ WBC निर्माण होना कम हो जाता है जिसके परिणाम स्वरुप रोगी की रोग प्रतिकार शक्ति कमजोर हो जाती है।
Blood Cancer व्यक्ति को किसी भी आयु में हो सकता है पर यह होने का खतरा 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगो में अधिक होता हैं। ब्लड कैंसर के मुख्य प्रकार है तीव्र (Acute) ब्लड कैंसर और जीर्ण (Chronic) ब्लड कैंसर। ब्लड कैंसर के अन्य 3 प्रकार हैं ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मायलोमा।
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ब्लड कैंसर के लक्षण क्या हैं ? (Blood Cancer symptoms in Hindi)
Blood Cancer के लक्षण उसके प्रकार के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं।
सामान्य लक्षण:
- लगातार थकान: थोड़ी सी गतिविधि में भी थकान महसूस होना।
- संक्रमण का खतरा बढ़ जाना: बार-बार बुखार, सर्दी-जुकाम, गले में खराश, या अन्य संक्रमण होना।
- आसानी से चोट लगना: बिना किसी कारण के चोट लगना या चोट का जल्दी न भरना।
- अत्यधिक रक्तस्राव: नाक, मसूड़ों, मलाशय या योनि से अत्यधिक रक्तस्राव होना।
- बढ़ी हुई भूख और वजन कम होना: भूख बढ़ने के बावजूद वजन कम होना।
- रात में पसीना आना: रात को सोते समय अत्यधिक पसीना आना।
- बढ़े हुए लिम्फ नोड्स: गले, बगल, या कमर में लिम्फ नोड्स का बढ़ जाना।
- हड्डियों और जोड़ों में दर्द: हड्डियों और जोड़ों में दर्द या सूजन होना।
- अन्य: त्वचा में खुजली, लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, या दृष्टि समस्याएं।
विशिष्ट लक्षण:
- ल्यूकेमिया: थकान, कमजोरी, बुखार, संक्रमण, आसानी से चोट लगना, पीलापन, और पेट में सूजन।
- लिम्फोमा: लिम्फ नोड्स में सूजन, थकान, बुखार, रात में पसीना आना, वजन कम होना, और खुजली।
- मायलोमा: हड्डियों में दर्द, थकान, कमजोरी, बार-बार संक्रमण, और गुर्दे की समस्याएं।
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ब्लड कैंसर के क्या कारण हैं ? (Blood Cancer causes in Hindi)
Blood Cancer होने के कोई ठोस कारण का तो अभी तक पता नहीं चला है पर वैज्ञानिको का ऐसा मानना है की ब्लड कैंसर के यह कारण हो सकते हैं :
- जेनेटिक (Genetic): शरीर में जीन या क्रोमोजोम में आये बदलाव के कारण शरीर में विकृत पेशी निर्माण होना शुरू हो जाता है जिसके चलते ब्लड कैंसर हो जाता हैं।
- आनुवंशिकता (Hereditary): अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को ब्लड कैंसर है खास कर आपके माता या पिता को तो आपको भी ब्लड कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता हैं।
- विकिरण (Radiation): अत्याधिक रेडिएशन या कीमोथेरेपी के चलते भी ब्लड कैंसर होता हैं। जो व्यक्ति बार-बार X-RAY रेडिएशन से प्रभावित होता है या जिसे किसी अन्य कैंसर के लिए लंबे समय तक कीमोथेरेपी दी गयी है उन्हें ब्लड कैंसर होने का खतरा रहता हैं।
- कैंसरकारक तत्व (Carcinogens): अधिक केमिकल युक्त आहार, डाई का प्रयोग करने से भी ब्लड कैंसर होने का खतरा रहता हैं। आजकल लोगों को खाने के लिए अधिक मिलावटी आहार या केमिकल युक्त तैयार आहार पदार्थ और फास्टफूड खाने की आदत पद गयी है जिसके चलते भी ब्लड कैंसर होने का प्रमाण बढ़ गया हैं।
- एड्स (AIDS): HIV AIDS का संक्रमण होने पर ब्लड कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
- उम्र (Age): बढ़ती उम्र के साथ ब्लड कैंसर होने का खतरा भी अधिक बढ़ जाता हैं। 30 वर्ष के आयु के बाद ब्लड कैंसर होने का खतरा अधिक रहता हैं।
- व्यसन (Habits): सामान्य व्यक्ति की तुलना में धूम्रपान, शराब और तम्बाखू का सेवन करनेवाले व्यक्तियों में ब्लड कैंसर होने का खतरा दोगुना अधिक होता हैं।
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ब्लड कैंसर का निदान कैसे किया जाता हैं ? (Blood Cancer diagnosis in Hindi)
Blood Cancer का निदान करने के लिए डॉक्टर विविध प्रकार के परिक्षण करते हैं। जैसे की :
