हल्दी वाला दूध, जिसे अक्सर गोल्डन मिल्क के नाम से भी जाना जाता है, सदियों से स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और विभिन्न बीमारियों से बचाव में एक पारंपरिक आयुर्वेदिक पेय के रूप में इस्तेमाल होता आया है।
हल्दी के औषधीय गुण, जब दूध के पोषण-तत्वों के साथ मिलते हैं, तो एक ऐसा शक्तिशाली पेय बनता है जो शरीर के लिए अनगिनत फायदेमंद होता है।
हल्दी में करक्यूमिन नामक यौगिक प्रचुर मात्रा में होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है। यह शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और शरीर की सूजन को भी कम करता है।
अपच, कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में हल्दी वाला दूध राहत देता है। यह अच्छे बैक्टीरिया के विकास में भी मदद करता है।
हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
हल्दी वाला दूध में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया या जोड़ों के दर्द में राहत देते हैं, खासकर रात में सोने से पहले इसको पीने से फायदा होता है।
हल्दी वाला दूध में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया या जोड़ों के दर्द में राहत देते हैं, खासकर रात में सोने से पहले इसको पीने से फायदा होता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।