सिकल सेल एनिमिया (Sickle Cell Anemia) जिसे Sickle Cell Disease नाम से भी जाना जाता है, एक अनुवांशिक रोग हैं। इस रोग में शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार Sickle यानि दरांती या फिर केले (अर्धचंद्राकार) के आकार के समान हो जाता हैं। सामान्य लाल रक्त कोशिकाओं का आकार गोलाकार होता है। भारत में आदिवासी समाज में यह रोग ज्यादा दिखने को मिलता हैं।
सामान्यतः Red Blood Cells या लाल रक्त कोशिका गोलाकार होने से रक्तवाहिनी में अच्छे से घूमती है और पुरे शरीर को ऑक्सीजन की पूर्ति करती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं में हिमोग्लोबिन होता है जो की ऑक्सीजन का वहन (carrier) करता हैं। Sickle Cell में यह हीमोग्लोबिन कम रहता है जिससे शरीर को पर्याप्त प्राणवायु (Oxygen) नहीं मिल पाता हैं।
Sickle Cell Anemia क्या हैं, इसके कारण, लक्षण, निदान और उपचार कैसे किया जाता है इससे जुडी पूरी जानकारी आज इस लेख में हम आपको देने जा रहे हैं :
सिकल सेल एनिमिया क्या है ? (What is Sickle Cell Anemia in Hindi)
Anemia यानि शरीर में खून की कमी। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार sickle के समान होने के कारण होनेवाली खून की कमी को Sickle Cell Anemia कहा जाता हैं। सामान्यतः एक लाल रक्त कोशिका या RBC की उम्र 120 दिन होती हैं परन्तु Sickle Cell Disease में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार Sickle जैसा होने से वह ज्यादा समय तक हीमोग्लोबिन रख नहीं पाती है और 10 से 20 दिन में नष्ट हो जाती हैं। इस वजह से हिमोग्लोबिन की कमी से शरीर में खून की कमी हो जाती हैं।
सिकल सेल एनिमिया का क्या कारण हैं ? (Sickle Cell Anemia causes in Hindi)
शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन होता है जिसे हीमोग्लोबिन कहते हैं। इसी हीमोग्लोबिन से पता चलता है की आपके शरीर में प्रयाप्त मात्रा में खून है या नहीं। यह हीमोग्लोबिन अल्फा और बीटा हीबोग्लोबिन से बना होता हैं। कुछ लोगो में अनुवांशिक यानि Hereditary कारणों से Beta Hemoglobin में Mutation हो जाता है जिस वजह से लाल रक्त कोशिका का आकार बदल जाता है और वह अधिक सख्त बन जाते हैं जिसे Sickle Cell कहा जाता हैं।
सिकल सेल ट्रैट किसे कहते हैं ? (Sickle Cell Trait in Hindi)
जैसे की हमने अभी पढ़ा है की बीटा हीमोग्लोबिन में म्युटेशन होने से सिकल सेल होता हैं। यह Sickle cell Gene एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में Autosomal Recessive Inheritance तरीके से फैलता हैं। मतलब अगर माँ और बाप अगर दोनों के gene में Sickle cell Gene है तो ही होनेवाले बच्चे को Sickle Cell Disease हो सकता हैं।
अगर केवल माँ या पिता में से केवल एक ही व्यक्ति को Sickle Cell Disease है तो होनेवाले बच्चे को Sickle Cell Trait होगा। इसमें बच्चे के शरीर में normal और Sickle Cell Gene होने की वजह से इनके शरीर में सामान्य लाल रक्त कोशिका और Sickle cell दोनों पाए जाते हैं। ऐसे Sickle Cell Trait से पीड़ित लोगो को अधिक तकलीफ नहीं होती है पर यह आनेवाले पीढ़ी को यह रोग फैला सकते हैं।
Sickle Cell Trait रोगी ने कभी भी दूसरे Sickle Cell Trait व्यक्ति से शादी नहीं करनी चाहिए वरना होनेवाले बच्चे को Sickle Cell Anemia हो सकता हैं।
सिकल सेल एनिमिया का क्या लक्षण हैं ? (Sickle Cell Anemia symptoms in Hindi)
Sickle Cell Anemia के लक्षण इस प्रकार हैं :
1. खून की कमी : सामान्य लाल रक्त पेशी की तुलना Sickle cell की उम्र केवल 10 से 20 दिन तक ही है और उसके बाद यह पेशी टूट जाती है जिससे हीमोग्लोबिन कम हो जाता और शरीर में खून की कमी रहती हैं।
