Diabetes के मरीजो के लिए Insulin एक जाना-पहचाना नाम है ओर शायद सबसे डरावना भी ! Insulin के injection को लेकर फैली कई भ्रान्तियो के कारण मधुमेह के मरीजो की यही कामना होती है की किसी तरह बिना Insulin के injection ही उनकी sugar level control में रहना चाहिए।
डायबिटीज को नियंत्रण में रखने के लिए डायबिटीज के रोगियों को इन्सुलिन से जुडी सारी जानकारी पता होना आवश्यक हैं। देखा जाये तो इन्सुलिन डायबिटीज को नियन्त्र में रखने के लिए सबसे असरदार दवा हैं। Insulin को लेकर रोगी हॉस्पिटल में मुझे कई तरह के सवाल पूछते है और उन्हीं सभी सवालों का जवाब आज इस लेख में मैं देने जा रहा हूँ।
क्या डायबिटीज के सभी रोगी को इन्सुलिन लेना ज़रूरी होता है ?
जरुरी नहीं हैं की मधुमेह के सभी मरीजो को Insulin के injection लेना पड़ता हैं। मधुमेह का पहला प्रकार जिसे Type 1 DM कहा जाता हैं, उन्हें Insulin के injection लेना जरुरी हैं क्योंकि इनके शरीर में इंसलून बिलकुल भी तैयार नहीं होता है। कुल मधुमेह के मरीजो में इनकी संख्या केवल 5 से 10 % ही हैं। मधुमेह का दूसरा प्रकार जिसे Type 2 DM कहा जाता हैं, उनमे लगभग केवल 13 % मरीजो को ही दवा से blood sugar level नियंत्रण न होने पर या कोई ख़ास आवश्यकता जैसे कोई complication, गर्भावस्था या surgery होने पर ही Insulin के injection लेने की जरुरत पड़ती हैं।
क्या Insulin के injection लेने की जरुरत पड़ना मतलब मधुमेह का बेकाबू होना होता है ?
मधुमेह के मरीजो में यह सामान्य धारणा हैं की केवल मधुमेह अधिक बढ़ जाने पर ही Insulin के injection लेना पड़ता हैं। नियमित दवा, व्यायाम ओर वजन नियंत्रण करने के बावजूद अगर Insulin के injection लेने की जरुरत पड़ती है तो मरीज घबरा जाता हैं। मरीजो को यह बात समझनी चाहिए की मधुमेह यह धीरे-धीरे बढ़ने वाला रोग है ओर हर व्यक्ति में इसका असर अलग होता हैं। यह असर आपके पारिवारिक इतिहास, आहार, विहार, क्षेत्र, genes जैसे कई घटकों पर निर्भर करता हैं। कभी-कभी किसी सामान्य मरीज में भी blood sugar level दवा से नियंत्रण में न आने पर Insulin के injection चालू करना पड़ता हैं। याद रहे ! आप का प्रथम उद्देश blood sugar level को नियंत्रण में रखना ही होना चाहिए।
क्या Insulin के injection लेने में बेहद ज़्यादा दर्द होता हैं ?
पहले के ज़माने में Insulin के injection लेने के लिए बड़ी सुई का इस्तेमाल होता था जिस कारण रोगी को थोडा दर्द होता था। अब ऐसे Insulin के injection ओर pen बाजार में उपलब्ध है जिनसे मरीज को बिलकुल भी दर्द नहीं होता हैं। यह इतने painless है की आज जब पहली बार किसी मरीज को pen से Insulin के injection दिया जाता है तो उन्हें यकीन भी नहीं होता है की कोई injection दिया गया हैं।
क्या एक बार शुरू करने पर मधुमेह के मरीजो को Insulin के injection हमेशा के लिए लेना होता है ?
