तुलसी में छोटे-छोटे घरेलु रोगों से लेकर अनेक असाध्य रोगों को भी जड़ से ख़त्म कर देने की विशिष्ट क्षमता हैं। तुलसी का प्रयोग बुखार, खांसी, बवासीर, सिरदर्द, गठिया, दमा, रक्तविकार और बिच्छु आदि जहरीले जंतुओं के काटने पर भी किया जाता हैं। औषधीय गुणों के कारण ही तुलसी को वैद्य कहा जाता हैं।
ऐसे ही कुछ विशेष तुलसी के औषधीय उपयोग की जानकारी निचे दी जारी हैं :
तुलसी (Tulsi) औषधीय उपयोग और फायदे
- बुखार (Fever) : तुलसी में बैक्टीरिया विरोधी, फंगल विरोधी, वायरस विरोधी और रोग प्रतिकार शक्ति बढाने के गुण होने के कारण इसका उपयोग कई तरह के बुखार को ठीक करने के लिए औषधि के रूप में किया जाता हैं।
- खांसी (Cough) : तुलसी के ताजे स्वच्छ पत्तियों को अदरक के रस और शहद के साथ लेने से सर्दी, खांसी, जुकाम और गले में खराश आदि विकार दूर हो जाते हैं।
- पथरी (Stone) : तुलसी में diuretic गुण होने के कारण किडनी के पथरी के रोकथाम में यह विशेष लाभकारी औषधि हैं। तुलसी के रस और शहद को लगातार 6 महीने तक सेवन करने से पथरी टूट कर निकल जाती है।
- दांत में दर्द (Toothache) : दांत में दर्द होने पर तुलसी की ताजी स्वच्छ पत्तियों को धीरे-धीरे चबाकर खाने से तुरंत आराम मिलता हैं।
- नकसीर (Nose bleeding) : नकसीर फूटने में तुलसी के सूखे पत्तों को सूंघने से नाक से खून आना बंद हो जाता हैं।
- कर्करोग (Cancer) : तुलसी में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट होते है जो मुख और स्तन के कैंसर होने से रोकने में मदद करते हैं।
- कान में दर्द (Earache) : कान में दर्द होने पर तुलसी के ताजी पत्तियों के रस को हल्का गर्म कर कान में डालने से दर्द तुरंत कम हो जाता हैं।
- बाल झड़ना (Hair fall) : अगर आपके बाल ज्यादा झड रहे है और इसके कारण आपको शर्मिंदा महसूस होना पड़ रहा है तो आप तुलसी के पत्ते का पाउडर और नारियल के तेल से सुबह शाम सिर की हलके से मालिश कर सकते हैं। यह बेहद लाभकारी उपाय हैं। खुशखबर – अब बालों का झड़ना रोकना है आसान !
- मधुमेह (Diabetes) : तुलसी में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट और यूगेनोल नामक रसायन होता हैं। यह पैंक्रियास में इन्सुलिन की निर्मिती और सेंसिटिविटी बढाने में मददगार होने के कारण मधुमेह / Diabetes को नियंत्रित और pre-diabetic मरीजों को मधुमेह से बचाने में उपयोगी होती हैं। उपयोगी जानकारी – डायबिटीज में खाये यह 10 चमत्कारी फल
- रक्त चाप (Blood pressure) : तुलसी में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट और यूगेनोल नामक रसायन होता हैं जो रक्तचाप / Blood pressure को काबू में रखता हैं। इससे ह्रदय रोग से भी सुरक्षा प्राप्त होती हैं।अवश्य पढ़ना चाहिए – हाई ब्लड प्रेशर को कैसे नियंत्रित करे ?
- अपचन (Acidity) : पेट में अपचन और गैस की समस्या अधिक होने पर उपचार के लिए तुलसी की ताजी स्वच्छ हरी पत्तियों को पीसकर, साफ़ कपडे से छानकर, इस रस को सुबह और शाम नियमित 15 दिन तक पिने से इस मुश्किल से राहत मिल सकती हैं।
- त्वचा रोग (Skin disease) : तुलसी की ताज़ी पत्तियों के रस को कपूर, शहद और निम्बू के रस की बराबर की मात्रा में मिलाकर लगाने से सभी प्रकार के चर्म / त्वचा रोग दूर हो जाते हैं।
- सफ़ेद दाग (Vitiligo) : सफ़ेद दाग पर तुलसी के ताजी और स्वच्छ पत्तियों के रस को पीसकर लेप करे और तुलसी की पत्तियां चबाने को भी देना चाहिए।
- गठिया (Gout) : तुलसी के ताजी और स्वच्छ पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से स्नान करने से गठिया से पीड़ित रोगियों को लाभ होता हैं।
- लू (Heat stroke) : गर्मी के दिनों में काली तुलसी के फूलों को ठन्डे पानी के साथ सेवन करने से लू (Heat stroke) नहीं लगता हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
सुंदर जानकारी
Useful information. Thank you.
Thanks for your comment Mr Shyam.