- डायबिटीज के लक्षण Diabetes symptoms in Hindi
- डायबिटीज में कितनी शुगर होनी चाहिए ? Diabetes Sugar levels in Hindi
- डायबिटीज के दुष्परिणाम क्या हैं ? Complications of Diabetes in Hindi
कई लोगों को लंबे समय से डायबिटीज होता है पर इसके लक्षणों की अधिक जानकारी न होने से इसका पता नहीं चलता हैं। किसी अन्य परेशानी के लिए रक्त की जांच करने पर डायबिटीज का अकस्मात निदान होता है और तब तक रोगी के शरीर पर डायबिटीज का प्रतिकूल परिणाम हो चूका होता हैं।
डायबिटीज के लक्षण की जानकारी होने पर आप इसकी पहचान तुरंत कर सकते है और इसका उपचार समय पर शुरू कर सकते हैं। डायबिटीज के लक्षणों की जानकारी निचे दी गयी हैं :
डायबिटीज के लक्षण क्या हैं ? Diabetes symptoms in Hindi Language.
डायबिटीज के लक्षण Diabetes symptoms in Hindi
मधुमेह के सबसे आम संकेतो में शामिल है :
- बहुत ज्यादा और बार बार प्यास लगना
- बार बार पेशाब आना
- लगातार भूक लगना
- दृष्टी धुन्धुली होना
- अकारण थकावट महसूस होना
- अकारण वजन कम होना
- घाव ठीक न होना या देर से घाव ठीक होना
- बार बार पेशाब या रक्त में संक्रमण होना
- खुजली या त्वचा रोग
- सिरदर्द
- धुंधला दिखना
- Type 1 Diabetes में लक्षणों का विकास काफी तेजी से (हफ्तों या महीनो) हो सकता है।
- Type 2 Diabetes में लक्षणों का विकास बहुत धीरे-धीरे होता है और लक्षण काफी कम हो सकते है।
डायबिटीज में कितनी शुगर होनी चाहिए ? Diabetes Sugar levels in Hindi
- खाली पेट प्लाज्मा ग्लूकोस (Fasting Blood Sugar) ; 126 mg/dl
- भोजन शुरू करने के दो घंटे बाद प्लाज्मा ग्लूकोस (Post Prandial Blood Sugar) ; 200 mg /dl
- हर 6 महीनो में HbA1C की जाँच जिसकी मात्रा 7% से कम रहनी चाहिए
- रक्तचाप (Blood Pressure) ; 130/80 mmHg
- Body Mass Index (Weight / Height in Meter²) 20 से 23 Kg/m ² के बिच होना चाहिए
- कमर / नितम्ब अनुपात पुरुष में ; 0.9 और महिलाओं में ; 0.85
डायबिटीज के दुष्परिणाम क्या हैं ? Complications of Diabetes in Hindi
अनियंत्रित मधुमेह की वजह से शरीर के दुसरे अंग भी प्रभावित होते है। अनियंत्रित और लम्बे समय से रहने वाले मधुमेह के कारन निम्नलिखित मुख्य समस्याएं हो सकती है।
1. आँखों की समस्या (Diabetic Retinopathy)
- आँखों का बार-बार संक्रमित होना
- चश्मे का नंबर बार-बार बदलना
- सफ़ेद मोतियाबिंद या काला मोतियाबिंद
- एकाएक आँखों की रोशनी कम हो जाना
- अँधापन होना
2. नसों पर प्रभाव (Diabetic Neuropathy)
अनियंत्रित और लम्बे समय से मधुमेह के रोगियों में बढ़ी हुई ग्लूकोस की मात्रा की वजह से हमारे शरीर की तंत्रिका प्रणाली प्रभावित हो जाती है। प्रभावित तंत्रिका प्रणाली में निम्नलिखित लक्षण देखे जाते है।
- तंत्रिका तंत्र का प्रभावित होना जिसकी वजह से संवेदनशुन्यता होना।
- हात और पैरो में झुनझुनी या दंश का एहसास होना।
- पैरो में दर्द की समस्या उत्पन्न होना।
उपयोगी जानकारी – डायबिटीज से बचने के उपाय
3. किडनी पर प्रभाव (Diabetic Nephropathy)
हमारे शरीर में गुर्दों (Kidneys) में बहुत सी सूक्ष्म रक्त वाहिकाए होती है,जो रक्त को साफ करने का काम करती है। मधुमेह के कारन अधिक ग्लूकोस की मात्रा इन रक्तवाहिकाओ को नुक्सान पहुचाती है और धीरे-धीरे गुर्दे काम करना बंद कर देते है।
मधुमेह में गुर्दों पर प्रभाव पड़ने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते है ;
- किडनी में खराबी जिसके फलस्वरूप मूत्र में अत्यधिक प्रोटीन का रिसाव होना
- शरीर में सुजन
- उच्च रक्तचाप
- कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना
- कमजोरी
- भूक न लगना
- कम पेशाब होना
- अनियंत्रित डायबिटीज के कारन पैरो में तंत्रिका क्षति और कम रक्त प्रवाह होने से अंगो में दर्द का एहसास नहीं होता है। इस कारणवश यदि कोई चोट पाँव में लगाती है और उस पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो वह अंत में संक्रमण और घाव का रूप ले लेती है।
- कुछ मरीजो में यह घाव बढ़कर गैंग्रीन हो सकता है जिसके फलस्वरूप पैर को काटना (Amputation) भी पड़ सकता है।
5. दिल की बीमारी (Cardiovascular Complications)
- डायबिटीज के रोगियों में दिल का दौर पड़ने का खतरा सामान्य व्यक्तियो से दोगुना होता है।
- ह्रदय की गति रुक जाने का जोखिम बढ़ना।
6. खून में ग्लूकोस की मात्रा में कमी (Hypoglycemia)
मधुमेह के मरीज अगर दवा लेने के बाद खाना नहीं खाते है या हमेशा से कम खाना खाते है तो खून में ग्लूकोस की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। शरीर में दिमाग की कोशिकाओ को उर्जा के लिए पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोस की आवश्यकता होती है। Hypoglycemia में दिमाग की कोशिकाओ को ग्लूकोस न मिलाने पर गंभीर असर हो सकता है।
Hypoglycemia के लक्षण निचे दिए गए है :
- सिरदर्द
- दोहरा दिखाई देना
- धुन्दला दिखाई देना
- ज्यादा भूक लगना
- चक्कर आना
- भ्रम पैदा होना
- धड़कन तेज चलना
- बहोत पसीना आना
- चिडचिडापन
- थकावट महसूस होना
- बेहोशी
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।