यह बात Type 1 DM के मरीजो में सच हैं। उन मरीजो में Pancreas में Insulin का निर्माण न होने के कारण सदा के लिए Insulin के injection लेना जरुरी हैं। Type 2 DM के कई मरीजो में आवश्यकता अनुसार insulin बंद किया जा सकता हैं। जो मरीज आहार, व्यायाम, वजन नियंत्रण ओर दवा से अपनी blood sugar level काबू में कर लेते है ऐसे मरीजो में Insulin के injection बंद किया जाता हैं। इसके अलावा गर्भावस्था, complication या किसी surgery के लिए जिन मरीजो में insulin चालू किया जाता हैं उनमे बाद में आवश्यकता न होने पर Insulin के injection बंद कर लिया जाता हैं।
क्या Insulin के injection लेने से blood sugar level कम (Hypoglycemia) होने का खतरा अधिक होता हैं ?
अगर मरीज Insulin के injection लेने के बाद पर्याप्त आहार लेता है तो blood sugar level कम (Hypoglycemia) होने का खतरा नहीं होता हैं। डॉक्टर आपके रक्तशर्करा की जांच करने के बाद ही Insulin के injection की मात्रा निर्धारित करते है। अगर आप निर्धारित मात्रा में ही Insulin के injection लेते है ओर पर्याप्त आहार लेते है तो blood sugar level की मात्रा कम होने की आशंका कम रहती हैं। अगर कभी आपको Insulin के injection लेने के बाद रक्त शर्करा कम होने के लक्षण जैसे की पसीना आना, घबराहट होना, हात कांपना,चक्कर आना जैसे लक्षण नजर आते है तो तुरंत कुछ मीठा खा लेना चाहिए ओर आपके डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए ताकि फिरसे जांच कर डॉक्टर आपके Insulin के injection की योग्य मात्रा निर्धारित कर सके।
क्या सफ़र करते समय Insulin के injection लेना मुमकिन नहीं हैं ?
आजकल नए तरह के आसानी से उपयोग कर सके ऐसे Insulin के injection बाजार में उपलब्ध हैं। अब Insulin के injection pen के स्वरुप में उपलब्ध है जिन्हें refrigerator में रखने की आवश्यकता नहीं होती है ओर आसानी ने dose लिया जा सकता हैं। अब आप काम करते समय ओर सफर के दौरान भी आसानी से Insulin के injection ले सकते हैं।
क्या मधुमेह के ईलाज के लिए Insulin के injection से बेहतर दवा (tablets) लेना होता हैं ?
एक डॉक्टर की हमेशा यह कोशिश होती है की कम से कम तकलीफ में आपकी blood sugar level को नियंत्रण में रखा जाए। Insulin के injection हो या फिर दवा, जिस चिकित्सा से आपकी blood sugar level नियंत्रण में रहती है और मधुमेह के complications से आप दूर रहते हैं वह चिकित्सा आपके लिए श्रेष्ठ हैं। सभी चिकित्सा पद्धति के कुछ नफा-नुक्सान हो सकते है पर प्राथमिकता मरीज के स्वास्थ्य को देनी चाहिए। तुलना की जाये तो डायबिटीज की दवा की तुलना में इन्सुलिन ज़्यादा सुरक्षित है और ज़्यादा असरदार है।
इन्सुलिन लेने के बाद भी ब्लड शुगर 300 है तो क्या करे ? क्या इसका मतलब इन्सुलिन काम नहीं कर रहा हैं ?
अगर इन्सुलिन लेने के बाद भी आपका ब्लड शुगर 300 है या सामान्य से ज्यादा है तो इसका मतलब इन्सुलिन का डोज़ बढ़ाने की जरुरत हैं। अगर आपका वजन ज्यादा है तो वजन कम कर आप इंसुलिन की जरुरत को कम कर सकते हैं। डायबिटीज में योग्य आहार, व्यायाम, योग और वजन नियंत्रण कर आप दवा की जरुरत को कम कर सकते हैं। सभी के लिए एक ही दवा की जरुरत नहीं होती हैं। हर किसी की जरुरत अलग होती है और उस हिसाब से दवा का चयन और उसके डोज़ को तय किया जाता हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।