दस्त या loose motions के साथ उलटी होने की स्तिथि को Diarrhea या Acute GastroEnteritis कहा जाता हैं। सामान्य भाषा में इसे Food Poisoning भी कहा जाता हैं। आयुर्वेद में इस बीमारी को अतिसार कहा गया हैं। अक्सर बाहर का खाना या शादी / पार्टी में खाना खाने के कारण पेट में जंतु का संक्रमण होने से दस्त होने शुरू हो जाते हैं। अगर आपको दिन में 3 से ज्यादा बार पतले पानी जैसे loose motions होते है तो इसे डायरिया कहा जाता हैं
पाचन शक्ति कमजोर होने की वजह से भी loose motions हो सकते हैं। पतले दस्त के साथ उलटी होना हमारे शरीर के लिए अच्छा संकेत नहीं होता हैं। ऐसी स्तिथि में शरीर में तेजी से पानी की कमी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर कम हो सकता हैं। विशेष कर बच्चों में हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए।
दस्त या loose motions का कारण, लक्षण, उपचार और घरेलु आयुर्वेदिक नुस्खों की जानकारी नीचे दी गयी हैं :
दस्त लगने के क्या कारण होते हैं ?
दस्त लगने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं :
- कमजोर पाचन शक्ति – हमारा digestion कमजोर होने की वजह से खाने का पाचन ठीक से नहीं होता और दस्त लगने शुरू हो जाते हैं।
- जंतु संक्रमण – अगर हम ऐसी जगह का बना हुआ खाना खाते है जहा सफाई का विशेष ध्यान नहीं दिया गया है तो bacterial या virus के संक्रमण के चलते हमें दस्त लग सकते हैं।
- दवा / Medicine : कभी-कभी कोई दवा लेने से भी दस्त हो सकते हैं। अक्सर देखा गया है की लम्बे समय तक antibiotic medicine लेने से हमारा gastric flora (पेट में मौजूद अच्छे bacteria) नष्ट होने से डायरिया होता हैं।
- तनाव / भय : अत्याधिक तनाव या भय के कारण भी दस्त लगते हैं। किसी tension में होने पर हमें बार-बार दस्त जाना पड़ सकता है जैसे की परीक्षा, interview, भय इत्यादि। आयुर्वेद में इसे भयज अतिसार कहा गया हैं।
- Food allergy : कई लोगो को कुछ food की एलर्जी होती है जिस वजह से कोई विशेष food खाने पर उनका पेट ख़राब हो जाता हैं। कुछ बच्चों में भी lactose intolerance होने की वजह से दूध पिने पर दस्त लग जाते हैं।
डायरिया के लक्षण क्या हैं ?
डायरिया के लक्षण इस प्रकार हैं :
- बार-बार पतले पानी जैसे दस्त होना
- जी मचलाना, उलटी होना
- पेट में दर्द होना
- दस्त होते समय पेट में मरोड़ आना
- थोड़ा सा खाना खाने के बाद जल्द पेट में मरोड़ आकर दस्त या उलटी होना
- बुखार
- सरदर्द
- कमजोरी
- त्वचा रूखी होना
- मुंह सुखना
- हात-पैर टूटना
शरीर में पानी की कमी होने के लक्षण क्या हैं? (Dehydration symptoms in Hindi)
शरीर में पानी की कमी होने के (dehydration) कुछ विशेष लक्षण पर आपकी नजर होनी चाहिए जैसे की :
- आँखे अंदर चली जाना,
- जीभ सुखना,
- बेहद ज्यादा प्यास लगना,
- पेशाब ना लगना,
- पलंग पर ही दस्त लगना
- ह्रदय गति यानि Heart beat 100/ मिनिट से तेज होना
- ब्लड प्रेशर 90/60 mmhg से कम होना
- पेट की त्वचा पकड़ कर छोड़ने पर वापिस पहले जैसी होने में समय लगना
- कमजोरी / बेहोशी
