आजकल ज्यादातर भारतीय लोगों के शरीर में Vitamin D की कमी पायी जाती हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण हैं आधुनिक युग की जीवनशैली। आपने अक्सर देखा होगा की आपके दादा या दादी के शरीर में आज भी विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में है पर अगर किसी हेल्थी नवजवान व्यक्ति का भी रक्त परिक्षण करे तो उसके रक्त में भी विटामिन डी की कमी पाई जाएँगी।
पहले की तुलना में आजकल लोग सुबह की धुप और ताजा हवा में कम बाहर निकलते है और यही कारण है की उनके शरीर में त्वचा सूर्यकिरणों की कमी से विटामिन डी निर्माण नहीं करती हैं। आजकल लोग AC में रहकर व्यायाम करना अधिक पसंद करते हैं और किसी के पास इतना समय नहीं है की सुबह की सुनहरी धुप का लाभ उठाए।
शरीर के लिए विटामिन डी का क्या महत्त्व है, इसकी कमी के लक्षण क्या है और विटामिन डी की कमी को कैसे पूरा किया जा सकता है इसकी अधिक जानकारी इस लेख में दी गयी हैं :
विटामिन डी क्या हैं ? (Vitamin D in Hindi)
विटामिन डी यह हमारे शरीर के लिए एक बेहद आवश्यक विटामिन हैं। यह विटामिन A, E और K की तरह एक Fat Soluble Vitamin हैं। विटामिन डी / Vitamin D को Sunshine Vitamin नाम से भी जाना जाता हैं। शरीर के सभी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस विटामिन की आवश्यकता होती हैं। विशेषज्ञ तो अब इस विटामिन डी को हॉर्मोन के समांतर मानने लगे हैं।
विटामिन डी के मुख्य दो प्रकार हैं – विटामिन डी 2 (ErgoCalciferol) और विटामिन डी 3 (Cholecalciferol)
विटामिन डी के दोनों प्रकार हमें कुछ प्रमाण में आहार से प्राप्त होते है पर केवल विटामिन डी 3 सूर्यकिरणों से त्वचा में निर्माण हो सकता हैं।
विटामिन डी की कमी के लक्षण क्या हैं ? (Vitamin D deficiency symptoms in Hindi)
विटामिन डी के कमी के लक्षण इस प्रकार हैं :
- हड्डियों और मांसपेशी में दर्द
- सिरपर अधिक पसीना आना
- थकान
- कमरदर्द
- मांसपेशी में खीचाव
- ब्लड प्रेशर बढ़ना
- नींद की कमी
- वजन बढ़ना
- विटामिन डी की कमी से बच्चों में Rickets और बड़ों में Osteomalacia जैसे भयानक रोग निर्माण होते हैं।
विटामिन डी की कमी का निदान कैसे किया जाता हैं ? (Vitamin D deficiency diagnosis in Hindi)
- विटामिन डी की बेहद कमी – 20 ng/ml से कम
- विटामिन डी की कमी – 21 ng/ml से 29 ng/ml के बिच
- पर्याप्त विटामिन डी की मात्रा – 30 ng/ml से 60 ng/ml के बिच
- अधिक विटामिन डी – 60 ng/ml से अधिक
विटामिन डी के स्त्रोत क्या हैं ? (Vitamin D diet in Hindi)
विटामिन डी के विभिन्न स्त्रोत की जानकारी निचे दी गयी हैं :
- सूर्य किरने / Sun Rays : सूर्य की किरणे विटामिन डी का बेहतर स्त्रोत हैं। सूर्योदय के समय खुले बदन सूरज की किरणे लेने से विटामिन डी मिलता हैं। इसके लिए सुबह 8 बजे के पहले अपने शरीर पर ज्यादा से ज्यादा खुले क्षेत्र पर सूरज की किरणें लेना चाहिए। गोरी चमड़ी वालों की तुलना में काली चमड़ी वाले लोगों को सूरज की की किरणों से विटामिन डी बनाने में अधिक समय लगता हैं। हात या पैर की जगह पीठ पर सूरज की किरणे लेना ज्यादा फायदेमंद हैं।
- आहार / Diet : सूरज की किरणों के अलावा दूध, डेरी उत्पाद जैसे दही-चीझ, मशरूम, मछली, अंडा, कॉड लिवर ऑइल आदि का सेवन करे। विटामिन डी फोर्टीफाईड आहार जैसे ब्रेड, सोयामिल्क, दूध, पनीर भी ले सकते हैं।
