जैसे की हम सभी जानते है की आज दुनिया में मधुमेह रोग (Diabetes) महामारी की तरह फ़ैल रहा है और हर वर्ष लाखो लोगो की मृत्यु मधुमेह या उसके दुष्परिणामो के कारण हो रही हैं। हर व्यक्ति की इच्छा होती है की वह ऐसे भयावह बीमारी की चपेट से दूर ही रहे।
हम किस तरह के मधुमेह से बच सकते हैं और उसके लिए हमें क्या एहितयात बरतने चाहिए इसकी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
मधुमेह से बचने के उपाय How to prevent Diabetes in Hindi
सबसे पहले आप मधुमेह क्या हैं और इसके प्रकार संबंधी जानने के लिए यह पढ़े – मधुमेह ! मधुमेह के प्रकारों के बारे में जानने के बाद आपको यह पता चल गया होगा की मधुमेह का पहला प्रकार (Type 1 DM) और गर्भावस्था के समय होनेवाला मधुमेह (Gestational Diabetes) इन दोनों मधुमेह के प्रकार से बच पाना मुश्किल हैं। अनुवांशिकता और Genetic कारणों से यह मधुमेह किसी भी व्यक्ति को हो सकता हैं। मधुमेह का दूसरा प्रकार जिसे Type 2 DM कहते हैं और जो सबसे अधिक प्रमाण पाया जाता हैं, ऐसे मधुमेह से कुछ एहतियात या सावधानिया बरत कर बच पाना संभव हैं।
मधुमेह का दूसरा प्रकार जिसे Type 2 DM कहते हैं से बचने के लिए निम्नलिखित एहतियात बरतने चाहिए :
- वजन नियंत्रण (Weight Control) : मोटापा यह मधुमेह होने के सबसे अहम कारणों में से एक कारण हैं। सामान्य वजन वाले व्यक्ति की तुलना में मोटापे से पीड़ित व्यक्ति को मधुमेह होने का खतरा 40% ज्यादा होता हैं। मोटापा से पीड़ित व्यक्ति अगर सिर्फ अपना 10% वजन भी कम कर लेते है तो उन्हें मधुमेह होने का खतरा आधा हो जाता हैं। एक व्यक्ति का वजन कितना होना चाहिए और वजन को कम कर सामान्य करने के लिए क्या करना चाहिए इसकी विस्तृत जानकारी हमने वजन कम करने के उपाय इस लेख में दी हैं। कृपया यहाँ क्लिक कर उसे जरुर पढ़े और औरो के साथ भी यह जानकारी साझा करे।
- आहार : मधुमेह यह हमारे जीवनशैली से जुड़ा विकार हैं। इससे बचने के लिए हमें अपने जीवनशैली और खास कर अपने आहार पर अधिक ध्यान देना जरुरी हैं। आहार में किये हुए कुछ छोटे-छोटे बदलाव हमे मधुमेह से बचा सकते हैं। जैसे की :
- आहार में refined किये हुए अनाज की जगह साबुत अनाज (Whole Grains) का उपयोग करे। इसमें अधिक मात्रा में Fiber और Low Glycemic Index होने से रक्तशर्करा में धीरे-धीरे वृद्धि होती है और कम insulin की जरुरत पड़ती हैं। वैज्ञानिको ने शोध से इस बात की पृष्टि की है की साबुत अनाज की जगह जो व्यक्ति refined अनाज लेते हैं उनमे मधुमेह होने का खतरा 17% अधिक होता हैं।
- बाजार में मिलने वाले ज्यादा शर्करा युक्त शीतपेय लेने की जगह फलो का ताजा रस पीना चाहिए।
- आहार में मूंगफली, जैतून का तेल, अलसी, मक्का और सोयाबीन जिसे उपयोगी fats का समावेश करे। Saturated और Trans fat से दुरी बनाये रखे। अधिक जानकारी के लिए यह पढ़े।
- सप्ताह में एक दिन उपवास करे। उपवास कैसे करे और उसके फायदे जानने के लिए यह पढ़े।
- आहार में फलो का समावेश करे।
- शाकाहार लेना चाहिए।
- प्राकृतिक या तैयार / केमिकल युक्त आहार से परहेज रखे।
- खाने का निश्चित समय रखे।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- संतुलित पौष्टिक आहार लेना चाहिए। जरुरत पड़े तो आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की मदद ले।
- सक्रीय रहे (Be Active) : आज के आधुनिक युग में कई सारे उपकरणों के कारण हमारी सक्रियता कम हों गयी हैं और उसके फल स्वरूप लोगो में मोटापा और आलस बढ़ गया हैं। छोटे-छोटे कार्य भी स्वयं करने से स्नायु गतिशील और सक्रीय रहने से शरीर में Insulin ठीक से कार्य करता है और Glucose का अवशोषण ठीक से होता हैं। मधुमेह को दूर रखने के लिए सिर्फ व्यायाम ही नहीं बल्कि साथ में छोटे-छोटे कार्य जैसे TV खुद चालू-बंद करना, सीडिया चढ़ना और गाड़ी थोड़ी दूर पार्क कर पैदल चलना जैसे उपाय करना जरुरी हैं।
