साइटिका (Sciatica) मे कमर से लेकर पैरों के तलवों तक बेहद ज्यादा दर्द होता हैं। Sciatica Nerve में तकलीफ होने के कारण यह समस्या निर्माण होती है और इसीलिए इसे साइटिका यह नाम दिया गया हैं। इसे Lumbar Radiculopathy नाम से भी जाना जाता हैं। आयुर्वेद में इस रोग का को गृध्रसी कहा जाता हैं। इस रोग में रोगी गिद्ध के समान चलता है और इसीलिए इसे यह नाम दिया गया हैं।
साइटिका रोग के कारण, लक्षण, उपचार, घरेलु नुस्खे और योग से जुडी जानकारी नीचे दी गयी हैं :
साइटिका क्या है ? (Sciatica in Hindi)
Sciatica यह हमारे शरीर की सबसे बड़ी और लंबी नस (nerve) हैं। यह नस कमर से निकलकर दोनों पैरो में पिछले भाग से पैर के उंगली के टोक तक फैली होती हैं। किसी कारण जब इस Sciatica nerve पर दबाव आता है तो इसमे दर्द और करंट दौड़ने जैसा अनुभव होता हैं । आजकल ज्यादातर लोगों को गलत जीवनशैली के चलते साइटिका की तकलीफ का सामना करना पड़ रहा हैं।
साइटिका के लक्षण क्या हैं ? (Sciatica symptoms in Hindi)
साइटिका के लक्षण इस प्रकार हैं :
1. कमर दर्द
2. कमर से लेकर पैर के पुरे पिछले भाग में दर्द होना जो बैठने पर बढ़ जाता हैं
3. चलने-फिरने और उठने-बैठने में परेशानी होना
4. पैरों में झुनझुनी होना या चीटियां चलने जैसा महसूस होना (tingling sensation)
5. पैरों में सुन्नपन या बधिरता होना (Numbness)
6. कूल्हों मर दर्द होना
7. पैरों मे करंट दौड़ने जैसा अनुभव होता है
8. साइटिका की तकलीफ बेहद ज्यादा होने पर शरीर के निचले हिस्से से नियंत्रण में कमी आती है और कुछ लोगों में पेशाब से control भी छूट जाता हैं।
साइटिका का क्या कारण हैं ? (Sciatica causes in Hindi)
साइटिका यह एक नस है जो कमर में से होकर पैर में उँगलियों तक फैली होती हैं। कमर में यह नस कशेरुका (Vertebrae) के बीच की जगह से निकलकर पैर के पिछले भाग से गुजरती हैं। इस नस के कई और अन्य शाखाए (branches) भी होती है जो पैर में फैलती हैं। अगर किसी कारण से साइटिका नस पर दबाव आता है या चोट लगती है तो पूरे नस में दर्द, जकड़न और बधिरता जैसे लक्षण उतपन्न होते हैं।
साइटिका के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं :
1. Lumbar Spinal Stenosis : कमर के निचले हिस्से में मेरुदंड (Spinal canal) का हिस्सा छोटा हो जाना।
2. Degeneration of Disc : दो कशेरुका के बिच में disc होती है जो की cushion की तरह काम करती है। इस disc में खराबी / degeneration के कारण साइटिका नस पर दबाव आता हैं या irritation होता हैं।
3. Spondylolisthesis : इसमें कमर में एक कशेरुका दूसरे कशेरुका के आगे सरकने से साइटिका नस पर दबाव आता हैं।
4. Herniated Disc : दो vertebrae के बिच में cushion का काम करने वाली disc किसी कारण से सरकने की वजह से साइटिका नस पर दबाव आता हैं। इसे slipped disc भी कहा जाता हैं।
5. Piriformis Spasm : Piriformis muscle रीढ़ के हड्डी के निचले हिस्से को जांघों से जोड़ती है। इस स्नायु में किसी कारण से spasm या जकड़न होने पर इस मसल के निचे सी जानेवाली साइटिका नस पर भी दबाव आता है जिससे साइटिका की तकलीफ बढ़ जाती हैं।
6. Pregnancy : गर्भावस्था में गर्भाशय के बढ़ते आकार के कारण भी मोटी महिलाओं में साइटिका की तकलीफ होती हैं।
7. Tumor : Spine में tumor होने से साइटिका नस पर दबाव आता हैं।
8. मोटापा : मोटे लोगो में मेरुदंड पर बढे हुए पेट का दबाव आने से साइटिका हो सकता हैं।
9. व्यायाम : जो लोग कोई व्यायाम नहीं करते है ऐसे लोगों में मेरुदंड की लवचिकता समाप्त होने से साइटिका हो सकता हैं। अगर गलत तरीके से कोई व्यायाम करे या शक्ति से अधिक वजन उठाए तब भी आपको साइटिका हो सकता हैं।
10. Trauma / चोट : किसी अपघात या चोट के कारण साइटिका नस पर दबाव आने से भी साइटिका हो सकता हैं।
11. ऊँची सैंडल : जो महिलाए ऊँची सैंडल का उपयोग करती है उन्हें साइटिका होने का खतरा अधिक होता हैं।
