गर्भवती होते ही डाक्टर आपको काम करते रहने और चुस्त-दुरूस्त रहने की सलाह जरूर देते हैं और गर्भावस्था में खाली और सुस्त पड़े रहने की बजाय अगर आप पहली दो तिमाही के समय सक्रिय रहें तो मुमकिन है कि आपको जन्म देते समय कम दर्द के साथ-साथ आसान प्रसव का अहसास हो। हालांकि, गर्भावस्था के समय पैदल चलना आमतौर पर सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है, पर प्रसव से पहले का योग, न केवल आपको चुस्त-दुरूस्त रखता है बल्कि आपके शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बना कर एक सेहतमंद शिशु को जन्म देने के लिये भी आपको तैयार करता है और यह मैं, अपने खुद के तर्जुबे से कह सकती हूँ।
अपनी गर्भावस्था के समय मैंने नीचे दिये गये तीन आसन किये जिसकी वजह से मेरा प्रसव बड़ी आसानी से हुआ और मुझे ज्यादा दर्द भी नहीं सहना पड़ा। गर्भावस्था को आसान बनानेवाले यह तीन योगासन कौन से है और इन्हे कैसे करना है इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
गर्भावस्था में कौन से योग करना चाहिए ? Best Yoga to do in Pregnancy in Hindi
1. नमस्कार करना
- इसे करने के लिये अपने पैरों को कंधों के बीच की दूरी के बराबर लाकर खड़े हो जायें।
- अब अपने हाथों को नमस्ते करने की मुद्रा में जोड़कर अपनी छाती के करीब लायें और एक गहरी सांस लें, कुछ देर सांस रोके रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें। अब आप आसन करने के लिये तैयार हैं।
- अब फिर से गहरी सांस लें और हाथ जुड़े रखकर धीरे-धीरे ऊपर उठाते हुये जितना हो सके पीछे की ओर ले जायें।
- इस मुद्रा में खड़े रहें और आठ तक गिनें और फिर धीरे-धीरे वापस नमस्ते करने की मुद्रा आ जायें।
- यह आसन एक साथ 10 बार दुहरायें और दिन भर में कम से कम 5 बार करें।
- आसन करते समय यदि आपको पीठ में थोड़ा सा भी खिंचाव महसूस तो हाथ उठा कर पीछे की ओर झुकने से परहेज करें पर हाथों को जोड़े हुये बार-बार सिर के ऊपर ले जाना-नीचे लाना जारी रख सकती हैं।
- यह आसन आपकी पीठ की मांसपेशिंयों को मजबूती देता है और आपकी पीठ और रीढ़ की हड्डी को पेट में बढ़ते हुये शिशु के वजन के साथ तालमेल करने में मदद करता है।
2. पेट से सांस लेना
- आपको बस जमीन पर चटाई बिछाकर उस पर पालथी मारकर बैठना है।
- अब अपने हाथों को अपने पेट पर रख लें और गहरी सांस लें, थोड़ी देर रूकें और फिर सांस छोड़ें।
- 6 तक गिनती करते हुये सांस अंदर लें, सांस रोकें और 4 तक गिनें और फिर सांस छोड़ते हुये 8 तक गिनें। इस समय अपने चेहरे की मांसपेशियों पर जोर न पड़ने दें।
- शुरूआत में यह 5 बार करें और धीरे-धीरे इसे 20 बार तक बढ़ायें। यह आसन आपको दिनभर में 5 बार करना चाहिये और यदि कोई परेशानी न हो तो जितनी बार हो सके करें।
- यह आसन प्रसव होते समय ठीक से सांस खींच कर जोर लगा पाने के लिये आपको तैयार करता है।
3. शिशुआसन
- जब छोटा सा शिशु अपने हाथ और घुटने के सहारे चलता है, इस आसन को करने के लिये आपको वैसी ही मुद्रा बनानी है।
- अब अपने कूल्हों कोपैर की एड़ियों पर रख कर आगे झुकें और अपने हाथों को सामने फैला लें।
- शिशु के जैसे ही अपनी ठोढ़ी को अपनी छाती से छुलायें, और सांस लें और छोड़ें।
- अब फिर से उसी अवस्था (जब शिशु अपने हाथ और घुटने के सहारे चलता है) में आ जायें।
- इसे शुरूआत में पांच बार करें- यह आसन आप दिन भर में 3-5 बार कर सकती हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।