बुखार का उपचार और घरेलु उपाय Treatment and Home remedies for fever in Hindi


पिछले अंक  Benefits of Fever (In Hindi) – Part 1 में हमने जाना की बुखार/ज्वर हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। अब हम देखेंगे की बुखार का  कब और किस तरह से ईलाज करना चाहिए। सबसे पहले आपको थर्मामीटर से बुखार को मापना आना चाहिए। आप कांच के या डिजिटल थर्मामीटर द्वारा शरीर का तापमान माप सकते है। थर्मामीटर के इस्तेमाल करने की सही विधी आप डॉक्टर या नर्स से सिख सकते है।

ध्यान रहे,हमारे काख या बगल का थर्मामीटर द्वारा लिया हुआ तापमान मुह के तापमान से सामान्यत: १°F कम रहता है।अगर काख या बगल का थर्मामीटर द्वारा लिया हुआ तापमान १०० °F  है तो इसका मतलब आपको १०१ °F बुखार है।

How-to-treat-fever-in-Hindi



बुखार के पास कब विशेष ध्यान देना चाहिए ? 

  • बुखार के कारन अगर आपको बैचेनी होती है तब ही उसका ईलाज करना चाहिए।सामान्यत: बुखार  १०१°F या १०२°F के ऊपर होने के बाद ही हमें बेचेनी होती है।
  • ६ महीने या उससे कम उम्र के शिशु में १००.४ °F से ज्यादा का बुखार होने पर।
  • ५ या उससे ज्यादा दिन का बुखार होने पर।
  • १०१°F या १०२°F के ऊपर के बुखार के साथ बहुत बहुत थकावट या कमजोरी होना। रोगी बहुत कमजोर या शक्तिहीन होने के साथ भावशून्य होना।
  • १०१°F या १०२°F के ऊपर के बुखार के साथ दिमागी बुखार/मेंदुज्वर (Meningitis) के लक्षण दिखना जैसे की बहोत ज्यादा सरदर्द,त्वचा पर लाल चट्टे,प्रकाश सहन न होना,संभ्रम या गर्दन में जकडन होना।
  • लगातार और असांत्वनीय रोनेवाला शिशु।
  • ६ महीने से ३ साल तक के बच्चो में बुखार आने पर दौरा या फिट्स आ सकते है जिन्हें बुखारी दौरा (Febrile seizures) कहते है। इसमें क्षणिक बेहोशी आना,आँखे ऊपर फेर देना,हाथ पैर को झटके देना या बहुत कड़क हो जाना यह लक्षण दिखाई देते है। बच्चे के बड़े होने के साथ यह भी ठीक हो जाता है।

निचे दिए हुए बुखार के मरीज में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ? 

  • ३ महीने से कम उम्र के शिशु  होने पर
  • बुजुर्ग व्यक्ति
  • जिन मरीजो की रोग प्रतिकार शक्ति बहोत कम है 
  • जिन्हें दीर्घकालिक बीमारी है 
  • १०४°F से ज्यादा का बुखार  
  • २-३ दिन से १०२°F से ज्यादा का बुखार
  • बुखार के साथ लगातार उलटी होना-खास कर बच्चो में 
  • अगर बुखार का मरीज अजीब बर्ताव कर रहा हो,बहोत कमजोर हो या ऐसी कोई भी बात जो आपको अजीब लगे तो तुरंत डोक्टर की सलाह लेना चाहिए।

