ईसीजी (ECG) या Electrocardiogram यह एक ह्रदय का परिक्षण है जिसमे मशीन द्वारा ह्रदय के विद्युत् क्रियाकलाप (Electrical Activity) को दर्ज किया जाता है। ह्रदय की हर धड़कन के साथ विद्युत् का आवेग (Electrical Impulse) ह्रदय से गुजरता है। इस आवेग से ह्रदय की मांसपेशिया संकुचित होती है ह्रदय से रक्त पुरे शरीर में supply होता है।
कई बार अपने देखा होगा की सीने में दर्द / Chest Pain होने पर डॉक्टर ECG जांच करने की सलाह देते हैं। ECG निकालने के बाद डॉक्टर रिपोर्ट देखकर आप का रिपोर्ट सही है या दिल में कोई खराबी है इसकी जानकारी देते हैं। आप सोच रहे होते है की भला यह आड़ी तिरछी लाइन्स देखकर डॉक्टर को क्या पता चलता है या फिर इस जांच में असल में क्या पता चलता हैं।
ईसीजी क्या है, कैसे किया जाता है, इसमें क्या पता चलता है खर्चा आता है ऐसे सभी ईसीजी से जुड़े सवालों के जवाब आज मैं इस लेख में देने जा रहा हूँ।
ईसीजी क्या है ? (ECG in Hindi)
ईसीजी को अंग्रेजी में Electrocardiogram कहा जाता है। इसमें एक मशीन द्वारा आपके ह्रदय में होनेवाली Electrical activity को दर्ज किया जाता है और इसमें जो graph निकलकर आता है उससे आपके ह्रदय की स्तिथि और ह्रदय कोई खराबी है तो इसका डॉक्टर को पता चलता है।
ECG जाँच क्यों किया जाता है और ECG जाँच से क्या पता चलता है ?
उच्च रक्तचाप , छाती में दर्द , घबराहट और व्यस्क व्यक्ति में ह्रदय की स्तिथि के आकलन हेतु ECG जाँच की जाती है।
ECG से डॉक्टर को यह पता चलेगा की क्या :
1. विद्युत् आवेग सामान्य ,धीमा , तेज या अनियमित है।
2. ह्रदय बहुत बड़ा है या इसे अधिक काम करना पड़ता है।
3. ह्रदय की किसी मांसपेशियों को दिल के किसी दौरे से नुकसान पंहुचा है।
4. ह्रदय के किसी Valve में कोई खराबी है।
5. ह्रदय की गति सामान्य है, कम है या तेज है।
6. क्या व्यक्ति को दिल का दौरा आया है।
ECG करने से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए ?
ECG करने जाते समय निम्नलिखित बातो का ख्याल रखे :
1. अपने जाँच के लिए समय पर पहुचे।
2. जाँच के दिन लोशन का उपयोग न करे। हो सकता है की लोशन की वजह से ECG Electrodes सिने पर अच्छे से न चिपके।
3. ऐसी कमीज पहने जिसके सामने के भाग में बटन हो जिससे ECG Electrodes आपके सिने पर आसानी से रखे जा सके।
4. जाँच कराते वक्त अपने पास मोबाइल , चाबी , गहने , सिक्के इत्यादि कोई मेटल की चीज न रखे।
5. डॉक्टर को आपकी संपूर्ण जानकारी दे। जैसे की :-
a) आपका नाम
b) उम्र
c) पता
d) आपको क्या तकलीफ है
e) आपको कोई अन्य बीमारी है
f) आपके पुराने दवाई या बीमारी की जानकारी
g) आपके पुराने सभी Reports या ECG
h) आपके परिवार में किसी को कोई बीमारी की जानकारी
i) जाँच कराने से पहले ५ मिनिट आराम से बैठे और किसी भी तरह की चिंता या भय न रखे। चिंता और भय के कारन आपका Blood Pressure और Heart Rate बढ़ सकता है और गलत report आ सकती है।
j) ECG परिक्षण से घबराने की जरुरत नहीं है। कुछ व्यक्ति इसमें Electric Shock लगने के डर से घबरा जाते है। ECG परिक्षण में न तो Electric Shock लगता है न ही शरीर या ह्रदय को कोई हानी पहुचती है।
ECG जाँच कैसे की जाती है ?