2. बदनदर्द : Sickle Cell की समस्या से पीड़ित लोगों को शरीर की किसी भी हिस्से में तीव्र दर्द की समस्या होती हैं। शरीर के जिस अंग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता है वह पीड़ा अधिक होती हैं। बदन दर्द इतना अधिक होता है की पीड़ित को कई बार दवाखाने में दाखिल होना पड़ता हैं।
3. पीलिया के लक्षण : खून की कमी और हीमोग्लोबिन के बहाव के कारण पीड़ित के आँख और त्वचा में पीलापन नजर आता हैं। ऐसा लगता है जैसे पीड़ित को पीलिया या jaundice हो गया हैं।
4. हाथ और पैर में सूजन : सिकल सेल के कारण नसे अवरोध होने से हाथ और पैर में सूजन आ जाती हैं।
5. संक्रमण : सिकल सेल के कारण शरीर की रोगप्रतिकार शक्ति कमजोर पड़ जाती है जिससे रोगी को बार-बार बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण हो जाता है जिससे पीड़ित बीमार पड़ जाता हैं।
6. कमजोर विकास : सिकल सेल से पीड़ित बच्चो का विकास धीरे-धीरे होता हैं।
7. कमजोर दृष्टी : सिकल सेल के कारण नजर भी कमजोर हो जाती हैं।
सिकल सेल एनिमिया का निदान कैसे किया जाता हैं ? (Sickle Cell Anemia Diagnosis in Hindi)
1. Hemoglobin S : इस खून जांच में खून में हीमोग्लोबिन का विकृत प्रकार Hemoglobin S है या नहीं देखा जाता हैं। अगर Hemoglobin S है तो इसका मतलब Sickle Cell हैं। इसके बाद अन्य जांच की जाती है जिसमे यह देखा जाता है की Sickle Cell Disease है या Sickle Cell Trait
2. Sickling Test : खून में Sickle Cell है या नहीं यह देखा जाता हैं। व्यक्ति को Sickle Cell Disease है या नहीं यह पता चलता हैं।
3. Amniotic Fluid Test : अगर माँ या पिता को Sickle Cell Disease या Sickle Cell Trait है तो होनेवाले बच्चे को Sickle Cell Disease है या नहीं यह पता करने के लिए माँ के गर्भ में पल रहे बच्चे के आसपास जिसे Amniotic Fluid कहा जाता है, उसका परिक्षण कर उसमे Sickle Cell Gene है या नहीं देखा जाता हैं।
इसके अलावा भी कुछ टेस्ट है जो डॉक्टर पीड़ित का स्वास्थ्य देखकर जांच कर सकते है जैसे की CBC, SGPT, Creatinine आदि।
सिकल सेल एनिमिया का उपचार कैसे किया जाता हैं ? (Sickle Cell Anemia Treatment in Hindi)
Sickle Cell Anemia यह एक अनुवांशिक रोग होने के कारण इसे जड़ से मिटाना या पूरी तरह से ठीक करना बेहद कठिन हैं। फिर भी कुछ उपचार है जिससे इसे नियंत्रित किया जाता है जिसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
1. Bone Marrow Transplant : Bone Marrow Transplant को Stem Cell Transplant भी कहा जाता हैं। यह Sickle Cell Anemia का एक बेहतरीन उपचार है जिस पर अभी भी शोधकार्य चल रहा हैं। यह 16 साल से कम आयु के रोगियों के लिए ही बेहतर है क्योंकि इसके बाद इसकी रिस्क बढ़ जाती हैं। इसके लिए रोगी को ऐसा Bone Marrow donor मिलना चाहिए जो उसे सूट करता हैं। इसमें रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। Bone Marrow donor मिलने पर पहले रोगी को रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी देकर Bone Marrow cell को नष्ट किया जाता है और बाद में डोनर का Bone Marrow दिया जाता है जिससे स्वस्थ कोशिका निर्माण होना शुरू हो जाता हैं।
2. Oxygen : रोगी को अधिक दर्द होने पर Oxygen लगाया जाता है जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलने से राहत मिलती हैं।
3. Blood Transfusion : शरीर में खून की बेहद ज्यादा कमी होने पर रोगी को खून चढ़ाया जाता हैं। बार-बार खून चढ़ाना भी रोगी के लिए अच्छा नहीं होता हैं।
4. खून बढ़ाने की दवा : रोगी के शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के लिए आयरन और फोलिक एसिड की दवा दी जाती हैं। पढ़े – खून बढ़ाने के लिए कैसा आहार लेना चाहिए।
