बुख़ार (Fever) के फ़ायदे ? आप सोच रहे होंगे आपने सही पढ़ा है या कुछ गलती हुई है। घबराइए नहीं! आपने सही पढ़ा है और मैं आपको इस लेख में विस्तार में बताने वाला हूँ की जिस बुख़ार से आप इतना दूर भागते है असल में वह आपका दोस्त किस तरह से है।
हमारे शरीर का तापमान (temperature) कई कारणों से बदलते रहता रहता है जैसे खाना खाने से, कसरत करने से, सोने से और दिन के समय अनुसार। हमारे शरीर का तापमान शाम को 6 बजे सबसे ज्यादा रहता है और रात को 3 बजे के आसपास सबसे कम रहता है। सामान्यतः स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर का तापमान 98.6°F या 37°C रहता है। शरीर का तापमान 98.6°F या 37°C से ज्यादा हो जाने पर उसे बुख़ार (Fever) या ज्वर कहा जाता है।
बुख़ार आना इस बात का संकेत है की हमारा शरीर किसी प्रकार के बाहरी संक्रमण जैसे की सर्दी-खांसी, फ्लू या कान के संक्रमण से लड़ रहा है। अपने रोजाना मेडिकल व्यवसाय में मुझे कई बार मरीज या मरीज के परिजनों को समझाने में मुश्किल होती है की, “अगर आप एक स्तर तक बुख़ार का इलाज न भी करे तो आपको कोई नुकसान नहीं होगा।” कई बार तो मरीज या उनके परिजन दवा लेने के बाद बुख़ार आने पर अपना आपा खो देते है और बहस करना शुरू कर देते है। उनके लिए बुखार आने का मतलब या तो दवा बेअसर है या बीमारी का और बढ़ जाना होता है। उनका यह व्यवहार जायज भी होता है क्योंकि उन्हें अपने मरीज की परवाह होती है और साथ ही बुख़ार के बारे में अधूरी जानकारी होती है।
उनका बुख़ार के बारे में यह अज्ञान हटाने के लिए मैंने कुछ ही दिनों पहले हमारे अस्पताल में बुख़ार के फायदे और उसकी देखभाल की संक्षिप्त जानकारी का लेख लगा दिया है। इसकी सकारात्मक प्रतिक्रिया भी अब हमें मिल रही है। बुख़ार के बारे में लोगों के इस अज्ञान या भ्रांति को दूर करने के लिए मैं उसी लेख को यहाँ आप के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ।
बुख़ारे से क्या फ़ायदे होते है ? (Health Benefits of Fever in Hindi)
सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है की आखिर हमें बुख़ार क्यों आता है या हमारा शरीर अपना तापमान सामान्य से ज़्यादा क्यों बढ़ा देता है ? कोई भी Bacteria या Virus सिर्फ एक विशिष्ट तापमान पर ही कार्य कर सकता है जो की हमारे शरीर का सामान्य तापमान होता है। तापमान बढ़ने पर Bacteria या Virus न तो कोई कार्य कर सकते और न ही अपनी संख्या बढ़ा सकते है। यही वजह है जिस कारण हमारा शरीर अपना तापमान सामान्य से ज़्यादा बढ़ा देता है।
बुख़ार आने के एक और फ़ायदा यह है की बुख़ार के समय हमारी रोग प्रतिकार शक्ति की क्षमता दोगुनी हो जाती है। हमारा शरीर में बुखार के समय संक्रमण विरोधी पेशी के संख्या दोगुनी रफ़्तार से बढती है और इसकी वजह से हमारे शरीर में से विषाणु, नुकसानदेह चीजे और दृष्ट कैंसर पेशीयो (Cancer cells) का सफाया हो जाता है।
शोध से यह पता चला है की जो मरीज बुख़ार को अपने नैसर्गिक रूप से शांत होने देते उन मरीज़ की बीमारी जल्दी ठीक होती है और साथ ही कम संक्रामक होती है। जो मरीज बुख़ार को अपने नैसर्गिक रूप से शांत होने देते उन बुख़ार में कैंसर होने के जोखिम भी कम होता है। बुख़ार के वक्त हमारी रोग प्रतिकार शक्ति की क्षमता दोगुनी हो जाती है और शरीर में मौजूद कैंसर के दृष्ट पेशियों को सफाया हो जाता है। कैंसर की दृष्ट पेशी हमारे शरीर में हमेशा मौजूद होती है और यह आगे जाकर कैंसर की गाठ बन सकती है।
बुख़ार के वक्त हमारे शरीर में Interferon नामक Antiviral और Anticancer तत्व ज्यादा प्रमाण में तयार होता है जो की खतरनाक वायरस से स्वस्थ पेशियों का बचाव का कार्य करता है।
क्या आप जानते है – 32 बार चबाकर ख़ाना क्यों ज़रूरी है
अब तक आप को यह समझ में आ गया होगा की बुख़ार हमारे लिए काफी फायदेमंद है। बुख़ार हमारे शरीर के लिए बहुउपयोगी है पर साथ ही इसे काबू में रखना भी उतना ही ज़रूरी है। एक हद से ज्यादा बुख़ार बढ़ जाने पर उसका उपचार करना भी बुख़ार है अन्यथा: इसके विपरीत परिणाम हमारे शरीर पर हो सकते है।
इसे ज़रूर पढ़े – बुख़ार का ईलाज कब करे और बुख़ार उतारने के उपाय की जानकारी
अगर आपको यह बुख़ार के फ़ायदे की जानकारी उपयोगी लगती है तो कृपया इसे शेयर ज़रूर करें। अगर आपको इस लेख में कोई जानकारी के विषय में सवाल पूछना है तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में या Contact Us में आप पूछ सकते है। मैं जल्द से जल्द आपके सभी प्रश्नों के विस्तार में जवाब देने की कोशिश करूँगा।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।