ऐसे सभी लक्षण नजर आने पर रोगी को तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल में दिखाकर admit करना चाहिए।
दस्त का उपचार कैसे किया जाता हैं ? Loose Motions treatment in Hindi
दस्त के उपचार की जानकारी नीचे दी गयी हैं:
डायरिया का Allopathy उपचार
- जीवाणुरोधी दवा / Antibiotics : डायरिया का उपचार करने के लिए रोगी को 3 से 5 दिन तक एंटीबीओटिक दवा / इंजेक्शन का कोर्स देते है जैसे की Ofloxacin, Norfloxacin, Tinidazole, Metronidazole, Cefixime, Ceftriaxone, Rifaximin इत्यादि।
- एसिडिटी की दवा : अक्सर डायरिया में रोगी को जी मचलाना और उलटी होने की शिकायत होती है और यह लक्षण कम करने के लिए डॉक्टर Rabeprazole, Ranitidine, Pantoprazole, Domperidone, Ondensetron, Metaclopramide आदि दवा देते हैं।
- पेट दर्द की दवा : पेट दर्द की समस्या कम करने के लिए डॉक्टर pain killer दवा के साथ anti spasmodic दवा भी देते है जैसे की Paracetamol, Drotaverine, Mefenamic acid, Dicyclomine, Tramadol इत्यादि।
- आंत की गतिशीलता : अधिक दस्त होने पर कभी-कभी डॉक्टर आंत की गतिशीलता कम करने के लिए Lomotil या Loperamide दवा देते हैं। यह बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए। कई लोग मेडिकल से यह दवा बिना डॉक्टर की राय लिए लेते है जिसके दुष्परिणाम हो सकते हैं।
- अच्छे bacteria : हमारे पेट में stomach के अंदर कुछ ऐसे अच्छे bacteria होते है जो की खाने के पाचन में हमें मदद करते हैं। यह बैक्टीरिया दस्त को ठीक करने में भी मदद करते है और इसीलिए डॉक्टर इनकी दवा देते है जैसे की Lactobacilus aciophilis, LactbacilisRhamosos, Bifidobacteriosos, Bifidum, Fructo Oligo sachharide इत्यादि। इसके साथ ही Zinc लेने से भी लाभ होता हैं। पेट में पानी का secretion कम करने के लिए Racecadotril जैसी दवा दी जाती हैं।
- सलाइन : डायरिया के कारण शरीर में पानी के ज्यादा कमी होने पर रोगी को पानी की कमी दूर करने के लिए तुरंत सलाइन चढ़ाना जरुरी होता हैं। दस्त में शरीर से पानी की कमी के साथ शरीर के लिए जरुरी electrolytes जैसे की Sodium और Potassium की कमी भी होती है इसलिए रोगी की स्तिथि देख कर डॉक्टर DNS, NS या RL की सलाइन देते हैं।
जीवनरक्षक घोल | Oral Rehydration Solution (O.R.S) in Hindi
डायरिया में पतले दस्त और उलटी के कारण शरीर में पानी की कमी होने से हर वर्ष हजारों बच्चों की मृत्यु हो जाती है और इसे दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संघटन ने सभी लोगों को जीवनरक्षक घोल / Oral Rehydration Solution (O.R.S) के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संघटन द्वारा O.R.S के एक पैकेट में 20 gm Glucose, 3.5 gm Sodium Chloride, 2.5 gm Sodium Bicarbonate, 1.5 gm Potassium Chloride की मात्रा निर्धारित की गयी हैं।
- यह पैकेट 1 लीटर स्वच्छ पानी में घोल कर रोगी को पिने के लिए दिया जाता है जिससे रोगी के शरीर में पानी की कमी दूर होती हैं, Glucose से ऊर्जा मिलती हैं और Sodium, Potassium से शरीर में Electrolytes की कमी दूर होती हैं।
