अगर आपके दांत में दर्द हैं और डॉक्टर ने आपको इसके लिए Root Canal Treatment (RCT) करने की सलाह दी है तो आप जरूर यह नाम सुन सोच रहे होंगे की आखिर यह ऑपरेशन क्या है और कैसे किया जाता हैं ? कई रोगी तो केवल इसका नाम सुनकर घबरा जाते है और ईलाज से दूर भागते हैं।
गूगल पर भी अगर आप Root Canal Treatment information in Hindi लिखकर search करे तो इसकी कोई विशेष जानकारी सरल हिंदी भाषा में उपलब्ध नहीं हैं और इसीलिए आज हम विशेष कर रुट कैनाल उपचार के बारे में सरल हिंदी भाषा में जानकारी दे रहे हैं।
रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट क्या हैं ? (Root Canal Treatment in Hindi)
Root Canal Treatment को समझने से पहले हमें अपने दांतों की रचना के बारे में समझना जरुरी हैं। हमारे दाँतों के मुख्य 2 हिस्से होते हैं। एक दांत का हिस्सा वह जो मसूड़ों के ऊपर दीखता है उसे क्राउन (Crown) कहा जाता हैं। दांत का हिस्सा जो मसूड़ो के अंदर रहता है उसे जड़ या रुट (Root) कहा जाता हैं। दांत के क्राउन में 3 स्तर रहते हैं :
1. इनेमल (Enamel) : सबसे बाहर का सफ़ेद पत्थर के समान कड़क (Hard) स्तर को Enamel कहा जाता हैं।
2. डेंटिन (Dentin) : दांत के बिच के स्तर को Dentin कहा जाता हैं।
3. पल्प (Pulp) : दांत के सबसे अंदर के स्तर को Pulp कहा जाता हैं। पल्प स्तर के अंदर रक्त वाहिनी (Blood vessels), नस (Nerves) और Connective Tissue रहते हैं। पल्प दांत के क्राउन से लेकर रुट तक फैला रहता हैं। पल्प के भीतर से दांत के रुट तक के नहर समान हिस्से को रुट कैनाल कहा जाता हैं।
दाँतों की सड़न दाँतों के रुट तक पहुचने पर Root Canal Treatment करना जरुरी हो जाता हैं। इसका मतलब यह भी नहीं है की हर बार दाँतों की सड़न होने पर Root Canal Treatment की आवश्यकता होती हैं। दांतों की सड़न कितनी गंभीर यह देख कर डॉक्टर कोई निर्णय लेते हैं।
दातों मे सड़न की अवस्था और उपचार क्या हैं ?
1. पहली अवस्था : दाँतों की सड़न जब दाँतों के ऊपरी स्तर यानि Enamel तक होती है तब सड़न के कारण दाँतों में छोटा खड्डा या कैविटी तैयार हो जाती हैं। ऐसे कैविटी में आहार पदार्थ अटकते है और दर्द नहीं होता। ऐसी स्तिथि में डेंटिस्ट डॉक्टर से फिलिंग (दांत की कैविटी भरना) ट्रीटमेंट कर आप अपने दांत को बचा सकते हैं।
2. दूसरी अवस्था : दांतों की सड़न जब दांत के बिच के स्तर यानि Dentin तक फैलता है तब दांतों में बड़ी कैविटी तैयार हो जाती हैं। इसमें खाना अटकता है और दर्द भी अधिक होता हैं। ठंडा या गरम आहार लेने पर दर्द अधिक होता हैं। ऐसी स्तिथि में भी दांत की सफाई कर फिलिंग ट्रीटमेंट करा सकते हैं।
3. तीसरी अवस्था : दांतों के सड़न की दूसरी अवस्था में उचित उपचार न करने पर सड़न दाँतों के भीतरी स्तर यानि Pulp भाग तक पहुच जाता हैं। ऐसी स्तिथि में दर्द असहनीय होता है और Root Canal Treatment कराना होता हैं।
4. चौथी अवस्था : दांत की सड़न की तीसरी अवस्था में उपचार न करने पर सड़न रुट हिस्से तक पहुच जाती हैं। इसमें असहनीय दर्द, चेहरे पर सूजन, बुखार आदि लक्षण नजर आते हैं। ऐसे स्तिथि में भी Root Canal Treatment किया जाता हैं।
रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट कैसे किया जाता हैं ?