12. गद्दा : अगर आप सोने के लिए अधिक कठिन या अधिक मुलायम गद्दे का इस्तेमाल करते है तब भी आपको साइटिका की तकलीफ हो सकती हैं।
साइटिका का निदान कैसे किया जाता हैं ? (Sciatica diagnosis in Hindi)
साइटिका का निदान करने के लिए डॉक्टर प्रथम आपका शारीरिक परीक्षण करते है और पूरी medical history पता करते हैं। आपके लक्षणों की जानकारी लेने के बाद डॉक्टर साइटिका का निदान करने के लिए निचे दी हुई जांच करा सकते हैं। जैसे की :
1. Straight Leg Ray (SLR) Test : इसमें डॉक्टर आपको लेटने के लिए कहते है और एक पैर को सीधा रखते हुए दूसरा पैर ऊपर की तरफ बिना घुटने को मोड़े जितना हो सके उतना ऊपर उठाने को कहते हैं। अगर पैर 90° के कोण मे उठाने से पहले ही पैर मे दर्द तो इससे यह पता चलता है की आपको साइटिका की समस्या कितनी गंभीर हैं।
2. X-Ray Lumbo Sacral Spine (AP / Lateral view) : X-Ray मे पता चलता है की दो vertebrae के बीच की gap सही है या कही gap कम होने पर नस पर दबाव या रहा है। ज्यादातर मामलों मे कमर की L3-L4 और L4-L5 हड्डी मे गैप कम होता है। इसके अलावा हड्डी मे Calcium कम होने से भी हड्डियाँ मे Osteophytes (हड्डी की किनारों पर छोटे छोटे काटे जैसे हड्डी बढ़ जाना) हो जाते है जिसका दबाव नस पर आने से समस्या हो सकती हैं।
3. MRI : इस जाँच मे भी हड्डियों के बीच की gap और नस कहा दब रही है यह अच्छे तरीके से पता चलता हैं।
4. CT Scan
5. Electromyogram
साइटिका के इलाज में क्या दवा दी जाती है ? (Sciatica treatment in Hindi)
डॉक्टर साइटिका के रोगी का चेकअप करने के बाद साइटिका का कारण पता करते है और उसका इलाज करते हैं। साइटिका को ठीक करने के लिए किये जानेवाले विभिन्न इलाज की जानकारी निचे दी गयी हैं :
1. दर्दनाशक दवा : साइटिका के दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर दर्दनाशक दवा (pain killer medicine) देते है जैसे की Diclofenac, Aceclofenac, Etorocoxib, Tramadol, Paracetamol, Brufen इत्यादि।
2. Muscle relax करने की दवा : स्नायु में जकड़न होने पर spasm कम करने के लिए Muscle relaxant दवा दी जाती है जैसे की Baclofen, Chlorzoxazone, Metaxalone, Tizanidine, Thiochochicoside इत्यादि।
3. सूजन कम करने की दवा : इसके साथ ही डॉक्टर सूजन कम करने के लिए आपको Anti-inflammatory दवा देते है जैसे की Serratiopeptidase, Bromelain, Trypsin, Rutoside इत्यादि।
4. नसों का Vitamin की दवा : साइटिका में पैरों में झुनझुनी होना और बधिरता को कम करने के लिए आपको डॉक्टर Methylcobalamin, Gabapentin, Alpha Lipoic acid, Vitamin E आदि टॉनिक दवा भी देते हैं।
5. Antacid दवा : डॉक्टर इन दवाओं के साथ आपको acidity ना होने के लिए antacid दवा भी देते है जैसे की Rabeprazole, Ranitidine, Pantaprazole इत्यादि।
शरीर में Calcium और Vitamin D की कमी से कशेरुका (Vertebrae) में विकृति हो जाती है इसलिए साथ में इनके supplements भी दिए जाते हैं।
साइटिका के ईलाज मे कौन सा ऑपरेशन किया जाता हैं ? (Sciatica surgery in Hindi)
साइटिका के कुछ रोगियों में जरुरत पड़ने पर ऑपरेशन कर साइटिका नस का दबाव कम किया जाता हैं।
1. Lumbar Laminectomy : साइटिका के ऊपर का दबाव कम करने के लिए मेरुदंड के निचले हिस्से को फैलाया जाता हैं।
2. Discectomy : Herniated disc या slipped disc हो जाने पर disc का अधूरा या पूरा हिस्सा निकाल दिया जाता है जिससे साइटिका पर दबाव कम हो जाता हैं।
Physiotherapy for Sciatica in Hindi : साइटिका के कई मामलों में केवल Physiotherapy से ही आराम मिल जाता हैं। आपको हमेशा डिग्री धारक physiotherapist से ही उपचार कराना चाहिए। इसमें आपको ऐसे exercise बताई जाती है जिसे करने से स्नायु का आकुंचन भी कम होता है और साइटिका नस का दबाव भी कम होता हैं।
साइटिका के ईलाज मे क्या Physiotherapy किया जाता हैं ?
