Migraine जिसे हम सामान्य भाषा में अर्धकपारी या अर्धशिश भी कहते है, एक प्रकार का सिरदर्द का रोग है। Migraine में सिर के एक हिस्से में जबरदस्त दर्द होता है। यह दर्द कुछ घंटो से लेकर कुछ दिनों तक भी हो सकता है। Migraine में सरदर्द के समय सिर के निचे की धमनी बड़ी हो जाती है और सिर का दर्द वाले हिस्से में कभी कभी सूजन आ जाती है।
Migraine का सिरदर्द इतना ज्यादा होता है की रोगी अपना ध्यान किसी भी चीज में नहीं लगा पाता हैं। माइग्रेन के दर्द को दवा से तो कम किया जा सकता हैं पर यह बार-बार न हो इसके लिए हमें ऐसी चीजो से परहेज करना चाहिए जिससे माइग्रेन का दर्द बढ़ता हैं।
Migraine के लक्षण क्या है और इसका उपचार कैसे किया जाता है इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
माइग्रेन के क्या लक्षण है ? (Migraine symptoms in Hindi)
Migraine के लक्षण निचे दिये गए है :
- सिरदर्द के आधे या कभी पुरे हिस्से में जबरदस्त दर्द होना।
- आँखों में दर्द होना, धुंदला दिखाई देना या आँखो के सामने बिजली चमकना।
- हाथ और पैर ठन्डे / सुन्न पड़ जाना।
- भूक कम लगना / जी मचलाना (Nausea ) / उलटी होना।
- आवाज और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाना।
- कमजोरी।
- ज्यादा पसीना आना।
- कही पर भी ध्यान केंद्रित न कर पाना।
माइग्रेन के क्या कारण है ? (Migraine causes in Hindi)
आज दुनिया में Migraine के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। Migraine बीमारी का कोई ठोस कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। आज के भागदौड़ वाली जिंदगी के कारण बढ़ते हुए तनाव, खान पान की आदते, असंयम, अनुवांशिकता और उच्च रक्तचाप इत्यादि कारणों से पीड़ित व्यक्ति में Migraine होने की आशंका ज्यादा पायी जाती है।
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माइग्रेन का इलाज कैसे किया जाता है ? (Migraine treatment in Hindi)
माइग्रेन के इलाज के लिए कई तरह की दवा का इस्तेमाल किया जाता है :
- दर्दनाशक दवा (Pain Killer): माइग्रेन में तेज सरदर्द होता है इसलिए तुरंत आराम मिलने के लिए डॉक्टर दर्दनाशक दवा देते है जैसे की Paracetamol, Diclofenac, Naproxen इत्यादि। इन दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और जब जरुरत हो तब ही लेना चाहिए।
- माइग्रेन की दवा (Anti Migraine): माइग्रेन के ईलाज की लिए कुछ विशेष दवा का उपयोग किया जाता है जैसे की Flunarizine, Sumatriptan, Dihydroergotamine, Lasmiditan, Propanolol, Ubrogepant इत्यादि। इन दवाओं का उपयोग डॉक्टर की सलाह अनुसार ही करना चाहिए।
- एसिडिटी की दवा (Antacids) : माइग्रेन के ईलाज के लिए जो दवा देते है उनसे एसिडिटी बढ़ सकती है साथ ही माइग्रेन में भी रोगी को उलटी की समस्या होती है इसलिए डॉक्टर माइग्रेन के ईलाज के लिए Rabeprazole, Ranitidine, Pantaprazole, Ondansetron, Domperidone आदि दवा देते है।
माइग्रेन का निदान कैसे किया जाता है ? (Migraine diagnosis in Hindi)
ऐसे तो माइग्रेन के लक्षणों से और रोगी के मेडिकल हिस्ट्री से ही माइग्रेन का निदान हो जाता है पर सरदर्द किसी अन्य कारण से तो नहीं हो रहा है जैसे की Brain Tumors, Bleeding या infection यह देखने के लिए MRI BRAIN ANGIO, CT BRAIN Plain / Contrast यह जांच भी की जाती है। अगर इनकी रिपोर्ट सामान्य है तो माइग्रेन का निदान किया जाता है।
