यही कारण है कि हर कोई अपने Blood Reports में Cholesterol कि बढ़ी हुई मात्रा देखकर डर जाता है। असंतुलित ख़राब खानपान, आलस, मानसिक और शारीरिक तनाव से शरीर में Cholesterol level कि मात्रा बढ़ जाती है।
Cholesterol संबंधी कई मिथक और भ्रम के कारण लोग Cholesterol से भयभीत है। यह लेख Cholesterol के बारे में फैले भ्रम और मिथक को दूर करने का एक प्रयास है।
कोलेस्ट्रोल क्या है जानिए? | What Is Cholesterol?
मिथक १ : सभी प्रकार के Cholesterol शरीर के लिए हानिकारक है !
सच्चाई : Cholesterol के मुख्य ३ प्रकार है।
- High Density Lipoprotien (HDL) – यह अच्छा Cholesterol है। यह आपके रक्त के में मौजूद अतिरिक्त Cholesterol को वापस आपके Liver में ले जाता है जिससे आपका शरीर इससे निजात पा सके।
- Low Density Lipoprotein (LDL) – यह बुरा Cholesterol है। यह आपके Liver के अतिरिक्त Cholesterol को रक्तवाहिनियों में पहुचाता है जिससे वह रक्तवाहिनियों में जम जाता है और रक्तवाहिनियाँ संकरी हो जाती है। इस कारण Atherosclerosis होकर दिल का दौरा पड़ सकता है।
- Triglycerides – Carbohydrates का अधिक सेवन करने से यह बढ़ जाता है। इसके बढ़ने से दिल का दौरा, सदमा या मधुमेह हो सकता है।
Good Cholesterol और Bad Cholesterol के बारे में अधिक जानकारी हेतु पढ़े : What is Good Cholesterol and Bad Cholesterol ?
स्वस्थ शरीर के लिए के लिए Cholesterol कि मात्रा इस प्रकार होनी चाहिए :
- Total Cholesterol – 200 mg/dl से कम (150 to 200 mg/dl)
- High Density Lipoprotien (HDL) – 50 mg/dl से ज्यादा
- Low Density Lipoprotein (LDL) – 130 mg /dl से कम
- Triglycerides -150 mg/dl से कम होनी चाहिए।
मिथक ४ : Cholesterol level बढ़ने के कुछ खास लक्षण होते है !
सच्चाई : Cholesterol level बढ़ने के कुछ खास लक्षण नहीं होते है। इसलिए जरुरी है कि साल में एक बार रक्त परिक्षण कर Cholesterol level कि जाँच करना चाहिए। ज्यादातर मरीजो में Heart attack आने पर ही Cholesterol level बढ़ने का पता चलता है। समय पर बढे हुए Cholesterol को काबू में कर आप आगे होने वाले खतरे से बच सकते है।
मिथक ५ : अगर आप Cholesterol कम करने कि दवा ले रहे है तो आप Cholesterol level कि चिता किए बगैर जो चाहे वो खा सकते है !
सच्चाई : अगर आप असंतुलित आहार-विहार करेंगे तो कोई भी दवा Cholesterol level को सामान्य स्तर में नहीं रख सकती है। Cholesterol level को काबू में रखने के लिए दवा के साथ-साथ संतुलित आहार और व्यायाम करना भी जरुरी है। ज्यादा समय तक Cholesterol कम करने कि दवा लेना शरीर के लिए नुक्सानदेह भी हो सकता है।
मिथक ६ : Cholesterol level कम करने का एक मात्र उपाय Statin दवा लेना है !
सच्चाई : यह सच है कि कुछ मरीजो में बढे हुए Cholesterol level को नियंत्रित करने के लिए statin दवा लेने कि जरुरत होती है पर अधिकतर मरीजो में व्यायाम और संतुलित आहार के साथ Cholesterol level को नियंत्रित किया जा सकता है। कोशिश यही होनी चाहिए कि statin दवा लिए बगैर आहार में परहेज और व्यायाम से Cholesterol level को नियंत्रित किया जाए।
मिथक ७ : अगर आप Cholesterol free आहार लेंगे तो आपका Cholesterol level नहीं बढ़ेंगा !
सच्चाई : आपके Cholesterol free आहार लेंने पर भी आपका Cholesterol level बढ़ सकता है। आहार द्वारा Cholesterol न मिलने पर शरीर में Liver द्वारा अधिक Cholesterol कि निर्मिति कि जाती है। Cholesterol level को नियंत्रण में रखने के लिए जरुरी है कि आप आहार में शरीर के लिए सुरक्षित और आवश्यक Cholesterol युक्त आहार ले जैसे कि – सेब (Apple), मछली (Fish), अंडा (Egg), दलिया (Oatmeal), अंकुरित आनाज (Beans) नाशपाती (Pear), जौ (Barley), Omega-3 Fatty Acid, बादाम (Almond) इत्यादि।
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छोड़े !
