Acne या मुँहासे (Pimples) की समस्या ज्यादातर तारुण्यवस्था में होने के कारण इसे आयुर्वेद में ‘तारुण्यपीठिका’ भी कहते है। हर किसी की चाहत होती है की उसका चेहरा सुन्दर और दाग रहित होना चाहिए। नवजवानों में इस चाहत का सबसे बड़ा अगर कोई दुश्मन है तो वह हैं मुँहासे !
Acne एक ऐसी समस्या हैं जिस मे दर्द कम रहता हैं पर तकलीफ ज्यादा होती हैं। Acne से छुटकारा पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते है पर बहुत कम लोग ही इससे निजात पाने में सफल हो पाते हैं। मुंहासों के कारण कई लोगोको शर्मिंदगी महसूस करना पड़ता हैं। अपने चेहरे पर मुंहासों के दाग के कारण लोग अन्य लोगोसे दुरी बनाए रखते हैं और अपना चेहरा छुपाने की कोशिश करते हैं। कभी-कभी ज्यादा तकलीफ होने पर पीड़ित युवा तनावग्रस्त हो जाता है और अपना आत्मविश्वास खो देता हैं।
आज के इस लेख में हम मुँहासों के कारण, लक्षण, ईलाज और घरेलू उपाय की जानकारी विस्तार में देने जा रहे है :
मुँहासे होने के क्या कारण हैं ? (Acne causes in Hindi)
हमारे चेहरे पर कई छोटे-छोटे सूक्ष्म वसा मय ग्रंथियाँ (Sebaceous Glands) होती हैं जिस मे से द्रव (Sebum) निकलते रहता हैं। कभी-कभी इस द्रव के जमने के कारण हमारे चेहरे के छोटे बालों की जड़ का मार्ग (रोप कुप) का अवरोध हो जाता हैं और इस वजह से जीवाणु संक्रमण होकर चेहरे पर मुँहासे आ जाते हैं। कुछ लोगों में अन्य लोगों की तुलना में मुँहासे की समस्या ज्यादा होती हैं।
मुँहासे की समस्या ज़्यादा होने के क्या कारण है ?
मुँहासे ज्यादा होने के कुछ मुख्य कारण की जानकारी नीचे दी गयी हैं :
1. हार्मोन्स (Hormones) : यौवन अवस्था में androgen hormones के कारण मुँहासे की समस्या ज्यादा होती हैं। पुरुषों में androgen hormone का प्रमाण जवानी में ज्यादा होता हैं। महिलाओं में मासिक धर्म के समय इस hormone की मात्रा बढ़ने से मुँहासे बढ़ जाते हैं। यही कारण हैं की महिलाओं को उम्र बढ़ने के बाद भी मुँहासे की तकलीफ सताती रहती हैं।
2. त्वचा (Skin) : जिन लोगो की त्वचा ज्यादा तैलीय (oily) होती है उन्हें मुँहासे की समस्या ज्यादा होती हैं।
3. अनुवांशिकता (Hereditary) : जिन व्यक्ति के माता-पिता को मुँहासे की समस्या ज्यादा होती है उन्हें मुँहासे होने की आशंका ज्यादा होती हैं और ऐसे व्यक्तिओ में मुँहासे ठीक करना ज्यादा मुश्किल होता हैं।
4. दवा (Drugs) : कुछ दवा जैसे की Steroids, मिरगी (Epilepsy) की दवा, या गर्भनिरोधक गोलिया लेने से मुंहासे बढ़ने की आशंका अधिक होती हैं।
5. सौंदर्य प्रसाधन (Cosmetics) : कुछ सौंदर्य प्रसाधन को इस्तेमाल करने से सूक्ष्म रोपकुप का अवरोध होने के कारण मुँहासे हो सकते हैं। कोई भी सौंदर्य प्रसाधन इस्तेमाल करने से पहले जाँच ले की वह water based हो जिससे मुंहासे होने की आशंका कम होती हैं।
6. अन्य (Other) : मुँहासे होने के कुछ अन्य कारण नीचे दिए हैं :
a) Hypothyroidism से पीड़ित व्यक्ति में मुँहासे होने की आशंका ज्यादा होती हैं।
b) ज्यादा तैलीय और तीखा खाने वाले और junk food का सेवन ज्यादा करने वालो में मुँहासे होने की आशंका ज्यादा होती हैं।
c) तनाव (Tension) से पीड़ित व्यक्ति में मुँहासे होने की आशंका ज्यादा हो सकती हैं।
d) जो व्यक्ति कब्ज के कारण परेशान होते है उन्हें मुँहासे होने की संभावना अधिक होती हैं।
बार बार मुँहासे को हाथ लगाने से मुँहासे बढ़ जाते हैं और नाख़ून में छिपे bacteria से मुँहासे में संक्रमण हो जाता हैं।
e) धूल, मिट्टी और ज्यादा धूप में रहने से मुँहासे बढ़ जाते हैं।