- धुम्रपान (Smoking) : अगर आप धुम्रपान करते हैं तो आपको मधुमेह होने का खतरा दोगुना हो जाता हैं। धुम्रपान से कैसे छुटकारा पाये यह जानने के लिए यह लेख पढ़े।
- नींद (Sleep) : शरीर के सुचारू रूप से चलने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लेना आवश्यक हैं। येल यूनिवर्सिटी के अनुसार 5 घंटे से कम समय की नींद लेने वाले व्यक्तिओ में मधुमेह होने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। जो व्यक्ति 9 घंटे से ज्यादा समय तक नींद लेते है उनमे यह खतरा 3 गुना ज्यादा होता हैं।
- रक्त शर्करा जांच (Blood Sugar Test) : कई बार लोगो को मधुमेह होने की जानकारी बहुत देर बाद पता चलती हैं। शुरूआती दौर में या Pre Diabetic phase में ही इसका पता चलने पर उचित उपाय योजना कर मधुमेह से बचा जा सकता हैं।
- अगर आपके परिवार में किसी को मधुमेह होने का इतिहास है तो जरुरी हैं की 30 वर्ष की आयु के पश्च्यात आप हर वर्ष एहतियात के तौर पर खाली पेट और खाना खाने के दो घंटे बाद की रक्त शर्करा जांच के साथ HBA1C जांच कराना चाहिए।
- अगर घर-परिवार में किसी की मधुमेह का इतिहास नहीं है फिर भी यह जांच 40 वर्ष के बाद हर वर्ष जरुर कराना चाहिए। जिन लोगो का वजन ज्यादा हैं और जिनकी रिपोर्ट में खाली पेट रक्तशर्करा (Fasting Blood Sugar) की मात्रा 100 mg/dl से ज्यादा है या खाने के बाद की रक्तशर्करा (Post Prandial Blood Sugar) की मात्रा 130 mg/dl से अधिक है या HBA1C की मात्रा 5.7% से अधिक है, आगे जाकर उन्हें मधुमेह होने का खतरा अधिक होता हैं।
- ऐसे व्यक्तिओ ने अपना वजन को नियंत्रित करना चाहिए और अपनी सक्रियता बढ़ानी चाहिए।
- रोग (Disease) : अगर आपको कोई अन्य रोग है जैसे की उच्च रक्तचाप, थाइरोइड के रोग, पित्ताश्मरी, यकृत में सुजन इत्यादि तो जरुरी है की समय पर चिकित्सा लेकर इन्हें ठीक करे या नियंत्रण में रखे। कई बार अन्य रोगों के दुष्परिणाम के कारण मधुमेह हो सकता हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं लेना चाहिए।
- व्यायाम (Exercise) : सप्ताह में कम से कम 5 दिन, अपने क्षमता अनुसार कोई व्यायाम करना चाहिए। आप चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी या कोई खेल खेलना ऐसे व्यायाम हर रोज अपनी क्षमता अनुसार कर सकते हैं जिससे रक्तशर्करा नियंत्रण में रहती है और Insulin का कोशिकाओ में प्रवेश सुलभ होता हैं।
- योग (Yoga) : शरीर को निरोगी और सदृढ़ रखने के लिए सभी लोगो ने योग जरुर करना चाहिए। Insulin का निर्माण और कार्य सुचारू रूप से करने के लिए और रक्तशर्करा को नियंत्रण में रखने के लिए आप गोमुखासन, पश्चिमोतानासन, हलासन, मयूरासन और अर्ध मत्स्येन्द्रासन जैसे योगासन का लाभ ले सकते हैं। साथ ही वजन को काबू में रखने के लिए कपालभाती प्राणायाम कर सकते हैं। जरूर पढ़े – डायबिटीज में कौन सा योग कब करे ?
मधुमेह एक गंभीर रोग हैं जो एक बार हो जाने पर आपको जीवन भर दवाई लेने पर मजबूर कर देता हैं। रोकथाम ईलाज से बेहतर होता हैं और यही बात मधुमेह के संबंध में भी 100% सही हैं। मधुमह से बचने की हर संभव कोशिश करे और यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाने में हमारी मदद करे।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
आपके इस उत्कृष्ट आलेख का उल्लेख सोमवार की चर्चा – "चित्र को बनाएं शस्त्र, क्योंकि चोर हैं सहस्त्र (अ-२ / १९५१ चर्चामंच)" में भी किया गया है.
सूचनार्थ
https://charchamanch.blogspot.com/2015/04/20-1951.html