पुरानी कहावत है ” जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन।” अर्थात हम जिस प्रकार का आहार सेवन करते है, वैसे ही हमारा मन होता है, जैसे सात्विक आहार के सेवन से सात्विक मन। लेकिन आज के जमाने मे इसमें और सुधार किया जा सकता है, जैसे ” जिस वक्त खाये अन्न, वैसा होवे शरीर व मन। ” सात्विक आहार के साथ आहार का उचित समय भी हमारे अच्छे स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में यह लिखा गया है कि हमें रात का खाना जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी और खासकर सूर्यास्त के पहले खाना चाहिए। जैन धर्म में तो सूर्यास्त के पहले खाने पर काफी जोर दिया गया है। रात्रि भोजन त्याग केवल आध्यात्मिक दृष्टि से ही नही बल्कि शारीरिक दृष्टि से भी उत्तम स्वास्थ्य का प्रतीक माना गया है।
पुराने जमाने के लोग रात में सोने के करीब 3 से 4 घंटे पूर्व भोजन कर लेते थे, जिस वजह से उन्हें कई फायदे होते थे, जिनमें मुख्य है भोजन का पाचन व्यवस्थित होना, कब्ज गैस आदि परेशानियां ना होना, वजन संतुलित रहना, मन प्रसन्न रहना आदि। आज जमाना काफी बदल गया है आधुनिक जीवन शैली हमारे जिंदगी से जुड़ गई है। समय बचाने के लिए हमने तरह-तरह के वैज्ञानिक आविष्कार किए हैं, इसके बावजूद हमारे पास समय की काफी कमी हो रही है। आज बहुत से कार्य हम समय की कमी के वजह से समय पर नहीं कर पाते और इनमें मुख्य काम है हमारा भोजन एवं नींद।
गांव में तो आज भी लोग समय पर एवं जल्दी भोजन कर लेते हैं लेकिन शहर में इसका प्रमाण काफी कम है। कई लोग मजबूरी में जैसे नौकरी आदि की वजह से तो कई लोग आदतन और शोक की वजह से देर रात खाना खाते हैं पर वह इससे होने वाले दुष्परिणामों को नहीं देख रहे है। भागदौड़ भरी जिंदगी में हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि भोजन एवं नींद पर हमारा आधे से ज्यादा शारीरिक स्वास्थ्य निर्भर करता है।
आयुर्वेद में कहा गया है कि पेट की आधी से ज्यादा बीमारियों की वजह हमारा आहार होता है अगर हम सही समय पर आहार लेते हैं तो उसका पाचन भी सही समय पर होता है, जिससे हम पेट की काफी समस्याओं जैसे कब्ज, एसिडिटी, पेट फूलना, गैस आदि से निजात पा सकते हैं।
सूर्यास्त के पहले खाना तो आज के भागदौड़ वाली जिंदगी में असंभव सी बात हो गई है, पर हमें कोशिश यह करनी चाहिए कि हम रात का खाना सूर्यास्त या 8 बजे के पहले और सोने के करीब 3 घण्टे पहले खा ले। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो यह हमारे स्वास्थ्य के साथ लापरवाही होगी।
पुराने जमाने के लोग रात में सोने के करीब 3 से 4 घंटे पूर्व भोजन कर लेते थे, जिस वजह से उन्हें कई फायदे होते थे, जिनमें मुख्य है भोजन का पाचन व्यवस्थित होना, कब्ज गैस आदि परेशानियां ना होना, वजन संतुलित रहना, मन प्रसन्न रहना आदि। आज जमाना काफी बदल गया है आधुनिक जीवन शैली हमारे जिंदगी से जुड़ गई है। समय बचाने के लिए हमने तरह-तरह के वैज्ञानिक आविष्कार किए हैं, इसके बावजूद हमारे पास समय की काफी कमी हो रही है। आज बहुत से कार्य हम समय की कमी के वजह से समय पर नहीं कर पाते और इनमें मुख्य काम है हमारा भोजन एवं नींद।
गांव में तो आज भी लोग समय पर एवं जल्दी भोजन कर लेते हैं लेकिन शहर में इसका प्रमाण काफी कम है। कई लोग मजबूरी में जैसे नौकरी आदि की वजह से तो कई लोग आदतन और शोक की वजह से देर रात खाना खाते हैं पर वह इससे होने वाले दुष्परिणामों को नहीं देख रहे है। भागदौड़ भरी जिंदगी में हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि भोजन एवं नींद पर हमारा आधे से ज्यादा शारीरिक स्वास्थ्य निर्भर करता है।
आयुर्वेद में कहा गया है कि पेट की आधी से ज्यादा बीमारियों की वजह हमारा आहार होता है अगर हम सही समय पर आहार लेते हैं तो उसका पाचन भी सही समय पर होता है, जिससे हम पेट की काफी समस्याओं जैसे कब्ज, एसिडिटी, पेट फूलना, गैस आदि से निजात पा सकते हैं।
सूर्यास्त के पहले खाना तो आज के भागदौड़ वाली जिंदगी में असंभव सी बात हो गई है, पर हमें कोशिश यह करनी चाहिए कि हम रात का खाना सूर्यास्त या 8 बजे के पहले और सोने के करीब 3 घण्टे पहले खा ले। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो यह हमारे स्वास्थ्य के साथ लापरवाही होगी।
रात में खाना खाने के नुकसान और इससे बचने के उपाय
रात में खाना खाने के क्या नुकसान हैं ? Side effects of eating late at night in Hindi