f) कुछ विशेषज्ञों का मानना हैं की ज्यादा Glycemic Index वाला आहार लेने से मुँहासे बढ़ जाते हैं।
g) बालों पर ज्यादा तेल या तेल युक्त केमिकल लगाने से चेहरे पर मुँहासे बढ़ जाते हैं।
मुँहासे का ईलाज कैसे करते है? (Acne treatment in Hindi)
मुँहासे का इलाज में कई चीज़ शामिल होती हैं। त्वचा विशेषज्ञ पीड़ित की जाँच करने के बाद उसका इलाज निर्धारित कर सकता हैं। मुँहासे का इलाज संबंधी अधिक जानकारी नीचे दी गयी हैं :
1. मलम (Cream) : मुँहासे का इलाज करने के लिए त्वचा विशेषज्ञ आपको मुँहासों पर लगाने के लिए कुछ मलम या क्रीम दे सकते हैं। अपने डॉक्टर से उसे लगाने संबंधी जानकारी ठीक से लिख कर लेना चाहिए। कुछ मलम जैसे की Adapalene gel युक्त मलम लगाने के बाद धुप में नहीं जाना चाहिए और इसे शाम के समय ही लगाना चाहिए। दिया हुआ मलम कितने बार और कब लगाना है यह अच्छे से जान लेना ज़रूरी है।
2. दवा (Medicine) : मुँहासों का इलाज करने के लिए डॉक्टर आपको कुछ Antibiotics दवा दे सकते हैं। कुछ मुंहासों से पीड़ित व्यक्तिओ में डॉक्टर Isotretinoin युक्त दवा दे सकते हैं। ऐसे तो डॉक्टर यह दवा आपको बहुत सोच समझकर कर ही देते है पर कुछ मेडिकल विक्रेता अनजाने में यह दवा किसी को भी दे सकते है। ध्यान रहे की अगर आप गर्भवती है या अगले 7 से 8 महीनो में गर्भवती हो सकते या बच्चे को दुग्धपान (Breast feeding) करा रहे है तो यह दवा आपने नहीं लेना चाहिए। इस दवा से आनेवाले शिशु में या दूध पिने वाले बालक को क्षति पहुंच सकती हैं। अगर कोई महिला यह दवा ले रही है तो कम से कम 8 महीनो तक गर्भधारणा नहीं करना चाहिए। Isotretinoin दवा लेने से आपकी त्वचा काफ़ी dry हो सकती है इसलिए डॉक्टर से पूछ कर अच्छे मॉइश्चराइज़र का उपयोग करे। इसके साथ ही डॉक्टर दर्द और सूजन होने पर उसे कम करने के लिए दर्द नाशक दवा और मल्टीविटामिन की दवा भी कुछ समय के लिये दे सकते है।
यहाँ पर मुँहासों के इलाज संबंधी जानकारी संक्षेप में दी गयी हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ आपके मुँहासों की समस्या अनुसार विविध ईलाज कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए त्वचा रोग विशेषज्ञ को दिखाए।मुँहासों का इलाज करने के लिए दवा और मलम इत्यादि के साथ कुछ सावधानियाँ बरतनी ज़रूरी हैं।
मुँहासों को कैसे रोके ? (How to avoid Acne in Hindi)
मुँहासोंसे बचने और उन्हें बढ़ने से रोकने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी ज़रूरी हैं :
1. सौंदर्य प्रसाधन (Cosmetics) : मुँहासों से पीड़ित व्यक्ति ने कम से कम make up करना चाहिए। अपने मुँहासों छिपाने के लिए ज्यादा powder या foundation लगाने से मुँहासों अधिक बढ़ सकते हैं। कोई भी तेल युक्त cosmetic न लगाए। अगर आपको कुछ make up करना ही है तो पहले पानी से चेहरा अच्छे से साफ़ करे और कम प्रमाण में oil free सौंदर्य प्रसाधन लगाए। अपने बालों पर ज्यादा तेल युक्त या तेज केमिकल का इस्तेमाल न करे। इनसे आपके चेहरे पर मुँहासे बढ़ सकते हैं। अगर आपको Dandruff है तो उसका इलाज कराए।
2. चेहरा साफ़ रखे (Clean Face) : अपना चेहरा हमेशा साफ़ रखे। प्रदुषण और धूल मिटटी के कारण रोप कुप का मार्ग अवरुद्ध हो कर मुंहासे बढ़ जाते है इसलिए जरुरी है की दिन में कम से कम 3 या 4 बार गुनगुने पानी से अपना चेहरा साफ़ करे।