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माइग्रेन से बचने के क्या उपाय हैं ? (Migraine tips in Hindi)
- आहार: संतुलित आहार ले। ज्यादा समय तक भूखे पेट न रहे।
- पानी: भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- नींद: पर्याप्त नींद ले। अधूरी नींद या ज्यादा सोने से भी Migraine का दर्द बढ़ सकता है।
- दवा: डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाई लेना चाहिए। कुछ दवाइयों के कारण भी Migraine हो सकता है. इसलिए बिना डॉक्टरी सलाह के कोई दवा नहीं लेना चाहिए।
- तनाव: तनाव मुक्त रहने की कोशिश करे। योग, प्राणायाम या संगीत सुनकर मन को शांत रखने की आदत डाले और तनाव से दूर रहने की कोशिश करे।
- जीवनशैली: गलत तरीके से उठने, बैठने या सोने से आप के पीठ, गर्दन या सिर से जुड़े स्नायु में आकुंचन आने से भी दबाव के कारण Migraine का दर्द बढ़ सकता है। हमेशा काम करते वक्त, बैठते समय या आराम करते समय शरीर का आसन / Posture सही रखने की कोशिश करे।
- व्यायाम: नियमित हर रोज कम से कम 30 मिनिट तक व्यायाम करे।
- मानसिक: क्रोध, शोक, भय इत्यादि भावनाओ को दबाने से भी Migraine हो सकता है। इसलिए भावनाओ को दबाने के बजाए इन्हे अपने परिचित और विश्वस्त लोगो के साथ बांटे / Share करे।
- हॉर्मोन्स: Hormonal Imbalance की वजह से भी Migraine हो सकता है। इसी कारण Migraine का प्रमाण पुरुषो से ज्यादा स्त्रियों में पाया जाता है।इसीलिए Hormonal Imbalance की समस्या होने पर, डॉकटर से इसका इलाज जरूर करा लेना चाहिए।
- घरेलू उपाय: Migraine का दर्द होने पर दर्द वाले हिस्से पर ठन्डे पानी की पट्टी रखने से रक्त धमनियां फ़ैल जाती है और दर्द कम हो जाता है।
माइग्रेन होने पर क्या नहीं करना चाहिए?
- दवा: डॉक्टर की सलाह बिना कोई दवा न ले। बाजार में Migraine के इलाज के लिए कई तरह की दवा मिलती है परन्तु उनके कुछ side effects भी है।
- धूप: तेज धुप में बाहर न जाए। तेज रोशनी की तरफ न देखे। गर्मी के दिनों में बाहर जाते समय टोपी / Hat का इस्तेमाल करे।
- Screen Time: ज्यादा समय तक Computer या Mobile पर काम करने या Games खेलने से बचे। ज्यादा नजदीक से T.V. या Computer न देखे।
- रोशनी: कम रोशनी में या धुंदली जगह पर काम न करे।
- सरदर्द: किसी भी तरह के सिरदर्द को हलके में न ले।
- उचाई: ज्यादा उचाई वाली जगह पर न जाए।
- गंध: तेज गंध / Scent वाली जगह पर काम न करे। तेज गंध वाले इत्र, डीओ इत्यादि का प्रयोग न करे।
माइग्रेन ट्रिगर क्या होता है ?
ऐसी कोई चीज जिससे माइग्रेन का अटैक होने का या तेज सरदर्द होने का खतरा बढ़ता है उसे Migraine Trigger कहा जाता है। यह हर एक व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता है, कैसे किसी व्यक्ति को कॉफ़ी पिने से सरदर्द हो सकता है, किसी को रात में ठीक से नींद नहीं होने से हो सकता है तो किसी अन्य व्यक्ति को तेज धुप में बाहर निकलने से सरदर्द होना शुरू हो सकता है। आपको पता करना है की आपका माइग्रेन ट्रिगर क्या है और कोशिश करना है की उस से आप दूर रहे ताकि माइग्रेन का अटैक नहीं आए।
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माइग्रैन मे क्या करे और क्या न करे ? (Do’s & Don’ts in Migraine in Hindi)
क्या न करे ? | क्या करे ? |
नींद कम लेना / सोने के समय मे बदलाव | देर रात तक जागना टालें और पर्याप्त नींद ले |