1. ECG जाँच करने के लिए सबसे पहले आपको एक परीक्षण टेबल या बेड पर सीधा लिटाया जाता है। ध्यान रहे की आपके हाथ और पैर दीवार या किसी मेटल को न छुए।
2. पुरुषो के सीने के कुछ बाल काटे जा सकते है।
3. आपके सीने , बाहों, कलाई और पैरो पर पैड या Electrodes रखे जाते है।
4. पैड या Electrodes को तारो से ECG मशीन से जोड़ा जाता है।
5. जब ECG Machine द्वारा आपकी जाँच हो रही हो तब बिना हिले-डुले शांत लेटे रहे।
6. ECG जाँच पूरी होने पर पैड या Electrodes को हटा दिया जाता है।
7. ECG Report डॉक्टर के पास भेजी जाती है और Report देख कर डॉक्टर आपको परिणाम बता देते है।
8. आवश्यकता होने पर डॉक्टर आपको अन्य कोई जाँच या कोई दवा लेने की सलाह दे सकते है।
ECG जाँच में कितना समय लगता है ?
ECG जाँच में मुश्किल से 10 से 15 मिनिट लगते है। अगर रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी लगे या स्टाफ ने ठीक से ECG के wire नहीं लगाए है तो दुबारा ECG निकाला जाता है।
ECG जाँच में कितना खर्चा आता है ?
अगर आप किसी क्लिनिक या छोटे हॉस्पिटल में ECG जाँच कराते है तो इसमें 200 से 300 रूपए लग सकते है। अगर आप किसी बड़े हॉस्पिटल या Cardiologist के यहाँ ECG जाँच कराते है तो 500 रूपए तक खर्चा आ सकता है।
क्या ECG जाँच नार्मल है इसका मतलब आपका ह्रदय बिलकुल स्वस्थ है और Heart attack नहीं है ?
ज्यादातर मामलों में ECG जाँच नार्मल है इसका मतलब आपका ह्रदय स्वस्थ होता है। अगर आपको दिल का दौरा लक्षण है जैसे सीने या जबड़े में दर्द, पसीना आना और घबराहट होना आदि तो ECG जाँच के साथ Heart attack का निदान करने के लिए किये जानेवाले अन्य जांच जैसे की CPK MB और Troponin Test आदि जाँच कर लेना चाहिए। रोगी हॉस्पिटल में एडमिट होने पर 1 घंटे बाद दुबारा ECG जाँच कर देखा जाता है। ECG जाँच आपको आराम से लिटाकर किया जाता है पर आपको तकलीफ तब होती है जब ह्रदय पर कोई दबाव हो या आप कोई श्रम कर रहे हो जैसे की दौड़ना या सीढ़ी चढ़ना। ECG जाँच सामान्य आने पर ट्रेडमिल जाँच (Stress Test) भी साल में एक बार कर लेना चाहिए क्योंकि इस जाँच में तेज चलकर आपका लगातार ECG रिकॉर्ड होता है और कोई दिल में खराबी हो तो पता चल सकता है।
आशा है आपको से जुड़ी उपयोगी जानकारी इस लेख से मिली होंगी। अगर अभी भी आपके मन में से जुड़ा कोई सवाल है तो कृपया निःसंकोच नीचे कमेंट बॉक्स में पूछे। मैं जल्द से जल्द आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करूँगा।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
very nice artical
Thanks
Very nice article
Is that possible then i read ECG riport if possible then how ????????
It is possible but I will advise to always get opinion from specialist. To read ECG you must know the complete anatomy of the body and ECG basics. There are books in the market which has all the information but it needs experience for correct diagnosis.
सहज सिख मिली , धन्यवाद
Shukriya.