3. नीम (Neem) : पुराने समय से नीम का उपयोग त्वचा संबंधी कोई भी समस्या में किया जाता हैं। आर्युर्वेद अनुसार नीम से रक्त की शुद्धि होती है और उसमे जीवाणुरोधी क्षमता भी हैं। पहले नीम के पत्तो को पानी में उबालकर उस पानी को ठंडा कर उससे मुंह धोने की सलाह दी जाती थी। अब नीम के गुणों का फायदा लेने के लिए यह सब करने की जरुरत नहीं हैं। अब आप नीम और Green Tea Extract के गुणों से युक्त बाजार में उपलब्ध फेसवॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह अपने जीवाणुरोधी, प्रदूषणरोधी और तेल विरोधी triple action से आपके चेहरे को pimples से दूर रखता हैं।
4. धुप से बचाव (Avoid Sun) : सूरज की तेज किरणों से मुँहासे बढ़ जाते है। मुँहासों के इलाज के लिए उपयोग में आने वाला मलम लगाने के बाद भी आपको धुप से बचना चाहिए। अगर आपको धुप में जाना ही है तो टोपी का इस्तेमाल करे और मुंह पर हल्का कपडा बाँध लेना चाहिए। आप सुबह के समय सूरज की किरणे चेहरे पर ले सकते हैं। सुबह के समय सूर्य की ultra violet युक्त किरनें मुँहासों से रक्षण करती हैं।
5. आहार (Food) : समतोल आहार लेना चाहिए। बाजार में मिलने वाले अधिक तेल और मसाले वाले आहार से परहेज करना चाहिए। गाजर, पालक, शक्कर कंद और Apricots जैसे Vitamin A और Beta Carotene युक्त आहार लेने से त्वचा निरोगी और सुंदर रहती हैं।
6. व्यायाम (Exercise) : नियमित व्यायाम करे। व्यायाम करने से बंद हुए स्वेद ग्रंथि और रोप कुप खुल जाते हैं। व्यायाम करने के बाद पसीना ठीक से साफ़ करे और स्नान करना न भूले।
मुँहासों से बचने के लिए क्या सावधानी बरते ?
मुँहासों से बचने के लिए नीचे दिए गए अन्य सावधानी बरतनी चाहिए :
1. बिना डॉक्टर की सलाह लिए मेडिकल विक्रेता से कोई भी दवा या मलम का इस्तेमाल न करे। यह आपकी त्वचा के लिए नुकसानदेह हो सकते है।
2. अपने चेहरे को बार-बार हाथ न लगाए। चेहरे को हाथ लगाने से पहले अपने हाथ अवश्य साफ़ करे।
3. मुँहासों को पिन, सुई आदि से पंक्चर करके इसमें से गन्दा पदार्थ न निकाले। ऐसा करने से जंतु संक्रमण हो सकता हैं।
4. अगर आप चश्मा लगाते है तो उसे हमेशा साफ रखे।
5. रात में मेकअप उतार कर ही सोये।
6. सप्ताह में दो बार चेहरे पर भाप ले। भाप लेने से रोप कुप अच्छी तरह से खुल जाते हैं।
7. भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे शरीर detox होने में मदद मिलती हैं।
8. हमेशा साफ़ सुधरे तकिए और तौलिये का इस्तेमाल करे।
9. अगर आपको कब्ज या अपचन की शिकायत हो तो उसका ईलाज करे।
10. दाढ़ी (Shaving) करते समय सावधानी बरते। Electric Shaving machine या Safety razor का इस्तेमाल करे। दाढ़ी करने से पहले गुनगुने पानी से अपना चेहरा साफ़ करे जिससे दाढ़ी के बाल मुलायम हो जाते है और आसानी से shaving हो सकती हैं।
11. भय, क्रोध, चिंता एवं मानसिक तनाव से मुक्त रहे।
12. पान, तम्बाकू, गुटका, शराब तथा बीड़ी-सिगरेट आदि नशीले चीजों का सेवन बंद कर दे।
मुँहासों के लक्षण क्या होते है ? (Acne symptoms in Hindi)
मुँहासों में चेहरे, सीना या पीठ पर रोम कूप बंद हो जाने से छोटे-छोटे थक्के के रूप में दिखाई देते है। इनमें बैक्टीरिया का संक्रमण होने पर मवाद जमा होने से यह लाल और पीले रंग के दिखाई देते है। इनका आकार पहले छोटा होता है पर समय पर उपचार न करने पर इनका आकार बढ़ सकता है। इनमें दर्द भी हो सकता है और साथ ही संक्रमण बढ़ने पर इनके अंदर से मवाद या pus भी निकल सकता है।
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मुँहासे किसी भी सुन्दर चेहरे का हाल बिगाड़ सकती हैं और इसलिए ज़रूरी हैं की आप इनसे बचने के लिए सावधानी बरते। मुँहासे होने पर भी अपना आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए। कुछ सावधानी और ईलाज से आप इनसे छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।