लंबे समय तक कंप्युटर या मोबाईल पर काम करना | मोबाईल / कंप्युटर का उपयोग कम करे। सोने के वक्त रात मे इनका उपयोग न करे । |
व्यायाम का अभाव | रोजाना यथाशक्ति व्यायाम करे |
कॉफी और चायअधिक पीना | दिनभर मे 2 कप से ज्यादा चाय / कॉफी ना ले। जब दर्द हो रहा हो तो ना पीए |
अधिक तनाव लेना | ध्यान करे। कामकाज से छुट्टी ले और आराम करे |
अनुचित खानपान | रोजाना तय समय पर संतुलित आहार ले |
ज्यादा चॉकलेट खाना | ज्यादा चॉकलेट न खाए |
नींबू या संतरा जैसे सिट्रस ऐसिड युक्त आहार का सेवन | केला, सेब, अनार जैसे फल खाए |
शराब का सेवन | 2 पेग से अधिक शराब का सेवन न करे। सरदर्द हो रहा हो तो एक पेग भी ना पीए |
अंडा, टमाटर, प्याज, पास्ता, ब्रेड और दुग्धजन्य आहार | यदि इन चीजों के खाने से सरदर्द होता हो तो ना खाए या कम खाए |
मेगी और तैयार सूप जिसमे msg होता है | हो सके तो ये चीज़े ना खाए |
अधिक तीखा आहार | अधिक तीखा न खाए |
महिलाओं मे हॉर्मोनल बदलाव | मासिक धर्म के समय आराम करे |
क्रोध, शोक, चिंता जैसे मानसिक हालात | शांत रहे और बहस करना टाले |
गर्भनिरोधक गोली का उपयोग | गर्भनिरोध के अन्य विकल्प का उपयोग करे |
अधिक प्रवास करना | अपने परिवहन की ऐसी योजना बनाए की आपको अधिक प्रवास से ज्यादा थकान ना हो |
वातावरण और ऊंचाई मे बदलाव | अधिक उचाई या ठंड वाली जगह पर जाते समय उसकी दवा साथ रखे और खाए |
तीव्र गंध | परफ्यूम, डीओड्रन्ट का उपयोग कम करे |
कम प्रकाश मे काम करना | प्रयप्त प्रकाश मे काम करे जिससे आँखों पर तनाव न आए |
धूप मे घूमना | तेज धूप से बचने के लिए टोपी या छाते का काम करे |
माइग्रैन से जुड़े सवालों के जवाब (Migraine FAQ’s in Hindi)
क्या खाने से माइग्रैन की समस्या हो सकती हैं ?
निचे दिए हुए कुछ खाद्यपदार्थों से Migraine का हमला होने की आशंका ज्यादा होती है। अगर आपको निचे दिए हुए खाद्यपदार्थों (Migraine Triggers) से Migraine होता है, तो इनका उपयोग न करे।
a) Junk Food या डिब्बा बंद पदार्थ
b) Caffeine युक्त पदार्थ
c) पनीर, चीज, चॉकलेट
d) नूडल्स।
e) कुछ प्रकार के नट्स
f) शराब, तंबाकू
g) प्याज, केला
h) अचार, पापड़
माइग्रेन में कौन सा योग करना चाहिए ? (Yoga for Migraine in Hindi)
माइग्रेन से राहत पाने के लिए आपको पश्चिमोत्तानासन, सेतुबंधासन, पदमासन, शवासन और अनुलोम विलोम इन योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना चाहिए।
माइग्रैन कितने दिनों मे ठीक हो जाता हैं ?
माइग्रैन की दवा का 1 महीने का कोर्स करने के बाद माइग्रैन मे सरदर्द होने का प्रमाण कम हो जाता हैं। दवा के साथ आप माइग्रैन के मुख्य कारक या triggers से बचते है तो बार बार आपको माइग्रैन का अटैक नहीं आएगा।
माइग्रैन की सबसे अच्छी दवा कौन सी हैं?
माइग्रैन के इलाज के लिए की तरह की अच्छी दवा उपलब्ध है पर रोगी की आयु और रोग की तीव्रता के अनुसार डॉक्टर दवा का चयन करते हैं। माइग्रैन के ट्रिगर से बचाव ही माइग्रैन का सबसे बेहतर इलाज हैं।
क्या माइग्रैन का सरदर्द जीवन के लिए खतरा हैं?
आमतौर पर माइग्रैन का सरदर्द जीवन के लिए खतरा नहीं होता हैं पर इसे नजरंदाज भी नहीं करना चाहिए। अगर माइग्रैन मे सरदर्द का समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो आगे जाकर रोगी को इसके विपरीत परिणाम हो सकते हैं।
माइग्रैन के लिए आपको अस्पताल कब जाना चाहिए?
