हमारे शरीर की खोपड़ी (Skull) में हवा भरी हुई खाली जगह (cavity) होती है जिसे साइनस (Sinus) कहा जाता हैं। साइनस हमारे सर को हल्कापन और सांस लेते समय हवा की नमी से युक्त करते हैं। हमारे शरीर में 4 प्रकार के साइनस की जोड़ी (pair) होते है जो की माथे (forehead) के पीछे Frontal Sinus, गाल (cheek) के पीछे Maxillary Sinus, आँखों (Eyes) के पीछे Sphenoidal Sinus और नाक (Nose) के दोनों ओर Ethmoidal Sinus होते हैं।
वायरस, फंगस या बक्टेरिया के संक्रमण के कारण साइनस के अन्दर की चिपचिपी झिल्ली में सुजन आने की स्तिथि को साइनोसाइटिस (Sinusitis) कहा जाता हैं। इस सुजन के कारण साइनस के अन्दर से नाक तक जानेवाली नली में अवरोध निर्माण हो जाता है और साइनस के भीतर कफ जमना शुरू हो जाता हैं। इस कारण संक्रमण होने पर साइनस को स्पर्श करने पर अत्यंत वेदना होती हैं।
साइनस (Sinusitis) का कारण, लक्षण और निदान
विश्वभर में 15 से 20 % व्यक्ति Sinus की समस्या से पीड़ित हैं। यह समस्या बच्चों की तुलना में बड़ों में अधिक पाई जाती हैं। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में यह समस्या कम पायी जाती हैं। आजकल AC और ठन्डे पानी पिने का चलन अधिक बढ़ जाने के कारण साइनस रोग से पीड़ित व्यक्तिओं में तेजी से इजाफा हो रहा हैं।
Sinusitis के कारण, लक्षण, प्रकार और निदान से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
साइनस के क्या कारण हैं ? (Sinusitis causes in Hindi)
साइनस का प्रमुख कारण साइनस के अन्दर की चिपचिपी झिल्ली में सुजन आना हैं। यह सूजन निचे दिए हुए कारणों से आ सकती हैं :
- फंगस, वायरस या बैक्टीरिया का संक्रमण
- नाक की हड्डी टेढ़ी होना (Deviated Nasal Septum)
- एलर्जी
- नाक के अंदर पोलिप (Polyp)
- धूम्रपान
साइनस के कितने प्रकार हैं ? (Sinusitis types in Hindi)
साइनस के प्रमुख प्रकार इस प्रकार हैं :
- तीव्र साइनोसाइटिस (Acute Sinusitis) : इस प्रकार में लक्षण अचानक शुरू होकर 2 से 4 हफ़्तों तक तकलीफ रहती हैं।
- मध्यम तीव्र साइनोसाइटिस (Sub Acute Sinusitis) : इस प्रकार में साइनस में सूजन 4 से 12 हफ़्तों तक रहती हैं।
- जीर्ण साइनोसाइटिस (Chronic Sinusitis) : इस प्रकार में लक्षण 12 हफ़्तों से अधिक समय तक रहता हैं।
- आवर्तक साइनोसाइटिस (Recurrent Sinusitis) : इस प्रकार में रोगी को सालभर बार – बार साइनोसाइटिस की समस्या निर्माण होती हैं।
साइनस के लक्षण क्या हैं ? (Sinusitis symptoms in Hindi)
साइनोसाइटिस के लक्षण इस प्रकार हैं :
- साइनस के स्थान पर दबाने से दर्द होना
- नाक कफ से बंद होना या नाक बहना
- कोई गंध (smell) न आना
- सिरदर्द, सर आगे झुकाने या लेटने पर सिरदर्द बढ़ जाना
- खांसी या कफ जमना
- बुखार
- मुंह से दुर्गन्ध आना
- दांत में दर्द
- नाक से सफ़ेद, हरा या पिला कफ निकलना
- चहरे पर सूजन
साइनस का निदान कैसे किया जाता हैं ? (Sinusitis diagnosis in Hindi)
- शारीरिक परिक्षण : डॉक्टर रोगी की शारीरिक परिक्षण करते है जैसे की साइनस की जगह पर दबाकर दर्द है या नहीं यह देखना, टोर्च से नाक की जांच करना, नाक की हड्डी टेढ़ी है या नाक में कोई सूजन या पोलिप (गाँठ) तो नहीं हैं।
- रक्त परिक्षण : शारीरिक परिक्षण के साथ शरीर में कोई इन्फेक्शन तो नहीं है यह देखने के लिए रोगी का रक्त परिक्षण भी किया जाता हैं।
- यन्त्र परिक्षण : इसके अलावा डॉक्टर साइनस का निदान करने के लिए नाक की दूरबीन से जांच, चेहरा का एक्सरे / सी टी स्कैन/ एम आर आई जैसी जांच भी करते हैं।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।