मिथक ८ : बच्चो में Cholesterol level नहीं बढ़ सकता है !
सच्चाई : ज्यादातर लोगो में यह धारना है कि, Cholesterol level का बढ़ना वयस्क और 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगो कि समस्या है। हमारा यह सोचना गलत है कि बच्चो में Cholesterol level नहीं बढ़ सकता है। शोध से यह पता चला है कि 8 साल के उम्र के बच्चो में भी Cholesterol level बढ़ने से Atherosclerosis हो सकता है। American Academy of Pediatrics के अनुसार जो बच्चे मोटापे से ग्रस्त है, जिनका रक्तचाप (Blood Pressure) ज्यादा है या जिनके परिवार में किसी को दिल कि बीमारी है, उन बच्चो के Cholesterol level कि जाँच 2 साल के उम्र से ही कर लेनी चाहिए।
मिथक ९ : Cholesterol level का बढ़ना पुरुषो के लिए चिंताजनक है, महिलाओ के लिए नहीं !
सच्चाई : महिलाओ में Estrogen नामक एक Hormone पाया जाता है जो उन्हें Cholesterol level बढ़ने से और दिल कि बीमारी से सुरक्षा प्रदान करता है। मासिक धर्म बंद हो जाने के बाद Estrogen का प्रमाण महिलाओ में कम हो जाता है। इसलिए मासिक धर्म बंद हो चुके महलाओं में Cholesterol level बढ़ने का खतरा पुरुषो के बराबर होता है।
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मिथक १० : Cholesterol level कम होना स्वस्थ शरीर कि निशानी है !
सच्चाई : स्वास्थय के लिए LDL का कम होना अच्छी निशानी है पर शरीर में HDL और Total Cholesterol कि पर्याप्त मात्रा होना भी आवश्यक है। जिन व्यक्तियो को Cholesterol level बहोत कम होता है उन्हें कई प्रकार के संक्रमण हो सकता है। Cholesterol शरीर के कई महत्वपूर्ण गतिविधियो के लिए आवश्यक है।
मिथक ११ : सेंधा नमक कोलेस्ट्रॉल को कम करता हैं !
सच्चाई : सेंधा नमक में सोडियम होता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता हैं। सेंधा नमक से कोलेस्ट्रॉल कम नहीं होता हैं।
स्वस्थ शरीर और तंदुरुस्त ह्रदय के लिए Cholesterol कि मात्रा काबू में होना बेहद जरुरी है। अगर आपने अभी तक अपनी Cholesterol level कि जाँच नहीं कि है तो, 10 घंटे तक कुछ न खा कर सुबह खाली पेट Lipid Profile कि जाँच करा ले। बढ़ी हुई Cholesterol level एक silent killer या slow poison कि तरह है, इसलिए हमेशा अपने परिवार के हर सदस्य का साल में एक बार अपने डॉक्टर कि सलाह ले कर रक्त परिक्षण करा ले और नियमित संतुलित आहार के साथ व्यायाम करे।
Image courtesy : Stuart Miles at FreeDigitalPhotos.net
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।
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Kya jada choestrol gall bladder me koi problm de sakta hai.. plz is par thora explanation de. Meri bhabhi koultrasound report me SMALL ECHOGENIC FOCI IN GALL BLADDER aya hai….
Gall bladder me stone nirmaan ho sakte hain.
sir meri 2 sal ki beti hai,last one month se uske chehre aur aankho par sujan hoti hai.
hamne use clinic me dikhaya to doctor ne bataya ki syndrome ka kuch problem hai.
report me uska serum chlostral 486 mg% hai,albumin–2.6gms aur globulin 4.4 gms hai
urine report me albumin present hai.
sir pls exact kya hua hai.aur kya karna chahiye ye sujav de.
आपने जो लक्षण बताये है उससे ऐसा प्रतीत होता है की आपके बेटी को नेफ्रोटिक सिंड्रोम हैं. आपको डॉक्टर की सलाह से नियमित दवा लेना चाहिए और आहार में प्रोटीन कम लेना चाहिए. अच्छा होंगा अगर आप इसके लिए डायटीशियन की मदद ले. कोई नुस्खा आजमाने की जगह डॉक्टर की सलाह से दवा चालू रखे.
achchhi jankari hain…..
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