देसी थाली – सेहत की प्याली

दोस्तों, आजकल हम फास्ट फूड के चक्कर में आकर भले उल्टा-पुल्टा खाने की आदतें पाल रहे हो, लेकिन हमारी देसी थाली जितनी सेहतमंद, पौष्टिक, परिपूर्ण होती है उतना और कुछ भी नहीं। लगभग सारे पौष्टिक तत्व और विटामिन्स, मिनरल्स की पूर्ति हमारे देसी थाली से हो जाती है, जो देती है हमे स्वास्थ का खजाना।हमें कई पाठक रोजाना फेसबुक पेज ) पर सवाल करते है की स्वस्थ रहने के लिए आहार में क्या क्या चीजे शामिल करना चाहिए।

आज के आधुनिक युग ने भले ही कितनी प्रगति क्यों न की है पर आहार के बारे में कई वर्षों पहले जो ज्ञान आयुर्वेद में चरक और वाग्भट जैसे आचार्यों ने दिया है वह आज भी सेहतमंद और उपयोगी हैं।

आहार में सेहतमंद और स्वादिष्ट देसी थाली में क्या आहार लेना चाहिए और इस थाली का क्या महत्त्व है इसकी जानकारी विस्तार में नीचे दी गयी हैं :

भारतीय देसी थाली का महत्त्व और स्वास्थ्य लाभ

  1. रोटी या चावल : रोटी और चावल दोनों कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्त्रोत है। इनमें फाइबर और विटामिन होते हैं। नूडल्स, बर्गर, ब्रेड आदि में मैदा होता है, जो कि पचने में भारी होता है, जिससे कब्ज बनता है और मोटापा आ सकता है।
  2. सब्जियों में विटामिन : विटामिन, मिनरल और फाइबर का खजाना होती है सब्जियां। हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन का अच्छा स्रोत होती है। बेल पर लगने वाली सब्जियां जैसे लौकी, गिलकी, करेला आदि में तो पौष्टिकता का भंडार होता है। इनमें कई बीमारियों से लड़ने की भी अद्भुत क्षमता होती है। सब्जियों में एंटी ऑक्सीडेंट भी प्रचुर मात्रा प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
  3. दाल में प्रोटीन : प्रोटीन से लबालब दाले शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती है। डॉक्टर भी हर रोज भोजन में एक कटोरी दाल शामिल करने की सलाह देते हैं। सभी दालों में मूंग दाल सेहत के लिए बढ़िया मानी गई है। यह पचने में हल्की होती है, और इससे गैस नही होता। हम भोजन में मिक्स दाल भी ले सकते है, पर ध्यान रहे मूंग दाल का प्रमाण अधिक रखे।
  4. मसाले बनाते मजबूत : भारतीय रसोई में मौजूद विभिन्न मसालों के गुणों पर काफी शोध किया जा चुका है, जैसे हल्दी एंटीसेप्टिक और कई रोगों का नाश करने वाली है। सौंफ से पेट ठंडा रहता है।  अजवाइन गैस नाशक है। अदरक से सर्दी जुकाम दूर होता है। मिर्ची से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स का लेवल बढ़ता है और मोटापा कम होने में मदद होती है। लोंग, इलाइची,  हींग भी काफी फायदेमंद होते हैं। इन सब मसालों के सेवन से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं।
  5. दही पेट का दोस्त : दही में लैक्टोबैसिलस होते हैं। यह फ्रेंडली बैक्टीरिया है जो पाचन क्रिया में मदद करते हैं। दही से हमारे पेट का पीएच लेवल भी दुरुस्त रहता है, बशर्ते हम दही का प्रयोग कभी कभार करें, हर रोज नहीं और जब भी हम दही का सेवन करें तो ध्यान रहे कि वह ताजा हो और कम खट्टा हो और हमेशा दही दिन में ही सेवन करें, रात में दही का सेवन ना करें।
  6. अचार पचाए आहार : विभिन्न प्रकार के अचार जैसे मिर्च, नींबू, आम, आँवला, पुदीना धनियां की चटनियाँ आदि खाने में तो स्वादिष्ट होते स्वादिष्ट होते है लेकिन पाचन में भी मददगार होते हैं। लेकिन उनका सेवन मर्यादित मात्रा में ही करें। कई लोग इन्हें चटखारे लेकर सब्जी जितनी मात्रा में खाते है, जो कि गलत है। सीमित मात्रा में इनका सेवन भोजन में चार चाँद तो लगाता ही है, साथ मे आहार का पाचन भी करता है।

तो दोस्तों, यह है हमारी हेल्थ फ्रेंडली देसी थाली जो पोषक तत्वों से परिपूर्ण होती है। आज के जमाने मे हम फ़ास्ट फ़ूड से दूर तो नही रह सकते, पर हमारी कोशिश यही रहनी चाहिए कि हम फ़ास्ट फ़ूड का सेवन कम से कम कर रोजमर्रा में देसी थाली को अपनाए व स्वस्थ रहे।


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