CRP का full form है C-Reactive Protein, यह एक तरह का Protein है जो Liver मे बनता हैं।
सीआरपी जाँच मे हमारे blood sample मे C Reactive Protein की level को check किया जाता हैं।
हमारे शरीर मे किसी बेक्टीरिया या वायरस के संक्रमण , चोट लगना, कुछ Auto immune रोग मे और smoking आदि कारणों से किसी अंग मे सूजन आती है तो सीआरपी की मात्रा बढ़ जाती हैं।
सीआरपी टेस्ट का नॉर्मल स्तर कितना हैं ?
सामान्य स्तर: 3 mg/L से कम
मामूली वृद्धि: 3 से 10 mg/L
मध्यम वृद्धि: 10 से 100 mg/L
गंभीर वृद्धि: 100 mg/L से ज्यादा
सीआरपी टेस्ट क्यों की जाती हैं ?
1. संक्रमण : जब भी हमारे शरीर मे कोई भी वायरस या बैक्टीरीया का संक्रमण होता है तो सीआरपी का स्तर बढ़ जाता हैं। संक्रमण का स्तर के हिसाब से डॉक्टर पता कर सकते है की रोगी की स्तिथि कितनी गंभीर हैं।
सीआरपी टेस्ट क्यों की जाती हैं ?
2. दिल का दौरा: बढ़े हुए सीआरपी का स्तर और सिने मे दर्द, घबराहट, पसीना आना जैसे लक्षण नजर आने पर डॉक्टर को दिल के दौरा आने की आशंका हो सकती है और ईलाज किया जा सकता हैं।
सीआरपी टेस्ट क्यों की जाती हैं ?
3. ईलाज: रोगी का ईलाज ठीक से चल रहा है या नहीं इसका अनुमान सीआरपी टेस्ट से डॉक्टर कर सकते हैं। अगर सीआरपी टेस्ट मे सीआरपी का स्तर पहले से कम हो रहा है तो इसका मतलब रोगी की स्तिथि मे सुधार हो रहा है और ईलाज सही दिशा मे हो रहा है।
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