जब भी बात आयुर्वेदिक दवाओं की होती है, तो त्रिफला चूर्ण का नाम सबसे पहले लिया जाता है। यह ना सिर्फ एक औषधि है, बल्कि एक ऐसा प्राकृतिक उपाय है जिसे सदियों से हमारे पूर्वजों ने अपनाया है। आइए इस लेख में हम सरल भाषा में जानें कि त्रिफला चूर्ण क्या है, इसके क्या फायदे हैं और इसे कैसे लेना चाहिए।

त्रिफला चूर्ण क्या है?
त्रिफला’ का मतलब होता है – तीन फलों का संयोजन। यह चूर्ण तीन प्रमुख आयुर्वेदिक फलों से मिलकर बनता है:
- हरड़ (Haritaki)
- बहेड़ा (Bibhitaki)
- आंवला (Amla)
इन तीनों फलों को सुखाकर, बराबर मात्रा में पीसकर जो मिश्रण बनता है, वही त्रिफला चूर्ण कहलाता है।
त्रिफला चूर्ण कैसे बनाते हैं?
त्रिफला चूर्ण कैसे बनाते हैं? (घर पर बनाने की विधि)
अगर आप शुद्ध और प्राकृतिक त्रिफला चूर्ण घर पर बनाना चाहते हैं, तो इसकी विधि बहुत आसान है। नीचे दी गई स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया को फॉलो करें:
ज़रूरी सामग्री (Ingredients):
- हरड़ (Haritaki) – 100 ग्राम
- बहेड़ा (Bibhitaki) – 100 ग्राम
- आंवला (Amla) – 100 ग्राम
(इन तीनों फलों को आप सूखे रूप में किसी आयुर्वेदिक दुकान या ऑनलाइन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।)
बनाने की विधि (Preparation Method):
- साफ़-सफाई:
सबसे पहले तीनों फलों को अच्छे से धो लें और धूप में अच्छी तरह सुखा लें ताकि इनमें नमी ना रहे। - बीज निकालें (यदि ज़रूरत हो):
अगर आप पूरे फल इस्तेमाल कर रहे हैं तो उनके बीज निकाल लें। बाजार में बिना बीज के सूखे फल भी मिल जाते हैं। - पाउडर बनाएं:
तीनों फलों को अलग-अलग मिक्सी या ग्राइंडर में बारीक पीस लें। फिर इन तीनों पाउडर को बराबर मात्रा में अच्छे से मिला लें। - छानना:
तैयार मिश्रण को एक बारीक छलनी से छान लें ताकि यह मुलायम और अच्छा चूर्ण बन जाए। - स्टोर करना:
चूर्ण को किसी सूखे और एयरटाइट कांच के जार या स्टील के डब्बे में रखें। नमी से दूर ठंडी जगह पर रखें।
महत्वपूर्ण टिप्स:
- हमेशा सूखे हाथों से ही चूर्ण निकालें।
- नमी आने से चूर्ण जल्दी खराब हो सकता है।
- 3 से 6 महीने तक यह चूर्ण सही तरीके से स्टोर किया जाए तो इस्तेमाल किया जा सकता है।
घर पर बना त्रिफला चूर्ण ज्यादा शुद्ध, सस्ता और असरदार होता है। अगर समय हो तो आप इसे ज़रूर घर पर बनाकर देखें – यह एक प्राकृतिक स्वास्थ्य रक्षक है जो आपकी दिनचर्या को बेहतर बना सकता है।
त्रिफला चूर्ण के सामान्य उपयोग क्या है?
- कब्ज दूर करने के लिए
- पेट की सफाई और पाचन सुधारने के लिए
- आँखों की रोशनी बेहतर करने के लिए
- बालों और त्वचा की सेहत सुधारने के लिए
- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए
त्रिफला चूर्ण के फायदे क्या है?
