मिर्गी (मिर्गी का दौरा) जिसे अंग्रेजी में ‘Epilepsy‘ और मराठी में ‘अपस्मार‘ और सामान्य भाषा मे ‘फिट कि बिमारी‘ भी कहते है, एक सामान्य बीमारी है। भारत में मिर्गी का दौरा के लाखों मरीज हैं। मिर्गी के मरीज ऐसे तो सामान्य तौर पर नार्मल होते है पर मिर्गी का attack आने पर उन्हें फिट का दौरा आ सकता हैं।
मिर्गी एक ऐसा रोग है जिससे अनेक भ्रम जुड़े हुए है। हमें रोज कई लोग मिर्गी से जुड़े सवाल पूछते रहते है। मिर्गी रोग के कारण, लक्षण और उपचार से जुडी जानकारी मैं इस वेबसाइट पर पहले ही प्रकाशित कर चूका हूँ। आज इस लेख में, मैं आपके मिर्गी से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों के जवाब सरल हिंदी भाषा में देने जा रहा हूँ।
क्या मिर्गी एक अनुवांशिक रोग है ?
मिर्गी के अधिकांश मामले अनुवांशिक नहीं होते है, हालांकि कुछ प्रकार की मिर्गी अनुवांशिक होती है। अगर परिवार में किसी को मिर्गी है तो आपको मिर्गी होने का खतरा बढ़ जाता है। इनमे से अधिकांश तरह की मिर्गी पर दवाइयों की मदद से नियंत्रण पाया जा सकता है।
क्या मिर्गी एक श्राप, प्रेतबाधा या मानसिक बीमारी है ?
मिर्गी का श्राप, प्रेतबाधा या पिछले पापों की सजा जैसी अन्य बातों से कोई वास्ता नहीं है। मिर्गी कोई मानसिक बीमारी नहीं है, न ही यह कम बुद्धि का लक्षण है।
क्या मिर्गी एक संक्रामक बीमारी है ?
मिर्गी यह कोई संक्रामक बीमारी नहीं है। यह खांसी, हवा, पानी, खाना, मच्छर के काटने से या छूने से नहीं फैलती है।
क्या मिर्गी के रोगी सामान्य व्यक्ति नहीं होते है ?
दो मिर्गी के दौरा आने के बिच मिर्गी के रोगी और सामान्य व्यक्ति में कोई फर्क नहीं होता है। दमा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह की तरह मिर्गी भी केवल एक रोग है।
क्या मिर्गी के रोगी कोई नौकरी या काम नहीं कर सकते है ?
मिर्गी के मरीज सामान्य व्यक्तियों की तरह काम कर सकते है परन्तु कुछ खास बातो का ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे की –
1. ऐसी जगह काम न करे जहा पर अचानक मिर्गी का दौरा पड़ने के चलते गंभीर चोट पहुच सकती हो। जैसे की – चढ़ाई करना, गाड़ी चलाना, हवाईजहाज उड़ाना, उचाई पर काम करना, भारी औजारों के साथ काम करना, अकेले तैरना, केमिकल के साथ काम करना इत्यादी।
2. कंप्यूटर पर काम करते वक्त स्क्रीन बेहतर हो ताकि आप ग्लेयर और रिफ्लेक्शन से बचे, जो दौरो को उकसा (trigger) सकते है।
क्या मिर्गी के रोगी गर्भधारणा (Pregnancy) नहीं कर सकते है ?
मिर्गी के मरीज गर्भधारणा कर सकते है और सामान्य स्वस्थ शिशु को जन्म भी दे सकते है। मिर्गी की कुछ दवा पेट में पल रहे गर्भ को नुकसान पंहुचा सकती है इसलिए गर्भावस्था योजना बनाने (Pregnancy plan) के पहले पति-पत्नी दवा संबंधी डॉक्टर से परामर्श जरुर ले।
क्या मिर्गी के रोगी गाड़ी नहीं चला सकते है ?
