नाक बंद रहने की कई वजह हो सकती हैं। बहुत से लोग तुरंत नाक खोलने के लिए Nasal drops का उपयोग करते हैं। कई बार आवश्यकता होने पर डॉक्टर भी कुछ समय के लिए इसका प्रयोग करने की सलाह देते हैं। किन्तु कई लोग इसका बेहतरीन परिणाम देख, बिना अपने डॉक्टर की सलाह के आगे भी इसका उपयोग करते रहते हैं।
लंबे समय तक इन ड्रॉप्स के प्रयोग से अक्सर नाक बंद रहने लगती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह लंबे समय तक इन ड्रॉप्स का उपयोग करने से नाक पर घातक दुष्परिणाम होते हैं जिसे वैद्यकीय भाषा में Rhinitis Medico Mentosa कहा जाता हैं।
यह दुष्परिणाम क्या है और इससे कैसे बचे इसकी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
नेसल ड्रॉप्स के दुष्परिणाम Nasal drops side effects in Hindi
नाक में डालने के लिए उपयोग में लिए जानेवाले ड्रॉप्स में ऑक्सीमेटाजोलीन या जाइलोमेटाजोलीन तत्व होते है जो शुरू में नाक के अंदर के टिश्यू की सूजन को तुरंत कम कर देते हैं जिससे नाक तुरंत खुल जाती है और आपको बंद नाक की परेशानी से जल्द छुटकारा मिल जाता हैं। ऐसा तुरंत आराम पाकर हर मरीज खुश होता हैं और आगे जरा सी भी नाक बंद की तकलीफ होने पर सबसे पहले ड्राप का ही बिना सलाह इस्तेमाल करना शुरू कर देता हैं।
लंबे समय तक इन ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने से नाक के अंदर टिश्यू का लचीलापन कम होने लगता हैं। रक्तसंचार में असामान्यताएं व नाक के अंदर स्तिथ टर्बिनेट्स आकार में बढ़ जाते हैं जो रूकावट पैदा करते हैं, जिससे अक्सर नाक बंद रहने लगती हैं। इस प्रकार नाक पर पड़े उल्टे दुष्प्रभाव को rebound या chemical rhinitis भी कहते हैं।
नेसल ड्राप में रोगी की निर्भरता बढ़ जाती है जबकि इसका असर भी बहुत कम व कुछ समय के लिए ही रहता हैं जिससे इसे बार-बार अधिक मात्रा में उपयोग करना पड़ता हैं। नाक भी बार-बार बंद पड़ता है पर नाक से पानी नहीं आता और छींक भी नहीं आती।
Nasal Drops उपचार / Treatment
नाक के ड्राप के दुष्परिणाम निर्माण होने पर निचे दिए हुए उपचार और सावधानी बरतनी चाहिए :
- इस तरह की तकलीफ निर्माण होने पर रोगी ने ड्रॉप्स का उपयोग पूर्णतः बंद कर देना चाहिए।
- रोगी इस पर निर्भर रहने के कारण शुरुआत में कुछ समय के लिए ड्राप की जगह स्टेरॉयड दवा खाने के लिए दी जाती हैं।
- इन औषधियुक्त ड्राप की जगह सामान्य सलाइन ड्राप का इस्तेमाल करना चाहिए जो सुरक्षित है और जिसकी आदत भी नहीं होती हैं।
- भाप का प्रयोग लाभकारी होता हैं। दिन में 3 बार गर्म पानी में विक्स डालकर भाप लेनी चाहिए। सुबह उठने के बाद, दोपहर और रात को सोने से पहले भाप अवश्य लेना चाहिए।
- नाक बंद रहने की मूल वजह का निदान कर इलाज करना चाहिए। यदि इसका कारण पोलिप, हड्डी का टेडापन, गाँठ या साइनोसाइटिस है तो उसका डॉक्टर से उपचार कराना चाहिए।
- अगर आपको धूल, मिटटी, धुंआ, केमिकल इत्यादि की एलर्जी है तो उनसे बचकर रहे। एलर्जी का उपचार पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – एलर्जी का उपचार और बचने के उपाय !
- नाक को बार-बार बंद होने से बचने के लिए आप निचे दिए हुए योग और प्राणायाम कर सकते हैं। योग की विधि जानने के लिए उस योग के नाम पर क्लिक करे:
- बार-बार नाक बंद होने की तकलीफ से बचने के लिए और रोग प्रतिकार शक्ति को बढाकर एलर्जी को कम करने के लिए आप आयुर्वेदिक औषधि जैसे यष्टिमधु, अश्वगंधा, गिलोय सत्व, आमला, शतावरी, मंजिष्ठा, मुलेठी, शंखभस्म इत्यादि का आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से उपयोग कर सकते हैं। पंचकर्म से औषधि युक्त तेल से नस्य करने से भी बेहतरीन परिणाम मिलते हैं।
बिना डॉक्टर की सलाह से कोई भी दवा एक बार लेने से भी तकलीफ हो सकती है इसलिए ऐसे ड्रॉप्स का अधिक उपयोग न करे। खासकर कई महिलाए छोटे बच्चो में इनका अधिक उपयोग करती है, उन्हें इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए। इस लेख का अधिकतर अंश हमें इ.एन.टी स्पेशलिस्ट डॉ मेहुल सेठ ने रायपुर से ईमेल द्वारा भेजा हैं। निरोगिकाया ब्लॉग टीम और अपने सारे पाठकों की तरफ से उनका बहुत-बहुत धन्यवाद !अगर आपको यह लेख उपयोगी लगता है तो कृपया इस लेख को निचे दिए गए बटन दबाकर अपने Facebook या Tweeter account पर share करे !
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
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