- दवा / Medicine : विटामिन डी की दवा बाजार में मिलती है पर इनका सेवन डॉक्टर की सलाह से उचित मात्रा में ही करना चाहिए। विटामिन डी की गोली 1000 IU में रोजाना देते है या फिर 60000 IU की मात्रा में हफ्ते में एक बार सुबह खाली पेट लेने की सलाह दी जाती हैं। यह गोली लेने के बाद आधा घंटा कुछ खाना या पीना नहीं चाहिए। गोली कितने मात्रा में देना है और कितने दिन देना है यह डॉक्टर आपको जांचने के बाद ही तय कर सकते हैं। आवश्यकता से अधिक मात्रा में यह दवा लेने पर शरीर को नुक्सान पहुंचता हैं। इसकी अधिकता से शरीर के विभिन्न अंगों, रक्त नलिकाओं और अन्य स्थानों पर एक प्रकार की पथरी निर्माण होती हैं।
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विटामिन डी के फायदे (Vitamin D Health Benefits in Hindi)
विटामिन डी से होनेवाले विभिन्न स्वास्थ्य लाभ की जानकारी निचे दी गयी हैं :
- विटामिन डी हड्डियों को मजबूती प्रदान करती हैं।
- यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण / absorption के लिए जरुरी हैं।
- अस्थमा के रोगियों को लाभ मिलता हैं।
- यह रोग प्रतिकार शक्ति के लिए आवश्यक हैं।
- मस्तिष्क की कार्यप्रणाली चुस्त रहती हैं।
- अतिरिक्त वजन / मोटापा नहीं बढ़ता हैं।
- TB के मरीजों के लिए लाभकारी हैं।
- ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक हैं।
- कैंसर की रोकथाम के लिए जरुरी हैं।
- शोधों में यह साबित हो चूका हैं की गर्भावस्था में महिलओं को प्रचुर मात्रा में विटामिन डी / Vitamin D लेना चाहिए। इसकी कमी से शिशुओं को सांस लेने में तकलीफ हो सकती हैं और इससे उनकी पसलियां कमजोर हो सकती हैं। विटामिन डी की गम्भीर कमी बच्चों के सिर की खोपड़ी या पैरों की हड्डी पर भी असर डालती हैं।
- विटामिन डी की कमी किडनी पर भी प्रभाव डालती है इसलिए जरुरी है की अभिभावक बच्चों को सुबह बाहर मैदानी खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करे और विटामिन डी युक्त भोजन व इससे जुड़े सप्लीमेंट उनके खानपान में शामिल करे।
विटामिन डी की दैनिक आवश्यक मात्रा (Daily Requirement (Dose) of Vitamin D in Hindi)
- जन्म से लेकर 1 वर्ष तक के बच्चों के लिए – 400 IU विटामिन डी प्रतिदिन चाहिए
- 1 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक के व्यक्ति के लिए – 600 IU विटामिन डी प्रतिदिन चाहिए
- 70 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति के लिए – 800 IU विटामिन डी प्रतिदिन चाहिए
- गर्भावस्था / Pregnancy और दुग्धपान / Lactation में महिलाओं को 600 IU विटामिन डी प्रतिदिन चाहिए
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक बेहद आवश्यक विटामिन है और इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए की सूर्य किरणे और आहार के माध्यम से प्राकृतिक विटामिन डी हमें पर्याप्त मात्रा में मिलता रहे।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
aapne vitamin d ke bare me bahut hi acchi jankari di he sabhi logo lo iss article ko padhna chahiye aur vaise bhi aapke har ek articles bahut hi useful he.
Good आर्टिकल and इंफॉर्मेटिव on विटामीन D
Very nice and good article for use full for those people they are suffering for vitamin d …..
विटामिन डी पर बोहत अच्छी जानकारी है धन्यवाद
Nice information vitamin d is very important for halty body …..
bahut acche tarike se likha hai aapne. very good sir
Sir good morning mera beta 8 years ka hai uski puri body par whit spot hogaye hai kya ye vitaminD ki kami se hogaye hai please guide
Aisa Vitamin A ki kami se ho sakta hai. App ek baar skin specialist ko bata de.