Calcium यह हमारे शरीर के लिए एक उपयोगी पोषक तत्व है और इसीलिए आज हम आपको Calcium की जानकारी Hindi में देने जा रहे हैं। पुराने जमाने केवल बुजुर्गों के शरीर में ही कैल्शियम / Calcium की कमी पायी जाती थी पर आजकल के युवा लोगों में भी खानपान की बिगड़ी आदत और जीरो फिगर के फैशन के चलते कैल्शियम की कमी पायी जाती हैं। कैल्शियम केवल एक पौष्टिक तत्व नहीं हैं बल्कि आजकल वैज्ञानिक तो इसे शरीर के लिए हॉर्मोन की तरह ही बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं।
जिस प्रकार घर की मजबूती का आधार उसकी मजबूत नीव होती है, उसी प्रकार हमारे शरीर की मजबूती हमारे हड्डियों की मजबूती पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति के नैन-नक्श तथा व्यक्तिमत्व कितना भी आकर्षक हो लेकिन यदि हड्डिया ही मजबूत नहीं होंगी तो व्यक्ति कभी भी स्वस्थ महसूस नहीं कर पाएगा। हमारी हड्डियों के साथ-साथ हमारे दांत तथा नाखून भी 99 % कैल्शियम से ही बने होते हैं, इसलिए कैल्शियम के महत्व को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता हैं।
हमारे शरीर को रोजाना 1000 से 1200 मिलीग्राम कैल्शियम की जरुरत होती है। गर्भावस्था और स्तनपान के समय महिलाओं ने 1300 mg तक रोजाना कैल्शियम लेना जरुरी होता हैं। एक दिन में अधिकतम 2000 मिलीग्राम से अधिक कैल्शियम नहीं लेना चाहिए। जरुरत से ज्यादा कैल्शियम लेने पर किडनी में पथरी निर्माण होने का खतरा भी रहता हैं।
कैल्शियम की कमी के कारण, लक्षण और कैल्शियम के आहार स्त्रोत से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी निचे दी गयी हैं :
कैल्शियम की कमी के कारण, लक्षण और कैल्शियम के आहार स्त्रोत
हमें रोजाना कितना कैल्शियम की जरुरत होती हैं ?
National Institute of Health के अनुसार उम्र के साथ कैल्शियम को जरुरत बढ़ती हैं।
- 0 से 6 महीने – 200 mg
- 7 से 12 महीने – 260 mg
- 1 से 3 वर्ष – 700 mg
- 4 से 8 वर्ष – 1000 mg
- 9 से 18 वर्ष – 1300 mg
- 19 से 50 वर्ष (महिला) – 1000 mg
- 50 वर्ष से अधिक (महिला) – 1200 mg
- 19 से 70 वर्ष (पुरुष) – 1000 mg
- 70 वर्ष से अधिक (पुरुष) – 1200 mg
कैल्शियम की कमी के लक्षण क्या है? (Symptoms of Calcium deficiency in Hindi Language)
- Low Bone Density : उम्र बढ़ने के साथ कल्सियम हड्डियों की मिनरलायजेशन के लिए जरुरी होता हैं। कैल्शियम की कमी होने पर हड्डियों में कैल्शियम होने से ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर होने का खतरा रहता हैं।
- दांतों का समय से पहले गिरना, दांत में दर्द होना
- बदरंग तथा कमजोर नाखून
- मस्तिष्क का ढंग से काम ना करना
- ब्लड प्रेशर का बढ़ना
- दिल की धड़कन बढ़ना
- जोड़ों में दर्द
- हड्डियों में टेढ़ापन तथा टूटना
- शरीर में ऐठन
- आसानी से हड्डी का फ्रैक्चर हो जाना
- बालों का झड़ना
- जरूर पढ़े – विटामिन बी12 की कमी के लक्षण और उपचार
कैल्शियम की कमी के क्या कारण हैं ? (Calcium Deficiency causes in Hindi Language)
- कैल्शियम युक्त पदार्थों का सेवन न करना
- कमजोर पाचन शक्ति
- अधिक मासिक स्त्राव होना
- अधिक मीठे पदार्थों का सेवन करना
- विटामिन डी की कमी
- शारीरिक श्रम की कमी
- मेनोपॉज
- शरीर में विटामिन D की कमी
- Pre mature delivery
- Hypothyroidism
- किडनी की बीमारी
- मैग्नीशियम की कमी
- अवश्य पढ़े – दुबलापन दूर करने के लिए क्या खाए ?