आप driving के लिए फिट है या नहीं इस विषय में डॉक्टर से पूछ ले। इसलिए अपने डॉक्टर से नियमित चेक अप कराते रहे और स्वस्थ्य में कोई परिवर्तन होने पर बताए ताकि आपका ड्राइविंग लाइसेंस वैध रहे।
यह सुरक्षा सावधानी बरते क्योंकि ड्राइविंग आपके और अन्य लोगो के लिए एक समान है :
1. शराब पीकर गाड़ी न चलाए
2. थके होने पर ड्राइविंग न करे
3. लम्बी दुरी की ड्राइविंग न करे
4. रात में ड्राइविंग न करे
5. ड्राइविंग के दौरान किसी को हमेशा साथ रखे
6. यदि आप ड्राइव करना नहीं चाहते, अपनी मिरगी की दवा लेना भूल गए है या आप को लगे की दौरा पड़ सकता है तो किसी और को ड्राइविंग करने को कहे।
क्या मिर्गी के रोगी को जिंदगीभर दवा लेना होता है ?
मिर्गी के कुछ मरीजो के लिए यह संभव है की दवाइया लेना बंद करना पड़े। हालांकि इसका फैसला आपका डॉक्टर ही कर सकते है। दवाए रोकने के बारे आपके और आपके डॉक्टर द्वारा निर्णय लेने से पहले कई प्रश्नों पर ध्यान देना होंगा। इसमें यह भी शामिल है की कितनी जल्दी आपके दौरे नियंत्रित हुए , कितने समय तक आप दौरों से मुक्त रहे और क्या आपको ऐसी अन्य बीमारी है जो आपकी समस्या को प्रभावित करे।
क्या मिर्गी के दौरे आने पर तुरंत डॉक्टर या एम्बुलेंस को बुलाना चाहिए ?
अधिकांश मिर्गी के दौरे जीवन के लिए घातक नहीं होते है और ५ मिनिट से कम समय तक दौरे रहने पर डॉक्टर या एम्बुलेंस को बुलाने की जरुरत नहीं है। दौरे ५ मिनिट से ज्यादा समय तक रहने पर , तुरंत बार-बार दौरे आने पर या मिरगी का मरीज गर्भवती , बीमार या चोटिल है तो तुरंत डॉक्टर या एम्बुलेंस को बुलाना चाहिए।
क्या मिर्गी के दौरे आने पर रोगी के हाथ पैर को पकड़ कर रखना चाहिए ?
पीड़ित व्यक्ति को दौरे आने पर हाथ पैर पकड़ कर रखने की चेष्टा न करे। पकड़ कर रखने पर उसे हानी पहुच सकती है। पीड़ित व्यक्ति को चोट पहुचा सकने वाले सामान आस-पास से हटा देना चाहिए ताकि पीड़ित के गिर जाने पर कोई चोट न लगे। पीड़ित व्यक्ति को एक (दाई या बाई) ओर घुमाए ताकि उसके मुंह में कोई द्रव हो तो वह सुरक्षित तरीके से बाहर निकल जाए।
मिर्गी का दौरा आने पर क्या रोगी को चप्पल, प्याज, जुराब आदि कुछ सुंघाना चाहिए ?
मिर्गी का दौरा आने पर क्या रोगी को चप्पल, प्याज, जुराब आदि कुछ सुँघाने की जरुरत नहीं है। मिर्गी के ज्यादातर दौरे 5 मिनिट के अंदर अपने आप ही बंद हो जाते है और हमें यह भ्रम होता है की कुछ सुँघाने के कारण मिर्गी का दौरा शांत हुआ है।
क्या मिर्गी रोग को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है ?
हमें कई रोगी यह सवाल पूछते है की क्या मिर्गी को ठीक किया जा सकता है या मिडफी के दौरे हमेशा के लिए खत्म हो सकते है। ज्यादातर मिर्गी के रोगी को 1 से 2 साल तक दवा लेना होता है और अगर 1 साल के अंदर कोई मिर्गी का दौरा नहीं आता है तो मिर्गी की दवा बंद की जाती है। मिर्गी के कई रोगी में मिर्गी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। मिर्गी के रोगी ने समय पर रोज दवा लेने के साथ जरुरी एहतियात बरतें तो इसे ठीक किया जा सकता है।
क्या आप जानते है – कपालभाति कैसे करे ?
मिर्गी रोग से जुड़ा आपका कोई अन्य सवाल है तो कृपया नीचे कमेंट में पूछे। अगर आपको यह लेख उपयोगी लगता है तो कृपया इस लेख को निचे दिए गए बटन दबाकर Whatsapp, Facebook या Tweeter पर share करे !
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
This is a laudable effort. Its very relevant to the present day situation in our country.
Thanks for the reply Rajarshi.
Kindly share the message with your friends.
thank you for valuable information,my brother is suffering epilipsy from last 15 years.