कैंसर रोग से जुड़े प्रमुख ११ मिथक और तथ्य

हम सब जानते है, की कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। तभी इसे लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां है, इन्हीं के चलते कई मरीज सही इलाज से वंचित रह जाते हैं। वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति से इस बीमारी के ठीक होने के कोई ठोस प्रमाण नहीं है। कैंसर जितनी जल्दी पकड़ में आएगा उतना ही मरीज के ठीक होने के अवसर बढ़ जाते हैं। कई लोग कैंसर की पहचान होने के बावजूद सही तरीके से इलाज नहीं कराते।

लोगों में कैंसर से जुड़े कई मिथक है, आज हम इस लेख में उन्हें जानने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों में कैंसर रोग के प्रति जागरूकता निर्माण करना और सामान्य जन तक कैंसर से जुडी उपयोगी जानकारी पहुंचना यह इस लेख का उद्देश्य हैं। कैंसर से जुड़े सामान्य मिथक और तथ्य से जुडी जानकारी निचे दी गयी हैं :
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कैंसर रोग से जुड़े प्रमुख ११ मिथक और तथ्य


मिथक १ : पसीना रोधी परफ्यूम परफ्यूम से ब्रेस्ट कैंसर होता है।

तथ्य : अमेरिका नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार अंडर आर्म्स में पसीना रोधी क्रीम और डिओडरेंट का उपयोग करने से ब्रेस्ट कैंसर होने का कोई पुख्ता प्रमाण मौजूद नहीं है। इन उत्पादों में अक्सर अल्युमिनियम कंपाउंड जैसे हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं, इसी वजह से कुछ रिपोर्ट्स इन उत्पादों को ब्रेस्ट कैंसर से जोड़ती है। इन हानिकारक तत्वों को त्वचा भीतर तक अवशोषित कर लेती है। यह चमड़ी में मौजूद घाव के जरिए भी यह तत्व शरीर के अंदर पहुंच सकते हैं। तो क्या यह उत्पाद ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं इस प्रश्न का किसी भी क्लीनिकल अध्ययन से उत्तर नहीं मिल पाया है।


मिथक २ : कैंसर के रोगी शक्कर ना खाए। 

तथ्य : शक्कर से कैंसर की कोशिकाओं के तेजी से बढ़ने का कोई संबंध नहीं है। शरीर की सभी कोशिकाएं सामान्य और कैंसरकारी दोनों ही ऊर्जा के लिए रक्त में मौजूद शर्करा पर निर्भर करती है। कैंसर की कोशिकाओं को अधिक शर्करा मिलने से इनकी बढ़त तेज नहीं होती है और ना ही इस प्रकार शक्कर खाने से कैंसर की वृद्धि नहीं रुकती है।


मिथक ३ : छूत की बीमारी है कैंसर। 

तथ्य : कैंसर पीड़ित मरीजों से दूर रहने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह छूत की बीमारी की बीमारी नहीं है। वैसे तो कैंसर संक्रामक रोग नहीं है लेकिन कुछ प्रकार के कैंसर संक्रमण के कारण होते हैं जैसे :

  • ह्यूमन पैपिलोमा वायरस ( HPV ) सर्वाइकल कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है। यह वायरस यौन सम्पर्क से फैलता है।
  • हेपटाइटिस C :- इस वायरस से लिवर कैंसर होता है। यह संक्रमण एवं संपर्क और दूषित सुई और दूषित सुई से फैलता है।
  • एड्स : एचआईवी एड्स जैसे संक्रमण रोग में प्रतिरोधक क्षमता क्षीण पड़ जाती है, फलस्वरूप मरीज में कैंसर की आशंका भी कैंसर की आशंका भी बढ़ जाती है।

 

मिथक ४ : हेयर डाई से होता है ब्रेन कैंसर। 

तथ्य : हेयर डाई को कई बार कैंसर से जोड़ा जाता है। यह भ्रम है। कोई कहता है कि हेयर डाई के इस्तेमाल से मूत्राशय, ब्रेस्ट और ब्रेन कैंसर की आशंका बढ़ जाती है लेकिन इसके पीछे कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है। जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक हेयर डाई के इस्तेमाल से कैंसर होने की आशंका नहीं बढ़ती है।

 

मिथक ५ : कैंसर से बाल झड़ जाते हैं।

तथ्य : कैंसर के कारण बाल नहीं झड़ते हैं। बालों का झड़ना तो कैंसर के इलाज जैसे कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी आदि का एक दुष्प्रभाव है। यह भी जरूरी नहीं है कि कीमोथेरेपी लेने वाले हर मरीज के बाल अनिवार्य रूप से झड़ेंगे ही। यह बात काफी हद तक कीमोथेरेपी में उपयोग किए गए ड्रग्स पर भी निर्भर करती है।


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मिथक ६ : स्तन कैंसर केवल महिलाओं को होता है।

तथ्य : स्तन कैंसर केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं है,  पुरुषों को भी यह हो सकता है। हालांकि इसमें इसका जोखिम बहुत कम होता है और स्तन कैंसर के मरीजों में से केवल 1% ही पुरुष होते हैं।

मिथक ७ : कैंसर जानलेवा होता है।

तथ्य : कैंसर जानलेवा हो सकता है, लेकिन समय पर निदान और आधुनिक उपचार के साथ कारगर इलाज किया जाए तो इससे बचाव संभव है। कैंसर का इलाज होने से 5 साल बाद तक जीवित रहने वाले मरीजों को
‘ सर्वाइवर ‘  माना जाता है। एक अनुमान के अनुसार कैंसर के 40% मरीज इस बीमारी से उबर जाते हैं। कैंसर का निदान शुरुआती अवस्था में होने और तत्काल शुरू कर देने से नतीजा अच्छा होता है।

मिथक ८ : बूढ़े लोगों का इलाज नहीं किया जा सकता।  

तथ्य : कैंसर के इलाज के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता है। उम्रदराज लोगों के लिए भी इलाज उतना ही फायदेमंद हो सकता है। सिर्फ इतना ही है कि अधिक उम्र के लोगों में कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट ज्यादा होने से उसके दुष्परिणामों को सहना उनके लिए थोड़ा मुश्किल होता है।

मिथक ९ : स्तनपान कराने से स्तन कैंसर होता है।

तथ्य : असल में इसका ठीक उल्टा होता है। स्तनपान कराने से स्तन कैंसर का खतरा कम होता है।

मिथक १० : चोट लगने से कैंसर हो सकता है।

तथ्य : चोट लगने के बाद इलाज कराने अस्पताल पहुंचे कई मरीजों को जांच के दौरान कैंसर का पता चलता है,  लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें चोट लगने के कारण कैंसर हुआ है। कैंसर तो उन्हें पहले से पहले से ही था लेकिन चोट लगने के बाद की जाने वाली जांच के दौरान इसका निदान हो पाया।

मिथक ११ : यदि आपके माता-पिता को कैंसर हुआ था तो आपको भी होगा।

तथ्य : यह सच है कि कैंसर के कुछ प्रकार अनुवांशिक होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जिनमें आनुवांशिक रूप से से कैंसर की आशंका है उन्हें कैंसर होगा ही। कैंसर के केवल 10% मामले ही अनुवांशिक कारणों से होते हैं।

तो यह थे कैंसर रोग से जुड़े प्रमुख ११ मिथक और तथ्य की जानकारी विस्तार में।

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