हमने यह देखा हैं की जो लोग प्रार्थना करते हैं, जो लोग भगवान में विश्वास करते हैं या बीमार होने पर जिन लोगो के लिए प्रार्थना की जाती है, वह मरीज अन्य मरीजो की तुलना में जल्दी ठीक होते हैं। शायद यह किसी positive energy के कारण होता है।
प्रार्थना को लेकर मेरा अनुभव और प्रार्थना करने से होनेवाले स्वास्थ्य लाभ संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
Health benefits of Prayer in Hindi
यह बात कुछ महीने पहले की हैं जब मेरे 3 वर्ष के छोटे बच्चे क्षितिज को Foot Mouth and Hand Disease हो गया था। इस बीमारी में बच्चो के पैर, हात और मुंह के अंदर छोटे-बड़े छाले पड़ जाते हैं। मुंह के छालों के दर्द के कारण क्षितिज खाना-पानी और दवा भी नहीं ले रहा था। पोषक तत्व न मिलने के कारण वह काफी कमजोर हो गया था। उसकी यह हालत देखकर घर के सभी लोग बहोत परेशान-उदास थे। मुंह के छाले बड़े थे और मुझे पता था की अभी इन्हे ठीक होने में कम से कम और 3 दिन लगने ही वाले हैं। उस दिन रात में माँ और पिताजी भगवान से प्रार्थना करने लगे। क्षितिज की माँ भी नवकार मंत्र का जाप करने लगी।
मैं इन सब बातो में विश्वास नहीं था पर क्षितिज की हालत को देखकर मैंने सोचा की सब कर रहे है तो मैं भी कर के देख लेता हूँ। मैंने लगभग एक घंटे तक हनुमान चालीसा का पाठ किया। रात ज्यादा हो गयी इसलिए फिर सब सो गए। सुबह लगभग 5 बजे क्षितिज उठा और उसने उठते ही पानी माँगा। मुझे लगा उसे फिरसे पानी पिते वक्त दर्द होगा पर उसे जराभी दर्द नहीं हुआ। उसने पानी पिने के बाद 2-3 बिस्किट खा लिए। मैंने क्षितिज के मुंह की जांच की तो सभी छाले गायब थे। छाले इतने जल्दी एक रात में कैसे ठीक हो गया इसका मेरे पास कोई जवाब नहीं था। आमतौर पर जिन छालो को कम से कम 2-3 दिन लगते ही हैं वह इतने जल्दी कैसे ठीक हुए, इस बात से मुझे हैरानी थी।
घर के सभी लोगो को साथ में प्रार्थना करते देख प्रेरित होकर मैंने भी पहली बार ऐसी कोई प्रार्थना की थी और उसका फल देख में हैरान था। मैंने इस विषय पर internet पर search किया और अपने यहाँ दाखिल रोगियों पर भी इसका परिणाम देखा। दवा के साथ प्रार्थना की जाये तो रोगी और जल्दी ठीक होते है, यह मेरा अनुभव हैं। कोई चमत्कार है या किसी पर विश्वास करने से रोगियों में सकारात्मक सोच का यह असर है अभी कह नहीं सकते।
यह भी पढ़े – गुनगुने पानी के साथ निम्बू और शहद लेने के फायदे !
प्रार्थना और आस्था का हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर होता है इसकी कुछ अधिक जानकारी मुझे प्राप्त हुई है, उसे निचे दे रहा हूँ :
- तनाव : प्रार्थना करने से तनाव कम हो जाता हैं। जब हम तनाव में होते है तब हमारे शरीर से ऐसे होरमोंस का संचारण होता है जिससे शरीर कमजोर और हमारी रोग प्रतिकार शक्ति कमजोर हो जाती हैं। सकारात्मक सोच रखने से ऐसे होरमोंस का संचारण नहीं होता है।
- चिंता : प्रार्थना करने से चिंता और उदासी से राहत मिलती हैं। प्रार्थना करने से रोगी को उम्मीद मिलती है और इसका सकारात्मक परिणाम हमारे मानसिक और शारीरक स्वास्थ्य पर होता हैं।
- ह्रदय : प्रार्थना आपके ह्रदय को भी मजबूत बनाती हैं। प्रार्थना करने वाले व्यक्ति के ह्रदय की गति नियमित रहती है और ऐसे व्यक्ति हृदयाघात के स्तिथि में भी जल्दी recover हो जाते हैं।
- लंबा जीवन : देखने में आया हैं की जो लोग प्रार्थना या आस्था रखते है वे ज्यादा समय तक जिन्दा रहते हैं। प्रार्थना के कारण ऐसे व्यक्ति तनाव और चिंता के दुषपरिणाम से दूर रहने से मानसिक विकारो से उनका रक्षण होता हैं।
ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ हरबर्ट बेनसन ने अपने किताब ‘Healing words‘ में लिखा है की, “प्रार्थना करने से हमारा रक्तचाप और श्वासगति नियंत्रित रहती हैं, प्राणवायु कम लगता है और कार्बोन डाइऑक्साइड कम निर्माण होता हैं।” प्रार्थना के अधिक स्वास्थ्य संबंधी लाभ जानने के लिए यह पढ़े – प्रार्थना और स्वास्थ्य
प्रार्थना करने से कोई हानी नहीं है। इसलिए दवा के साथ इसे जोड़ा जाये तो हमें अधिक लाभ मिल सकता हैं।कभी भी सिर्फ प्रार्थना के भरोसे अपनी दवा बंद न करे। मैं आज भी उस अनुभव से खुश हूँ की पूरा परिवार तब मेरे साथ था और उनके प्रार्थना करने से मुझे प्रेरणा मिली और प्रार्थना के शक्ति को भी मैं समझ पाया। शायद प्रार्थना के साथ, यह सबके साथ होने का भी अच्छा असर था।
मैंने जो अनुभव किया वह आपके साथ share कर रहा हूँ। अगर ऐसा ही कुछ आपका अनुभव हो तो कृपया सभी के साथ share करे।
अगर आपको यह लेख उपयोगी लगता है और आप समझते है की यह लेख पढ़कर किसी के स्वास्थ्य को फायदा मिल सकता हैं तो कृपया इस लेख को निचे दिए गए बटन दबाकर Whatsapp, Facebook या Tweeter पर share करे !
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
देखने में आया हैं की जो लोग प्रार्थना या आस्था रखते है वे ज्यादा समय तक जिन्दा रहते हैं। प्रार्थना के कारण ऐसे व्यक्ति तनाव और चिंता के दुषपरिणाम से दूर रहने से मानसिक विकारो से उनका रक्षण होता हैं। हाँ , ऐसा सुना गया है कि धार्मिक व्यक्ति में तनाव झेलने की ज्यादा क्षमता होती है ! सार्थक पोस्ट