सोडा ड्रिंक या Cold drinks यानि पानी में घुली कार्बन डाइऑक्साइड वाले कार्बोनेटेड पेय। कार्बोनेटेड पेय को सोडा वाटर भी कहा जाता हैं। इसमें मिनरल वाटर में सोडियम बायकार्बोनेट घुला होता हैं। इसे क्लब सोडा, सेल्ट्जर, स्पार्कलिंग वाटर या फिजजी वाटर भी कहा जाता हैं। इसके अलावा नमक के रूप में सोडियम क्लोराइड और खाने का सोडा यानि सोडियम कार्बोनेट हमारे सोडा प्रमुख स्त्रोत हैं।
सोडायुक्त पेय में चीनी (Sugar), स्वीटनर, डाई, केमिकल्स और कैफीन घोलकर इन्हे ज्यादा लजीज और आकर्षक बनाया जाता हैं। दर्जनों नामों और ब्रांडों के सोडा पेय हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संघटन से लेकर तमाम विशेषज्ञों की जहरीले रसायनों के घालमेल की चेतावनी के बावजूद पूरी दुनिया इनकी दीवानी है लेकिन, जब अगली बार आप कोई सोडा युक्त ड्रिंक पि रहे है तो निचे दिए हुए खतरों को ध्यान में अवश्य रखे !
सोडा युक्त पेय पिने से शरीर पर कौन से गम्भीर दुष्परिणाम होते हैं ?
- दांत / Teeth : सोडा पेय में मौजूद फास्फोरिक और सिट्रिक एसिड मुंह के PH संतुलन को बिगाड़कर दांतों को अतिसंवेदनशील बना देता हैं।
- मस्तिष्क कोषिका / Brain cells : सोडे में काम में आनेवाली फ़ूड डाई या नकली स्वीटनर मस्तिष्क कोशिकाओं पर बुरा असर डालती हैं।
- बुढ़ापा / Age : सोडा में फॉस्फेट और फॉस्फोरिक एसिड शरीर को जल्द बूढ़ा बना देता हैं।
- मधुमेह / Diabetes : हफ्ते में 2 से ज्यादा सोडा पीनेवालों को मधुमेह होने का खतरा 67% अधिक रहता हैं।
- ह्रदय रोग / Heart Disease : सोडा पिने से ह्रदय की रक्त धमनी मोटी और संकीर्ण हो जाती है जिससे हार्ट अटैक होने का खतरा दोगुना बढ़ जाता हैं।
- ब्लड प्रेशर/ Blood Pressure : नियमित सोडा ड्रिंक पिने वालो को ब्लड प्रेशर का रोग घेर लेता हैं। हर एक मीठा सोडा पेय पिने से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 1.1 mmHg और डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर 0.4 mmHg से बढ़ जाता हैं।
- किडनी की पथरी / Kidney Stone : सोडा ड्रिंक पिने से किडनी की पथरी होने के संभावना बढ़ जाती हैं। कर दिन मीठा सोडा पेय पिने की आदत आपकी किडनी में पथरी की आशंका को 33% से बढ़ा देती हैं।
- प्रोस्टेट का कर्करोग / Prostate Cancer : सोडा पिने से प्रोस्टेट का कैंसर होने की संभावना 40% से बढ़ जाती हैं।
- यकृत विकार / Liver : जो व्यक्ति हमेशा सोडा पिने का आदि होता है उनके लिवर में फैट सेल्स जमा होने शुरू हो जाते है। फैटी लिवर होने से लिवर के कार्यक्षमता पर विपरीत परिणाम पड़ता हैं।
- गर्भाशय कर्करोग / Endometrial Cancer : नियमित सोडा पिने से महिलाओं में पीएमएस के बाद एंडोमेट्रियल कर्करोग होने की आशंका 70 % बढ़ जाती हैं।
- अस्थिक्षय / Osteoporosis : खासकर बच्चों में नियमित सोडा ड्रिंक पिने से कैल्शियम का क्षय हो जाता है जिस वजह से हड्डिया कमजोर हो जाती हैं। ऐसे बच्चों में हड्डी में दर्द, जल्द थकावट और आसानी से हड्डी का फ्रैक्चर हो जाता हैं।
- पानी की कमी / Dehydration : सोडा में कैफीन और चीनी की अधिक मात्रा होने से पेशाब अधिक होता हैं और शरीर में पानी की कमी होने के ख़तरा अधिक रहता हैं। खास कर गर्मी के दिनों में लोग प्यास बुझाने के लिए यह पिते है और इसका विपरीत परिणाम शरीर पर हो जाता हैं।
- पैंक्रियास विकार / Pancreas : दो बोतल सोडा पेय यानि पैंक्रिएटिक कैंसर होने का खतरा 78 % से अधिक हो जाता हैं।
- अवसाद / Depression : नियमित रूप से नकली मीठा / स्वीटनर का प्रयोग करने से वयस्कों में डिप्रेशन की समस्या 60% तक बढ़ जाती हैं।
- व्यवहार / Behaviour : पश्चिमी देशों में ऐसे बच्चे जो सप्ताह में 5 या उससे ज्यादा सोडा कैन पि जाते हैं वे न पिने वाले बच्चों से ज्यादा हिंसक होते हैं।
- पोषकतत्व / Nutrition : सोडा पेय यह एक जीरो / शुन्य पोषण शीत पेय हैं। इससे केवल आपको पोषणरहित कैलोरीज मिलती है जो की केवल आपका वजन बढ़ाने / मोटापे का काम करती हैं।
सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन रसायनयुक्त मीठे सोडा पेय के कारण दुनियाभर में हर साल हजारों काल के मुंह में समां जाते हैं। शरीर के लिए ऐसे हानिकारक शीत पेय पिने की जगह प्राकृतिक, स्वच्छ और पौष्टिक पेय पीना चाहिए जैसे की निम्बू पानी, केरी का पना, फलों का जूस, वेजिटेबल सूप इत्यादि।
यह जानकारी डॉ आश्विन शर्मा ने इंदौर से हमारे साथ शेयर की हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
aapne bahut hi achhi jaankaari….lekin sir ek baat nahu sahi lgi.. sabhi kehte hai ki soda peene se pathri nikal jaati hai…agar kisi ki pathri gurde me ho aur use jyada hi takleef de rhi ho to ya to vo soda pee le ja fir ek glass pani me hlka da doodh dalkar pee lee, isse pet mai gas bn jati hai jisse pathri par prabhav parta hai aur vo urine krne se fir nikal jati hai.
Nikhil ji aise kai nuskhe sunane me acche lagte hai par inka koi praman nahi hai. Kai log to beer pina ki bhi salah dete hai. Apne shrir par experiment nahi karna chahie.