बुखार का उपचार और घरेलु उपाय
Treatment and Home remedies for fever in Hindi

  • ज्यादातर डॉक्टर बुखार कम करने के लिए Paracetamol/Acetaminophen की दवा लिखकर  देते है।बुखार में इस्तेमाल होनेवाली ज्यादातर दवायों में Paracetamol,Nimesulide,Ibuprofen या Diclofenac का समावेश होता है। इन दवायों का सही मात्रा  में लेना बहुत आवश्यक है क्योंकि कम मात्रा में लेने से यह दवा अनुपयोगी हो जाती है और ज्यादा मात्रा में लेने पर इनका शरीर पर दुष्प्रभाव हो जाता है।
  • इसीलिए बहोत आवश्यक है की आप ध्यानपूर्वक अपनी दवा ले। दवा की मात्रा आपके शरीर के वजन के हिसाब से निर्धारित की जाती है। उदा:- Paracetamaol की मात्रा है 15 mg/kg/dose यानी 30 किलो के व्यक्ति के लिए इस दवा की एक खुराक की मात्रा 15 X 30 = 450mg  है।
  • बाजार में दवायों के विभिन्न प्रकार के प्रमाण में कई प्रकार के औषधी उपलब्ध है। जरुरी नहीं है की एक बोतल की दवा की खुराक  किसी और बोतल की दवा की खुराक के समान ही हो। इसलिए दवा लेते वक्त यह ध्यान रखना जरुरी है की कौनसी दवा कितने प्रमाण में लेनी है जिससे शरीर मर दवा की योग्य मात्रा पहुच सके।
  • छोटे बच्चो में खास कर १२ साल से कम उम्र के बच्चो को Nimesulide या Asprin दवा न दे।
  • १०२°F या उससे ज्यादा बुखार होनेपर एक स्वच्छ कपडे को गुनगुने पानी में भिगो कर बदन को स्पंज करे या बदन पोछ कर निकले। हर ५-१० मिनट पर शरीर का तापमान देखे और स्पन्जिंग  शरीर का तापमान  १००°F होने तक करते रहे। स्पन्जिंग करने के लिए कभी भी ठन्डे पानी का प्रयोग न करे क्योंकि ठन्डे पानी से शरीर की रक्तवाहिनी संकुचित हो जाती है जिस कारन गर्मी शरीर के बाहर नहीं जा सकती है और उल्टा शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है।
  • बुखार होने पर जहा तक हो सके घर पर ही रुक कर आराम करे। बुखार के आने का मतलब आपका शरीर किसी संक्रमण से लढ़ रहा है और आप बिलकुल नहीं चाहेंगे की आप के कारन यह संक्रमन बाहर किसी और तक फैले।
  • शरीर को गर्म रखे। बुखार आने के पहले लगनेवाली ठण्ड हमें यही संकेत देती है की हमें कम्बल लपेट कर शरीर को गर्म रखना चाहिए। अगर इच्छा हो तो कोई गर्म पेय या गर्म खाना खा लेना चाहिए।
  •  हर १°C तापमान के बढ़ने के साथ हमारे शरीर का चयापचय १०% से बढ़ जाता है और इस कारन हमें भूक भी अधिक लगाती है। ऐसे समय कुच्छ गर्म पेय या गर्म खाना खा लेना चाहिए। प्यास अधिक लगने पर स्वच्छ पानी पीना चाहिए।
  • अगर आपकी रम काफी गर्म या उबाऊ हो तो एक पंखा या टेबल फैन लगा लेना चाहिए।
  • बुखार के समय हमेशा शांत रहे और आराम करे। यह नियम बीमार व्यक्ति और उसकी देखबाल करने वाले व्यक्ति दोनों पर लागु होती है।
  • बच्चो को कम्बल ओढाकर किताब पढ़ने दे या TV देखने दे।
  • हमेशा प्रसन्न रहे और चिंतित न हो। यह ध्यान रखे की आपका शरीर काफी होशियार है और उसे पता है कब और क्या करना चाहिए।
नोट:- कृपया ध्यान दे की इस अंक में दी गई जानकारी आप के बुखार सम्बन्धी गलतफहमी दूर करने के लिए दी गई है। अधिक जानकारी हेतु अपने डॉक्टर की सलाह जरुर ले। 


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12 thoughts on “बुखार का उपचार और घरेलु उपाय Treatment and Home remedies for fever in Hindi”

  1. mujhe apne bachpan se hi fever ke bahut problem rahi hai exam days mein ya thodi se tension lene per fever bahut baad jata hai or waise har month mein ek baar aisa jarur hot hai ke mujhe 102se 104 tak fever ho jate hai kabhi condition aise hote hai ke mein kud chal bhi nhi pate or last 3-4 sal mein har sal mujhe degu fir malaria 6 months ke gap mein ho raha hai kyoki ye blood test se confirm hai ke degu ya malaria hi hota hai hamare yaha mosquite bahut hi kaam hai or mein apne diet ka bhi pura dhyan rakte hu juice fruit milk sab lete hu fir bhi ye fever kabhi mera pechcha nhi chodta kuch suggestion karo

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  2. Comment करने के लिए धन्यवाद.
    बिना किसी मरीज या व्यक्ति को जांच किये कोई सलाह देना उचित नहीं है.मलेरिया में अगर Radical Cure नहीं किया हो तब बिना मच्छर के काटे ही लीवर में छुपे मलेरिया के जंतु से बार बार मलेरिया हो सकता है.अगर आप की रोग प्रतिकार शक्ति कम हो तब भी आप को बार बार वायरल या बैक्टीरियल संसर्ग हो सकता है.
    रोग प्रतिकार शक्ति बढाने का लेख में जल्द ही प्रकाशित करने वाला हु.कृपया सभी लेख email द्वारा प्राप्त करने हेतु email subscribe कर ले.

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  3. मेरे हाथो पेरों में बहुत ज्यादा पसीना आता है प्लीज कोई दवाई बताए

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  4. Thanks Farah Naaz for visitng and commenting here. Excessive secretion from sweat glands in palm is known as Palmer hyperhidrosis. I will advice you to visit a good Skin specialist in your town and get the treatment.

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  5. दीपू , आपको किसी डॉक्टर को दिखाना चाहिए और अपनी जांच कराना चाहिए. रोज शाम को बुखार आना यह टाइफाइड, टी बी जैसे रोगों का लक्षण हो सकता हैं.

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  6. हेल्लो सर मेरे दांत में 2-3 दिन में बहुत तेज़ दर्द होता है कृपया आप इलाज बताये।

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  7. मुझे प्रत्येक महीने 4 से 5 दिन तक बुखार रहता है । शरीर गर्म और सुस्त हो जाता है । उपाय बताये

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  8. डेढ साल के वच्चे को वुखार मे दोरेआते हैं! अभी तक तीन वार आ चुके हैं। कृप्या कुछ इलाज वताऐ

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  9. रोगी को बिना जांचे कोई सटीक उपचार बताना संभव नहीं. कृपया बच्चोके डॉक्टर को दिखाए. बच्चों में बुखार अधिक होने से दौरे आ सकते हैं.

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