शुक्र है की डायबिटीज के रोगी पहले की तुलना में इस रोग की देखभाल को लेकर सतर्क हो गए हैं। घर पर ब्लड शुगर की जांच करने के लिए अब Glucometer उपलब्ध होने से डायबिटीज की देखभाल सहज और सस्ती हो गयी हैं। अब आप घर पर ही ग्लूकोमीटर की सहायता से आसानी से अपने ब्लड शुगर की मात्रा का पता लगा सकते हैं और शुगर लेवल बेहद बढ़ जाने या कम हो जाने की स्तिथि में तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
डायबिटीज के रोगियों ने ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल किस तरह करना चाहिए इसकी जानकारी आज इस लेख में हम दे रहे हैं। अगर आप डायबिटीज के रोगी है या आपके जान पहचान में किसी को डायबिटीज है तो यह लेख आपने अवश्य पूरा पढ़ना चाहिए और इसे अपने डायबिटीज से पीड़ित मित्र-परिवार के साथ शेयर भी करना चाहिए।
Glucometer का उपयोग कैसे करे ? (How to use Glucometer in Hindi)
आजकल बाजार में कई तरह के ग्लूकोमीटर मौजूद है परंतु सभी प्रकार के ग्लूकोमीटर का काम करने का तरीका लगभग एक सा है। ग्लूकोमीटर में प्रमुख 3 चीजे होती हैं – ग्लूकोमीटर मशीन, सुई और ग्लुको स्ट्रिप
- सबसे पहले आपको ग्लूकोमीटर मशीन को चालू करना होता है। इस पर दिए हुए बटन को दबाकर आप इसे चालू कर सकते हैं। अगर स्क्रीन पर चालू करने के बाद कुछ नहीं आ रहा है तो आप यह देखें कि उसमें बैटरी या सेल डाला हुआ है या नहीं।
- ग्लूकोमीटर चालू करने के पश्चात ग्लूकोमीटर के साथ मिली हुई ग्लुको स्ट्रिप को ग्लूकोमीटर के अंदर डालिए। ग्लूकोमीटर के स्ट्रिप की 2 बाजू होती है। एक तरफ आपको ब्लड का ड्राप लगाना होता है तो दूसरी और जहां लाइनिंग होती है वह आपको ग्लूकोमीटर के अंदर डालना होता है।
- ग्लूकोमीटर में स्ट्रिप डालने पर उस पर ब्लड ड्रॉप का चिन्ह आता है इसका मतलब ग्लूकोमीटर अब तैयार है।
- ग्लूकोमीटर में उंगली से ब्लड निकालने के लिए एक सुई / needle होती है जिसे डॉक्टर लांसेट भी कहते हैं। कुछ ग्लूकोमीटर में सुई को मजबूती से पकड़ने के लिए लैंसेट होल्डर भी होता है।
- उंगली से ब्लड का सैंपल लेने से पहले उसे स्पिरिट से साफ करें और स्पिरिट को सूखने दे।
- अब जिस उंगली से ब्लड सैंपल लेना है उसे दबाकर रखें और बाद में सुई चुभाए।चिकित्सक सलाह देते हैं कि उंगली का पहला ड्रॉप इस्तेमाल ना करें, उसे कॉटन से साफ करे। दूसरा ड्रॉप ग्लुको स्ट्रिप पर लगाएं। ऊँगली में सुई चुभोने पर अगर खून नहीं निकलता है तो ऊँगली दबदबा कर खून निकालने की कोशिश न करे। दोबारा दूसरी ऊँगली पर सुई चुभोकर खून निकाले।
- ब्लड ड्राप को टेस्ट स्ट्रिप पर रखने के 5 से 45 सेकंड में ग्लूकोमीटर ब्लड शुगर लेवल बता देता है। इसके बाद लैंसेट और स्ट्रीप दोनों को सही से डस्टबिन (Bio Medical Waste) में फेंक दे।
- एक ही उंगली से बार-बार ब्लड ड्राप नहीं निकाले। एक ही सुई का बार-बार उपयोग ना करें ताकि इन्फेक्शन और दर्द ना हो। एक्सपायर हो चुके टेस्ट रिप से ब्लड शुगर जांचेंगे तो गलत परिणाम मिलेंगे।
- कुछ ग्लूकोमीटर में टेस्ट स्ट्रिप्स के हर पैकेट के साथ एक कोड आता है जिसे ग्लूकोमीटर में लगाना जरूरी होता है। इसके बाद ही ग्लूकोमीटर ठीक से काम करता है।
- ग्लूकोमीटर के साथ में मैन्युअल की बुकलेट भी आती है जिसमे ग्लूकोमीटर को उपयोग करने की सारी जानकारी होती हैं। मैन्युअल के अंदर एरर कोड की सूची भी होती है जो कि ग्लूकोमीटर में कोई एरर दर्शाने पर आपके काम आ सकती है।
ग्लूकोमीटर का उपयोग करते समय क्या ध्यान रखे ?
- अगर आपको भूखे पेट शुगर जांच करना है तो कम से कम 8 से 10 घंटा भूखा होने के बाद ही खाली पेट जांच करें। अगर आपके खाली पेट शुगर जांच की संख्या 70 से 110 mg/dl से कम या ज्यादा आती है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- अगर आपको खाना खाने के बाद की शुगर जांच करनी है तो खाना खाने के 2 घंटे बाद ग्लूकोमीटर से जांच करें। इसकी संख्या अगर 110 से कम या 140 से ज्यादा आती है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- अगर आप डायबिटीज के रोगी है और आपको घर पर अचानक चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होता है तो तुरंत अपनी शुगर टेस्ट करें। शुगर लेवल 60 mg/dl से कम आने पर तुरंत कुछ मीठा खा लें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- अगर ग्लूकोमीटर में आपके ब्लड शुगर की मात्रा HI लिखकर आती है तो इसका मतलब है कि आपकी ब्लड शुगर की मात्रा 500 से अधिक है और ऐसी स्थिति में भी आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- अगर ग्लूकोमीटर में आपके ब्लड शुगर की मात्रा LO लिखकर आती है तो इसका मतलब है कि आपकी ब्लड शुगर की मात्रा 50 से कम है और ऐसी स्थिति में भी आपको कुछ मीठा खाना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- हमेशा अपने ब्लड शुगर का रिकॉर्ड रखें और डॉक्टर को जब भी दिखाने जाए तब यह रिकॉर्ड अपने साथ रखें।
- हर दो-तीन महीने में ग्लूकोमीटर और लेबोरेटरी दोनों में एक साथ ब्लड टेस्ट कराएं और दोनों के जांच के रिपोर्ट का तुलना करें। अगर दोनों में काफी अंतर है तो फिर आपको ग्लूकोमीटर बदल देना चाहिए।
इस तरह Glucometer यह डायबिटीज के रोगियों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण और उपयोगी मशीन है जिसे हर डायबिटीज के रोगी ने अपने घर में जरूर रखना चाहिए। ग्लूकोमीटर की मीटर की सहायता से आप अपने डायबिटीज को अच्छी तरह से नियंत्रित कर सकते है और साथ ही इमरजेंसी में जल्द अपनी ब्लड शुगर का पता लगा सकते हैं।
अगर आपको यह Diabetes के रोगियों के लिए Glucometer के उपयोग से जुडी जानकारी उपयोगी लगती है तो कृपया इस जानकारी को शेयर अवश्य करे !
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।