Green Tea पिने के फायदे और बनाने की विधि Health benefits of Green Tea in Hindi
कैसे बनती है Green Tea ?
यह चाय के नरम पत्तियों से बनती है। इन्हें सुखाकर बनाया जाता है। इसे प्रोसेस नहीं किया जाता। यह काफी गुणकारी होती है। यह herbal तरीके से बनायीं जाती है और इसमें chemicals का अधिक प्रयोग नहीं किया जाता हैं।
ग्रीन टी पिनेका सही तरीका क्या हैं ? How to make Green Tea at home in Hindi
- ग्रीन टी बिना दूध और बिना चीनी के पिये तो काफी फायदेमंद होती है। इसमें कैलोरीज भी नही होती है।
- ग्रीन टी सेहत के लिए और भी लाभदायक बन जाती है जब इससे ऑर्गेनिक या हर्बल टी बनाई जाती है।
- ग्रीन टी को अगर आप शहद, अदरक, तुलसी या निम्बू के साथ ले तो इससे अधिक लाभ होगा।
- शहद से कैलरीज बर्न होने में भी मदद मिलेगी।
- आपको हर रोज कम से कम एक कप ग्रीन टी पीनी चाहिए।
- आप दिन में 2 से 3 बार भी Green Tea पी सकते हैं।
ग्रीन टी पिने का सही समय क्या हैं ? When to drink Green Tea in Hindi ?
- ग्रीन टी आप दिन के कोई भी समय में ले सकते हैं।
- खाना खाने के आधा घंटा पहले या खाने के 1 से 2 घंटे बाद ग्रीन टी पिए तो इससे काफी लाभ होगा।
- खाली पेट ग्रीन टी न ले, इससे अल्सर हो सकता है।
- शाम के टाइम पर फ्रूट्स या स्नैक्स के साथ भी आप ग्रीन टी ले सकते है।
ग्रीन टी बनाने की विधि Green Tea recipe in Hindi
- ग्रीन टी बनाने के लिए करीब 200 ml पानी को उबाल लीजिए।
- फिर इसमें करीब 3 ग्राम ( 1 tsp से थोड़ी कम ) ग्रीन टी डालकर ढक्कन रख दीजिए और 5 मिनट के पश्चात आप छान दीजिए।
- अब आपकी ग्रीन पर तैयार है।
- आप इसे पी सकते हैं।
- कम से कम 5 मिनट ढक कर रखना आवश्यक होता है क्योंकि इतने समय में ग्रीन टी के अंदर के योगिक उस पानी में आते हैं और 5 मिनट से ज्यादा अगर आप रखेंगे तो टी के अंदर मौजूद फ्लेवोनॉयड्स आदि तत्व का नाश हो सकता है।
- ग्रीन टी में कई अलग अलग प्रकार आते है, जैसे की
- आर्गेनिक टी – इस टी में किसी तरह के केमिकल्स या पेस्टिसाइड्स नहीं होते हैं। यह पूरी तरह नैसर्गिक होती है और इसके लाभ भी काफी होते हैं।
- व्हाइट टी – यह कोमल, नरम और ताजी पत्तियों द्वारा बनाई जाती है। इसमें प्रोसेस प्रक्रिया काफी कम होती है। इस में कैफीन की मात्रा काफी कम होती है और एंटीऑक्सीडेंट्स ज्यादा होते है। इसका स्वाद हल्का मीठा और अच्छा होता है।
- हर्बल टी – हर्बल टी में कुछ जड़ी-बूटियां जैसे अश्वगंधा, तुलसी इलायची, दालचीनी, ब्राह्मी आदि मिलाई जाती है। यह ज्यादातर दवाई के जैसे इस्तेमाल होती है। हर्बल टी कई तरह की होती है, जैसे स्ट्रेस रिलीविंग इसमें ब्राह्मी होती है, दालचीनी ताजगी व स्फूर्ति देती है। तुलसी इम्यूनिटी बढ़ाती है स्लिमिंग में वजन कम करने वाले तत्व पाए जाते हैं
ग्रीन टी के फायदे Health benefits of Green Tea in Hindi
- ग्रीन टी में होते है एक्टिव एजेंट – ग्रीन टी में मौजूद एक्टिव तत्व जैसे कैटेचिन, ईजीसीजी शरीर मे एंटीऑक्सीडेंट का कार्य करते है, जो शरीर को बढ़ती उम्र से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाते है। साथ ही विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर कर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं।
- दे स्फूर्ति का अहसास – हर प्रकार की चाय में कैफीन मौजूद होता है, जो शरीर के सेल को स्टिमुलेशन देता है एवं ताजगी का अहसास देता है। लेकिन कैफीन की मात्रा का मर्यादित सेवन होना चाहिए।
- बढ़ती है Memory – ग्रीन टी में मौजूद तत्व मनुष्य के मस्तिष्क के न्यूरॉन्स पर सुरक्षात्मक प्रभाव छोड़ते हैं, जिससे मनुष्य की स्मृति को बढ़ावा मिलता है। अल्ज़ाइमर्स, डिमेंशिया आदि बीमारियां होने का अवधि बढ सकता है।
- डायबिटीज में फायदेमंद – ग्रीन टी में मौजूद एक्टिव तत्व शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाते हैं, जो ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करती है साथ ही डायबिटीज की दवाइयों के हानिकारक प्रभाव को भी कम करने में मदद करती है। ग्रीन टी का सेवन शरीर में टाइप टू डायबिटीज से होने वाले दुष्प्रभाव जैसे आंखे, हृदय , गुर्दों को हानि होना आदि को भी कम करने में मदद करता है।
