कैसा होना चाहिए जन्म से लेकर 3 वर्ष तक के बच्चों का आहार ?

kids diet tips in Hindi

हर माँ-बाप को यह चिंता सताती है की वह अपने बच्चों (Kids) को कैसा आहार (diet) दे जिससे छोटी उम्र से ही उनका शारीरिक-मानिसक विकास और स्वास्थ्य बेहतर रहे। बचपन से ही अगर बच्चों का खान-पान विशेष रहे तो उनकी सेहत बनी रहती हैं। बच्चों की परवरिश में उनके शुरूआती 3 साल बहुत अहम होते हैं। इन वर्षों में खान-पान का असर उनके विकास में ताउम्र सहायक रहता हैं।

इन प्रारंभिक सालों में क्या होना चाहिए उनके आहार का नियम, आइए जानते है इसके बारे में :

जन्म से 6 माह तक बच्चो का आहार (Birth to 6 months kids diet)

  • जन्म के समय से 6 माह तक बच्चों को सिर्फ अपने माँ का दूध ही पिलाना चाहिए।
  • शुरुआत में माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम पोषण होता हैं। इसमें न केवल पोषक तत्व होते है बल्कि शुरुआत में आनेवाले पिले दूध / Colostrum में रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने वाले एंटीबाडीज और सफ़ेद रक्त होता हैं।
  • अगर माँ को दूध अच्छे से आ रहा है और बच्चा अच्छे से दूध पि रहा है तो किसी भी तरह का खाद्यपदार्थ या पेय पदार्थ यहाँ तक की पानी भी नहीं देना चाहिए।
  • अगर किसी कारण माँ का दूध नहीं आ रहा है तो बच्चे आप डॉक्टर की सलाह से तैयार शिशु आहार दे सकते हैं।
  • माँ के दूध की तुलना में गाय और भैंस के दूध में प्रोटीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है जिसे पचना बच्चे के लिए मुश्किल होता हैं। अगर बच्चे को किसी कारणवश यह दूध पिलाना ही पड़ता है तो इसे स्वच्छ पानी में मिलाकर पिलाए।

6 माह से 12 माह तक बच्चो का आहार (6 months to 12 months kids diet)

  • 6 महीने के बाद कम मात्रा में बच्चे को पूरी तरह से पका हुआ अनाज, दालें, सब्जियां व फल खिलाना शुरू करे (Semi-Solid food)।
  • धीरे-धीरे आहार की मात्रा और गाढ़ापन बढ़ाए।
  • घर पर बनाया हुआ फल का जूस, दाल का पानी, मैश किया हुआ फल या सब्जी ऐसा आहार देना चाहिए।
  • बच्चे के भूका होने के संकेत को समझे।
  • दिन भर में कम से कम 4 से 5 बार उन्हें खिलाए।
  • इसके साथ ब्रैस्ट फीडिंग भी कराये।

1 वर्ष से 2 वर्ष के बच्चो का आहार (1 Year to 2 Years kids diet)

  • बच्चे को चावल, रोटी, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, पिले फल और दूध से बने पदार्थ खिलाए।
  • दिन में कम से कम 5 बार थोड़ा-थोड़ा कर के यह आहार दे।
  • उसे अलग बर्तन में खाने को दे व इस बात पर निगरानी रखे की वह कितनी मात्रा में खा रहा हैं।
  • खाते समय उसके साथ बैठे और उसे पर्याप्त मात्रा में खाने के लिए प्रोत्साहित करे। दो साल की उम्र तक उसे खाने के अलावा थोड़ा फीड भी कराये।

2 वर्ष से 3 वर्ष के बच्चो का आहार (2 Years to 3 Years kids diet)

  • दिन में 5 बार बच्चों को घर का बना खाना खिलाना चाहिए।
  • बच्चे को अपने आप खाना खाने को कहे और उसके साथ बैठे।
  • खाने से पहले बच्चों का साबुन से हाथ धुलाना न भूले।
  • कोशिश करे की बच्चा सभी सब्जियां खाये। इसमें आपको थोड़ी मशक्कत होंगी पर आपको मेहनत कर बच्चे को सभी आहार में रूचि पैदा करना चाहिए। अगर इस उम्र में बच्चा सभी आहार खाना न सीखे तो आगे जाकर मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।
  • बच्चे को सभी आहार लेने का महत्त्व उसे समझे ऐसी आसान भाषा में समझाए।
यह भी ध्यान रखे 
  1. बीमारी के दौरान भी फीडिंग बंद न करे।
  2. खाने से पहले बच्चों का साबुन से हाथ धुलाना न भूले।
  3. बीमारी के बाद बच्चों को अतिरिक्त आहार की जरुरत होती हैं ऐसे में उसके खानपान का विशेष ख्याल रखे।
  4. बच्चों को एक ही सब्जी या फल बार-बार खिलाने की जगह अलग-अलग सब्जी और फल खिलाते रहे।
  5. बच्चों को नापसंद सब्जी या फल को अच्छे से सजावट कर खाने के लिए प्रोत्साहित करे।
  6. बच्चों को खाने की जल्दी न करे उन्हें धीरे-धीरे खाने दे।
  7. अगर बच्चे को कोई विशेष आहार खाने से पेट बिगड़ता है या गैस या कब्ज होती है तो वह आहार खिलाने की जिद न करे।
  8. बच्चों को अधिक चॉकलेट और बाजार में तैयार मिलने वाले पोषकतत्व रहित आहार नहीं खिलाने चाहिए।

बच्चों को सही पोषण देना हमारी विशेष जिम्मेदारी है। अगर बचपन से ही उन्हें सही पोषण मिलता है तो आगे जाकर उनका शारीरिक और मानसिक विकास तो होता ही है साथ में रोग प्रतिकार शक्ति भी बेहतर रहती है और ऐसे बच्चे कम बीमार पड़ते हैं। अपने बच्चे को सही पोषण देने के लिए आप आहार विशेषज्ञ या डायटीशियन की मदद भी ले सकते हैं।

अगर आपको यह लेख उपयोगी लगता है तो कृपया इस लेख को निचे दिए गए बटन दबाकर अपने Facebook या Tweeter account पर share करे !

Leave a comment

इन 5 लक्षणों से पहचाने आपको Blood Cancer है या नहीं गर्मी में कौन सा फल खाना है सबसे फायदेमंद, जानकर हैरान रह जाएंगे! कई देशो में BAN है यह जानलेवा दवा ! सावधान !! डॉक्टर क्यों कहते हैं गर्मी में खाना चाहिए केला? भीषण गर्मी कर रही है बेहाल? ये एक प्राणायाम देगा राहत