गर्भाशय के Fibroid के कारण, लक्षण, प्रकार और निदान से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
गर्भाशय के फाइब्रॉएड का कारण, लक्षण और प्रकार
Causes, Symptoms and Types of Fibroid in Hindi
फाइब्रॉएड किसे कहते हैं ? What is Fibroid in Hindi
Uterus या गर्भाशय के अंदर बनने वाली मांसपेशियों के गाँठ / Tumor को Fibroid कहते हैं। यह अंगूर के आकार के हो सकते हैं। यह एक से अनेक भी हो सकते हैं। भारत में प्रतिवर्ष इसके एक करोड़ से अधिक मामले नजर आते हैं।
फाइब्रॉएड के क्या कारण हैं ? Causes of Fibroid in Hindi
फाइब्रॉएड होने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं :
- शारीरिक संबंध न रखना : भारतीय चिकित्सकों के अनुसार फाइब्रॉएड उन महिलाओं को होने की संभावना अधिक होती है जो लंबे समय तक शारीरिक संबंध नहीं बनाती है।
- अविवाहित : फाइब्राइड की समस्या उन महिलाओं में भी अधिक होती है जो बड़ी उम्र तक अविवाहित रहती है। अधिक समय तक शरीर की भितरी जरूरतों को पूरा ना करने पर फाइब्राइड की समस्या जन्म लेती है।
- गर्भावस्था : जो महिलाएं लंबे समय तक गर्भवती नहीं होती उनके गर्भाशय में इस तरह की गांठे बनने लगती है।
- आयु : प्रजनन काल में महिलाओं में फाइब्रॉएड की समस्या पायी जाती हैं। रजोनिवृत्ति / Menopause के बाद गर्भाशय अपने आप सिकुड़ने लगता है और Fibroid की समस्या नहीं होती हैं।
- अनुवांशिकता : अगर आपके परिवार में फाइब्रॉएड का इतिहास है तो आपको यह समस्या होने का खतरा अधिक रहता हैं।
- हारमोंस : महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन की अधिकता के कारण Fibroid बनने का खतरा बढ़ जाता हैं।
- मोटापा : सामान्य वजनवाली महिलाओं के तुलना में फाइब्रॉएड की समस्या अधिक वजनवाली (मोटापे से पीड़ित) महिलाओं में अधिक देखि जाती हैं।
- जीवनशैली : इसका सबसे बड़ा कारण बदलती अनियमित जीवनशैली और तनाव भी है।
फाइब्रॉएड के लक्षण क्या है ? Symptoms of Fibroid in Hindi
गर्भाशय का फाइब्रॉएड होने पर निचे दिए हुए लक्षण नजर आते हैं :
- सामान्य से अधिक मासिक आना
- मासिक के समय पेट में दर्द अधिक होना
- कमर के निचले हिस्से में दर्द
- शारीरिक सम्बन्ध बनाने वक्त दर्द होना
- लंबे समय तक मासिक धर्म चलना
- पेशाब में जलन होना या बार-बार पेशाब जाना
कुछ मामलों में कोई लक्षण नजर नहीं आता ऐसे में मामला गंभीर भी हो सकता है।
फाइब्रॉएड के कितने प्रकार हैं ? Types of Fibroid in Hindi
फाइब्रॉएड के मुख्य 3 प्रकार हैं :
- सबम्युकोसल फाइब्रॉएड : गर्भाशय में गर्भाशय के लाइनिंग से कैविटी में होनेवाले यह फाइब्रॉएड लम्बे समय तक रहते है और इनमे रक्तस्त्राव भी अधिक होता हैं।
- सबसरोसल फाइब्रॉएड : गया फाइब्रॉएड र्भाशय के बाहर की ओर होते हैं। इनके कारण पेशाब की थैली, गुदा / anus या स्पाइन पर भी दबाव आ सकता हैं। यह काफी भारी होते हैं।
- इंट्राम्यूरल फाइब्रॉएड : यह फाइब्रॉएड गर्भाशय के स्नायु की दीवार पर बनते हैं। इनका आकार बड़ा होता है जिससे मासिक अधिक समय तक रहता है और दर्द भी अधिक होता हैं।
फाइब्रॉएड का निदान कैसे किया जाता है ?
महिला में फाइब्राइड से जुड़े लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर इसकी पुष्टि करने के लिए पेट की Sonography और MRI कराने की सलाह देते हैं। सोनोग्राफी और एम आर आई में गर्भाशय की फाइब्राइड की पुष्टि हो जाती है।
Fibroid का निदान हो जाने पर इसके आकार, महिला की आयु और तकलीफ को देखकर क्या उपचार करना चाहिए यह डॉक्टर तय करते हैं। कुछ Fibroid ऐसे होते है जो दवा से ठीक हो जाते है और कुछ Fibroid को ऑपरेशन कर निकालना पड़ता हैं। Fibroid के उपचार से जुडी अधिक जानकारी आप यहाँ click कर पढ़ सकते हैं – Fibroid का उपचार, घरेलु आयुर्वेदिक उपाय और योग
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।