- शारीरिक परिक्षण: आपको सवाल-जवाब और सामान्य परिक्षण करने के बाद डॉक्टर आपका शारीरिक जांच करते है जिसमे डॉक्टर यह निरिक्षण करते है की क्या आपमें ब्लड कैंसर के लक्षण नजर आते हैं जैसे की खून की कमी के लक्षण, जीभ सफ़ेद होना, लिवर या स्प्लीन में सूजन, लसिका ग्रंथि में गाँठ या सूजन, शरीर पर लाल चकते इत्यादि।
- रक्त परिक्षण (Blood Tests): डॉक्टर रोगी की विविध रक्त जांच भी कराते है जिसमे हीमोग्लोबिन में कमी, सफ़ेद रक्त कण की मात्रा बेहद अधिक होना, प्लेटलेट की संख्या में कमी और रक्त पेशी की रचना विकृत होना देखा जाता हैं। ब्लड कैंसर है या नहीं और कौन से प्रकार का हैं यह भी निदान रक्त परिक्षण से किया जाता हैं।
- बोन मेरो (Bone Marrow) परिक्षण : एक लंबी सुई की सहायता से आपके पृष्ठ भाग की हड्डी (Hip Bone) से बोन मेरो का सैंपल लेकर इसकी जांच की जाती हैं।
- इमेजिंग परीक्षण: सीटी स्कैन, एमआरआई, और पीईटी स्कैन जैसी इमेजिंग तकनीकों का उपयोग शरीर में कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- जीनोम अनुक्रमण: यह परीक्षण कैंसर कोशिकाओं में मौजूद जीन परिवर्तन को समझने में मदद करता है।
- प्रवाह cytometry: यह परीक्षण रक्त कोशिकाओं की सतह पर मौजूद प्रोटीन का विश्लेषण करता है।
- लम्बर पंक्चर: रीढ़ की हड्डी से मस्तिष्क द्रव (Cerebro Spinal Fluid) का नमूना लिया जाता है और उसकी जांच की जाती है।
इन जांच के अलावा भी डॉक्टर जरूरत पड़ने पर अन्य परिक्षण करा सकते हैं। ब्लड कैंसर का निदान होने के बाद कैंसर की स्टेज और रोगी की शारीरिक अवस्था के हिसाब से उपचार शुरू किया जाता हैं।
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ब्लड कैंसर का ईलाज कैसे किया जाता हैं ?(Blood Cancer treatment in Hindi)
ब्लड कैंसर का उपचार कई बातों पर निर्भर करता हैं। आपकी आयु, अन्य बीमारी का इतिहास और ब्लड कैंसर के प्रकार और फैलाव के अनुसार विविध उपचार किया जाता हैं। ब्लड कैंसर में किये जानेवाले विविध उपचार की जानकारी निचे दी गयी हैं :
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy): औषधि का उपयोग कर ब्लड कैंसर के पेशी को नष्ट किया जाता हैं। कीमोथेरेपी मौखिक रूप से गोली देकर या फिर नस में सलाइन द्वारा इंजेक्शन देकर भी की जाती हैं। ब्लड कैंसर के प्रकार के अनुसार आपको केवल एक दवा या फिर दो-तीन दवा को मिक्स दिया जाता हैं।
- बायोलॉजिकल थेरेपी (Biological Therapy): ब्लड कैंसर में रोगी की रोग प्रतिकार शक्ति कमजोर होती हैं। ऐसे रोगी में इंजेक्शन देकर रोग प्रतिकार शक्ति को बढ़ाया जाता है जिससे शरीर की रोग विरोधी पेशी ब्लड कैंसर के पेशी को नष्ठ करने लगती है और ब्लड कैंसर के पेशी का विकास रुक जाता हैं।
- लक्षित उपचार (Targeted Therapy): इस उपचार में ऐसी दवा दी जाती है जिससे ब्लड कैंसर के पेशी का विकास होना थम जाता हैं और उनकी संख्या घट जाती हैं।
- विकिरण चिकित्सा (Radiation Therapy): रेडिएशन थेरेपी में X-RAY या अधिक ऊर्जा वाली किरणों का उपयोग कर ब्लड कैंसर के पेशी को नष्ट किया जाता हैं। रेडिएशन आवश्यकतानुसार सम्पूर्ण शरीर पर या केवल एक अंग पर भी किया जा सकता हैं।
- स्टेम सेल प्रत्यारोपण (Stem Cell Transplant): स्टेम सेल ट्रांसप्लांट में प्रथम कीमोथेरेपी या रेडिएशन देकर आपके शरीर के विकृत बोन मेरो को नष्ट किया जाता है जिससे बोन मेरो के सारे ब्लड कैंसर पेशी का खात्मा हो जाता हैं। इसके बाद आपके शरीर के ही स्वस्थ स्टेम सेल या फिर किसी डोनर के स्टेम सेल को बोन मेरो में प्रत्यारोपित किया जाता हैं।
- हार्मोनल थेरेपी: यह उपचार कुछ प्रकार के ब्लड कैंसर के विकास को रोकने के लिए हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करता है।
- सर्जरी: कुछ मामलों में, ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
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ब्लड कैंसर का आयुर्वेद और योग द्वारा उपचार (Ayurveda & Yoga Therapy for Blood Cancer in Hindi)
- ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार : ब्लड कैंसर को रक्तवह स्त्रोतस (Blood System) का रोग माना जा सकता है और इसलिए इसमें रक्त की शुद्धि के लिए रक्तमोक्षण चिकित्सा की जाती हैं। आयुर्वेद में इसे रक्तार्बुद रोग के समान भी कुछ वैद्य मानते हैं। ब्लड कैंसर ठीक करने के लिए गिलोय, गेहू का ज्वारा, तुलसी, नीम और एलोवेरा इन 5 चीजों को श्रेष्ठ माना जाता हैं। आयुर्वेदिक औषधि में वैद्य वसंतकुसुमाकर रस, प्रवाल पिष्ठि, कामदुधा रस, गिलोय सत्व, गंधक रसायन, यशद भस्म, धात्री लोह, स्वर्णमाक्षिक रस इत्यादि औषधी का रोगी के प्रकृति और विकृत दोष के अनुसार उपयोग करते हैं। सभी रोगी में एक ही औषधि काम नहीं आती हैं। पढ़े – गिलोय का उपयोग और फायदे
- ब्लड कैंसर का योग द्वारा उपचार : कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी के साथ या केवल नियमित योग करने से भी ब्लड कैंसर के मरीजों को अधिक लाभ होते हुए देखा गया हैं। योग गुरु बाबा रामदेवजी ने यह भी दावा किया है की केवल योग करने से ही कई लोगों का ब्लड कैंसर पूरी तरह से ठीक हो चूका हैं। आज अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देश में भी कैंसर में योग उपचार के ऊपर रिसर्च हो रही हैं। अगर आपको ब्लड कैंसर है तो निचे दिए हुए योगाभ्यास कर इनका चमत्कारिक लाभ उठा सकते हैं। योग को आप प्राकृतिक कीमो-रेडियो थेरेपी मान सकते हैं। निचे दिए हुए योग की पूरी जानकारी पढ़ने के लिए योग के नाम के ऊपर क्लिक करे :
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- कपालभाति
- भस्त्रिका प्राणायाम
- बाह्य प्राणायाम
- भ्रामरी प्राणायाम
- मार्जरासन
- सर्वांगासन
- शवासन
इन सभी योग का अभ्यास करने से पहले इन्हें योग विशेषज्ञ से ठीक से सिख लेना चाहिए और धीरे-धीरे योगाभ्यास का समय अवधि बढ़ानी चाहिए। योग और आयुर्वेदिक उपचार लेने से शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ जाती है जो कैंसरकारी विकृत पेशी का नाश करती है और कुपित दोष / स्त्रोतस को ठीक कर शरीर में स्वस्थ पेशी का निर्माण दोबारा पहले जैसे शुरू हो जाता हैं।
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Blood Cancer You Tube Video in Hindi
Blood Cancer से जुड़े सवालों के जवाब
ब्लड कैंसर का मरीज कब तक जीवित रह सकता है?
ब्लड कैंसर का मरीज कब तक जीवित रह सकता है यह बात कैंसर के प्रकार, तीव्रता, रोगी का स्वास्थ्य, ईलाज आदि बातों पर निर्भर करता हैं। सामान्यतः ब्लड कैंसर का रोगी 5 से 20 वर्ष तक जीवित रह सकता हैं।
ब्लड कैंसर के लास्ट स्टेज के क्या लक्षण हैं ?
ब्लड कैंसर के लास्ट स्टेज के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर किस प्रकार का है। कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं – अत्यधिक थकान और कमजोरी, लगातार बुखार, बार-बार संक्रमण, अत्यधिक रक्तस्राव, हड्डियों और जोड़ों में दर्द ,वजन कम होना, भूख न लगना, साँस लेने में तकलीफ, दर्द और सुन्नता, तंत्रिका संबंधी समस्याएं, लिवर और स्प्लीन में सूजन, त्वचा पर चकत्ते या दाने, आंखों में पीलापन आदि।
ब्लड कैंसर में सबसे खतरनाक कैंसर कौन सा है?
ब्लड कैंसर में Lukemia को सबसे खतरनाक कैंसर माना जाता हैं। इसमें सफ़ेद रक्त कण की संख्या बेहद ज्यादा बढ़ जाती हैं।
भारत में ब्लड कैंसर के इलाज के लिए सबसे अच्छा अस्पताल कौन सा है?
ऐसे तो भारत में कई सारे प्रतिष्ठित हॉस्पिटल है जहा ब्लड कैंसर का अच्छा ईलाज होता है पर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई को सबसे अच्छा माना जाता हैं।
ब्लड कैंसर के मरीज को क्या खाना चाहिए?
ब्लड कैंसर के मरीज को क्या खाना चाहिए इसकी पूरी जानकारी आप हमारे इस लेख में विस्तार में पढ़ सकते हैं – कैंसर स्पेशल डाइट
क्या ब्लड कैंसर सिर्फ बड़ों को होता है ?
नहीं, ब्लड कैंसर सिर्फ बड़ों को ही नहीं होता। यह बच्चों को भी हो सकता है। हालांकि, बच्चों में ब्लड कैंसर के मामले बड़ों की तुलना में कम होते हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।