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
त्रिफला चूर्ण का सबसे बड़ा फायदा इसका पाचन तंत्र पर सकारात्मक असर है। अगर आपको कब्ज की समस्या है, गैस बनती है, पेट भारी लगता है या खाना ठीक से नहीं पचता, तो त्रिफला चूर्ण एक रामबाण उपाय हो सकता है। यह आँतों की सफाई करता है, मल को नरम करता है और पेट को हल्का महसूस कराता है। इसका नियमित सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और पेट की कई समस्याओं से राहत दिलाता है।
इम्युनिटी बढ़ाता है
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में बार-बार बीमार पड़ना आम हो गया है। त्रिफला चूर्ण में मौजूद आंवला, हरड़ और बहेड़ा तीनों में ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह शरीर को अंदर से मज़बूत बनाता है ताकि छोटी-मोटी बीमारियाँ जैसे सर्दी, खांसी या वायरल जल्दी न हो।
डिटॉक्स करता है शरीर को
हम रोज़ जो भी खाते-पीते हैं, उसमें कई बार टॉक्सिन्स (विषैले पदार्थ) जमा हो जाते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। त्रिफला चूर्ण शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह लीवर को साफ करता है, खून को शुद्ध करता है और शरीर से गंदगी बाहर निकालता है। इसका असर त्वचा पर भी दिखता है – चेहरा साफ़, दमकता और हेल्दी लगने लगता है।
आँखों की रोशनी के लिए लाभकारी
अगर आपको आँखों में जलन, थकान, धुंधलापन या रोशनी कम लगती है, तो त्रिफला चूर्ण से फायदा हो सकता है। पुराने समय में लोग त्रिफला का सेवन आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए करते थे। इसे पानी में घोलकर आँखों को धोने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था। यह आँखों को ठंडक पहुंचाता है और नेत्र ज्योति को बढ़ाता है।
वज़न कम करने में सहायक
जो लोग वज़न घटाना चाहते हैं, उनके लिए त्रिफला एक नैचुरल हेल्पर है। यह पाचन को सुधारता है और मेटाबॉलिज्म (शरीर की कैलोरी जलाने की प्रक्रिया) को तेज़ करता है। इससे शरीर में जमी हुई चर्बी धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसके अलावा, यह भूख को संतुलित रखता है जिससे अनावश्यक खाना खाने से बचाव होता है।
डायबिटीज़ के लिए उपयोगी
कुछ शोधों में यह पाया गया है कि त्रिफला चूर्ण ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। इसमें मौजूद आयुर्वेदिक तत्व शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारते हैं, जिससे शुगर लेवल संतुलन में रहता है। हालांकि, डायबिटीज़ के मरीजों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
त्वचा और बालों के लिए फायदेमं
त्रिफला चूर्ण त्वचा और बालों के लिए भी बेहद लाभकारी है। यदि आपकी त्वचा पर मुंहासे, दाग-धब्बे या रुखापन है, तो यह चूर्ण खून को शुद्ध करके अंदर से निखार लाता है। बालों की बात करें तो यह बालों की जड़ों को मज़बूती देता है, बालों का झड़ना कम करता है और डैंड्रफ से भी राहत दिलाता है।
बूढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करता है (Anti-aging)
त्रिफला में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं। इससे त्वचा पर जल्दी झुर्रियाँ नहीं आतीं और शरीर लंबे समय तक जवां और ऊर्जावान महसूस करता है। यह एक नैचुरल एंटी-एजिंग टॉनिक की तरह काम करता है।
मुँह और दांतों की देखभाल में सहायक
त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल मुँह की दुर्गंध, मसूड़ों की सूजन, छाले और अन्य मुँह से जुड़ी समस्याओं के लिए भी किया जाता है। इससे कुल्ला करने पर मुँह की सफाई होती है और मुँह में ताजगी बनी रहती है। यह एक नैचुरल माउथवॉश की तरह असर करता है।
अन्य फायदे
इसके अलावा त्रिफला चूर्ण नींद को सुधारने में मदद करता है, माइग्रेन के सिरदर्द में राहत देता है और जोड़ों के दर्द में भी कुछ हद तक आराम मिल सकता है। यह एक तरह से पूरे शरीर के लिए एक संतुलित और प्राकृतिक टॉनिक है।
त्रिफला चूर्ण के दुष्परिणाम क्या है?
वैसे तो त्रिफला एक प्राकृतिक औषधि है और ज़्यादातर लोगों को इससे कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन अधिक मात्रा में लेने पर ये समस्याएं हो सकती हैं:
- पेट में दर्द या मरोड़
- दस्त (loose motion)
- अत्यधिक डिटॉक्स के कारण थकान
- गर्भवती महिलाओं को बिना सलाह त्रिफला नहीं लेना चाहिए।
त्रिफला चूर्ण लेते समय क्या सावधानी बरते?