कैल्शियम के आहार स्त्रोत क्या है ? (Sources of Calcium in Hindi)
- दूध / Milk : यदि हम प्रतिदिन एक गिलास दूध पिए तो हमें कभी भी कैल्शियम की कमी नहीं होगी। साथ ही इसमें महिलाएं मीनोपॉज के बाद होने वाली कैल्शियम की कमी से भी बच सकती है। एक कप दूध से रोजाना की जरुरत का लगभग 35% कैल्शियम मिल जाता हैं।
- दही / Yogurt : जिन लोगों को दूध से एलर्जी हो वह दही का सेवन से कैल्शियम प्राप्त कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि दही के साथ चीनी न मिलाएं और रात के समय दही ना खाएं। दही हमेशा ताजा ही खाएं। एक कप दही से रोजाना की जरुरत का 30% कैल्शियम प्राप्त होता हैं।
- सोया / Soya : सोया भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। इसे हम विभिन्न रूप से प्रयोग कर सकते है जैसे टोफू, सोया मिल्क आदि रूपों में प्रयोग कर सकते हैं और कैल्शियम प्राप्त कर सकते हैं।
- चीज / Cheese : हर प्रकार की चीज कैल्शियम से भरपूर होता है चाहे वह मोजेरीला हो, शेड्डेर हो या फिर मरमेसन। 28 gm चीज से रोजाना की जरुरत का 33% कैल्शियम प्राप्त होता हैं।
- समुद्री आहार / Sea Food : हर प्रकार का सी फूड कैल्शियम से भरपूर होता है लेकिन अधिक मात्रा का सेवन जहां पुरुषों के लिए हानिकारक है वहीं महिलाओं के लिए अच्छा होता है।
- मछली / Fish : हीलसा तथा सालमन में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। यदि हफ्ते में एक बार भी इसका सेवन किया जाए तो शरीर में कैल्शियम की कमी कभी नहीं होती।
- अंजीर / Figs : अंजीर में फाइबर तथा आयरन के साथ-साथ कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- तिल / Sesame : तिल में कैल्शियम की प्रचुरता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि एक चम्मच तिल में एक गिलास दूध जितना कैल्शियम पाया जाता है।
- ओटमील / Oatmeal : ओटमील ब्रेकफास्ट के समय लेना सर्वोत्तम माना जाता है और ओटमील के सेवन से हमें कैल्शियम तो प्राप्त होता ही है साथ में फाइबर का भी यह अच्छा स्त्रोत है।
- संतरा / Orange : प्रायः लोग संतरे का सेवन विटामिन सी के लिए करते हैं लेकिन संतरे में विटामिन सी के साथ-साथ कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होता है।
- बादाम / Almonds : आमतौर पर बादाम का सेवन तेज दिमाग के लिए करते हैं लेकिन बादाम के सेवन से आप अपनी हड्डियों भी मजबूत कर सकते हैं क्योंकि इसमें कैल्शियम की मात्रा 70 से 80 मिलीग्राम तक होती है।
- अंजीर / Figs : अन्य ड्राई फ्रूट्स की तुलना में अंजीर में ज्यादा कैल्शियम होता हैं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां / Green Leafy Vegetables : विभिन्न हरी पत्तेदार सब्जिया जैसे पालक, ब्रोकली आदि में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है।
- विटामिन D : यदि शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो आंत कैल्शियम का अवशोषण नहीं कर पाते हैं परिणाम स्वरुप हड्डियां तथा दांत कमजोर हो जाते हैं। इसलिए शरीर में कैल्शियम की पूर्ति होती रहे इसके लिए आवश्यक है कि आप विटामिन डी का सेवन भी करते रहे। सनबाथ से हम पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं। विटामिन डी के अन्य स्त्रोत की जानकारी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें – विटामिन D के विभिन्न आहार स्त्रोत
अगर आपको यह लेख उपयोगी लगता है तो कृपया इस लेख को निचे दिए गए बटन दबाकर अपने Facebook, Whatsapp या Tweeter account पर share करे !
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।