Physiotherapy for Sciatica in Hindi : साइटिका के कई मामलों में केवल Physiotherapy से ही आराम मिल जाता हैं। आपको हमेशा डिग्री धारक physiotherapist से ही उपचार कराना चाहिए। इसमें आपको ऐसे exercise बताई जाती है जिसे करने से स्नायु का आकुंचन भी कम होता है और साइटिका नस का दबाव भी कम होता हैं। कुछ रोगी को Short Wave Diathermy और Lumbar Traction से काफी आराम मिलता हैं।
क्या साइटिका के ईलाज मे Acupuncture कर सकते हैं ?
Acupuncture for Sciatica in Hindi : आधुनिक विज्ञान भी अब मान चुका है की हमारे शरीर में कई ऐसे बिंदु है जिन्हे दबाने से या सुई चुभाने से विशेष समस्या कम हो सकती हैं। Acupuncture में विशेषज्ञ आपके शरीर के विशेष point पर एक छोटी से सुई चुभाते है जिससे साइटिका का दर्द कम हो जाता हैं। आपको यह ध्यान रखना है की आप हमेशा एक विशेषज्ञ व्यक्ति का यहाँ ही यह प्रक्रिया करे और इस्तेमाल में की जानेवाली सुई नयी और निर्जन्तुक होना चाहिए।
साइटिका का आयुर्वेद उपचार क्या हैं ? (Sciatica Ayurveda treatment in Hindi)
आयुर्वेद में साइटिका को गृध्रसी रोग नाम से जाना जाता हैं। साइटिका में आयुर्वेद उपचार से बेहद कम खर्चे में बहुत अच्छा आराम मिलता हैं। आयुर्वेद में साइटिका का उपचार करने के लिए आयुर्वेदिक औषधि के साथ आयुर्वेदिक पंचकर्म उपचार भी किया जाता हैं।
1. Ayurveda medicine for Sciatica : साइटिका के उपचार में आयुर्वेदिक डॉक्टर रोगी का शारीरिक और प्रकृति परिक्षण करने के बाद दशमूल, अश्वगंधा, गुग्गुल, शल्लकी, हरिद्रा, अजवाइन, मेथी, कलौंजी, सौंठ, गोरखमुंडी आदि आयुर्वेदिक औषधि देते हैं। इन आयुर्वेदिक दवाओं से दर्द में राहत मिलने के साथ सूजन में भी कमी आती हैं।
2. Ayurveda Panchkarma treatment for Ayurveda : पंचकर्म करने से साइटिका में जल्द राहत मिलती हैं। आयुर्वेदिक तेल से मालिश (स्नेहन) और आयुर्वेदिक औषधि युक्त बाफ (स्वेदन) देने के साथ रोगी को साइटिका रोग के प्रकार अनुसार बस्ती पंचकर्म किया जाता हैं। इसमें आयुर्वेदिक औषधि युक्त द्रव पदार्थ रोगी के शरीर में गुदमार्ग (Anal route) से डाला जाता हैं। इससे रोगी बिना ऑपरेशन भी ठीक हो जाता हैं। इसके साथ ही कशेरुका और disc को ठीक करने के लिए कटी बस्ती भी दी जाती हैं।
साइटिका के घरेलु उपचार क्या है ? (Sciatica Home remedies in Hindi)
साइटिका का उपचार करते हुए आप कुछ घरेलु उपाय का उपयोग भी कर सकते हैं।
1. ठंडा और गर्म सेक (Hot and Cold fomentation) : जिस जगह आपको अधिक दर्द हो रहा है वहा पर आप alternately Hot and Cold fomentation ले सकते हैं। ठन्डे सेक के लिए आप बर्फ, ठंडा बोतलबंद पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। गर्म सेक के लिए Hot Water bag, Hot water bottle, Heat pad, Heat light या Hot towel का उपयोग कर सकते हैं। इस उपाय से केवल आपको दर्द और सूजन में राहत होगी। यह साइटिका का permanent treatment नहीं हैं। ख़रीदे – Hot Water Bag और Medical Cool Pad for Sciatica
2. मेथीदाने का लेप : मेथीदाने का paste बनाकर इसे हल्का गर्म करे और दर्द की जगह 10 से 15 मिनिट इसका लेप लगाने से दर्द और सूजन में राहत मिलती हैं।