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं बिना सलाह त्रिफला ना लें।
- यदि आपको कोई गंभीर बीमारी है या आप कोई दवा ले रहे हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- अधिक मात्रा में त्रिफला लेने से नुकसान हो सकता है, इसलिए संतुलित मात्रा में ही सेवन करें।
- लगातार लंबे समय तक इसका सेवन ना करें, बीच-बीच में ब्रेक दें।
त्रिफला चूर्ण का डोज़ कितना है?
त्रिफला चूर्ण एक प्राकृतिक और शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है, लेकिन इसका सेवन सही मात्रा में और सही तरीके से करना बेहद ज़रूरी होता है ताकि इसके लाभ पूरी तरह मिल सकें और कोई साइड इफेक्ट न हो। सामान्यतः वयस्कों के लिए त्रिफला चूर्ण की मात्रा एक से दो चम्मच (लगभग 5 से 10 ग्राम) मानी जाती है। इसे रात को खाना खाने के करीब एक घंटे बाद, सोने से ठीक पहले लेना सबसे अच्छा माना जाता है। त्रिफला को आप गुनगुने पानी, गर्म दूध या फिर शहद के साथ भी ले सकते हैं, लेकिन यदि आपको कब्ज या पाचन संबंधी समस्या है तो इसे गुनगुने पानी के साथ लेना ज़्यादा लाभकारी रहेगा।
अगर आप त्रिफला को शरीर की डिटॉक्स यानी सफाई के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो एक आसान तरीका यह है कि रात को एक चम्मच त्रिफला चूर्ण एक गिलास पानी में भिगो दें और सुबह उस पानी को छानकर खाली पेट पी लें। इससे शरीर की गंदगी बाहर निकलती है और दिन भर हलकापन महसूस होता है। बच्चों के लिए डोज थोड़ा कम होता है – आमतौर पर एक चौथाई से आधा चम्मच (1 से 2 ग्राम) पर्याप्त होता है, लेकिन बच्चों को त्रिफला देने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, इसलिए किसी भी आयुर्वेदिक औषधि को शुरू करते समय थोड़ी कम मात्रा से शुरुआत करना बेहतर होता है। यदि सेवन के बाद दस्त, पेट दर्द या कोई अन्य असुविधा महसूस हो तो तुरन्त उसका उपयोग बंद कर देना चाहिए और चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं और गंभीर रोगों से पीड़ित लोग भी त्रिफला का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।
इसलिए त्रिफला चूर्ण का सेवन भले ही प्राकृतिक हो, लेकिन इसे सोच-समझकर और नियम से करना चाहिए ताकि यह आपकी सेहत के लिए वरदान साबित हो।
त्रिफला चूर्ण से जुड़े सवाल
त्रिफला चूर्ण कब लेना चाहिए – सुबह या रात में?
इसे रात में सोने से पहले लेना ज़्यादा फायदेमंद होता है, खासकर पाचन के लिए।
क्या त्रिफला वजन कम करने में मदद करता है?
हाँ, यह मेटाबॉलिज्म को सुधारता है और शरीर को डिटॉक्स करता है, जिससे वज़न घटाने में मदद मिलती है।
क्या त्रिफला चूर्ण रोज़ लिया जा सकता है?
हाँ, लेकिन नियमित रूप से लंबे समय तक लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।
त्रिफला चूर्ण और त्रिफला टैबलेट्स में क्या फर्क है?
दोनों का प्रभाव लगभग समान होता है, फर्क सिर्फ रूप (पाउडर और गोली) का होता है।
जब भी घर में दादी-नानी की बात होती है, तो वो त्रिफला चूर्ण का ज़िक्र ज़रूर करती हैं। उन्होंने बिना किसी बड़ी किताबों के, अपने अनुभव से जाना था कि ये चूर्ण कितनी शक्तिशाली दवा है। आज हम मॉडर्न दवाओं की ओर भागते हैं, लेकिन आयुर्वेद का खजाना हमारे घर में ही छिपा होता है।
अगर आप भी एक प्राकृतिक, सस्ती और प्रभावशाली औषधि की तलाश में हैं, तो त्रिफला चूर्ण आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है — बस सही जानकारी और सावधानी के साथ।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो ज़रूर शेयर करें, और त्रिफला से जुड़े अपने अनुभव भी हमारे साथ बाँटें।

मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।