अस्थमा एक दुर्भर रोग हैं। अस्थमा के कारण हमेशा अस्थमा के रोगियों को डर लगा रहता है की कभी भी उन्हें अस्थमा का अटैक आ सकता है और सांस लेने में परेशानी हो सकती हैं।
अगर सही एहतियात न बरते जाए तो अस्थमा के रोगियों को कभी भी अस्थमा का दौरा पड़ सकता हैं। यहाँ पर अस्थमा के रोगियों के लिए कुछ जरुरी निर्देश दिए है जिससे की अस्थमा नियंत्रण सुलभ हो सकता हैं।
अस्थमा के अटैक से बचने के उपाय की अधिक जानकारी निचे दी गयी है :
![]() |
अस्थमा के रोगीयो के लिये सामान्य निर्देश |
अस्थमा के अटैक से कैसे बचे ?
अस्थमा के रोगी क्या एहेतीयात/सावधानी बरते
- धूल/मिट्टी/थंडी हवा/तीव्र
गंध/रसायन/सिगरेट-बिडी का धुआ/तंबाकु के संपर्क से बच कर रहे।
- थंडे पानी से न नहाये या ज्यादा समय तक
बालो को गीला ना रखे।
- कभी भी धुम्रपान न करे। धुम्रपान करने वालो के साथ भी न रहे।
- शराब न पिए। यह आपके वायु मार्ग को साफ करने के लिए खासने या छिखने की इच्छा कम कर देता है। यह आपके शरीर में द्रवों की कमी करता है जिससे आपके फेफड़ो में बलगम सख्त हो जाता है तथा उसके निकलने में मुशकिल होती है।
- अस्थमा के दौरे के दरम्यान थंडा
पानी/आईसक्रीम/शीतपेय/छाछ/थंडे फ्रुटज्यूस
ईत्यादी न ले।
- अस्थमा के रोगीयो को अकसर
आम्लपित्त/एसीडीटी कि तकलीफ होती है इसलिये चाय/कोफी/तेल/गरम मसाले नही लेना चाहिए।
- सर्दी-जुखाम/हलकी खांसी/बुखार ईनकी
उपेक्षा ना करे। तुरंत इन्हेलर का इस्तेमाल शुरू कर दे जीससे अस्थमा के लक्षण नही
बढेगे।
- व्यायाम करने के १० मिनिट पहले अपनी दवा ले।
- अकेले कभी व्यायाम ना करे।
- शुरुआत में हल्का फुल्का व्यायाम करे और फिर अपनी
क्षमता अनुसार धीरे धीरे व्यायाम को बढ़ाये।
- व्यायाम करते समय हमेशा अपनी दवा साथ में रखे
जीससे आपको तुरंत आराम पहुचता है।
- योग : नियमित योग करने से अस्थमा के रोगियों को लाभ होता हैं। अस्थमा से पीड़ित व्यक्तिओं ने अपने डॉक्टर की सलाह से नियमित मत्स्यासन, सर्वांगासन, सिंहासन, योगमुद्रा और सूर्यनमस्कार योग आसन करना चाहिए। नियमित प्राणायाम करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढती है और अस्थमा में लाभ होता हैं। कपालभाती और उज्जयी प्राणायाम करने से अस्थमा में अधिक लाभ होता हैं।
- अस्थमा के अन्य कारनो से अपना बचाव करे l उदहारण के लिए -ठंडी हव,फूल के पराग कन,प्रदुषित हवा ,धुल,धुआ और अन्य।
- व्यायाम को हमेशा धीरे धीरे घटाकर बंद करे।
- सर्दी-जुखाम या वायरल इन्फेक्शन होने पर कसरत न करे।
- अगर आपको एलर्जिक अस्थमा है तो घर के बाहर या जिस
जगह पर धुल मिटटी ज्यादा है वहा कसरत करने से बचे।
- ठन्डे मौसम में घर के अन्दर व्यायाम करे या मुंह
पर मास्क या स्कार्फ लगा कर व्यायाम करे।
- थंडी के दिनो मे हमेशा गरम कपडे पहने और
