टाइफाइड में क्या खाए और क्या नहीं | Typhoid Diet chart in Hindi

टाइफाइड (Typhoid) यह भारत में पाया जानेवाला एक आम संक्रामक रोग हैं। भारत में हर वर्ष लाखों लोग टाइफाइड के शिकार होते हैं। टाइफाइड यह Salmonella Typhi बैक्टीरिया से होनेवाला रोग हैं। दूषित खान-पान यह टाइफाइड फैलने की एक आम वजह हैं।अवश्य पढ़े – टाइफाइड के कारण, लक्षण और उपचार

टाइफाइड के कारण, लक्षण और उपचार से जुडी जानकारी हम इस ब्लॉग पर पहले ही प्रकाशित कर चुके हैं। आज इस लेख में हम आपको Typhoid के रोगियों ने अपने आहार में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसकी जानकारी देंगे। टाइफाइड यह एक आंत की बीमारी है और इसलिए टाइफाइड में हमें रोगी के आहार पर विशेष ध्यान देना जरुरी होता हैं।

टाइफाइड के रोगी ने क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसकी विस्तार में जानकारी निचे दी गयी हैं :

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टाइफाइड में क्या खाए और क्या नहीं | Typhoid Diet chart in Hindi

किसी भी रोग में जितना महत्व दवा का होता है उतना ही महत्व उस रोगी को दिए जानेवाले आहार का भी होता हैं। आयुर्वेद में तो यह तक कहा गया है की केवल योग्य आहार देकर ही हम रोगी की आधी से ज्यादा बीमारी ठीक कर सकते हैं। टाइफाइड यह आंत (Intestine) की बीमारी होने की वजह से इस रोग में रोगी की पाचन शक्ति कमजोर होती हैं और इसीलिए रोगी को योग्य आहार देना अति आवश्यक हो जाता हैं।

कुछ लोग टाइफाइड में बिलकुल कम खाने की सलाह देते है पर यह बिलकुल गलत हैं। टाइफाइड  में हमारे शरीर की चयापचय गति जिसे metabolic rate भी कहते है 10% से 15 % तक बढ़ जाती है जिससे शरीर के ऊतकों को अधिक हानि पहुँचती है। इसलिए इस दौरान शरीर के नुकसान की भरपाई करने के लिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन्स, विटामिन और electrolytes मिलना जरुरी होता हैं।

टाइफाइड में रोगी को कैसा आहार देना चाहिए ? Food for Typhoid in Hindi

  1. टाइफाइड में रोगी को शुरुआत में हल्का आहार और तरल पदार्थ अधिक देना चाहिए। शुरुआत में रोगी  को तरल पदार्थ अधिक देना चाहिए जैसे की शुद्ध पानी, नारियल पानी, ताजे फलों का घर पर बना हुआ जूस, वेजिटेबल सुप, छांछ, निम्बू पानी या एलेक्ट्रॉल का पानी इत्यादि। इससे शरीर में पानी का प्रमाण बना रहता है, यह आसानी से पांच जाता है और शरीर के लिए पोषक भी होता हैं।
  2. शुरुआत में रोगी को तरल पदार्थ का आहार देना के बाद रोगी को धीरे-धीरे फलाहार भी देना चाहिए। फल में आप केला, तरबूज, सेब, चीकू, अनार, कीवी, अंगूर, संतरा, पपीता आदि दे सकते हैं। रोगी को आहार में मौसमी ताजे फल ही देना चाहिए। अधिक कच्चे फल नहीं देना चाहिए।
  3. जैसे-जैसे रोगी की पाचन शक्ति बढ़ती है और रोगी को भूक लगने लगती है आप उसे उबले हुए चावल, आलू, दही, साधी दाल के साथ चावल, खिचड़ी, सब्जी का सुप जैसा आहार दे सकते हैं।
  4. दिनभर में 3 से 4 लीटर शुद्ध जल या तरल पदार्थ का सेवन करे। बोतलबंद या फिर उबाल कर सादा ठंडा किया हुआ पानी का ही प्रयोग करे।
  5. दिन भर में 2 से 3 बार पेट भर भोजन करने की जगह थोड़ा-थोड़ा आहार 5 से 6 बार देना चाहिए।
  6. टाइफाइड में मूंगदाल की खिचड़ी एक उत्तम आहार माना जाता हैं।
  7. जैसे-जैसे रोगी की पाचन शक्ति पहले जैसे अच्छी हो जाती है आप उसे सामान्य आहार धीरे-धीरे देना शुरू कर सकते हैं। रोगी को अधिक खाने के लिए फाॅर्स न करे और अपने डॉक्टर की सलाह से आहर देते रहे।
  8. रोगी को टाइफाइड में एक महीने तक मांसाहार नहीं देना चाहिए।
  9. रोगी ने अकेले भोजन करना चाहिए और उसके थाली में अन्य व्यक्ति को नहीं खिलाना चाहिए।

टाइफाइड में कैसा आहार नहीं देना चाहिए ? Foods to avoid in Typhoid in Hindi

  1. टाइफाइड में रोगी की पाचन शक्ति बेहद कमजोर होती है ऐसे में अधिक फाइबर युक्त आहार नहीं देना चाहिए जैसे की साबुत अनाज, ओट्स, सलाद के रूप में कच्ची सब्जी आदि।
  2. टाइफाइड में रोगी को पत्तागोभी, शिमला मिर्च, शलजम जैसी सब्जियां नहीं खिलाना चाहिए क्योंकि इनसे गैस की समस्या अधिक होती हैं।
  3. अधिक तीखा, तलाहुआ और मसालेदार भोजन बिलकुल नहीं देना चाहिए।
  4. बाजार या होटल में मिलनेवाले चटपटे आहार जैसे की समोसा, कचोरी, पकोड़े, फाफड़ा, सैंडविज, भेल, पानीपुरी या चायनीज आइटम बिलकुल नहीं देना चाहिए।
  5. रोगी को चाय, कॉफ़ी, शराब, गुटखा और धूम्रपान का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
इस तरह आप टाइफाइड में योग्य आहार लेकर टाइफाइड से होनेवाली शारीरिक हानि और कमजोरी से जल्द ठीक हो सकते है और कम दवा में ही ठीक हो सकते हैं।
अगर आपको यह टाइफाइड बुखार में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए की जानकारी उपयोगी लगती है तो आपसे निवेदन है की इसे शेयर अवश्य करे ताकि अधिक से अधिक लोगों तक यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके ! धन्यवाद !!

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