- बाजार में तैयार O.R.S का घोल भी मिलता है। आप उनका भी उपयोग कर सकते हैं। यह कई तरह के flavour में भी उपलब्ध हैं।
घर पर कैसे बनाये ORS? (How to make ORS at home in Hindi)
घर पर O.R.S बनाने की विधि इस प्रकार हैं :
- सबसे पहले अपने हाथ अच्छे से धोकर स्वच्छ टॉवल से साफ़ करे।
- अब एक लीटर से थोड़ा ज्यादा स्वच्छ पानी लीजिये। पानी को उबाले / boil करे और ठंडा होने स्वच्छ बर्तन में एक लीटर पानी जमा करे।
- अब इस एक लीटर पानी में आधा चमच्च नमक और 6 चमच्च शक़्कर या Glucose powder डाले और अच्छे से mix करे।
- शक़्कर और नमक पानी में घुल जाने पर इस मिश्रण को एक स्वच्छ बोतल में भर दीजिये और रोगी को थोड़ा-थोड़ा घोल पिलाते रहे।
- अगर दस्त हो रहे है तो रोगी को 10 ml/kg/hr के प्रमाण में यह O.R.S का पानी पिलाते रहना चाहिए। यानि अगर आपका वजन 60 kg है तो एक घंटे में 600 ml O.R.S का पानी पिलाना चाहिए। यह मात्रा आपको ज्यादा लग सकती है पर रोगी को एक दस्त में ही 100 से 300 ml तक पानी जा सकता है।
- दस्त कम होने पर और dehydration के लक्षण ना दिखाई देने पर मात्रा कम करे।
दस्त और डायरिया के घरेलु आयुर्वेदिक नुस्खे (Loose motions Home remedies in Hindi)
- आयुर्वेदिक औषधि / Ayurveda Medicine : आयुर्वेद में डायरिया को अतिसार कहा जाता हैं। इसके उपचार के लिए वैद्य रोगी की नाड़ी परिक्षण कर रोगी के प्रकुपित दोष और प्रकृति का पता करते हैं। अतिसार के उपचार में कुटजारिष्ट, बिल्वादि चूर्ण, गंगाधर चूर्ण, जतिफलादि वटी, दाढ़िमअष्टादि चूर्ण, अग्नितुंडी वटी, कुटज घनवटी, कनक सुंदर रस इत्यादि। शंख भस्म 10 ग्राम, मुक्त शुक्ति भस्म 10 ग्राम और मोती शुक्ति भस्म 5 ग्राम को मिलाकर बड़ों को आधा ग्राम और बच्चों को 1/4 ग्राम शहद के साथ देने से उलटी, दस्त और पेट दर्द में जल्द आराम मिलता हैं। कुटजारिष्ट लेने से भी loose motions जल्द ठीक होता है और पाचन शक्ति बढ़ती हैं। बच्चो को 2 चमच्च और बड़ों को 4 चमच्च कुटजारिष्ट सुबह शाम देना होता हैं।
- दही / Curd : दही में प्रचुर मात्रा में स्वास्थ्य के लिए friendly gut bacteria होते हैं जो की हमारे बिगड़े हुए पेट को ठीक करने में मदद करते हैं। दही खाने से रोगी में जल्द सुधार आता हैं। ध्यान रखे की दही हमेशा ताजा होना चाहिए और खट्टा नहीं होना चाहिए।
- छांछ / Buttermilk : दस्त लगने पर रोगी को छांछ पिलाना चाहिए। छांछ पीने से भी पेट में अच्छे बैक्टीरिया का प्रमाण बढ़ जाता है जो पेट का संक्रमण कम करते हैं। छांछ पीने से मुंह का स्वाद भी ठीक रहता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती हैं। छांछ भी हमेशा ताजी ही लेनी चाहिए। खट्टी छांछ नहीं पीना चाहिए। छांछ में लवणभास्कर चूर्ण और हिंग्वाष्टक चूर्ण एक-एक चमच्च मिलाकर सुबह शाम पीने से loose motions बंद हो जाते हैं।
- मेथीदाना : एक चमच्च मेथीदाना पाउडर एक ग्लास छांछ में मिलाकर सुबह शाम पीने से दस्त में जल्द राहत मिलती हैं। आप मेथीदाना को पानी में उबालकर यह पानी को ठंडा होने के बाद 250 ml सुबह शाम पीकर भी loose motions से राहत पा सकते हैं।