थंड से अपना बचाव करे।
- AC के सामने न सोए।
- आपके शरीर का उपरी हिस्सा उठाकर सोए । अपना सिर बिस्तर से उचा रखने के लिए फोम के बड़े तुकडे का प्रयोग करे।
अस्थमा के रोगी के लिये दवा संबंधी निर्देश
- हमेशा
डॉक्टर द्वारा दि हुई पुरी दवाई ले.अस्थमा मे दवाई हमेशा धीरे-धीरे कम कि जाती
है।
- डॉक्टर
द्वारा दि हुई दवाई खत्म हो जाने पर डॉक्टर द्वारा निर्देशित तारीख पर फिरसे
जाच कराने जाना चाहिये।
- अचानक
दवा बंद करने से या डॉक्टर द्वारा बताये समय अनुसार दवा ना लेने पर अस्थमा
दौरा फिरसे हो सकता है।
- अस्थमा
के रोगीयो मे यह अंधविश्वास/मिथक है कि इन्हेलर्स लेने से उनकी आदत पड जाती
है,जब कि असल मे अस्थमा कि चिकित्सा मे इन्हेलर्स सबसे ज्यादा उपयोगी साबित होते
है।
- इनहेलर को मुह में लगाकर दवा को साँस द्वारा अन्दर खीचने पर दवा सीधी और तुरंत फेपड़े में श्वसन नलिका में पहुचती है और इस कारण इन्हालेर्स ज्यादा असरदार साबित होते है।
- इन्हालेर्स द्वारा दवा लेने पर दवा सीधी फेपड़े में पहुचने से इसकी खुराक भी कम लगती है।
- इन्हालेर्स को इस्तेमाल करने वाले अस्थमा के रोगी को अस्पताल में दाखील होने की कम जरुरत पड़ती है और साथ ही यह रोगी काम और स्कुल एवम कोंलेज में नियमित रूप से उपस्थित रहते है।
- एक बार अस्थमा नियंत्रण मे आ जाने पर इनहेलर का उपयोग धीरे-धीरे कम करके बंद कर सकते है।इसलिये इनहेलर लेने से ना घबराए।
- डॉक्टर/सिस्टर द्वारा इनहेलर लेने कि सही तरीका सिख ले जीससे दवा का नुकसान नही होगा।
- डॉक्टर से कोई भी सवाल या समस्या
पुछने से न हिचकीचाए। - कभी भी डॉक्टरी सलाह मशवरे के
बिना स्वयं मेडिकल से कोई भी दवा ना ले।
अगर आपको यह लेख उपयोगी लगता है तो कृपया इस लेख को निचे दिए गए बटन दबाकर अपने Google plus, Facebook या Tweeter account पर share करे !

मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।
मुझे नहीं मालुम की और लोगों के साथ क्या होता है किन्तु मुझे बचपन से ये परेशान थी ! लेकिन जब मुझे किसी ने बताया की योग करो , धीरे धीरे अब ये समस्या खत्म हो चुकी है ! मतलब योग भी दमा सही करने में सहायक है ! आपका इलाज और लक्षण बेहतरीन हैं !
योगी सारस्वत्जी, आपके प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद !
योगा और प्राणायाम करने से हमारे फेफड़ो की कार्यक्षमता और रोग प्रतिकार शक्ति बढती है. योगा और प्राणायाम से हम कई व्याधी को दूर कर निरोगिजिवन का आनंद ले सकते हैं !
salo purana asthma bhi kya yog ke dwara theekh ho skta hai. dwa ke sath kaun se yoga karna upyogi hoga.
सविताजी,
लेख में दिए हुए योग का नियमित अभ्यास कर अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता हैं.