5. दर्दनाशक दवा : Sickle Cell Anemia में रोगी को असहनीय बदनदर्द होता है जिसके लिए Ketorol, Diclofenac, Aceclofenac, Fortwin जैसे दर्दनाशक दवा की जरुरत पड़ती हैं।
6. एंटीबायोटिक दवा : सिकल सेल से पीड़ित बच्चों को दो महीने से लेकर 6 वर्ष की आयु तक जीवाणुरोधी दवा या इंजेक्शन लेना होता हैं। बच्चो और बड़ों को निमोनिया और मस्तिष्क ज्वर से बचने के लिए पेनिसिलिन जैसे एंटीबायोटिक के इंजेक्शन लेना पड़ सकता हैं।
7. Hydroxyurea : यह Sickle Cell Anemia की एक विशेष दवा हैं। यह दवा शरीर में Fetal Hemoglobin को बढ़ावा देती है जिससे शरीर में Sickle Cell कम तैयार होते हैं। यह दवा लेने से रोगी को बार-बार बदनदर्द और संक्रमण को तकलीफ नहीं होती हैं। यह दवा नियमित लंबे समय तक लेने से शरीर पर दुष्परिणाम भी होते है इसलिए यह दवा किस रोगी को कितने समय तक लेना चाहिए इसका निर्णय ही बेहतर कर सकते हैं।
8. शादी : अगर आपको Sickle Cell Anemia या Sickle Cell Trait है तो हमेशा शादी करने से पहले जीवनसाथी का खून जांच करे और उन्हें Sickle Cell है या नहीं देखे। उसी व्यक्ति से शादी करे जो Sickle Cell Negative है वार्ना होनेवाले बच्चे को भी Sickle Cell Anemia का खतरा रहता हैं। जन्मकुंडली मिलाने से अच्छा है आप मेडिकल कुंडली मिलाये।
9. सुझाव : ऐसे कुछ एहतियात और सुझाव है जिनका पालन करने से Sickle Cell Anemia के पीड़ितों को ज्यादा तकलीफ होती हैं।
अ) ठन्डे मौसम में बचकर रहे। हाथ और पैर में मोज़े अवश्य पहने।
ब) ऊँची पहाड़ी या High altitude पर न जाए। ऐसी जगह जाने से तकलीफ हो सकती हैं।
क) दिनभर में 2 से 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए। पानी की कमी होने पर दर्द अधिक होता हैं।
ड) अधिक परिश्रम वाला कोई कार्य न करे।
ई) बिना डॉक्टर की सलाह कोई दवा मेडिकल से खरीदकर नहीं लेना चाहिए।
फ) बदन दर्द या सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से मिले।
सिकल सेल एनिमिया में कौन सा योग करना चाहिए ? (Yoga for Sickle Cell Anemia in Hindi)
कहते है की नियमित योग करने से cellular और Gene level तक प्रभाव पड़ता हैं। योग करने से Sickle Cell Anemia में कितना फायदा होंगा इस पर अभी भी रिसर्च चल रहा है पर योग और प्राणायाम पर अभी तक जो भी रिसर्च हुआ है उससे यही सामने आया है की इसका कोई दुष्परिणाम नहीं है और इससे रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ने के साथ ही हमारे फेफड़े मजबूत बनते है जिससे पर्याप्त प्राणवायु / ऑक्सीजन शरीर को प्राप्त होता हैं।Sickle Cell Anemia में यह दोनों भी चीजे जरुरी है और इसीलिए अपने निचे बताये हुए योग और प्राणायाम प्रशिक्षक से सीखकर नियमित अभ्यास अवश्य करना चाहिए। योग की विधि और फायदे जानने के लिए उस योग के नाम पर click करे।
1. अनुलोम विलोम प्राणायाम
2. कपालभाति
3. सूर्यनमस्कार
4. पश्चिमोत्तानासन
5. ताड़ासन
6. गोमुखासन
7. योगमुद्रासन
सिकल सेल एनिमिया वाला व्यक्ति कब तक जीवित रह सकता हैं ?
सिकल सेल एनिमिया वाला व्यक्ति की औसत आयु 50 वर्ष तक हैं। अगर समय पर उपचार लेते रहे तो यह अधिक भी हो सकता हैं। सिकल सेल एनिमिया मे खून की कमी को समय पर दूर करना आवश्यक होता हैं और अगर रोजाना पोशाक आहार और खून बढ़ाने की दवा लेते रहे तो सिकल सेल एनिमिया वाला व्यक्ति की वर्षों तक जिंदा रह सकता हैं।
आशा है, आपको यह Sickle Cell Anemia के कारण, लक्षण, उपचार और योग से जुडी जानकारी उपयोगी लगी होंगी और इसे आप Whatsapp और Facebook आदि सोशल मीडिया पर शेयर भी अवश्य करेंगे ताकि जरुरतमंद व्यक्ति तक यह जानकारी पहुंच सके। धन्यवाद !
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।