- कोलेस्ट्रॉल को करे कम – जो लोग ग्रीन टी का नियमित सेवन करते हैं, उन लोगों में ग्रीन टी में मौजूद तत्व शरीर में LDLकोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं और HDL याने अच्छे कोलेस्ट्रॉल कि मात्रा को बढ़ाते है।
- रक्तचाप नियंत्रित करे – हाइपरटेंशन के व्यक्तियों के लिए ग्रीन टी लाभदायक होती है। एक सर्वेक्षण के अनुसार रोज एक कप ग्रीन टी पीने से करीब 50% उच्च रक्तचाप में कमी आती है। ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- किडनी कॉम्प्लिकेशन में है लाभदायक – डायबिटीज के मरीजों में किडनी का फंक्शन सामान्य नहीं होता, जिस वजह से उन्हें किडनी से जुड़े हुए कई प्रॉब्लम्स होते हैं, इसमें से एक है एल्बुमिन की काफी मात्रा यूरिन में बदल जाना। ईस वजह से डायबिटीज के मरीजों को यूरिन के लिए बार बार जाना पड़ता है। एल्बुमिन वह प्रोटीन है जो खून में पाया जाता है और जिसे किडनी फ़िल्ट्रेट करती है। ग्रीन टी और कॉफी में मौजूद पॉलीफिनोल एल्ब्यूमिन को यूरिन में बदलने से रोकता है, जिससे यूरिन प्रोब्लेम्स नही होती।
- वजन कम करने मे सहायक – अगर आप अधिक वजन से परेशान हैं तो अपने डेली रूटीन में ग्रीन टी को अवश्य शामिल करें। ग्रीन टी के सेवन से BMR यानी बेसल मेटाबोलिक रेट बढ़ता है, इसलिए वजन कम होने में मदद होती है। ग्रीन टी के सेवन से शरीर में वसा भी कम होने लगता है खासतौर पर पेट के आसपास में जमी वसा। अगर आप रोजाना ग्रीन टी लेते है तो 2 से 3 महीने में आपका वजन कम होने लगेगा। साथ ही इसमें मौजूद तत्व से कैलोरी बर्न होती है।
- पाचन क्रिया होती है दुरुस्त – ग्रीन टी के सेवन से पाचनतंत्र में सुधार आता है , जिससे पेट की बीमारियां कम होती है।
- बाल झड़ने होंगे कम – ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स की वजह से बाल झड़ना कम होता है। साथ ही बालों की वृद्धि होने लगती है। अगर बाल धोने के पश्चात ताजी बनी ग्रीन टी जिले बालों में 10 मिनट लगा कर रखें और फिर धोएं। इससे डैंड्रफ और ड्राइनेस जैसी समस्या कम होने में मदद मिलेगी।
- ग्रीन टी से होगी स्किन केअर – ग्रीन टी को अगर फेस पैक की तरह चेहरे पर लगाएं तो इससे आपके कॉन्प्लेक्शन में निखार आएगा। ग्रीन टी में एंटी एजिंग तत्व होते है जिस से झुर्रियां कम होती है। सनबर्न से भी ग्रीन टी रक्षा करती है।
- दांत होंगे स्वस्थ – ग्रीन टी में मौजूद फ्लोराइड, पॉलीफेनोल्स, कैटेचिन जैसे तत्व दांतों की रक्षा करते हैं। दंतक्षय, सांस में बदबू आदि लक्षणों से निजात देकर दांतों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
Green Tea पीते समय क्या सावधानियां बरते ?
- ग्रीन टी में कॉफी के मुकाबले कैफीन कम मात्रा में रहता है, लेकिन इसका सेवन अगर अधिक मात्रा में करें तो इसके लाभ से आप वंचित रह सकते हैं।
- हर रोज पांच सबसे अधिक ग्रीन टी पीने से जी मचलाना, उल्टी, पेट दर्द, कब्ज, सिर दर्द, बेचैनी आदि शिकायत हो सकती है।
- जिन व्यक्तियों को अल्सर, एसिडिटी की शिकायत हो उन्हें ग्रीन टी सीमित मात्रा में पीनी चाहिए।
- जिन्हें एनीमिया हो उन्होंने ग्रीन टी की मात्रा कम लेनी चाहिए, क्योंकि ग्रीन टी में मौजूद ट्रेनिंन आयरन की अवशोषण में अवरोध उत्पन्न करता है।
- अधिक मात्रा में ग्रीन टी लेने से शरीर में कैल्शियम का अब्जॉर्प्शन ठीक से नहीं हो पाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस की शिकायत हो सकती है।
- गर्भावस्था में अगर ग्रीन टी का सेवन जरूरत से ज्यादा किया जाए, तो गर्भपात होने की संभावना रहती है।
- अगर ग्रीन टी की एक बार आदत हो जाए तो वह नहीं मिलने पर चिड़चिड़ापन आता है एवम थकान भी लगती है।
- ग्रीन टी से भूक कम होती है एवम नींद में भी कमी आ सकती है।
यह रहे Green Tea से होनेवाले फायदे और नुकसान। आशा है, यह लेख पढ़कर आप मर्यादित मात्रा में ग्रीन टी को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे और इससे मिलनेवाले लाभ उठाएंगे। साथ ही, आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि कोई भी वर्कआउट, योग या संतुलित आहार को Green Tea रिप्लेस नही कर सकती। इसीलिए मेहनत तो आपको करनी ही होगी। और हाँ, अगर आप दूध के चाय के आदि हो तो आप इसे जरूर Green Tea के साथ रिप्लेस करे, इससे आपको फायदा ही होगा।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।