- अनार : अनार में कई सारे औषधि गुण हैं। डायरिया के रोगी को सुबह शाम अनार खिलाना चाहिए। इससे पाचन में भी मदद मिलती हैं।
- अदरक : अदरक एक प्रसिद्ध घरेलु नुस्खों की औषधि हैं। हर 1 से 2 घंटे में एक कप गुनगुने गर्म पानी में एक चमच्च अदरक के रस को मिलाकर पीने से loose motions की समस्या में जल्द आराम मिलता हैं। आधा चमच्च अदरक का रस, एक चमच्च शहद एक ग्लास गुनगुने गर्म पानी में मिलाकर पिने से पेट का संक्रमण जल्द ठीक हो जाता हैं।
- खिचड़ी : रोग कोई भी हो भारत में रोगी को खिचड़ी खिलाने की परम्परा सदियों से चली आ रही हैं। विशेषकर मुंग दाल की खिचड़ी रोगी को अवश्य खिलाना चाहिए। यह पचने में हल्की और खाने में इतनी स्वादिष्ट होती है की रोगी के साथ पूरा परिवार भी इसे बड़े चाव से खाता हैं। यह प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत हैं। मुंग दाल की खिचड़ी खाने से loose motions से जल्द आराम मिलता हैं।
- केला : केला सबसे सस्ता और पौष्टिक फल में से एक हैं। केले में प्रचुर मात्रा में fiber होता है जिससे loose motions कम होते हैं। इसमें glucose और potassium होने से शरीर को ऊर्जा और electrolyte भी मिल जाते हैं। Diarrhea के रोगी को सुबह शाम केला खिलाना चाहिए।
- सेब : सेब में भी विटामिन और फाइबर अधिक मात्रा में होता हैं। यह पचने में आसान हैं। सुबह शाम सेब खाने से भी दस्त जल्द ठीक हो जाते हैं। कोई भी फल खाते समय याद रखे की फल ताजे, पके हुए और स्वच्छ होना चाहिए।
- अर्जुन : अर्जुन की छाल को 500 ml पानी में उबाले और पानी आधा रह जाने पर उबालना बंद करे। ठंडा होने पर इस पानी को छानकर एक बोतल में भर दे। दिन में 3 बार इसे 20 ml पिने से loose motions में आराम मिलता हैं।
- दालचीनी : 200 ml स्वच्छ पानी में एक चमच्च दालचीनी powder में आधा चमच्च अदरक powder डालकर उबाले। गुनगुना गर्म होने पर इस चाय को सुबह शाम पिए। यह loose motions की असरदार home remedy हैं। दालचीनी में antibiotic और antivirus गुण होते है और साथ ही यह पाचनशक्ति को बढाती भी हैं।
- हल्दी : हल्दी एक बहुगुणी असरदार आयुर्वेदिक औषधि हैं। एक ग्लास गुनगुने गर्म पानी में आधा चमच्च हल्दी मिलाकर सुबह शाम पिने से डायरिया जल्द ठीक हो जाता हैं। पेट की सूजन और अपचन में भी यह असरदार नुस्खा हैं।
ऐसे तो डायरिया या loose motions के ज्यादातर मामले घरेलु उपचार या थोड़ी दवा से ही ठीक हो जाते है पर अगर रोगी में शरीर में पानी की कमी (dehydration) के लक्षण नजर आते है तो रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए और उपचार शुरू करना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने से किडनी ख़राब हो सकती है और रोगी की मृत्यु भी हो सकती हैं।
अगर आपको यह दस्त / Loose motions का उपचार और घरेलु आयुर्वेदिक नुस्खे की जानकारी उपयोगी लगती है तो कृपया इसे share अवश्य करे ताकि आपके एक छोटे से शेयर से यह महत्वपूर्ण जानकारी किसी जरुरतमंद तक पहुंच सके ! धन्यवाद !!
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।