देर रात खाना खाने के कई शारीरिक एवं मानसिक नुकसान है, आइए हम इनके बारे में जानते हैं :-
- असंतुलित पाचन – देर रात खाना खाने से आहार के पाचन के लिए सही समय नहीं मिलता है जिस वजह से कब्ज, एसिडिटी, सीने व पेट में जलन, पेट फूलना, गैस, बवासीर,आंतों की बीमारियां आदि पेट की समस्याएं हो सकती है।
- बढ़ रहा है मोटापा – आज के दौर में मोटापा एक गंभीर समस्या बनती जा रही है और इसकी एक वजह यह भी है कि असमय या रात में काफी देर से खाना खाना। ठीक समय पर खाना ना खाने से बचा हुआ खाना कोलेस्ट्रोल याने चर्बी में परिवर्तित हो जाता है जिससे मोटापा बढ़ते जाता है।
- नींद की कमी – रात में देर से खाने से आपको नींद नहीं आना या जैसी मानसिक समस्याएं भी हो सकती है।
- मानसिक अशांति – देर से खाना खाने की वजह से मानसिक अशांति रहती है, क्योंकि देर से खाना खाने से ना तो आहार का पाचन व्यवस्थित होता है और नींद पूरी ना होने से मन अस्थिर रहता है।
- बढ़ता है चिड़चिड़ापन – देर रात खाना खाने से मस्तिष्क को आराम नहीं मिलता है जिस वजह से चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। कई बार तो किसी काम में मन ना लगने से हमारा पूरा दिन भी खराब हो जाता है।
- हृदय पर भी होता है असर – देर रात खाने का असर आपके हृदय पर भी होता है और आपको उच्च रक्तचाप जैसी ह्रदय की समस्या हो सकती है।
जवानी के कारण कई बार हमें इससे होने वाले नुकसान महसूस नहीं होते हैं, पर जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है इसके दुष्परिणाम सामने आते हैं और फिर कई गंभीर बीमारियां भी होने लगती है।
देर रात खाने से बचने के क्या उपाय हैं ? Tips to avoid late night in Hindi
- देर रात खाने से बचने का मुख्य उपाय तो यही है कि आप समय निकालकर सूर्यास्त से पहले या 8 बजे के पहले खाना खा ले। सेहत के प्रति जागरूक व्यक्तियों को तो सही समय पर खाना खाना बहुत जरुरी होता है।
- आपको दोपहर का खाना भी दोपहर 12 से 1 बिच ही खा लेना चाहिए जिससे रात में जल्द भूक लगेगी और आप रात में जल्द खाना खाने के आदि भी हो जायेगे।
- अपने रोजाना खाने का एक नियम बना लीजिये और कोशिश करे की महीने कम से कम 25 दिन आप इस समय अनुसार खाना खाये।
- अगर काम की वजह से आपको ही लेट खाना पड़ता है जैसे कि आपकी जॉब की शिफ्ट ऐसी हो जिसमे आप जल्दी खाना नहीं खा सकते है तो आपने अपना टिफिन साथ में रखना चाहिए, जिसमें आप 15 मिनट का वक्त निकालकर खाना खा सके।
- रात को खाना खाने के पश्चात कुछ देर अवश्य टहलना चाहिए जिससे आपका पाचन तंत्र सुचारु रुप से काम कर सके। यह तभी हो सकेगा जब आप रात का खाना थोड़ा जल्दी खाएं क्योंकि लेट खाना खाने से आप टहलेंगे कब और सोएंगे कब ?
- अगर आप करीब 6 बजे खाना खाते हैं और मान लीजिए 10 बजे सोते हैं तो आप 9 बजे के आसपास हल्की फुल्की एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
- जल्दी खाना खाने के बाद अगर रात को सोने के पहले आपको फिर से भूख लगती है तो आप एक कप दूध या जूस भी पी सकते हैं, जो आपके शरीर को फायदा ही करेगा।
- अगर किसी मजबूरी में आपको देर से खाना पड़े तो कोशिश करें कि आपका आहार हल्का हो एवं फाइबर की मात्रा अधिक हो। सलाद और सब्जी आप अधिक मात्रा में लें। देर रात खाने में तीखा, तला और मसालेदार आहार ना ले। एक रिसर्च से पता चला है कि जो लोग नाइट ईटिंग सिंड्रोम के शिकार होते हैं वह अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट और फैट को अधिक मात्रा में लेते हैं, जिससे समय की कमी की वजह से आहार का ठीक से पाचन नहीं हो पाता है इसीलिए रात में हल्का आहार या फ्रूट, जूस ही ले।
- ऐसा कहा जाता है कि खाने के करीब एक से डेढ़ घंटे बाद पानी पीना चाहिए इसीलिए अगर आप जल्दी खाना खाते हैं तो आपको पानी पीने के लिए भी पर्याप्त समय मिल जाएगा और आप योग्य मात्रा में पानी भी पी सकते हैं जिससे आपका पाचन सही रहेगा।
हम सबने एक मुहावरा तो सुना ही है,
” Early to bed, Early to rise
Makes man Healthy, Wealthy n Wise ”
इसके साथ अगर Early to EAT भी जुड़ जाए तो ‘सोने पे सुहागा’ हो जाएगा और हम सब एक बढ़िया स्वास्थ्य का खजाना पा सकते है।
तो ये है देर रात खाने के नुकसान एवम इनसे बचने के उपाय। आशा करते है आप सबके लिए यह लेख काफी उपयोगी साबित होगा और इसे आप अपने मित्रों के साथ शेयर भी करेंगे !
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।