3. सहजन काढ़ा : 50 gm सहजन की पत्तिया, 50 gm अशोक की छाल और 15 gm अजवाइन को 1 लीटर पानी में उबाले और आधा हो जाने पर इसे छान लें। इस काढ़े को सुबह शाम 25 ml पीने से वात रोग दूर होते है और साइटिका में आराम मिलता हैं।
4. हल्दी है Healthy : हल्दी में दर्दनाशक और सूजन कम करने के गुण होते हैं। सुबह शाम 250 ml दूध में एक चमच्च हल्दी मिलाकर पिने से साइटिका का दर्द गायब हो जाता है और शरीर को Calcium भी प्राप्त होता हैं।
5. अजवाइन : एक चमच्च अजवाइन को यह कप पानी में मिलाकर इसे उबाले और पानी आधा रह जाने पर इसे छान ले और ठंडा हो जाने पर तुरंत पिए। Sciatica के pain relief के लिए यह best Ayurveda medicine हैं।
6. पारिजात : 250 mg पारिजात के ताजे और स्वच्छ पत्तो को लेकर 1 लीटर पानी में डालकर पानी आधा होने तक उबाले। पानी ठंडा हो जाने के बाद इसे छान ले और सुबह शाम एक कप पिए। यह एक और Sciatica की बढ़िया Home remedy हैं।
7. लहसुन (Garlic) : कई आयुर्वेदिक औषधि में लहसुन का इस्तेमाल किया जाता हैं। यह एक उत्तम anti inflammatory Ayurveda medicine हैं। अपने आहार में लहसुन को शामिल करे। रोजाना सुबह शाम आप लहसुन की 2 से 3 कच्ची कलियां भी खा सकते हैं।
8. एलोवेरा : रोज सुबह 150 ml एलोवेरा का ताजा जूस पिने से साइटिका में राहत मिलती हैं। इसके साथ ही एलोवेरा का gel दर्द के स्थान पर लगाने से भी दर्द में आराम मिलता हैं। ख़रीदे – Organic Aloevera Gel
9. Magnesium और Vitamin B12 : हमारे नसों के पोषण के लिए Magnesium और Vitamin B12 की जरुरत होती हैं इसलिए आपको ऐसा खुराक लेना चाहिए जिसमे Magnesium और Vitamin B12 प्रचुर मात्रा में हैं। पढ़े – Magnesium के आहार स्त्रोत और Vitamin B12 के आहार स्त्रोत
10. वजन (Weight) : अगर आपका वजन ज्यादा है तो आपको weight loss करना चाहिए। अधिक वजन होने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव आने का खतरा रहता हैं। पढ़े – Weight loss tips in Hindi
11. Sleep : ऐसे तो हमें हमेशा left lateral position यानि बाये बाजु में सोना चाहिए पर साइटिका की तकलीफ होने पर हमें सीधे पीठ के बल सोना चाहिए और एक छोटा तकिया या टॉवल को रोल कर घुटनों के निचे रखना चाहिए। बैठते समय भी हमें हमेशा सीधा बैठना चाहिए।
12. व्यायाम : अगर आपके डॉक्टर allow करते है तो आप aerobic व्यायाम कर सकते हैं। आपको वजन उठाने वाले व्यायाम नहीं करना चाहिए। सामने की ओर झुकने से बचे।
साइटिका मे कौन से योग करने से फायदा होता है ? (Yoga for Sciatica in Hindi)
नियमित योग अभ्यास से आप साइटिका से छुटकारा पा सकते है और इससे बच भी सकते हैं। साइटिका में आपको कौन से योग करना चाहिए इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं। यह योग कैसे करना चाहिए और इनमे क्या सावधानी बरतनी चाहिए यह जानने के लिए योग के नाम पर click करे और पूरी जानकारी पढ़े :
1. भुजंगासन
2. शलभासन
3. सेतुबंधासन
4. त्रिकोणासन
5. पर्वतासन
6. वायु मुद्रा
7. प्राण मुद्रा
Sciatica में Yoga करते समय यह ध्यान रखे की अधिक दर्द हो तो Yoga को वही रोक देना चाहिए और अपने योग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।