माइग्रेन के लिए अस्पताल जाने की आवश्यकता तब होती है जब:
1. सिरदर्द अचानक और बहुत गंभीर हैं।
2. सिरदर्द के साथ अन्य गंभीर लक्षण हों, जैसे की बुखार, दौरे, पेट दर्द, उल्टी, मितली, गर्दन में अकड़न, एक आंख या चेहरे के एक हिस्से में कमजोरी या सुन्नता, बोलने में कठिनाई, दृष्टि में बदलाव, चक्कर आना आदि।
माइग्रेन के अन्य प्रकार के सिरदर्द से अलग पहचानना महत्वपूर्ण है जो अधिक गंभीर हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, इंट्राक्रैनियल रक्तस्राव एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो सिरदर्द, दौरे और अन्य गंभीर लक्षणों के साथ हो सकती है। इंट्राक्रैनियल रक्तस्राव के लक्षण माइग्रेन के समान हो सकते हैं, इसलिए यदि आपको अचानक और गंभीर सिरदर्द होता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है।
भारत के साथ दुनिया भर में बढ़ते तनाव के कारण Migraine के मरीजो की संख्या में लगातार बढ़त हो रही है। बार बार होने वाले Migraine के सिरदर्द को हमें हलके में नहीं लेना चाहिए। Migraine का दर्द बढ़कर कभी लकवा या Brain Hemorrhage का कारण भी बन सकता है।
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अगर आपको सिरदर्द के साथ ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण दिखाई देते है तो अपने डॉक्टर से जांच करा लेना चाहिए। Migraine के उपचार के लिए आज कई सुरक्षित दवा बन चुकी है। दवा के साथ ऊपर दी गयी सावधानिया बरत कर हम आसानी से Migraine पर विजय पा सकते है।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
हेलो सर, मैं जब कीसी भी लेख की continue reading के link पे click करता हूँ तो वह मुझे start की heading पे लेके जाता हैं। Please help…..
Kindly check now, I have resolved the problem. If it you face such problem again in reading any article, do reply.
Thanks for visiting the blog !
Sir
I was having symptoms similar to Migraine from the age of 10. The frequency and severity of headaches kept reducing till the age of 30. Then one day i had a stroke about 5 yrs back. It was diagnosed as AVM. Luckily i was treated though it caused tunnel vision in my eyes. Is there any cure for this?
I had CT scan 2 yrs before stroke but doctors could not identify that there was AVM.
Can you suggest some methods to the readers for early diagnosis of this problems.
Sudhir Jha
Thanks Sudhir for visiting the blog and commenting here.
ArterioVenous Malformation (AVM) can only be diagnosed by CT Scan or MRI of the brain. So if any one is suffering from long standing headache and vertigo problem, one should consult a neurophysician or neurosurgeon and do the required investigations. Also, I have just written an article on Stroke in which I have mention about FAST to identify stroke easily.
Here is the link – http://www.nirogikaya.com/2014/10/stroke-in-hindi.html
हाँ ! पहले इसे लोग इग्नोर कर देते थे लेकिन अब समझने लगे हैं ! बेहतरीन और उपयोगी पोस्ट लिखी है आपने डॉक्टर साब
I m happy and certified with you. And thanks to give us knowledge. Thanks dear dr..
Nice information
I took 30 capsules of combiflam 2 years ago, since then i am facing migrane problem. I am taking medicine but sometimes i face body pain problems like, share knee pain, elbow pain, nose pain. The pain of is only in the right side of body. I don't know what to do, can you kindly help me out with this.
Taking pain killers like combiflam is not good for your health. Kindly consult any Ayurveda MD doctor and try Ayurveda medicine along with Panchkarma therapy.
Sir..mera back side se headache hota h. Khana time pr ni khane se ,jyada sone se,grmi se thand se..in sbse headache hota h..is this migraine symptoms??
ये सभी माइग्रेन के लक्षण है। कृपया अपने डॉक्टर से जांच कराए ताकि इसके अन्य कारणों की जांच हो सके।
Sir mere mind me three year pain hai eeg karwaya three CT scan hua five doctor ko dikhaya abhi Delhi se medicine karwa Raha hu par 10 percent bhi aaram nahi hai Mai Kya karu
Aap Ayurvedic dr ko dikhakar Ayurvedic medicine try kare saath me Anulom Vilom pranayam aur Meditation kare.