Root Canal Treatment (RCT) करने से पहले आपके डेंटिस्ट आपके दाँतों की अच्छे से जांच करते हैं और आवश्यकता अनुसार आपके दांत का X-Ray, खून जांच, ब्लड प्रेशर आदि की जांच करते हैं। सूजन और संक्रमण अधिक होने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक और दर्दनाशक दवा देते हैं।
1. Root Canal Treatment में सबसे पहले डॉक्टर आपका दर्द खत्म करने के लिए दांतों में Anesthesia Injection देते हैं। जरुरत पड़ने पर रोगी को पूरा बेहोश भी किया जा सकता हैं।
2. सड़े हुए हिस्से को आपरेशन के दौरान निर्जन्तुक रखने के लिए चेहरे पर डेंटल डैम रखा जा सकता हैं।
3. इसके बाद दांत के जड़ / रुट की सड़न को निकालने के लिए क्राउन के हिस्से से दांत में ड्रिल कर रुट के हिस्से तक पंहुचा जाता हैं।
4. इसके बाद एक विशेष छोटे यंत्र की सहायता से पल्प और रुट के हिस्से के सड़े हुए हिस्से को अलग निकाला जाता हैं।
5. जंतुनाशक दवा डालकर पल्प और रुट की हिस्से को पूरी तरह स्वच्छ किया जाता हैं।
6. अब रुट कैनाल के स्वच्छ हिस्से को गटा परचा नामक विशेष दवा से भरा (फिलिंग) जाता हैं।
7. रुट कैनाल की फिलिंग करने के बाद दांत के बचे ऊपरी हिस्से को भी फिलिंग किया जाता हैं और ऊपर दांत के आकार की कैप लगा दी जाती हैं।
रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट कब नहीं किया जा सकता हैं ?
Root Canal Treatment कब नहीं किया जा सकता हैं ?
निचे दिए हुए मामलों में रुट कैनाल ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है या फिर करना बेहद ज्यादा कठिन होता हैं :
1. सड़ा हुआ दांत बेहद ज्यादा टुटा हुआ हैं
2. सड़ा हुआ दांत बेहद ज्यादा हिल रहा हैं
3. विशेषतः बुजुर्ग रोगी में दांत और मसूड़ो के भीतर की कैनाल अधिक कड़क होना
4. रुट कैनाल सीधी न होकर अधिक टेढ़ीमेढ़ी होना
रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट के बाद क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?
Root Canal Treatment के बाद निचे दी हुई सावधानी बरते :
1. डॉक्टर की सलाहनुसार एंटीबायोटिक और दर्दनाशक दवा लेते रहे। डॉक्टर की सलाह से आप दांत को बर्फ से सेक सकते हैं।
2. जब तक आपका मुंह सुन्न है तब तक कुछ न खाये।
3. जब तक डॉक्टर न कहे तब तक रुट कैनाल ट्रीटमेंट किये हुए हिस्से में कुछ न खाये।
4. सुबह शाम ब्रश करे और दांतों को साफ़ रखे।
5. निचे दिए हुए लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे
a) मुंह के अंदर या बाहर सूजन आना
b) किसी दवा की एलर्जी होना
c) दांतों में अधिक दर्द होना
d) दांत का कोई हिस्सा निकलना
e) आहार को ठीक से न चबा पाना
रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट मे कितना खर्चा आता हैं ?
एक दाँत का पूरा रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट कराने मे लगभग आपको 5000 रुपए तक का खर्चा आ सकता हैं।
रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट मे कितना समय लगता हैं ?
रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट मे पूरा ईलाज होने मे 1 या 2 sitting मे हो जाता हैं। अगर दाँत मे कोई infection हो जाए तो 3 से 4 sittings भी लग सकते हैं। पहले sitting मे 30 मिनिट का समय लगता है और बाद की sittings मे 10 से 15 मिनिट का समय लगता हैं।
रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट मे कितना दर्द होता हैं ?
रूट कैनाल ट्रीट्मन्ट की पूरी प्रक्रिया में Anesthesia देकर किया जाता है इसलिए रोगी को दर्द नहीं होता हैं। शुरुआत मे Anesthesia की सुई का थोड़ा दर्द हो सकता है पर उसके बाद पूरी प्रक्रिया मे दर्द नहीं होता हैं। अगर Anesthesia ठीक से नहीं दिया है या रोगी की मुंह की नसे अधिक तंबाकू और गुटका खाने से खराब हो गयी है तो दवा का असर कम होने से रोगी को कुछ दर्द सहन करना पड़ सकता हैं।
जरूर पढे : दातों को स्वस्थ कैसे रखे ?
रुट कैनाल ट्रीटमेंट / Root Canal Treatment करते समय रोगी का दांत को बधिर / सुन्न किया जाता है इसलिए इसमें दर्द नहीं होता हैं। अगर सही तरह से रुट कैनाल ट्रीटमेंट किया जाये तो इसका कोई नुकसान नहीं हैं। कुछ रोगी में एक बार में तो कुछ रोगियों में अधिक तकलीफ होने पर दो से तीन सिटींग में रुट कैनाल ट्रीटमेंट किया जाता हैं।
क्या आप जनते हैं : दातों के स्वास्थ्य से जुड़े भ्रम
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
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